रेणु चन्द्रा माथुर से साक्षात्कार

जन्म तिथि:- 4 मार्च 1951
शिक्षा : एम. एस. सी ( जूलोजी ) , बी. एड .

विधा :  कविता , लघुकथा , कहानी , हाइकु  लेखन इत्यादि
सम्प्रति  : स्वतंत्र लेखन

उद्देश्य : समाज में व्याप्त कुरीतियों एवं विसंगतियों को अपने लेखन से दूर करने का एक छोटा सा प्रयास ।

विदेश यात्रा :-अमेरिका , इंग्लैंड , पेरिस , आस्ट्रिया, स्विट्जरलैंड , नीदरलैंड  आदि

पुस्तकें :-

1 धूप के रंग -कविता संग्रह(2014)
2  छोटी सी आशा - लघुकथा संग्रह (2015)
3   सुरमई उजाला -काव्य संग्रह (2018 )
4  चाहत का आकाश -कविता संग्रह  (2020)
5  शीशे की दीवार -कहानी संग्रह   (2021)
6  पिघलता मन-  कविता संग्रह, 
7  क्षितिज के उजाले -लघुकथा संग्रह (अमेजन किंडल पर )
8  केरल सरकार द्वारा मेरी बाल कहानी 'बिखरते सपने' मलयालम में अनुवादित होकर बाल कहानी संग्रह में प्रकाशित । (2018)
             
प्रसारण : -    
      
जयपुर आकाशवाणी एवं दूरदर्शन से प्रसारण
             
पुरस्कार एवं  सम्मान:-

- अखिल भारतीय साहित्य परिषद जयपुर 2015में कविता’आक्रोश’पुरस्कृत                                                  

  - कुमुद टिक्कु लघुकथा प्रतियोगिता  2015 में लघुकथा ’वसीयत’पुरस्कृत    
- म ग स म द्वारा वर्ष 2015 में  लाल बहादुर शास्त्री पुरस्कार
  - अखिल भारतीय साहित्य परिषद जयपुर 2016 में लघुकथा ’गृह प्रवेश’
    - जगमग दीप ज्योति द्वारा वर्ष 2016 में अ .भा.साहित्यकार सम्मान
- कुमुद टिक्कु कहानी प्रतियोगिता वर्ष 2016 में कहानी ’आखरी फैसला’ पुरस्कृत
-  शब्द निष्ठा द्वारा कविता के लिये वर्ष 2016 में पुरस्कार
- अ.भा. राष्ट्र समर्पण द्वारा 2017 में बाल कहानी ’अंधेरे कोनों के उजाले " पुरस्कृत
- शब्द निष्ठा लघुकथा प्रतियोगिता वर्ष 2017 में ’बाबूजी का श्राद्ध’ पुरस्कृत
-  कुमुद टिक्कु कहानी प्रतियोगिता वर्ष 2017 में कहानी ’सोने का कड़ा ’ पुरस्कृत
-  आचार्य महाप्रज्ञ कविता संग्रह में कविता प्रकाशित एवं (ब्रिटिश वर्ल्ड रिकॉर्ड)से सम्मानित  ।
           
  पता : 140 , न्यु कालोनी , वाल स्ट्रीट होटल के पास,
एम.आई.रोड., पाँच बत्ती ,  जयपुर - राजस्थान 302001

प्रश्न न.1 - लघुकथा में सबसे महत्वपूर्ण तत्व कौन सा है ? 

 उत्तर  -  लघुकथा की विषय वस्तु मुख्य है। कथ्य रोचक होना चाहिये। इसमें महत्वपूर्ण बात यह है कि अन्त ऐसा हो जो सोचने को विवश कर दे ।

 

प्रश्न न.2 - समकालीन लघुकथा साहित्य में कोई पांच नाम बताओं ? जिनकी भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण है ? 

 उत्तर  - लघुकथा साहित्य में असंख्य प्रबुद्ध जन हैं जो दिन-रात इस क्षेत्र में कार्यरत हैं। किसी एक का नाम लेना मेरे लिये बहुत कठिन है। उनमें से कुछ हैं : -

सतीशराज पुष्करणा जी, बीजेन्द्र जैमिनी जी, डॉ. उमेश महादोषी जी ,सुकेश साहनी जी ,शकुन्तला किरण जी आदि  ।


प्रश्न न.3 - लघुकथा की समीक्षा के कौन - कौन से मापदंड होने चाहिए ? 

उत्तर - 1 लघु में विराटता के दर्शन कराती हो,

          2 कथ्य रुचिकर एवं संदेश परक हो,

          3 अंत प्रभावशाली हो,

          4 भाषा सरल,सहज एवं समृद्ध हो,

         5 वर्तनी में त्रुटियाँ ना हों ।

         

प्रश्न न.4 - लघुकथा साहित्य में सोशल मीडिया के कौन - कौन से प्लेटफार्म की बहुत ही महत्वपूर है ?

उत्तर - इस आधुनिक युग में ई-पत्रिका, वाट्स-एप ग्रुप एवं जूम मीटिंग बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। 


प्रश्न न.5 - आज के साहित्यिक परिवेश में लघुकथा की क्या स्थिति है ?

 उत्तर - आज के साहित्य परिवेश में लघुकथा बहुत लोकप्रिय हो रही है। लघु रूप एवं रुचिकर होने की वजह    से पाठक इसे तुरंत पढ़ लेना चाहता है।

 

प्रश्न न.6 - लघुकथा की वर्तमान स्थिति से क्या आप सतुष्ट हैं ?

 उत्तर - जी हाँ। लघु होते हुए भी लघुकथा ने वर्तमान साहित्य जगत में अपना योगदान दिया है और अपना आधिपत्य जमा लिया है।

 

प्रश्न न.7 - आप किस प्रकार के पृष्ठभूमि से आए हैं ? बतायें  किस प्रकार के मार्गदर्शक बन पाये हैं ?

उत्तर - मेरे पिताजी प्रसिद्ध चिकित्सक थे,माँ मेरी हिन्दी प्रेमी रहीं। मैं विज्ञान की विद्यार्थी थी । मैनें विज्ञान विषय में ही शिक्षण किया । मैंने सदा ही अपने लेखन से कुरीतियों को दूर करने का प्रयास किया है । चाहती हूँ कि अपने लेखन से लोगों में जागरुकता फैलाने की और ,अँधेरे से उजाले की ओर ले जाने का कार्य , मैं करती रहूँ।


प्रश्न न.8 - आप के लेखन में , आपके परिवार की भूमिका क्या है ? 

उत्तर - मुझे परिवार से पूरा पूरा सहयोग मिला । इस नये जमाने में नयी तकनीकी सहायता और  कम्पयूटर मुझे  परिवार में अपने पति एवं बच्चों से सीखने को मिला ।


प्रश्न न.9 - आप की आजीविका में , आपके लेखन की क्या स्थिति है ?

उत्तर - लेखन का आजीविका से कोई  संबंध नहीं है । मेरा लेखन तो स्वांत:सुखाय ही है।


प्रश्न न.10 - आपकी दृष्टि में लघुकथा का भविष्य कैसा होगा ? 

उत्तर - लघुकथा अपने आप में एक सशक्त विधा है। यह लघु में विराटता को उजागर करती है ,अत: इसका भविष्य उज्जवल दिखायी दे रहा है ।


प्रश्न न.11 - लघुकथा साहित्य से आपको क्या प्राप्त हुआ है ?

उत्तर - मैं तो इतना ही कहना चाहती हूँ कि लघुकथा साहित्य से मुझे मन का सुख तो मिला ही साथ ही मैंने कथा वस्तु का मंथन करना और उसे कम शब्दों में लिखना / पढ़ना भी सीखा ।

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