मनोरमा जैन पाखी से साक्षात्कार

शिक्षा : एम. ए हिन्दी साहित्य

पति : सुनील कुमार जी जैन (निवर्तमान पार्षद)
रुचि दर्शन शास्त्र मनोविज्ञान ,धर्म, लेखन और पढ़ने के साथ कुछ नया सीखना सिखाना

प्रमुख : गृहिणी 

लेखन : -
लेखन की साहित्यिक यात्रा में  लघुकथा के साथ कविता, छंद, गीत,नवगीत...आदि अनेक विधाओं में समान रूप से कार्य 
विभिन्न साहित्यिक मंचों से उपनाम यथा मनीषी -अटल कवि परिवार, विभा--विज्ञात की कलम  व अनुभूति

सम्मान : -
 -जैन आचार्य 108विराग सागर जी महाराज 
साहित्य वाचस्पति, 
ब्रिट्रिश वर्ल्ड रिकार्ड होल्डर (जैनिज्म राइटिंग)
तीन बार इंटरनेशनल सम्मान (जैनिज्म राइटिंग)
बेस्ट कंटेट राइटर अवार्ड, 
वुमन इंस्पायर्ड अवार्ड ,
नारी रत्न 2019सम्मान,
 बाबूमुकुंद लाल गुप्त सम्मान ,
 फणीश्वरनाथ रेणु सम्मान ,
 वीणापाणि सम्मान
 साहित्य दीप प्रज्ञा सम्मान , 
 साहित्य दीप शलभ सम्मान ,
विष्णुप्रभाकर स्मृति लघुकथा सम्मान

 2021,ब्लैकब्यूटी काव्य प्रहरी सम्मान सम्मान,
 प्रेम भूषण सम्मान,
 कालीचरण प्रेमी स्मृति लघुकथा सम्मान
 ........लगभग 80

साझा संकलन --ये कुंडलियाँ बोलती हैं, दोहे बोलते हैं,चौपाई ,नवगीत ,गीत शतक ,के अलावा चार अन्य काव्य संग्रह , दो लघुकथा संग्रह, एक साझा उपन्यास बरनाली,के अलावा आसाम नराकास में विगत तीन वर्षों से  रचनाएँ प्रकाशित , झारखंड के जागरण अंक व अन्य मंच व पत्र पत्रिकाओं से रचनाएँ प्रकाशित।
जिसमें अमेरिका की साहित्यिक पत्रिका हम भारतीय में भी रचना को स्थान ... आदि ।

सम्पादन : -
जैन पत्रिका भावना की अतिथि संपादिका, शालेय पत्रिका शारदा की मुख्य संपादिका, लघुकथा संग्रह की सहसंपादिका, प्रखरगूंज से पब्लिश्ड  कलरव वीथिका की संपादिका, विचार वीथिका की सहसंपादिका। 

विभिन्न संस्थाओं में : -
 जैन संस्थाओं में पदाधिकारी व आँचलिक प्रभारी ,व फाउंडर अध्यक्ष 

पता : - शाह गन हाउस
            देवनगर कालोनी भिण्ड - 477001, मध्यप्रदेश
प्रश्न न.1 - लघुकथा में सबसे महत्वपूर्ण तत्व कौन सा है ? 
उत्तर -  लघुकथा में महत्वपूर्ण तत्व संदेश है। कथानक सकारात्मक और संदेशप्रद हो।

प्रश्न न. 2 -  समकालीन लघुकथा साहित्य में कोई पांच नाम बताओं ? जिनकी भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण है ? 
उत्तर - वर्तमान में लघुकथा साहित्य लोकप्रिय विधा है। मेरे अनुसार अशोक जैन जी, सुकेश साहनी जी,विभा रानी श्रीवास्तव जी , कांताराय जी जैसे नाम हैं जो लघुकथा क्षेत्र में सराहनीय काम कर रहे हैं। इस क्रम में बीजेन्द्र जैमिनी जी का नाम भी अपना विशेष स्थान रखता है। 

प्रश्न न.3 - लघुकथा की समीक्षा के कौन - कौन से मापदंड होने चाहिए ? 
उत्तर - लघुकथा की समीक्षा करते वक्त कथानक, देश-काल-वातावरण, उद्देश्य, संदेश आदि पर ध्यान देना चाहिये। अगर लघुकथा समस्या प्रधान है तो निराकरण सुझाव भी उसमें निहित अवश्य हो।

प्रश्न न. 4 -  लघुकथा साहित्य में सोशल मीडिया के कौन - कौन से प्लेटफार्म की बहुत ही महत्वपूर्ण है ? 
उत्तर - लघुकथा हेतु सोशलमीडिया पर बहुत प्लेटफार्म उपलब्ध हैं । पर मैं कुछेक से ही जुड़ी हूँ। आज से चार साल पहले नवलेखन से जुड़ी थी जहाँ लघुकथायें लिखना सीखा। फलक,सार्थक, जैसे मंच हैं जो अच्छा काम और मार्गदर्शन कर रहे हैं।

प्रश्न न.5 - आज के साहित्यिक परिवेश में लघुकथा की क्या स्थिति है ?
उत्तर - वर्तमान समय गतिशील अधिक है । पाठक वर्ग पढ़ना कम चाहता है।और लंबी रचनायें पढ़ने का धैर्य नहीं है। अतः लघुकथा दिन-ब-दिन साहित्यिक दृष्टि से अपना स्थान बनाने में सफल है।

प्रश्न न.6 - लघुकथा की वर्तमान स्थिति से क्या आप सतुष्ट हैं ?
उत्तर - लघुकथा अभी उस मुकाम तक नहीं पहुँच सकी , जहाँ उसे होना चाहिये। कारण यह है कि प्रत्येक विधा समय और चिंतन चाहती है। नकल या पुराने विषय ही सामने आ रहे हैं। वक्त है कि मानवेत्तर लघुकथायें, मनोवैज्ञानिक लघुकथायें, वैज्ञानिक लघुकथाओं के साथ गलत रूढ़ियों पर प्रहार हो। अतः मैं संतुष्ठ होते हुये भी पूरी तरह से संतुष्ट नहीं हूँ।

प्रश्न न.7 -  आप किस प्रकार के पृष्ठभूमि से आए हैं ? बतायें  किस प्रकार के मार्गदर्शक बन पाये हैं ?
उत्तर - मैं ग्रामीण पृष्ठभूमि से हूँ। जहाँ हजारों विसंगतियां व समस्यायें हैं। हमने अपनी लघुकथाओं में इसी परिवेश से लघुकथा के विषय चुने हैं जो आम शहरी के जीवन से भी संबंधित दिखते हैं। रही बात मार्गदर्शक की तो सृजन कुंज समूह के सदस्यों , मित्रों को लघुकथा के विषय और कथानक को प्रभावी बनाना सिखाया है ,सिखा रही हूँ और स्वयं भी सीख रही हूँ।

प्रश्न न.8 - आप के लेखन में , आपके परिवार की भूमिका क्या है ? 
उत्तर - एक स्त्री दो परिवारों से जुड़ी होती है। तो जहाँ प्रथम परिवार शिक्षित और पाठक है वहीं ग्रामीण पृष्ठभूमि के दूसरे परिवार में शिक्षा या पठन-पाठन का महत्व बिल्कुल अलग है। हाँ यह अवश्य है जन्मदाता परिवार से पढ़ने के गुण और संस्कार मिले । जिन के कारण लेखन का गुण मुझमें आया। पर आज सब जानते हैं कि मैं लिखती हूँ पर सक्रिय भूमिका या सहयोग बिल्कुल नहीं।

प्रश्न न.9 - आप की आजीविका में , आपके लेखन की क्या स्थिति है ?
उत्तर - एक लेखक या लेखिका का दृष्टिकोण विस्तृत हो जाता है और सोचने व चीजों को देखने का नज़रिया भी अलग होता है। यह डिपेंड करता है कि आपकी आजीविका का साधन क्या है?

प्रश्न न.10 - आपकी दृष्टि में लघुकथा का भविष्य कैसा होगा ? 
उत्तर - मेरी दृष्टि में लघुकथा का भविष्य बहुत उज्जवल है। अपने लघु आकार व गागर में सागर भरने वाले कथानक के साथ पंच लाइन अच्छा असर डालती हैं। 

प्रश्न न.11 - लघुकथा साहित्य से आपको क्या प्राप्त हुआ है ?
उत्तर - लघुकथा साहित्य से मुझे एक पहिचान मिली है। मैं इसे लिखते वक्त सहज महसूस करती हूँ। क्यों कि बड़ी कहानियों के लिए अक्सर तारतम्य जोड़ने हेतु उचित घटनाक्रम नहीं मिल पाते। अक्सर मित्रों की सराहना प्रोत्साहित करती है।

Comments

  1. हार्दिक आभार मनोरमा जी

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  2. बहुत सुंदर सार्थक सारगर्भित परिचर्चा 🙏🌹🙏

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  3. हार्दिक बधाई 🙏💐💐

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