चन्द्रिका व्यास से साक्षात्कार

उम्र : 69 वर्ष
संप्रति -----शिक्षिका (सेवा निवृत्त) 
रुचि--------साहित्य लेखन और पठन पाठन

प्रकाशित कृतियां : -

1.  अभिव्यक्ति साझा काव्य संकलनमें कविता प्रकाशित 
2.   काव्य करुणा साझा काव्य संग्रह में कविता प्रकाशित
3.   भाषा सहोदरी -हिन्दी में कविता प्रकाशित 
4.    दिल्ली की "जीवन मूल्य संरक्षक न्यूज पत्रिका "में कविता और कहानी प्रकाशित 
5. हैदराबाद में डेली हिन्दी मिलाप पेपर में कविता मुक्तक प्रकाशित
6. Georgia ( USA ) राष्ट्रदर्पण पेपर  में कहानी , लघुकथा ,लेख ,कविता प्रकाशित 
7. नवसारी में साप्ताहिक पूर्णेश्वर टाइम्स में मेरी रचनाएं प्रकाशि

उपलब्धियां : -

1.    काव्य करुणा सम्मान उदीप्त प्रकाशन द्वारा 
2. अग्निशिखा गौरव रत्न सम्मान अग्निशिखा जनिका काव्यमंच द्वारा 
3.  महाकवि कालिदास काव्य संध्या प्रतियोगिता में सम्मानित 
4.  काव्य साधक सम्मान उदीप्त प्रकाशन द्वारा 
5.  जैमिनी अकादमी द्वारा 25 वी अखिल भारतीय लघुकथा प्रतियोगिता में मेरी लघुकथा "स्वाभिमान" को सांत्वना पुरुष्कार प्राप्त
6. साहित्य सफर में मेरी कहानी पुरुष्कृत

पता : -
501 ,महावीर दर्शन सोसायटी 
प्लॉट नं 11सी , सेक्टर - 20 , खारघर ,
नवी मुंबई -महाराष्ट्र

प्रश्न न.1 - लघुकथा में सबसे महत्वपूर्ण तत्व कौन सा है ? 
उत्तर - लघुकथा में कथानक का विशेष महत्व है! लघुकथा का अंत सशक्त और प्रभावशाली विचारोत्तेजक  होना चाहिये ! कम शब्दों में गागर में सागर की धारणा को पुष्ट करे! 


प्रश्न न.2 - समकालीन लघुकथा साहित्य में कोई पांच नाम बताओं ? जिनकी भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण है ? 
उत्तर - योगराज प्रभाकर जी, कांताराय जी, बलराम अग्रवाल जी , बीजेन्द्र जैमिनी जी , मीरा जैन जी! 

प्रश्न न.3 - लघुकथा की समीक्षा के कौन - कौन से मापदंड होने चाहिए ? 
उत्तर - लघुकथा की समीक्षा में समालोचना और आलोचना दोनों आते हैं अतः समीक्षक को काफी सूक्ष्म दृष्टि (गिद्ध दृष्टि) रखना एवं निष्पक्ष न्याय देना चाहिए! 

प्रश्न न.4 - लघुकथा साहित्य में सोशल मीडिया के कौन - कौन से प्लेटफार्म की बहुत ही महत्वपूर्ण है ? 
उत्तर - लघुकथा साहित्य में सोशल मीडिया में ,फेसबुक व्हाटसेप और ऐसे कई प्लेटफार्म के जरिये फल-फूल रही है! 

प्रश्न न.5 - आज के साहित्यिक परिवेश में लघुकथा की क्या स्थिति है ?
उत्तर - आज की साहित्यिक परिवेश में लघुकथा का भविष्य सराहनीय मजबूत और उज्जवल है! 

प्रश्न न.6 - लघुकथा की वर्तमान स्थिति से क्या आप सतुष्ट हैं ?
उत्तर - जी समय समय पर परिवेश के अनुसार कुछ शोधकार्य भी चल रहे हैं! 

प्रश्न न.7 - आप किस प्रकार के पृष्ठभूमि से आए हैं ? बतायें  किस प्रकार के मार्गदर्शक बन पाये हैं ?
उत्तर - मेरा जन्म छत्तीसगढ़ के छोटे से गाँव  धमतरी  में एक सुखी संपन्न ,शिक्षित परिवार से जहाँ बेटी को स्वयं अपना प्रगति का क्षेत्र चुनने की इजाजत थी ऐसे घर में हुआ! साहित्य में मेरी रुचि बचपन से ही माँ के गीत सुनकर  जागी थी! मां स्वयं गीत बना स्वर भी देती थीं !

प्रश्न न.8 - आप के लेखन में , आपके परिवार की भूमिका क्या है ? 
उत्तर - मेरे लेखन में परिवार का मुझे पूर्ण योगदान मिला! मेरी कविता, लघुकथा को पहले मेरी दोनों बेटियाँ  पढ़ती और सुनती हैं! हाँ पति महोदय को साहित्य में रस नहीं है किंतु मुझे प्रोत्साहन  उन्हीं से मिलता है! 

प्रश्न न.9 - आप की आजीविका में , आपके लेखन की क्या स्थिति है ?
उत्तर - आजीविका में लेखन का कोई योग नहीं है! हाँ कभी कभी किसी रचना पर मानदेय राशि मिल जाती है!लेखन मेरा शौक है जो स्वान्तः सुखाय है! 

प्रश्न न.10 - आपकी दृष्टि में लघुकथा का भविष्य कैसा होगा ? 
उत्तर - मेरी दृष्टि में आगे लघुकथा का भविष्य सराहनीय और मजबूत है !

प्रश्न न.11 - लघुकथा साहित्य से आपको क्या प्राप्त हुआ है ?
उत्तर - लघुकथा साहित्य से मेरी कलम को पहचान मिली ! यही मेरी सबसे बड़ी उपलब्धि  है! 

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