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Showing posts from August, 2019

स्वास्थ्य मानसिकता

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स्वास्थ्य मानसिकता के लिए शुद्ध शाकाहारी खाने का प्रयोग करें । किसी के प्रति अपने मनं में नफरत मत रखें ।यहीं स्वास्थ्य मानसिकता का राज है । " मेरी दृष्टि में " खाली समय में व गुस्सा आने पर भजन , मन पंसद गीत सुनने चाहिए । ताकि मानसिक संतुलन बना रहें ।

2070 की दुनियां

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दुनिया का छोटे से छोटा काम भी मशीनों से होगा । ऐसा होना सम्भव है । " मेरी दृष्टि में " 2070 तक विश्व युद्ध होने की सम्भावना बहुत अधिक नज़र आती है । क्योंकि दुनिया मे नये नये हथियारों का जन्म हो रहा है । उसके कुछ तो परिणाम सामने आयेंगे ।

काल्पनिक क्या है ?

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मेरे ईष्ट देव भगवान श्री कृष्ण जी , गुरु भोलेनाथ जी , और मित्र श्री हनुमानजी है । जो आज तो काल्पनिक है । फिर भी मेरे जीवन में बहुत महत्त्वपूर्ण हैं । " मेरी दृष्टि में " जिसकों कभी किसी ने देखा नहीं है । वहीं काल्पनिक है । सत्य क्या है ? ना मुझे मालूम है और ना ही आपको मालूम है ।

एक अच्छा मित्र

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                           एक अच्छा मित्र आज सुबह देवी लाल पार्क में घुमते हुएं कालेज के समय का मित्र राकेश मिल गया । मैं तो उसे पहचान नहीं पाया । परन्तु उसने मुझे पहचान लिया । खूब बातें हुई । पुरानी यादें ताजा हो गई । " मेरी दृष्टि में " एक अच्छा मित्र जीवन में मिल जाऐं तो फिर किसी भी आवश्यकता नहीं रहती है । यहाँ तक भी , भगवान की आवश्यकता नहीं होती है । क्यों कि भगवान को आज तक किसी ने देखा नहीं है ।                          

चोर मचाये शोर

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आजकल के लोग " चोर मचायें शोर " की तरह हैं । जिन्हें पहचानने में मुझे देर नहीं लगती है । यहीं कारण है कि मुझे से जलने वालें कहीं भी मिल जाते हैं यानि जलने वालों की सख्या कभी कम नहीं होती हैं । " मेरी दृष्टि में " लोगों को अपने काम पर विश्वास करना चाहिए । मेरी जिन्दगी की सफलता , मेरा काम पर विश्वास है ।

बचपन का लोन

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      ये बात लगभग 1986 की है । जब मै आई . बी .कालेज में पढता था । मेरे पिताजी ने मेरे नाम से स्टेट बैंक आफ इण्डिया , इडस्ट्रीज एरिया , पानीपत से लोन ले रखा था । मेरे पिताजी ने मुझे दस हजार रुपये बैंक में जमा करवाने के लिए दिये और मैंने कालेज के खाली पीडें मे बैंक में जाकर जमा करवा दियें ।       कुछ दिनों के बाद मेरे पिताजी  बैंक में चल गये थे ।  बैंक कर्मचारी विनोद लिखा ने खाता देखकर बताया कि खाते में दस हजार रुपये जमा नहीं है । तुरंत मेरे पिताजी घर आये और मुझे से पूछताछ शुरू हुई । मैंने बैंक में जमा रसीद का हवाला दिया । परन्तु बैंक रसीद मेरे और मेरे पिताजी के बीच गुम हो गई । काफी ढूंढने पर भी नहीं मिली  और मुझे मेरे पिताजी ने बहुत पीटा , जिसके कारण से मुझे बुखार भी हो गया ।       शाम को मेरा छोटा भाई नरेन्द्र , जो नीलोखेड़ी पढता था । वह भी आ गया । उसे भी सारी बात का पता चल । वह काफी सोचने के बाद , मम्मी से बोला कि मेरा मन नहीं मानता कि भाई ने चोरी की है । मम्मी से बोला कि आप एक बार भाई को लेकर बैंक अवश्य जाये और भाई , जो तारीख बता रहा है उस की छानबीन अवश्य करें ।        अगले दि

छोटे - बडे़ काम

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         भारतीय वर्क कल्चर में छोटे - बडे़ काम की हीनभावना को त्यागना चाहिए । कोई भी काम छोटा - बेडा नहीं होता है । सिर्फ काम होता है । इस समस्या से निजात पाने के लिए काम के बाद प्रतिदिन सभी को एकत्रित होकर चाय या खाना अवश्य खाना चाहिए।         " मेरी दृष्टि में " काम में अनुशासन की बात कही जाती है । इस का अर्थ काम को छोटा - बडा साबित करना नहीं होना चाहिए । बल्कि कम समय मे अधिकतम काम होना चाहिए ।                                          

पसंदीदा डिश की आदतें

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      मुझे मूंग की दाल की खिचड़ी बहुत पंसद है । क्योंकि जल्दी पच जाती है ।शाम यानि रात के समय तो बहुत अच्छी लगती है ।       " मेरी दृष्टि में " उम्र के हिसाब से पसंदीदा डिश में परिवर्तन होता रहता है । शादी से पहले मुझे पराठें बहुत पसंद थे। पता ही नहीं चला , पराठें की आदत कब छुड़ गई । अब तो सालों हो गये पराठें खायें हुऐं ।                                                                              

सोशल मीडिया पर आपकी भूमिका क्या है ?

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                  सोशल मीडिया हर क्षेत्र में दखल रखता है । आज के तकनीक युग में हर कोई किसी ना किसी रूप से सोशल मीडिया से जुड़ा हुआ है। जिससे सोशल मीडिया का प्लेटफार्म बहुत बड़ा हो गया है । जहाँ लाभ व हानि दोनों है फिर भी सोशल मीडिया की उपयोगिता में कोई कमी नहीं है । सभी को सोशल मीडिया पर अपनी भूमिका पर ध्यान अवश्य देना चाहिए । तभी सोशल मीडिया की उपयोगिता का लाभ उठा सकेंगे । देखते है सोशल मीडिया पर विद्वानों की भूमिका : -        आज का युग  सूचना प्रौद्योगिकी का युग है। और इसमें सोशल मीडिया की भी विशेष भूमिका है। मै भी सोशल मीडिया से जुडा हूँ और प्रयास करता हूँ कि जन हित  साहित्य कला सँस्कति हिमाचल की लोक कला  लोक सँस्कति लोक भाषा को अदान प्रदान करना अपना कर्तव्य समझता हूँ। इतना ही नहीं सुख दुख मे भागीदारी निभाने मे भी अहँ भूमिका निभा रहे हैं। वर्तमान परिवेश की पहचान बन चुका है सोशल मीडिया  और मानव एक दूसरे के पर्याय बन चुके है।लेकिन सोशल मीडिया का अश्लीलता अभद्रता के लिए भी दुर्पयोग हो रहा है इसके लिए जन जागरण की आवश्यकता है तथा व्यवस्था को भी जागरूक रह कर हस्तक्षेप करना चाहिए त