कल्याणी झा ' कनक ' से साक्षात्कार

जन्म तिथि - 07 जुलाई  ,राँची, झारखंड

पति का नाम - सुभाष चन्द्र  मिश्र
शिक्षा - एम. ए. हिन्दी (इग्नू)
व्यवसाय - शिक्षिका

लेखन : कहानी, कविता, लघुकथा, संस्मरण, लेख, समीक्षा

प्रकाशित पुस्तक - "और भी है राहें" कथा संग्रह

प्रकाशित साझा संकलन : -

नीलाम्बरा,
विचार विथिका,  
कथादीप, 
लघुकथा संकलन - 2019
चित्रगंधा
साहित्य प्रसंग
साहित्योदय

विशेष : -

- महिला काव्य मंच राँची की सक्रिय सदस्य।
-  प्रेरणा दर्पण साहित्यिक एवं सांस्कृतिक मंच झारखंड इकाई अध्यक्ष।

प्राप्त सम्मान : -

- भारतीय लघुकथा विकास मंच द्वारा विभिन्न सम्मान से सम्मानित
- आदिशक्ति फाउंडेशन द्वारा सशक्त नारी सम्मान
- बाल नारी जागृति युवा मंडल द्वारा नारी रत्न सम्मान
- अखिल भारतीय प्रसंग मंच द्वारा कथा शिल्पी सम्मान
-  साहित्य संवेद मंच से पाठक पुरस्कार
                                    
पता : -  फ्लैट नं बी 304, ईश्वरी इन्कलेव , विद्यापति नगर,
  काॅके रोड ,राँची - 834008 झारखंड 

प्रश्न क्र.1- लघुकथा में सबसे महत्वपूर्ण तत्व कौन सा है ? 

उत्तर - लघुकथा में सबसे महत्वपूर्ण तत्व कथा की पृष्ठभूमि, कम से कम शब्दों में अपनी बात रखने की कोशिश (आकार) और पात्र है।


प्रश्न क्र. 2- समकालीन लघुकथा साहित्य में कोई पांच नाम बताइये ? जिनकी भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण है ? 

उत्तर -  श्रीमती कांता राय,  श्री सुकेश साहनी, श्री बीजेन्द्र जैमिनी,  श्री पवन जैन,  श्रीमती मीरा जैन


प्रश्न क्र.3- लघुकथा की समीक्षा के कौन-कौन से मापदंड होने चाहिए ? 

उत्तर - विसंगतियों को उजागर करने की कोशिश, पंच का करारा चोट, शिल्प, पात्र, प्रस्तुति, कथ्य की लिखावट।


प्रश्न क्र.4- लघुकथा साहित्य में सोशल मीडिया के कौन-कौन से प्लेटफार्म बहुत ही महत्वपूर्ण हैं ? 

उत्तर - आडियो, विडियो के माध्यम से प्रस्तुति, आजकल शार्ट फिल्में भी बन रही है।कई उच्चस्तरीय लघुकथा संग्रह भी प्रकाशित हो रहे हैं। 


प्रश्न क्र.5- आज के साहित्यिक परिवेश में लघुकथा की क्या स्थिति है ?

उत्तर - लघुकथा धीरे-धीरे अपना विस्तार कर रही है, हर रचनाकार लघुकथा लिखने की ओर अग्रसर हो रहे हैं,और आज की जरूरत है, जैसे क्रिकेट में  T20


प्रश्न क्र.6- क्या आप लघुकथा की वर्तमान स्थिति से संतुष्ट हैं ?

उत्तर - लघुकथाएं पढ़ी जा रही है, अधिक से अधिक लोगों को प्रभावित कर रही है , फिर भी सम्मानित लेखक /लेखिका के समक्ष कथा और लघुकथा में अंतर थोड़ा स्पष्ट होना अति आवश्यक है। 


प्रश्न क्र.7- आप किस प्रकार की पृष्ठभूमि से आए हैं ? बताइये  किस प्रकार के मार्गदर्शक बन पाये हैं ?

उत्तर - बचपन से ही पढ़ने की तरफ झुकाव रहा (जैसे नंदन, चंपक इत्यादि) ।घर का माहौल कुछ ऐसा था कि, मेरी मम्मी सुप्रसिद्ध लेखिका शिवानी की कहानियाँ और उपन्यास पढ़ा करती थी। पापा मधुशाला सुनते थे। इस तरह मम्मी के साथ  पढ़ते-पढ़ते ही मैं लिखने लगी।शायद बचपन में हमारे अंदर कोई बीज रह जाता है, और खाद पानी मिलते ही प्रस्फुटित हो जाता है। कहानियों से मेरा विशेष लगाव का होना, इसी का परिचायक है। 


प्रश्न क्र.8 - आप के लेखन में,आपके परिवार की भूमिका क्या है ? 

उत्तर - परिवार में, मेरे अलावा कोई नहीं लिखते है। हाँ, सराहना जरूर मिलती है।


प्रश्न क्र.9 - आप की आजीविका में,आपके लेखन की क्या स्थिति है ?

उत्तर - मैं कहानी, लघुकथा, लेख, कविता, छंद कभी-कभी गजल इत्यादि लिखती हूँ। इससे मुझे कोई आर्थिक लाभ नहीं मिला है।


प्रश्न क्र.10 - आपकी दृष्टि में लघुकथा का भविष्य कैसा होगा ? 

उत्तर - वर्तमान भागती-दौड़ती जीवन शैली में लघुकथा का भविष्य उज्जवल है।


प्रश्न न.11 - लघुकथा साहित्य से आपको क्या प्राप्त हुआ है ?

उत्तर - मेरी लघुकथाएं समाचार पत्र और पत्रिकाओं में छपती रहती है। आनलाइन मंचों पर आडियो - वीडियो में लघुकथा की प्रस्तुति देती रहती हूँ।



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