Posts

Showing posts from August, 2020

क्या जीवन का मूलमंत्र सहनशीलता है ?

Image
जीवन में सहनशीलता बहुत जरुरी है । बिना सहनशीलता के जीवन नंरक के समान है । सहनशीलता से ही जीवन में अनुशासन आता है । यही " आज की चर्चा " का प्रमुख विषय है । अब आये विचारों को देखते हैं : - सहनशीलता का अर्थ है सहनशील होना , सहन करना , सहिष्णुता होना है सहनशील होना मानव के जीवन का गुण है । इस गुण  को बचपन से ही संस्कार ढाल लें हमारा  वर्तमान , भविष्य दोनों टिकाऊ बनते हैं । जितने भी सन्त ,  महापुरुष हुए हैं उन्होंने इस  सहनशीलता को अपने जीवन में धारण किया है । महात्मा गांधी जी  इसकी मिसाल  हैं । उन्होंने  कहा था , कोई तुम्हें गाल पर  एक थप्पड़ मारे तो दूसरा भी आगे कर दो ।  कर्ण बचपन में धनुर विद्या सीखने के लिए भगवान परशुराम के पास पहुंच जाते हैं, लेकिन भगवान परशुराम भी सिर्फ ब्राह्मणों को ही विद्या देते थे। अब कर्ण किसी भी तरह से धनुर विधा सीखना चाहता था, तो वह भगवान परशुराम से झूठ बोलता है कि वह ब्राह्मण है। भगवान परशुराम भी कर्ण को ब्राह्मण समझकर उसे शिक्षा देने लगते हैं। जब कर्ण की शिक्षा खत्म होने वाली थी तब एक दिन उनके गुरु भगवान परशुराम दोपहर के समय कर्ण की जंघ

क्या दुश्मन को भी दोस्त बनाना एक कला हैं ?

Image
दुश्मन बनाना बहुत ही आसान है । परन्तु दुश्मन को दोस्तों  बनाना कोई आसान कला नहीं है । फिर भी मैने अपने जीवन में दुश्मन भी दोस्त बनते देखें हैं । यहीं " आज की चर्चा " का प्रमुख विषय है । अब आये विचारों को देखते हैं : -   दोस्तों अर्थात हमारी अनुकूलता के आधार पर कार्य व्यवहार करना दोस्त ।दुश्मन अर्थात हमारे प्रतिकूल के अनुरूप कार्य व्यवहार करना दुश्मन ।गलत करना दुश्मन ।सही करना दोस्त। इसी भवर में मनुष्य फंसा हुआ है। दुश्मन को भी दोस्त बनाने की कला है ।पहले जिसको आप दुश्मन समझते हो उसकी मनोदशा को जानो उसकी क्या मनोदशा है ,उसकी मनोदशा के अनुरूप अगर उसे समझाइश और स्नेह भाव से प्रेम पूर्वक मित्रवत व्यवहार किया जाए, तो एक न एक दिन दुश्मन भी दोस्त बन जाते हैं ।इस संसार में कोई किसी का दुश्मन नहीं होता हर वस्तु इस संसार में उपयोगी होने के लिए प्रगट हुए हैं। मानव तो ज्ञान अवस्था की इकाई है अर्थात मानव के पास ज्ञान है उस ज्ञान का सही पहचान ना होने के कारण लोग गलतियां करते हैं। यही गलती करने वाले दुश्मन बन जाते हैं अगर ऐन मौके पर उन्हें सही की समझ दी जाए तो कोई भी व्यक्ति इस संसा