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Showing posts from October, 2021
बीजेन्द्र जैमिनी द्वारा सम्पादित लघुकथा संकलन चांद की चांदनी
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बीजेन्द्र जैमिनी के सम्पादन में " चांद की चांदनी " लघुकथा संकलन का प्रकाशन जनवरी - 1990 में जैमिनी पांकेट बुक्स, पानीपत द्वारा प्रकाशन हुआ है। यह संकलन हरियाणा की प्रसिद्ध लघुकथाकार स्वर्गिय श्रीमती सरती देवी को समर्पित किया गया है संकलन में शामिल लघुकथाकार :- 01. स्व. श्रीमती सरती देवी - तरकीब 02. डॉ अशोक लव - दरार 03. बीजेन्द्र जैमिनी - फैशन 04. डॉ सुनीता शास्त्री - अग्नि परीक्षा 05. डॉ सतीश राज पुष्करण - गद्दार 06. सत्य प्रकाश भारद्वाज - आदमी 07. प्रद्युम्न भल्ला - गरीब 08. मनोज कुमार ' प्रीत ' - नया उपाय 09. रोहित गर्ग - मदारी का खेल 10. नर्मदेश्वर प्रसाद चौधरी - पुर्जा 11. सोहन लाल व्यास - काश साहिब का कुत्ता 12. कांशीराम शर्मा - धारणा 13. डॉ रामकु...
बीजेन्द्र जैमिनी का प्रथम एकल लघुकथा संग्रह प्रातःकाल
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इस संग्रह में 77 लघुकथाएं है। पुस्तक का प्रकाशन अप्रैल- 1991 में जैमिनी पांकेट बुक्स, पानीपत द्वारा प्रकाशित हुआ है। बीजेन्द्र जैमिनी की 77 लघुकथाएं के शीर्षक :- 01. रंग में भंग 02. गवाही 03. पार्टी वर्कर 04. आदर्शवाद 05. मेरा भाग्य 06. शादी का खर्च 07. वास्तविक उल्ट 08. अदालत में भ्रष्टाचार 09. वैश्या का जन्म 10. समय का उचित उपयोग 11. मेहनत बेकार 12. मजबूरी या फिर बाहाना 13. आमन्त्रित पत्र 14. दासी नहीं पत्नी 15. चाची की शादी 16. सम्मान 17. विमोचन का रहस्य 18. हड़ताल में सुरक्षा 19. धनवान और सम्मान 20. वसीयत से बेदखली 21. चालाकों की कामयाबी 22. प्रतिभा का दमन 23. इन्टरव्यू 24. पहला वेतन 25. साजिश से तलाक 26. काम की तलाश 27. शर्म 28. प्रमाण पत्र 29. प्यार की सज़ा 30. प्रभाव जमा या घटा 31. पागल और सरकार 32. गुलाम और अनमोल 33. हाथ की सफाई 34. रजाई और दादा 35. दोस्ती टूंटी : छुआछात 36. समय की बात 37. इन्सान और शैतान 38. विश्वास नहीं 39. स्वकृति 40. जन्मदिन 41. शादी और पैसे 42...
पानीपत नगर : समकालीन हिन्दी - साहित्य का अनुशीलन
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बीजेन्द्र कुमार जैमिनी **************** जैमिनी जी का जन्म 1965 में हुआ है । आपने बी. ए. , आई बी कालेज , पानीपत से तथा एम. ए. पंजाब विश्वविद्यालय , चण्डीगढ़ से उत्तीर्ण की । आपने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में उपाधि प्राप्त की है । " मुस्करान " आपका प्रथम काव्य संग्रह है । यह कृति अत्यन्त लघु आकार की है । इसमें 72 कविताओं को स्थान मिला है जो रोमांस तथा मानव - मूल्यों पर आधारित हैं। " भूमिका " में कवि लिखता है --- " ये रचनाएँ युवा वर्ग का मनोरंजन तो करेगी परन्तु भूलें भटके युवाओं को सीधे रास्ते पर लाने का प्रयास भी करेगी । समाज में फैले भ्रष्टाचार पर कवि की टिप्पणी देखिये --- " देखों -- मैं भ्रष्टाचारी हूँ रिश्वत लेकर मैं जीता हूँ ना जाने कौन , कब , किस वक्त मुझे रिश्...
हरियाणा साहित्य अकादमी द्वारा प्रकाशित साहित्यकार निर्देशिका
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पानीपत ( अकादमी ) - हरियाणा साहित्य अकादमी द्वारा प्रकाशित साहित्यकार निर्देशिका के 344 पेज है । जिसके प्रधान संपादक डॉ. कृष्णा कुमार खण्डेलवाल , मुख्य सम्पादक डॉ. श्याम सखा ' श्याम ' , सम्पादक डॉ. विजेन्द्र कुमार व सहयोग के रूप में नीलम सिंगला , मनीषा नांदल एवं मुकेश लता का नाम प्रकाशित है । जिसकी 1500 प्रतियां प्रकाशित हुई हैं । जिसका सम्पादकीय डॉ. श्याम सखा ' श्याम ' ने लिखा है । निर्देशिका में हिंदी , हरियाणवी व अंग्रेजी भाषा के लेखकों को शामिल किया गया है । सबसे पहले हरियाणा सरकार के भाषा विभाग ने 1979 में हरियाणा साहित्यकार निर्देशिका प्रकाशित की है । जिसकी 5000 प्रतियां प्रकाशित की है । जिस का सम्पादन डॉ. साधुराम शारदा ने किया था । इसके बाद जैमिनी अकादमी ( पानीपत ) ने मई 2003 में हरियाणा साहित्यकार निर्देशिका प्रकाशित की है । जिसका सम्पादन बीजेन्द्र जैमिनी ने किया है । जिसकी समीक्षा अनेक समाचार पत्र - पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई थी । बीजेन्द्र जैमिनी के सम्पादन में आल राऊंडर पत्रिका का प्रकाशन 03 जून 1990 से दिसंबर 1996 तक नौ अं...
बीजेन्द्र जैमिनी के प्रति : श्रवण कुमार वर्मा
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श्रीमती संगीता रानी द्वारा सम्पादित डॉ. बीजेन्द्र कुमार जैमिनी पर बिम्ब प्रतिबिम्ब पढा , श्री जैमिनी जी के विषय में काफी विस्तृत जानकारी प्राप्त हुई । डॉ. बीजेन्द्र कुमार जैमिनी का हिन्दी साहित्य के अभिवर्धन में सराहनीय योगदान रहा है । बड़ी तत्परता से श्री जैमिनी जी हिन्दी की सेवा में सलग्न रहे है । हिन्दी साहित्य के क्षेत्र की जा रही जैमिनी जी की अभूर्व सेवाओं के लिए साहित्य जगत जैमिनी जी का आभारी है । =========000 ======== ( 1 ) राष्ट्र भाषा की उन्नति में संलग्न रहे हैं । श्री बीजेन्द्र कुमार जैमिनी पूर्णतः निमग्न रहे हैं । लगते रहें हैं सदा चार - चाँद , मात्र भाषा में - वह अपने कर्तव्य के निर्वाहन में सदामग्न रहें ह...
बीजेन्द्र जैमिनी का पत्रकारिता में योगदान
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बीजेन्द्र जैमिनी ने 03 जून 1990 में ऑल राउंडर पत्रिका की स्थापना की थी । जो अनियमित कालीन रही है । जिसके अनेंक विशेषांक प्रकाशित हुए हैं जैसे : - बाल दिवस विशेषांक , हिन्दी दिवस विशेषांक , कविता विशेषांक , लघुकथा विशेषांक , अखिल विनय विशेषांक आदि हैं । 25 फरवरी 1995 से जैमिनी अकादमी का सम्पादन शुरू किया गया है जो आजतक नियमित से प्रकाशित हो रहा है । ' इनसे मिलिए ' स्तम्भ 1990 में आम ख्याल ( जयपुर ) से प्रकाशित होना शुरू हुआ है । जो बाद में जैमिनी अकादमी में नियमित रूप से प्रकाशित हो रहा है । इसमें पद्मश्री डॉ. शयाम सिंह शशि , भीष्म साहनी , विष्णु प्रभाकर , बाबा सहगल , हरिवंशराय बच्चन , बाबू परमानन्द ( राज्यपाल ) आदि प्रमुख है । " मेरी दृष्टि में " स्तम्भ 1990 में आर्दशवाणी ( बिलासपुर ) उत्तर प्रदेश से प्रकाशित होना शुरू हुआ है । जो बाद में हरियाणा सौरभ...
जैमिनी अकादमी के नाम श्री प्रेम शर्मा का पत्र
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दिनांक : 07 अप्रैल 2005 सख्या पी० ए० / डी ० एल ० सी ० / विविध - 3656 प्रिय श्री बीजेन्द्र जी , आपसे मेरी भेंट सुभद्रा कुमारी चौहान जयन्ती के अवसर पर जैमिनी अकादमी समारोह में हुई थी । उस दिन का समारोह अविस्मरणीय रहा और विशेषकर आप सभी प्रबुद्ध लेखकों , कवियों का सनिध्य मेरे लिए सुखकर रहा । आप द्वारा आयोजित यह समारोह वस्तुतः समस्त राष्ट्र के प्रबुद्धजनों को एक ही मंच पर लाकर परस्पर वैचारिक विनिमय का अदभुत मंच प्रदान करता है इसके लिए आप बधाई के पात्र है । ...
जैमिनी अकादमी के चार पृष्ठ चार युगों , कालों एवं दिशाओं का बोधक है
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आपकी अविरल साहित्य - साधना ने अनेक असहाय लेखकों और रचनाकारों को ,जो संजीवनी - मंत्र दिया है । वह हिन्दी साहित्य के इतिहास में सदा अमर रहेगा । मंत्र छोटे एवं सारगर्भित होते हैं फलतः उसी से मनो वंछित फल मिलता है । ठीक इसी प्रकार ' जैमिनी अकादमी ' पत्र छोटा है पर उस का दिल और साहित्य - प्रेम असीम है । इत्र एक बूंद ही सबको सुवासित कर देता है । इसी तरह जैमिनी अकादमी के चार पृष्ठ चार युगों , कालों एवं दिशाओं का बोधक है । - डॉ. कामता कमलेश बड़ा बाजार , अमरोहा - उत्तर प्रदेश - 244221 दिनांक : 08 अप्रैल 2005 पूर्व विजिटिंग प्रोफेसर : भारतीय सांस्कृतिक केन्द्र , भारत का राजदूतावास , सूरीनाम , द. अमेरिका हिन्दी सलाहकार : भारतीय ...
डॉ. बीजेन्द्र कुमार जैमिनी : बिम्ब प्रतिविम्ब
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' डॉ. बीजेन्द्र कुमार जैमिनी : बिम्ब प्रतिविम्ब ' विषयक पत्र मय प्रति प्राप्त हुआ , धन्यवाद ! डॉ. जैमिनी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व को अकं में सफलतापूर्वक समायोजित किया गया है । सचमुच डॉ. जैमिनी की साहित्य साधना व हिन्दी साहित्य प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने का प्रयास प्रशंसनीय है । कई रचनाकारों के शब्दों में डॉ. बीजेन्द्र का साहित्य दर्पण बिम्ब - प्रतिबिम्ब में बखूबी प्रदर्शित किया है । डॉ. जैमिनी साहित्य के प्रगति सोपान पर निरंतर आगे बढते हुए अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित हो , यही कामना है । हे हिन्दी साघक , तम हो प्रकाशमान कर रहे हो उजाला बह रही है साहित्य की अविरल धारा ...
जैमिनी की ये अभिलाषा
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डॉ. बीजेन्द्र कुमार " जैमिनी " के प्रति ===================== प्रखर प्रतिभा , दीर्घ भाल । समीक्षक , कवि , लेखक विशाल ।। हिन्दी के हैं , प्रबल समर्थक । प्रयास न होगा , कभी निरर्थक ।। हिन्दी बने जग की जन - भाषा । हो पूर्ण " जैमिनी " की , ये अभिलाषा ।। - टीकाराम भारद्वाज ग्राम - नाला , जिला शिमला - 1...
जैमिनी अकादमी एक लघु भारत के रूप में
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04 अगस्त 2001 को पानीपत हुडा विभाग के सामुदायिक केंद्र में आयोजित " हिन्दी सम्मान समारोह " एक ऐतिहासिक दिवस बन गया है । भारत के विभिन्न प्रांतों से आमन्त्रित विद्वानों के लिए पानीपत की जैमिनी अकादमी एक लघु भारत के रूप में अपनी अविस्मरणीय छाप छोड़ती है। निदेशक बीजेन्द्र जैमिनी द्वारा इस समारोह में चार चाँद लग गये । अकादमी की अध्यक्ष सुश्री संगीता रानी तथा श्रीमती सत्यापुरी का सहयोग भी सराहनीय था। आशा है , भविष्य में भी अकादमी इस तरह के समारोह द्वारा राजभाषा हिंदी के प्रचार प्रसार में अपना योगदान देती रहेगी । केद्रीय हिंदी निदेशालय द्वारा अपेक्षित सहयोग , मैं आपको यथा समय देती रहूंगी । सादर धन्यवाद । भवदीय हस्ताक्षर ...
बीजेन्द्र जैमिनी मेरी नजर में एक समर्पित लघुकथाकार : कान्ता रॉय
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साक्षात्कार के जरिए जो सर्वे आपने किया है वह सभी के लिए महत्वपूर्ण है। इसके लिए बहुत बहुत बधाई। एवं मुझे जो मान आप सभी ने दिया है उसके लिए भी कृतज्ञता व्यक्त करती हूँ। बहुत दिनों से बीजेन्द्र जैमिनी जी के लिए मन में कुछ बातें घूम रही थी। आज इस मौके पर कहना उचित प्रतीत हो रहा है। बीजेन्द्र जैमिनी : मेरी नजर में एक समर्पित लघुकथाकार लघुकथा के प्रति रुचि होना, पढ़ते हुए अच्छी लघुकथाओं का सार सम्भाल करने की इच्छा जागृत होना, उसके लिए विभिन्न तरीकों से विचार करने के उपरांत मूर्त रूप देने के लिए उस पर चल पड़ना, लघुकथा के लिए काम करते हुए नवीन ऊर्जा का संचार महसूस करना ही लघुकथा के लिए समर्पित एक अच्छे कार्यकर्ता की पहचान है। यह पहचान आज के कार्यों को देखते हुए नहीं बल्कि हमने बीजेंद्र जैमिनी के कार्यों में विविधता और निरंतरता देखने के बाद बनाया है। पिछले 7 सालों से लगातार लघुकथा के क्षेत्र में कुछ ना कुछ करते हुए उन्हें पाया है। कभी तो वह किसी विषय विशेष को लेकर लोगों से लघुकथाएं मंगवाते हैं और...