डॉ. छाया शर्मा से साक्षात्कार

शिक्षा: एम.ए . हिन्दी, एमएड ,  पीएचडी
प्रेरणा: मात-पिता-गुरु-मित्र और परिवार
सम्प्रति : प्रधानाचार्य , शिक्षा विभाग,  राजस्थान

विधा : गीत,  कविता, लेख और  लघुकथा

रूचि:
1) लेखन
2) चित्रकारी
3) नृत्य-संगीत

सम्मान: -

1) राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान,  राजस्थान सरकार,  सत्र -2017
2) प्रशस्ति पत्र : उत्कृष्ट शिक्षक  एवं सराहनीय जन-सेवा पर शिक्षा विभाग,  राजस्थान सरकार सत्र -2017
3) प्रशंसा पत्र: आदर्श  विद्यालय में संस्थाप्रधान  के  कार्यो का श्रेष्ठ संपादन एवं सराहनीय सेवा पर शासन  सचिव,  स्कूल शिक्षा  एवं  भाषा  विभाग,  राजस्थान  सरकार, सत्र -2017
4) अनेक ब्लॉक स्तरीय सम्मान,  शिक्षा  विभाग,  अजमेर, राजस्थान
5)  विभिन्न साहित्यिक  सम्मान

विशेष : -
1) साहिल वृद्धाश्रम अजमेर,  अपना घर वृद्धाश्रम अजमेर में  सेवा कार्य
2) बालिका  शिक्षा प्रसार
3) बेटी  बचाओ अभियान
4) अंध्विश्वास दूर  भगाओ
5) घूँघट प्रथा उन्मूलन
6) राष्ट्रीय कार्यक्रम- "एक पेड़ सात ज़िन्दगी" अभियान
7)   200+ घरों में विशेष हस्त लिखित पाती द्वारा जागृति संदेश।
8) स्वयं 151 वृक्ष लगा कर जन जन को संरक्षण का उत्तरदायित्व सौंपा गया|
9) शिक्षा में नवाचार का प्रयोग
10) भामाशाह को प्रेरित कर विद्यालय में विकास कार्य
11) जिलाध्यक्ष: अजमेर  महिला  प्रकोष्ठ
12) रेडियो प्रसारित कार्यक्रम : शिक्षक दिवस, 2019 को  आकाशवाणी केंद्र जोधपुर द्वारा वार्ता प्रसारण
13) लेखनी उद्देश्य : सामाजिक  समरसता एवं आत्म सम्मान के साथ  निर्भीक लेखक

प्रकाशन: -
1) भरतपुर हिंदी साहित्य समिति से डुगडुगी में समय समय पर लेख प्रकाशित
2) माँ की पाती, बेटी के नाम पुस्तक में पाती का प्रकाशन
3) शिविरा प्रत्रिका और विभिन्न समाचार पत्रों में समय समय पर रचना प्रकाशन

पता : -
528/22 बालूपुरा रोड,आदर्श नगर,
देवनारायण गली नंबर -8 , अजमेर - 305001 राजस्थान

प्रश्न न.1 -  लघुकथा में सबसे महत्वपूर्ण तत्व कौन सा है ?

उत्तर - लघुकथा में कथ्य महत्त्वपूर्ण है, जो जीवन से जुडा होता है l


प्रश्न न.2 -  समकालीन लघुकथा साहित्य में कोई पांच नाम बताओं ? जिनकी भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण है ?

उत्तर - श्री बीजेन्द्र जैमिनी, श्री गोविन्द भारद्वाज, डॉo सतीशराज पुष्करणा, कांताराय एवं अशोक जैन जी की महत्त्वपूर्ण भूमिका है l


प्रश्न न.3 - लघुकथा की समीक्षा के कौन - कौन से मापदंड होनेचाहिए ?

उत्तर -सरल , सहज , शिल्प शैली का समन्वय होना चाहिए l


प्रश्न न.4 - लघुकथा साहित्य में सोशल मीडिया के कौन - कौन से प्लेटफार्म की बहुत ही महत्वपूर्ण है ?

उत्तर - फेसबुक, वाट्सएप, ब्लाग, ई - पुस्तकें, भारतीय लघुकथा विकास मंच एवं कथा दर्पण साहित्य मंच l


प्रश्न न.5 - आज के साहित्यिक परिवेश में लघुकथा की क्या स्थिति है ?

उत्तर - वर्तमान युग में लघुकथा लिखी और पढ़ी जा रहीं हैं l प्रतियोगितायें भी आयोजित हो रही हैं l एकल एवं साझा लघुकथा संकलन का प्रकाशन, ई -संकलन, यूट्यूब द्वारा किया जा रहा है जो स्तुत्य है l


प्रश्न न.6 - लघुकथा की वर्तमान स्थिति से क्या आप सतुष्ट हैं ?

उत्तर - अभी तो लघुकथा प्रथम सीढ़ी चढ़ी है l संतुष्टि कहाँ... कुछ लोग चुटकले एवं रिपोर्टिंग लिखकर इस विधा पर प्रश्न चिह्न लगा रहे हैं ।


प्रश्न न.7 - आप किस प्रकार के पृष्ठभूमि से आए हैं ? बतायें  किस प्रकार के मार्गदर्शक बन पाये हैं ?

उत्तर - मैं मध्यम वर्गीय परिवार से हूँ l शिक्षा विभाग, राजस्थान में प्रधानाचार्य पद पर कार्यरत हूँ और राजकीय सेवनुराग पेशा नहीं अपितु उस "प्रभु " की पूजा उपासना है जिसे अज्ञानी लोग मनुष्य कह कर पुकारते हैं l


प्रश्न न.8 - आप के लेखन में , आपके परिवार की भूमिका क्या है ?

उत्तर - मेरे परिवार को मेरी लेखनी पर गर्व है l सदा परिवार ने आगे बढ़ने को प्रेरित ही किया है l


प्रश्न न.9 - आप की आजीविका में , आपके लेखन की क्या स्थिति है ?

उत्तर - चाह बचपन से थी, कुछ कुछ लिखा आज मेरी जीविका लेखन में कभी बाधा नहीं बनी l जैसे समय मिला, लिखना प्रारम्भ किया l


प्रश्न न.10 - आपकी दृष्टि में लघुकथा का भविष्य कैसा होगा ?

उत्तर - आज डिजिटल युग और भाग- दौड़ भरी जिंदगी मेंअल्प समय में लोगों की भावनाओं, संवेदनाओं से जुड़ "लघुकथा " गागर में सागर कहावत को चरितार्थ करती हुई मील का पत्थर साबित हो रही है l


प्रश्न न.11 - लघुकथा साहित्य से आपको क्या प्राप्त हुआ है ?

उत्तर - आत्मसंतुष्टि, अपनत्व और गौरव के साथ पुनः आगे बढ़ने का प्रयास । 



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