डॉ अंजु दुआ जैमिनी से साक्षात्कार

जन्म : 08 जून 1969 , सोनीपत - हरियाणा
शिक्षा : पी एच डी (हिंदी ), एम ए ( पत्रकारिता ,मानवाधिकार)

सम्प्रति : प्रशासनिक अधिकारी, आयकर विभाग ( सेवानिवृत)

प्रकाशित पुस्तकें : -

कस्तुरी गन्ध ( लघुकथा संग्रह ) -2009
कहानी संग्रह , कविता संग्रह , निबंध संग्रह , दोहा संग्रह , आदि सहित 23 पुस्तकें प्रकाशित

प्रमुख पुरस्कार व सम्मान : -

- भारत सरकार द्वारा भारतेंदु हरिश्चंद्र पुरस्कार से सम्मानित - हरियाणा साहित्य अकादमी द्वारा पुरस्कृत
- हरियाणा उर्दू अकादमी द्वारा पुरस्कृत
              आदि अनेक संस्थाओं द्वारा पुरस्कृत

विशेष : -

- नई दिशाएं हेल्पलाइन संस्था की चेयरपर्सन
- Youtub चैनल का संचालन

पता : 839 , सेक्टर - 21 सी , फरीदाबाद - 121001 हरियाणा

प्रश्न न.1 -  लघुकथा में सबसे महत्वपूर्ण तत्व कौन सा है ?

उत्तर - लघुकथा का उद्देश्य महत्वपूर्ण तत्व है.

प्रश्न न.2 -  समकालीन लघुकथा साहित्य में कोई पांच नाम बताओं ? जिनकी भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण है ?
उत्तर - श्री रूप देवगुण, श्री सुकेश साहनी , श्रीमती कमल कपूर, श्री बीजेन्द्र जैमिनी, श्री रामेश्वर काम्बोज हिमांशु

प्रश्न न.3 - लघुकथा की समीक्षा के कौन - कौन से मापदंड होने चाहिए ?
उत्तर - लघुकथा का आकार कैसा है, लघुकथा में उद्देश्य है या नहीं है ,लघुकथा का शीर्षक लघुकथा से मिलता है या नहीं,  गहराई  है या नहीं, क्या लघुकथा का कथानक नए कलेवर का है ,क्या उसमें भूमिका बड़ी है, वाक्य सुगठित है या नहीं, और पाठकों को समझ में आएगी या नहीं । ये सभी लघुकथा की समीक्षा के मापदंड हैं।

प्रश्न न.4 - लघुकथा साहित्य में सोशल मीडिया के कौन - कौन से प्लेटफार्म की बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका है ?
उत्तर - लघुकथा के लिए फेसबुक पर जो लघुकथा ग्रुप हैं वे  महत्वपूर्ण  हैं।

प्रश्न न.5 - आज के साहित्यिक परिवेश में लघुकथा की क्या स्थिति है ?
उत्तर - लघुकथा की स्थिति बेहद मजबूत है

प्रश्न न.6 - लघुकथा की वर्तमान स्थिति से क्या आप सतुष्ट हैं ?
उत्तर - वर्तमान स्थिति से संतुष्ट हूं क्योंकि  लघुकथाकारों की संख्या में वृद्धि हो रही है

प्रश्न न.7 - आप किस प्रकार के पृष्ठभूमि से आए हैं ? बतायें  किस प्रकार के मार्गदर्शक बन पाये हैं ?
उत्तर - मैं कहानीकार हूं, उपन्यास लिखे हैं, कवयित्री हूँ। लघुकथा का एक संग्रह आया है , दूसरा जनवरी 2022 में आने वाला है। मैंने नए लेखकों की लघुकथाओं को ठीक किया है,  उनकी प्रूफ्ररीडिंग की, उनकी भूमिका लिखी है। इसके अलावा यूट्यूब पर मैंने अपने चैनल पर लघुकथा कैसे लिखें, पर एक वीडियो बनाया है जिससे नए लेखक  लाभान्वित हो रहे हैं।

प्रश्न न.8 - आप के लेखन में , आपके परिवार की भूमिका क्या है ?
उत्तर - मेरा परिवार मेरे लेखन के आड़े नहीं आता , मैं अपना लेखन इसलिए कर पा रही हूं क्योंकि मेरे परिवार ने कभी अवरोधक की भूमिका नहीं निभाई , उल्टा मुझे बढ़ावा ही दिया है ।

प्रश्न न.9 - आप की आजीविका में , आपके लेखन की क्या स्थिति है ?
उत्तर - आजीविका के साधन के रूप में , मैंने लेखन को कभी नहीं लिया। लेकिन जहां सुख की बात है, संतुष्टि की बात है  तो लेखन ने मुझे हमेशा सहारा दिया है मेरा मार्गदर्शन बना है और मुझे अनुभव कराया कि जीवन कैसे जीना चाहिए

प्रश्न न.10 - आपकी दृष्टि में लघुकथा का भविष्य कैसा होगा ?
उत्तर - लघुकथा का भविष्य सुनहरा है क्योंकि धीरे-धीरे लोगों को समझ में आ रहा है कि लघुकथा लिखना कठिन नहीं है, पाठकों के बीच पैठ बनाए रखना भी उतना ही आसान है । हां, लघुकथा कैसे लिखी जाए उसके लिए सबसे पहले नए लेखकों को वरिष्ठ लघुकथाकारों से मार्गदर्शन अवश्य प्राप्त करना चाहिए

प्रश्न न.11 - लघुकथा साहित्य से आपको क्या प्राप्त हुआ है
उत्तर -  लघुकथा साहित्य से मुझे संतुष्टि मिली । छोटी-छोटी कहानियां पढ़कर , परोक्ष रूप से सही शिक्षा मिली और काफी कुछ जानने को मिला। हमारे समाज में क्या घट रहा है, यह तुरंत जानने को मिल जाता और सबसे बड़ी बात है  कि समस्याओं का समाधान मिलता है लघुकथाओं में ...।



Comments

  1. सार्थक साक्षात्कार हेतु अंजु जी और बीजेनद्र जी को हार्दिक बधाई।

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