विभा रानी श्रीवास्तव से साक्षात्कार

 जन्मतिथि   :  29 अगस्त 1960

जन्मस्थान : सीवान - बिहार

शिक्षा : बी.ए , बी. एड् , एल.एल. बी

सम्प्रति : 2016 से 'साहित्यिक स्पंदन' त्रैमासिक पत्रिका का सम्पादन

विशेष : -
-  2011 में ब्लॉग जगत से जुड़ी
–2012 से हाइकु और लघुकथा लेखन
–2014 में अपना हाइकु समूह बनायी और हाइकु पुस्तक हेतु इवेंट कराया
–2014 में ही वेब जय विजय पर लेखन शुरू किया
–हस्ताक्षर वेब पत्रिका में हाइकु चयन शुरू किया
- 2015 में *साझा नभ का कोना* हाइकु साझा संग्रह और *कलरव* सेदोका - तानका साझा संग्रह का सम्पादन किया

- 2016 में लेख्य-मंजूषा की स्थापना और लघुकथा पुस्तक का सम्पादन शुरू किया
- 2016 में हाइकु शताब्दी वर्ष में लगभग 125 हाइकुकार को शामिल कर .. *साल शताब्दी , शत हाइकुकार, साझा संग्रह* और *अथ से इति : वर्ण पिरामिड*  51 प्रतिभागियों का साझा संग्रह सम्पादित किया –छोटी-छोटी कोशिश है..

–2016 में लगभग 125-130 प्रतिभागियों की हाइकु की दूसरी पुस्तक
साल शताब्दी
शत हाइकुकार
साझा संग्रह
का सम्पादन किया

पता : -
104–मंत्र भारती अपार्टमेंट ,रुकनपुरा , बरेली रोड ,
पटना – 800014 बिहार



प्रश्न न.1 -  लघुकथा में सबसे महत्वपूर्ण तत्व कौन सा है ? 

उत्तर – यह कहना बहुत कठिन है कि एक शरीर में कौन सा अंग सबसे महत्त्वपूर्ण है फिर भी अगर एक अंग की बात तय की जाये तो वह दिल और उसकी धड़कन.. उसी तरह मैं लघुकथा में सबसे महत्वपूर्ण तत्व शीर्षक को मान रही हूँ... लघुकथा पितामह सतीशराज पुष्करणा की लिखी लघुकथा 'बोफोर्स कांड', 'अपाहिज' 'मन के सांप' को उदाहरणार्थ प्रस्तुत कर रही हूँ


प्रश्न न.2 -  समकालीन लघुकथा साहित्य में कोई पांच नाम बताओं ? जिनकी भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण है ? 

उत्तर – सैकड़ों में से सिर्फ पाँच नाम... डॉ. सतीशराज पुष्करणा, सतीश राठी, बीजेन्द्र जैमिनी , मधुदीप गुप्ता, बलराम अग्रवाल, कमल चोपड़ा


प्रश्न न.3 - लघुकथा की समीक्षा के कौन - कौन से मापदंड होने चाहिए ?

उत्तर - रंजनात्मक सरल कथानक लघुकथा लेखन के लिए श्रेष्ठ माना जाता है

-शीर्षक सटीक या अनुपयोगी/अनुपयुक्त है

–शिल्प में नयापन है कि नहीं

–लिखने की गुणवत्ता, कथानक से जुड़ा कोई महत्वपूर्ण बात छूटा न हो और न ही अनावश्यक विस्तार किया गया हो।

-समीक्षा लिखते समय यह कोशिश करनी चाहिए कि लेखन की समस्या न बता कर यह बताना चाहिए कि उसमें क्या सुधार करना है। स्व-समीक्षा सुधार की गतिविधि का हिस्सा है। समीक्षा करना लाभप्रद होता है, जिससे जो गलतियाँ या कमियाँ रही उसे सुधारा जा सकता है। उसी के आधार पर विश्वसनीयता बनी रहती है।


प्रश्न न.4 - लघुकथा साहित्य में सोशल मीडिया के कौन - कौन से प्लेटफार्म की बहुत ही महत्वपूर्ण है?

उत्तर – नया लेखन : नए दस्तखत

– लघुकथा के परिंदे

– भारतीय लघुकथा विकास मंच

– लघुकथा विश्वकोश


प्रश्न न.5 - आज के साहित्यिक परिवेश में लघुकथा की क्या स्थिति है ?

उत्तर – बेहद मजबूत स्थिति है... पाठक और लेखक दोनों की संख्या बढ़ रही है...।


प्रश्न न.6 - लघुकथा की वर्तमान स्थिति से क्या आप सतुष्ट हैं ?

उत्तर – सौ प्रतिशत सन्तुष्ट नहीं हूँ... काल के साथ परिवर्त्तनशील के साथ सन्तुष्टि कैसे आ सकती है... !


प्रश्न न.7 - आप किस प्रकार के पृष्ठभूमि से आए हैं ? बतायें किस प्रकार के मार्गदर्शक बन पाये हैं ?

उत्तर – गृहणी हूँ... सामान्य स्त्री का जीवन


प्रश्न न.8 - आप के लेखन में , आपके परिवार की भूमिका क्या है ? 

उत्तर – लेखन को सुन लेना , उपयुक्त सुझाव देना


प्रश्न न.9 - आप की आजीविका में , आपके लेखन की क्या स्थिति है ?

उत्तर – जब अपनी बी. एड. और वकालत की पढ़ाई (जो आजीविका हेतु ही की जाती है) को धन उपार्जक नहीं बनायी तो लेखन से आजीविका... 


प्रश्न न.10 - आपकी दृष्टि में लघुकथा का भविष्य कैसा होगा ? 

उत्तर - कवि - कवयित्री , लघुकथा लेखन में जुट रहे..अतः मेरी दृष्टि में लघुकथा का भविष्य उज्ज्वल है।


प्रश्न न.11 - लघुकथा साहित्य से आपको क्या प्राप्त हुआ है ?

उत्तर – मानसिक सन्तुष्टि और मनोबल ऊँचा रख पाना...!



Comments

  1. सरल सुन्दर साक्षात्कार

    ReplyDelete
  2. आप इसी तरह आगे बढ़ती रहें यही शुभकामनाएँ हैं 🙏💐💐

    ReplyDelete

Post a Comment

Popular posts from this blog

वृद्धाश्रमों की आवश्यकता क्यों हो रही हैं ?

हिन्दी के प्रमुख लघुकथाकार ( ई - लघुकथा संकलन ) - सम्पादक : बीजेन्द्र जैमिनी

लघुकथा - 2023 ( ई - लघुकथा संकलन )