कवित्री : डॉ आरती बंसल प्रकाशक प्रगतिशील प्रकाशन एन - 3/25, प्रथम तल, मोहन गार्डन नई दिल्ली - 110059 संस्करण : 2016 " आसमान है नीला क्यों " पुस्तक में 37 बाल कविताएं है । डा आरती बंसल के नन्हें मास्तिष्क में उपजें सवाल जवाबों को ज़िन्दगी ने मूर्त रूप को शब्द बद्ध व लय बद्ध किया है। जिस में प्राकृतिक के विभिन्न रूप जैसे :- बरखा आई, आसमान है नीला क्यों, सुबह, खेत, गर्मी की छुट्टियां, सर्दी, हवा का झोंका, पेड़ आदि कविताओं में देखने को मिला है । बाल कविताएं में प्राकृतिक का चित्रण होता ही है। यही डॉ बंसल ने किया है। पशु पक्षी का चित्रण डॉ बंसल ने अपनी कविताओं में मेंढक, चिड़िया, मोर, प्यासा कौआ, भूखी लोमड़ी, जंगल का राजा आदि में देखने को मिला है। वहीं जीवन के विभिन्न रिश्तें मेरा भाई, छोटी आशी, दादी, दादा, नानी, आदि का चित्रण किया है। डॉ आरती जी ने बाल मन की चंचलता, जिज्ञासा, मासूमियत को बहुत सुंदर शब्दों का प्रयोग किया है। सभी कविताओं में शिक्षा भी दी गई है तथा सभी कविताओं के साथ