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Showing posts from November, 2019

क्या व्यक्ति की अभिव्यक्ति देश से ऊपर है ?

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        देश के खिलाफ कोई भी अभिव्यक्ति कभी भी स्वीकार नहीं हो सकती है । व्यक्ति स्वतन्त्रण अवश्य है । परन्तु देश के खिलाफ अभिव्यक्ति को देशद्रोह के अंर्तगत आता है । यही हम सब को समझना चाहिए । " आज की चर्चा " में आये पेश हैं :-  ‌‌‌  व्यक्ति- व्यक्ति से देश बनता है न कि किसी एक विशेष व्यक्ति से। देश हमें सब कुछ देता है। व्यक्ति की अभिव्यक्ति देश से ऊपर कैसे हो सकती है? हां यदि उसके विचार संपूर्ण देश के हित में हैं तो उन महत्वपूर्ण विचारों पर अवश्य अमल होना चाहिए परंतु दुर्भाग्य है हमारे देश का जिसमें भ्रष्टाचार,रिश्वतखोरी व स्वार्थपन कूट- कूट के भरा पड़ा है।                                       - संतोष गर्ग, मोहाली (चंडीगढ़) जन्म के साथ ही व्यक्ति , एक नागरिक भी बन जाता है। जो उसे जीवनयापन की स्वतंत्रता तो देता हैं, साथ ही नागरिक होने के अधिकार देते हुये उसे देश के तय किये हुये संवेधानिक नियमों और मूल्यों के दायरे में रहने की हिदायतें और दायित्वों को शुचिता से निर्वहन करने को बाध्य भी करता है। तात्पर्य यह है कि पहचान के लिये वह व्यक्ति बाद में है, पहले नागरिक है।

क्या सरकारी व प्राईवेट स्कूलों की शिक्षा एक जैसी नहीं होनी चाहिए ?

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" आज की चर्चा " में विषय की उपयोगिता युवा पीढ़ी से सम्बंधित है । फिर भी सरकार इस ओर ध्यान नहीं देती है । सरकारी व प्राईवेट स्कूलों में शिक्षा एक जैसी होनी चाहिए । तभी देश में समानता आयेगी । परन्तु वर्तमान में स्थिति एक दम उलट है । आप सभी का इस ओर ध्यान आकर्षित करना ही उद्देश्य है :-   होना तो चाहिए पर कैसे हो जब दशकों से सत्ता में बैठे या उसके आसपास के लोगों ने  गगन चुम्बी शून्य सितारा से लेकर पांच सितारा तक मार्ग सुगम किया हो सरकारी स्कूलों व उसके पाठ्यक्रम में अनावश्यक हस्तक्षेप कर कम किया हो शिक्षण के अतिरिक्त अन्य कार्य वरीयता में हों तब प्रश्न सबके लिए                                               - शशांक मिश्र भारती शिक्षा का महत्व सभी के लिए समान होता है।प्राइवेट और सरकारी स्कूलों के पाठ्यक्रम एक ही होना चाहियें।बदलती परिस्थितियों में प्रतियोगिता का दौर काफी प्रबल है, ऐसे में सरकारी स्कूल के बच्चों में हीनभावना का संचार होता है।चाहे वह कितने भी होशियार हो।अनुशासन, एकता,और समरसता की भावना को देखते हुये।सरकारी स्कूलों में शिक्षा को समानता का पूर्ण अधिका

क्या संघर्ष करने से आत्मबल मिलता है ?

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" आज की चर्चा " को पढ़ने के लिए लिंक को क्लिक करें :- https://twitter.com/bijender65/status/1199880050058747904?s=19

क्या त्याग आनंद की अनुभूति देता है ?

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क्या मन ही सुख - दुःख का कारण है ?

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देश की प्रमुख समस्याएं

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देश में समस्याएं अनेक हैं फिर भी हम कुछ समस्याआें का समाधान अवश्य कर सकते हैं । " मेरी दृष्टि में " कुछ समस्याएं इस प्रकार है : - 1. बेरोजगारी की समस्या - समाधान सिर्फ एक है :- जनसंख्या पर नियंत्रण 2. मकान की समस्या - एक से अधिक मकान पर पाबंदी 3. अच्छा स्वास्थ्य - प्रत्येक जिले में मेडिकल कालेज की स्थापना :- इससे अच्छे स्वास्थ्य के साथ साथ शिक्षा और रोजगार में अपार संभावनाएं 4. न्यायपालिका में सुधार की आवश्यकता - मैजिस्ट्रेट के पास ये अधिकार होना चाहिए कि झूठा मुकदमा सामने आने पर , झूठा मुकदमा दर्ज करवाने के खिलाफ सज़ा सुनाना अनिवार्य कर देना चाहिए । 5. जाति व धर्म का प्रशासन में कोई महत्व नहीं होना चाहिए । सभी को समान अधिकार प्राप्त होने चाहिए । जो जाति व धर्म के आधार पर सभी प्रकार के कार्य आदि को अपराध की श्रेणी में लाना चाहिए ।                                         - बीजेन्द्र जैमिनी                                           @bijender65

Twitter account hack की आवश्यक सूचना

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      मेरा नाम " बीजेन्द्र जैमिनी " है ।  मुझे आज ही  पता चला है ।  किसी ने मेरा Twitter account को hack कर लिया है । जिस का user name @bijender65 है । इस पर मेरी फोटो भी लगीं है । इस Twitter पर  किसी भी प्रकार की कोई सामग्री पोस्ट की जाती है या मैसेज भेजा जाता है तो कृपया मैसेज या पोस्ट को मेरा मत समझें । इस Twitter account पर प्रमुख रूप से " आज की चर्चा "  का आयोजन होता है ।          - बीजेन्द्र जैमिनी मुख्य सम्पादक : जैमिनी अकादमी ‌हिन्दी समाचार  मेरी दृष्टि में  आज की चर्चा

नवम्बर - 2019

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- सौहार्द के साथ मन्दिर निर्माण की दिशा में सुप्रीम कोर्ट का फैसला - न्यायमूर्ति रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय पीठ ने सुनाया फैसला - 40 दिन तक सु्प्रीम कोर्ट में चलीं सुनवाई - 38 मिनट में सुनाया गया निर्णय - 1045 पन्नों में सुप्रीम कोर्ट ने दिया फैसला - राम जन्म स्थान का अंदर व बाहारी अहाता यानी पूरी जमीन गठित ट्रस्ट या बोर्ड को सौंपा जाएगा - परासरन की दलीलों ने रखीं फैसले की नीव