डॉ० दुर्गा सिन्हा ' उदार ' से साक्षात्कार

जन्म तिथि : 01 जुलाई 1948
स्थान : बस्ती - उत्तर प्रदेश
शिक्षा : एम.ए.,एम.एड( गोल्ड मेडलिस्ट ) पीएच.डी.(मनोविज्ञान, 1969
व्यवसाय : अध्ययन-अध्यापन
रुचि : लेखन,नृत्य,संगीत, खेल

प्रकाशित पुस्तकें : -
==========

- मनोवैज्ञानिक परीक्षण
       ( पीएच.डी. शोध निबंध ) 1971 
- सामान्य ज्ञान पुस्तिका
     ( अंग्रेज़ी)1996 से समय- समय पर संशोधित संस्करण
- अंत:यात्रा एक मनोवैज्ञानिक लेखमाला  2005
- देशभक्ति गीत संग्रह 2007
- मानव मैनेजमेंट( अंग्रेज़ी) 2007
- भक्ति साधना ( भक्ति गीत संग्रह ) 2014
-  नाटक संग्रह ( कौन सीखे कौन सिखाए )2014
- शुक्रिया ज़िन्दगी ( ग़ज़ल संग्रह ) 2019
- चलो ज़िन्दगी (काव्य संग्रह) 2019
- भक्ति साधना ( भक्ति गीत संग्रह भाग-2 )2021
  
सम्मान / पुरस्कार : -
===========

- MEND संस्था द्वारा आयोजित गुजरात राज्य के शिक्षकों की “ निबंध स्पर्धा” में प्रथम स्थान
- लोकप्रिय फिल्म अभिनेता सुनील दत्त जी से पुरस्कार   प्राप्त किया , 1991
- सिल्वर मेडल फ़ॉर “डिवोटेड टीचर “ शिवाजी फ़ाऊण्डेशन, जयपुर - 1996
- द्रोणाचार्य पुरस्कार ( सिल्वर मेडल ) शिवाजी फ़ाऊण्डेशन, 2003
-  नेताजी सुभाष चंद्र बोस खेल एवं कल्याण समिति, द्वारा "प्रतिभा एवं समाज सेवक सम्मान", 2018
-  फोगाट स्कूल ,फरीदाबाद द्वारा "विशिष्ट सम्मान", 2018
- नारी अस्मिता पत्रिका वडोदरा गुजरात के द्वारा "नारी अस्मिता सम्मान", 2018
- ” गौरवशाली भारतीय महिला सम्मान “ by NNHSA
8 मार्च 2020
- डॉ० शिव शरण  द्विवेदी स्मृति “ काव्य शिरोमणि “सम्मान by अंतर्राष्ट्रीय विश्व मैत्री मंच , 2020
- ” Award Of Honour “ by Prakrithee NGO, 2020
- ” सर्वश्रेष्ठ रचनाकार “ सम्मान by. उड़ान सामाजिक - सांस्कृतिक संस्था फ़रीदाबाद
2021
- श्रेष्ठ रचनाकार “ सम्मान by आगमन संस्था
- ”कवयित्री सम्मान “ by FLCC ( फ़रीदाबाद साहित्यिक एवं सांस्कृतिक केन्द्र )2021
- अनेकों अन्य सम्मान एवं पुरस्कार ई-सम्मान व पुरस्कार
- विद्यालय, विश्वविद्यालय स्तर पर ,एकल व समूह नृत्य तथा खेल  में प्रथम , द्वितीय पुरस्कार 
 

विशेष : -
====

- अंतर्राष्ट्रीय महासचिव : महिला काव्य मंच( रजि.)   
-  संरक्षक—अंतर्राष्ट्रीय विश्व मैत्री मंच        
- संरक्षक -नारी अस्मिता ( बड़ोदरा)      
- मार्गदर्शक - विश्व भाषा अकादमी                       
- कार्यकारिणी सदस्य—दधीचि देह दान समिति    
-  कार्यकारिणी सदस्य —- संत साहित्य अकादमी

- सदस्य : लायन्स क्लब, GAP, TIE, TWB, आदि  

- सदस्य : साहित्यालोक (अहमदाबाद 30 वर्ष से ) , R. S. Foundation.

-   फ़रीदाबाद की नई दिशाएँ: हेल्प लाइन , नारी अभिव्यक्ति मंच पहचान ,  सार्थक प्रयास , संस्कार भारती , अखिल भारतीय साहित्य परिषद् आदि संस्थाओं की सदस्य
-  मनोवैज्ञानिक मार्गदर्शन नि:शुल्क 1970 से आज तक
-  देहदान किया है जनजागृति हेतु कृतसंकल्प
-  भ्रमण- भारत ( कश्मीर से कन्याकुमारी और गुजरात से
   इम्फ़ाल तक )
- विदेश भ्रमण  :अमेरिका, मैक्सिको,हॉंगकॉंग, मकाऊ, दुबई, भूटान
- दूरदर्शन ( गुजरात)पर नाटक प्रसारित
- साक्षात्कार - टाइम्स ऑफ़ इंडिया में
- दूरदर्शन दिल्ली - वार्ता
- गुजराती और  अंग्रेज़ी से हिन्दी में अनुवाद
- 30 सॉंझा संकलनों में रचनाएँ प्रकाशित ।
-  ई-पत्रिकाओं व संकलनों में रचनाएँ प्रसारित
-  लेख , रचनाएँ , साक्षात्कार पत्र-पत्रिकाओं में सतत प्रकाशित होते रहते हैं।

पता :
     2326/9, “ उदार विला “ , डी.सी.मॉडल स्कूल के पास
    फ़रीदाबाद - 121006 हरियाणा

 प्रश्न न.1 -  लघुकथा में सबसे महत्वपूर्ण तत्व कौन सा है ? 

उत्तर - कथ्य , संदेश 


प्रश्न न.2 -  समकालीन लघुकथा साहित्य में कोई पांच नाम बताओं ? जिनकी भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण है ?

उत्तर -  बहुत होंगे किन्तु , जिनसे मैं परिचित और प्रभावित हूँ वे हैं : -

    कान्ता रॉय जी, 

    संतोष श्रीवास्तव जी,

   सतीशराज पुष्करणा जी ,पवन जैन जी ,

 और आप जी ( बीजेन्द्र जैमिनी )

         अच्छा लेखन करने वालों में अनेक हैं किन्तु मैं जिन्हें पढ़ना पसंद करती हूँ ।


प्रश्न न.3 - लघुकथा की समीक्षा के कौन - कौन से मापदंड होने चाहिए ? 

उत्तर -  तीन  हो सकते हैं : -

   - प्रारम्भ  उत्सुकता वर्धक हो 

   - कथ्य ज्वलन्त , रोचक हो 

   - अंत का पंच सोचने को मजबूर करे 


प्रश्न न.4 - लघुकथा साहित्य में सोशल मीडिया के कौन - कौन से प्लेटफार्म की बहुत ही महत्वपूर्ण है ? 

उत्तर - लघुकथा के परिंदे

    भारतीय लघुकथा विकास मंच

    नया लेखन_ नया दस्तख़त 

    यहाँ लिखना और भेजना मुझे भाता है उत्कृष्ट रचनाएँ पढ़ने को मिलती हैं ।आपका प्रयास उत्तम है ।


प्रश्न न.5 - आज के साहित्यिक परिवेश में लघुकथा की क्या स्थिति है ? 

उत्तर - विकास पथ पर है आशान्वित हूँ, शोध हो रहे हैं ।


प्रश्न न.6 - लघुकथा की वर्तमान स्थिति से क्या आप सतुष्ट हैं ? 

उत्तर - जी ! पूर्णतया ।


प्रश्न न.7 - आप किस प्रकार के पृष्ठभूमि से आए हैं ? बतायें  किस प्रकार के मार्गदर्शक बन पाये हैं ? 

उत्तर - मेरे पिता कलेक्टर थे । तीन भाई और मैं  Ph. D. ( मनोविज्ञान) उच्चशिक्षा प्राप्त । सभी उच्च पद पर, मेरे पति भी इंजीनियर HOD रहे। शिक्षित , पढ़ने का शौक़ीन परिवार। जो सीखा , जीवन में उतारा और वही सिखाया । मेरे दो बच्चे भी इंजीनियर , योग्य भारतीय नागरिक उच्च पद पर कार्य रत हैं । मेरे विद्यार्थी भी  मेरी सीख आज भी संजोए हुए हैं। सुख देती हैं ये बातें। मैंने BHU में लेक्चरर के रूप कार्य किया है ।


प्रश्न न.8 - आप के लेखन में , आपके परिवार की भूमिका क्या है ? 

उत्तर - परिवार प्रोत्साहित करता है , बाधक नहीं बनता । यह बहुत महत्वपूर्ण है लेखन हेतु


प्रश्न न.9 - आप की आजीविका में , आपके लेखन की क्या स्थिति है ? 

उत्तर -  आजीविका लेखन नहीं ,यह जीवन है , शौक़ है । शिक्षक हूँ , पेंशन पर्याप्त है प्रकाशित आठ पुस्तकें भेंट स्वरूप दी हैं । मेरे शब्द, मेरी लेखनी ईश्वर का वरदान है । इसे बाँटती हूँ। 


प्रश्न न.10 - आपकी दृष्टि में लघुकथा का भविष्य कैसा होगा ?

उत्तर - कहानी , उपन्यास से अधिक लोकप्रिय होगा ।

लघु आकार के कारण । 


प्रश्न न.11 - लघुकथा साहित्य से आपको क्या प्राप्त हुआ है ?

उत्तर - साहित्य आत्मिक सुख देता है। लघुकथा से भी वही मिला है। मैं मनोवैज्ञानिक सलाहकार के रूप में समाज सेवा दे रही हूँ। जीवन की समस्याओं को संक्षेप में समाधान  दे पाना लघुकथा द्वारा अधिक आसान हो पाता है। उम्मींद है आपको प्रश्नों के समुचित उत्तर मिल गए होंगे ।


Comments

  1. अति उत्तम समृद्ध साक्षात्कार 💐🙏🙏

    ReplyDelete
    Replies
    1. अच्छी प्रश्नोत्तरी है। लगभग सभी लघुकथा लेखकों का यही मानना है कि कथानक समृद्ध होने से रचना को बल मिलता है।

      Delete
  2. बहुत ही सुंदर साक्षात्कार पढ़ने को मिला। अच्छा लगा। आ. दुर्गा जी आपको बहुत बहुत बधाई । रेणु चन्द्रा माथुर

    ReplyDelete
  3. अत्युत्तम साक्षात्कार। कम शब्दों में बहुत कुछ समेट लिया दुर्गा जी। हार्दिक बधाई आपको। लघुकथा के क्षेत्र में बीजेन्द्र जैमिनी जी का कार्य सराहनीय है।
    - सुदर्शन रत्नाकर
    दिल्ली
    ( WhatsApp से साभार )

    ReplyDelete
  4. Impressive and Insightful Replies, as always Madam. There is always so much to learn from you....

    ReplyDelete
  5. Impressive and Insightful Replies, as always Madam. There is always so much to learn from you....
    Kirti Lakhanpal
    Ahmedabad

    ReplyDelete

Post a Comment

Popular posts from this blog

वृद्धाश्रमों की आवश्यकता क्यों हो रही हैं ?

हिन्दी के प्रमुख लघुकथाकार ( ई - लघुकथा संकलन ) - सम्पादक : बीजेन्द्र जैमिनी

लघुकथा - 2023 ( ई - लघुकथा संकलन )