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Showing posts from February, 2020

हरियाणा सृजन उत्सव यात्रा का पानीपत में स्वागत

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 सृजन यात्रा का पानीपत पहुंचने पर हाली पानीपती ट्रस्ट  तथा उनके सहयोगी अन्य संगठनों ने प्रसिद्ध उर्दू शायर तथा समाज सुधारक ख्वाजा अल्ताफ हुसैन हाली की मजार पर एक संगोष्ठी आयोजित कर स्वागत किया गया । इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि हाली पानीपती उर्दू साहित्य के पहले समीक्षक हैं, जिनका उर्दू साहित्य पर गहरा प्रभाव रहा। वह मिर्जा गालिब के अभिन्न मित्रों में से एक थे और उन्होंने अनेक विधाओं में साहित्य रचना की और अपने समाज में जागरूकता का मार्ग प्रशस्त किया। वह विश्व शांति, राष्ट्रीय एकता तथा महिला सशक्तिकरण के समर्थक थे। जिन्होंने अपने साहित्य एवं शायरी के माध्यम से समाज के  जागतिक मुद्दों को उजागर किया। यह नगर न केवल हाली की जन्मभूमि  है अपितु पुण्यभूमि भी है । हाली पानीपती ने संयुक्त पंजाब में लड़कियों का स्कूल खोलकर शिक्षा की  मशाल जलाई। युगो युगो तक उनका नाम स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा। यात्रा के संयोजक डॉ सुभाष चंद्र ने कहा कि 29 फरवरी   को यह  सृजन यात्रा पानीपत में हजरत बू अली शाह कलंदर व हाली पानीपती  को अपनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि यह यात्रा करनाल, रोहतक, झ

क्या हमें अपने आसपास के पेड़- पौधे की सेवा अवश्य करनी चाहिए ?

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हर इंसान को अपने आस- पास के किसी भी पेड़ - पौधे को सुखने नहीं देना चाहिए । खासकर गर्मी में अवश्य ध्यान देना चाहिए । तभी आस- पास का वातावरण हरियाली युक्त सम्भव हो सकता है । हरियाली से हमारे स्वास्थ्य पर अनुकूल प्रभाव पड़ता है । यही " आज की चर्चा " का विषय रखा गया है । अब आये विचारों को भी देखते हैं : -  सेवा शब्द का मूल्य ही अपने आप में काफी महत्व रखता है। चाहे वह इंसानों की हो या पर्यावरण पेड़, पौधों की, पेड़ पौधे ही हमारा जीवन है।और पेड़-पौधे हमारी एक अमूल्य धरोहर है। इसे बचाना इसकी सेवा करना हर मानव का धर्म है। पेड़ों से हमें ऑक्सीजन मिलती है। आज के समय में पॉल्यूशन  चारों और फैला हुआ है।ऐसे में प्रकृति को बचाना हर मानव का धर्म है। यदि आज हम इसको अनदेखा करते हैं।तो आने वाले समय की स्थिति बहुत ही भयावह हो जाएगी और आने वाले समय में इसका परिणाम बहुत ही कष्टदाई हो जाएगा। ऐसे में हमें पर्यावरण की और दुर्लक्ष नहीं करना चाहिए। उसे बचाने का हर संभव प्रयास करना चाहिए। और आने वाली पीढ़ी को भी यह शिक्षा देनी चाहिए। कि पेड़ पौधे ही हमारा जीवन है। यदि पेड़ों का जीवन नष्ट हो गया तो,

क्या क्रोधी व्यक्ति का व्यवहार मूर्खतापूर्ण होता है ?

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क्रोधी व्यक्ति के पास संयम नहीं रहता है । जिसके कारण से  वह अपने ऊपर नियंत्रण खो देता है । वह ना चाहते हुए भी कुछ भी कर जाता है । यह स्थिति मूर्खतापूर्ण कहीं जा सकती है । यही कुछ " आज की चर्चा " का प्रमुख विषय है । अब आये विचारों को देखते हैं : - क्रोध मानव मस्तिष्क का नकारात्मक व्यवहार है ।जो लोग गंभीर नहीं होते वो छोटी-छोटी बातों में नाराज होकर उसे बिना सोचे समझे विराट रूप दे देते हैं और अभद्र व्यवहार करने लगते हैं ।उनका रक्तचाप इतना बढ़ जाता है कि उनके लिए स्वयं को काबू करना मुश्किल हो जाता है ।वे अपने को सही साबित करने के लिए इतने उत्तेजित हो जाते हैं कि मूर्खतापूर्ण व्यवहार करने लगते हैं।गाली-गलौच, हाथापाई, दोषारोपण कर सामने वाले को गलत ठहराने की पूरी कोशिश करते हैं ।यहाँ तक कि वो बीती बातें भी दोहरा कर दूसरे को बेइज्जती करने में पीछे नहीं हटते ।जब क्रोध की पराकाष्ठा हो जाती है तो व्यक्ति अपना मानसिक संतुलन खो कर मूर्खतापूर्ण व्यवहार करने लगता है और आपे से बाहर हो जाता है । - सुशीला शर्मा जयपुर - राजस्थान सब कुछ बनना क्रोधी मत बनना क्योंकि क्रोध में मनुष्