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Showing posts from July, 2019

जय भोलेनाथ नमः

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     सावन का महीना प्राकृतिक दृष्टि से हरा भरा होता है । जिस का अनुभव सभी जीव जन्तु करते है । इस महीनें में नाग पंचमी , रक्षाबंधन , तीज ,शिवरात्रि आदि आते हैं । सावन को भोलेनाथ का महीना भी कहते हैं । इस महीने में कावडिय़ों का मेला हरिद्वार से चारों ओर देखने को मिलता है । कोई कावड़ लेकर आता है कोई कावडिय़ों की सेवा में लगा होता है । इस तरह से हर कोई इस महीनें में भोलेनाथ की सेवा करता है । यह हिन्दुओं को पवित्र महीना कहाँ जाता है ।      सावन में अनेंक कवियों ने गीत आदि लिखे है और वर्तमान में भी लिख रहें हैं । वर्तमान के कुछ कवियों को पेश किया जाता है :-                                 सावन है आया                                                - शशांक मिश्र भारती                                              शाहजहांपुर - उत्तर प्रदेश बम बम भोले कोई शिव बोले सावन है आया । सिर पे जटा हैं चंदा की छटा है गंगा को समाया । सावन है आया शिव की शक्ति है मन में भक्ति है सावन जो लाया । सावन है आया हे ओंकारेश्वर हे महाकालेश्वर सबको है भाया । सावन है आया काल

परम सत्ता पाक्षिक

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19 वर्षों से प्रकाशित हो रही पाक्षिक में सिर्फ - सिर्फ भगवान को प्रकट होने की पुकार की गई है । यह एक अभियान के रूप में चलाया जा रहा परम सत्ता पाक्षिक पत्रिका है । सम्पादक : पवनकुमार चौधरी  987 , दादी सेठ अग्यारी लेन  मुम्बई - 2  वाट्सएप मोबाइल 9076006700 वार्षिक शुल्क : बीस रूपये

भारतीय संस्कृति में प्रेम विवाह की चुनौतियाँ

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          विवाह ऐसा संस्कार है जो सिर्फ मनुष्य जाति में ही विधमान है । जो मनुष्य को जानवर होने से बचाती है ।       जैमिनी अकादमी , पानीपत - हरियाणा ने  " भारतीय संस्कृति में प्रेम विवाह की चुनौतियाँ " परिचर्चा का आयोजन किया है । जो वर्तमान समय में बहुत ही विवादित विषय है । यहां पर कुछ विद्वानों के विचारों को देखा जाएं :-                                    बाड़मेर - राजस्थान से कुमार जितेन्द्र लिखते है कि वर्तमान परिस्थितियों में देखा जाए तो प्रेम विवाह को विरोध भावना, भारतीय संस्कृति के विपरीत दृष्टिकोण की नजर से देखा जा रहा है l जबकि प्रेम विवाह ..... दो आत्माओ के प्रेम के प्रतीक को मिलन करवाता है l तथा भविष्य की मुस्कराती जिंदगी को सही - गलत की राह दिखाता है l परन्तु वर्तमान में इसका घोर विरोध किया जा रहा है l क्या किसी से प्रेम करना गलत है... कोई किसी के साथ स्वतंत्रता से रह नहीं सकता है l... कब तक किसी को बाध्य करोंगे... रूढ़िवादी बेडियो से.... अब तो आजाद रहने दो... दो प्रेमी को...कोई कहता है प्रेम विवाह... अधिक समय तक टिक नहीं सकता है....अरे पहले प्रेम विवाह