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Showing posts from July, 2021

समकालीन हिन्दी के प्रमुख लघुकथाकार

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" हिन्दी के प्रमुख लघुकथाकार " ( ई - लघुकथा संकलन ) का सम्पादन बीजेन्द्र जैमिनी ने किया है । जिसमें एक सौ एक लघुकथाकारों ने भाग लिया है । जो ग्यारह सौ ग्यारह लघुकथाओं का संकलन बना है । जो हिन्दी लघुकथा साहित्य में अब तक का विश्व रिकार्ड है। सभी लघुकथाकार समकालीन है । जो पूरे भारत क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करता है । जो इस प्रकार हैं : -   001. राजकुमार निजात - सिरसा - हरियाणा   002. ज्ञानदेव ' मुकेश '  - पटना - बिहार    003. डॉ. योगेन्द्र नाथ शुक्ल - इन्दौर - मध्यप्रदेश   004. अपर्णा गुप्ता - लखनऊ - उत्तर प्रदेश    005. कंचन शर्मा ' कौशिका ' - गुवाहाटी - असम   006.  डॉ. मिथिलेश दीक्षित - लखनऊ - उत्तर प्रदेश   007. ज्योतिर्मयी पंत - गुरुग्राम - हरियाणा    008. सीमा वर्मा - लुधियाना - पंजाब   009. सरला मेहता - इन्दौर - मध्यप्रदेश   010. अशोक दर्द - चम्बा - हिमाचल प्रदेश   011. विजय ' विभोर ' - रोहतक - हरियाणा    012. डॉ. चन्द्रावती नागेश्वर - रायपुर - छत्तीसगढ़    013. रीतु प्रज्ञा - दरभंगा - बिहार   014. डॉ. मंजुला हर्ष श्रीवास्तव ' मंजुला ' - रायपु

सावन के अवसर पर कवि सम्मेलन

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जैमिनी अकादमी द्वारा ऑनलाइन कवि सम्मेलन इस बार " सावन "  के अवसर पर  फेसबुक पर   रखा गया है । जिसमें विभिन्न क्षेत्रों के कवियों ने भाग लिया है । विषय अनुकूल कविता के कवियों को सम्मानित करने का निर्णय लिया है । जो इस प्रकार हैं : - बिन तुम्हारे सजन ************** बिन तुम्हारे सजन,कुछ भी न भाए मन सूना लगता सावन, मन को जला रहा। कैसे मैं करूं सिंगार,घर नहीं भरतार उनके बिना तो कुछ, मुझे नहीं भा रहा। पड़ रही जो फुहार,कर रही तीखा वार, पानी ये बरसता जो,तन दहका रहा। बढ़ रही है अगन, घटती नहीं जलन सावन पिया के बिन,सूना बीता जा रहा। बिंदिया काजल लाली,चूड़ी और महावर बिछुआ,पाजेब आदि,लगते बेकार अब। है तनाव सीमा पर,आ रही यह खबर, मन जाता डर डर, खुशहाल हो सब। घर लौट आए प्यार,तभी करूं मैं सिंगार, बस तेरा इंतजार,घर आओगे कब। करूं प्रार्थना भजन,घर आ जाए सजन, करवाइए मिलन,लौट आए प्यार रब। -  डॉ.अनिल शर्मा 'अनिल' धामपुर - उत्तर प्रदेश =================== मनमोहक सावन ************* रिमझिम  बारिश है,  रस की फुहार है।  जल से ही जीवन है,  जल से संसार है।  बारिश