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Showing posts from July, 2017

वेदांग ज्योति मासिक पत्रिका

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प्रधान सम्पादक : ब्रह्मर्षि प. नारायण शर्मा कौशिक              सालासर पंचागं , सारडा बाजार              मेड़ता सिटी, जि. नागौर (राज)     वेदांग ज्योति पत्रिका में ज्योतिष, तंत्र, वास्तु , आयुर्वेद, हस्तरेखा तथा मानव कल्याण से सम्बंधित सामग्री प्रकाशित होती हैं। 1991 से नियमित रूप से प्रकाशित हो रही है। सम्पादकीय में पत्रिका के विभिन्न पहलुओं की जानकारी मिलती रहती है। पत्रिका में कविताएं भी प्रकाशित होती हैं। हर साल जंत्री विशेषांक प्रकाशित होता है। पत्रिका का कवर पेज कलर होता है।          पत्रिका के संपादक ज्योतिष , आयुर्वेद , तथा तंत्र विद्या के सफल विद्वान है। इन की अनेक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। जैमिनी अकादमी ( पानीपत ), खानकाह सूफी दीदार शाह चिश्ती ( कल्याण - ठाणे ), अ . भा. पत्रकार मंच (दिल्ली ),  अ.भा . साहित्य सांस्कृतिक कला संगम ( परियावा - प्रतापगढ़ - उत्तर प्रदेश ) , अ. भा. ज्योतिष वनस्पति तंत्र शोध केन्द्र ( भैरवगढ़ - छ.ग ) , अ .भा. पत्रकारिता संगठन (पानीपत- हरियाणा ) आदि संस्थाओं से सम्मानित हो चुके है।          हिन्दु संस्कृति की पत्रिकाओं में से एक है जो ज्योतिष

31 जुलाई

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पानीपत

जुलाई - 2017

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जैमिनी अकादमी समाचार पत्र पेज़ नं 2 पेज़ नं 3   पेज नं 4

30 जुलाई

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पानीपत

अजन्ता साप्ताहिक समाचार पत्र

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             सम्पादक : ऋषि मामचन्द कौशिक                 19-1-990 , गोल्ला खिड़की                    हैदराबाद - 500264                           आन्धप्रदेश        अजन्ता हिन्दी साप्ताहिक लघु समाचार पत्र के आठ पेज में होता है। जिसमें अधिकतर समाचार हैदराबाद के ही होते हैं। परन्तु हिन्दी साहित्य का रूप अखिल भारतीय स्तर का देखने को मिलता है। सम्पादकीय में बहुत कुछ प्रकाशित होता है यह स्थानीय के साथ साथ राष्ट्रीय तथ्यों पर आधारित होता है। काव्य के अतिरिक्त पुस्तकों की समीक्षा भी होती है। विभिन्न संस्थाओं की प्रतियोगिता के विवरण भी प्रकाशित होते हैं। फिल्मी समाचार भी देखने को मिलते रहते हैं। यह समाचार पत्र देखने में राष्ट्रीय स्तर का लगता है जो राजनीति समाचार होते हैं। वह राष्ट्रीय स्तर के होते हैं।        यह समाचार पत्र पचास वर्ष से अधिक समय से प्रकाशित हो रहा है। जिस का आर. एन.आई . 10781/64 HSE31 है। इस पत्र के संपादक ऋषि मामचन्द कौशिक को जैमिनी अकादमी का " सम्पादक-रत्न " सम्मान दिया जा चुका है। यह पत्र अ. भा. पत्रकारिता सगंठन का भी सदस्य है। कभी कभी रंगीन कलर में भी प्रकाश

29 जुलाई

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पानीपत

शुभ तारिका हिन्दी मासिक पत्रिका

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        सम्पादक : श्रीमति उर्मि कृष्ण   " कृष्णदीप " ए -47, शास्त्री कालोनी          अम्बाला छावनी - हरियाणा    प्रबुद्ध पाठकों तथा शब्दकर्मियों की अग्रणी हिन्दी मासिक पत्रिका में सम्पादकीय के अतिरिक्त लेख, परिचर्चा, कहानी, व्यंग्य, लघुकथा, कविता के विभिन्न रूप, परिचय, आदि साम्रगी भरपूर मात्रा में होती है।      स्थायी स्तम्भ के अंतर्गत पत्रम पुष्पम, आत्मा का भोजन, सबरंग, लल्लूनामा, पत्र-पत्रिकाएं, पुस्तकें तथा साहित्यिक समाचार होते हैं। पत्रम पुष्पम में पाठकों के पत्र प्रकाशित होते हैं जो पत्रिका की साम्रगी पर  विचार होते हैं। सबरंग में प्ररेक प्रसंग, बोध कथा, सूक्तियां आदि तथा लल्लूनामा में अछूते चुटकुले प्रकाशित होते हैं। आत्मा का भोजन में विभिन्न रूप में जीवन की सच्चाई पेश की जाती है। कहानी लेखन महाविद्यालय के नवोदित साहित्यकारों को मंच प्रदान करने में यह पत्रिका अहम भूमिका निभा रही है। इस महाविद्यालय के सदस्य आज सरकारी संस्थाओं के निदेशक बन रहें हैं। यह पत्रिका तथा महाविद्यालय की बहुत बड़ी सफलता है। महाविद्यालय के सदस्यों के सम्मान, पुस्तकों की समीक्षा, विमोचन की जानक

28 जुलाई

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पानीपत

27 जुलाई

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पानीपत

त्रिवाहिनी त्रैमासिक पत्रिका

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               सम्पादक : त्रिलोक चपल                   ओम साहित्य कुटीर                   188 /5 , गांधी नगर                     जीन्द - हरियाणा     त्रिवाहिनी हिन्दी पत्रिका विशेष रूप से भारतीय साहित्य के विभिन्न रूपों में देखा जा सकता है। नियर्मित रूप से सम्पादकीय पढ़ने के लिए मिलता है। काव्य, कहानी, बाल साहित्य, व्यंग्य, चिंतन, लघुकथा आदि हर अंक में होते हैं। " आप की डाक " के अन्तर्गत पाठकों के पत्र प्रकाशित किये जातें हैं। यह पत्रिका की सफलता का गुणगान करते नजर आते हैं। समय समय पर विशेष लेख प्रकाशित होते हैं जो समकालीन होते हैं। हिन्दी भाषा के प्रति प्यार स्पष्ट रूप से नंजर आता है। हिन्दी भाषा पर लेख व कविता के विभिन्न रूपों में देखें जा सकतें हैं। साहित्यिक गतिविधियां के अन्तर्गत साहित्य समाचार प्रकाशित होते हैं जैसे :- साहित्य सम्मान समारोह, पुस्तक विमोचन कार्यक्रम, विभिन्न संस्थाओं के पुरस्कारों के लिए प्रविष्टियां आदि होते हैं। हिन्दी साहित्य की विभिन्न पुस्तकों की समीक्षा को भी सहज़ रूप से प्रकाशित किया जाता है। साहित्य सरोवर में प्रकाशित पुस्तकें , पत्र - पत्रिक

26 जुलाई

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पानीपत

25 जुलाई

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पानीपत

साप्ताहिक कलम मांगे इन्साफ समाचार पत्र

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             संपादक :  सय्यद रमजान अली              दादमहाल वार्ड नं. १ जेल के पिछे                रजा चौक , चंद्रपुर , महाराष्ट्र   17 साल से प्रकाशित हो रहा साप्ताहिक कलम मांगे इन्साफ हिन्दी / मराठी है। चंद्रपुर जिले के समाचार प्रमुख से प्रकाशित होते हैं। सम्पादकीय का विषय हर बार रोचक तथा तथ्यों पर आधारित होता है। चर्चा - ए - मसाला अपने आप अनूठा है इस कालम की रोचकता विषय के अनुरूप होती है। यह कालम पाठकों को विशेष रूप से प्रभावित करता है।   समाचार पत्र के संपादक जैमिनी अकादमी से सम्मानित है। सम्पादक महोदय राजनीति व समाजसेवी संस्थाओं से जुड़े हुए हैं।  पत्र नियमित रूप से प्रकाशित हो रहा है।

24 जुलाई

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पानीपत

23 जुलाई

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पानीपत

22 जुलाई

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पानीपत

एेतिहासिक विजय से देश के सर्वोच्च पद पर पहुंचे श्री केविंद

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पानीपत - योग्यता, सादगी और सरलता के तौर पर पहचान रखने वाले एक प्रतिष्ठित व्यक्ति देश के सर्वोच्च पद के लिए चुने गए हैं। यह सरल और विद्वान व्यक्ति की ऐतिहासिक जीत है और मेरे लिए ये आनंद के पल हैं। ये  बाते हरियाणा के संसदीय मन्त्री प्रो. रामबिलास शर्मा ने आज यहां कही है । उन्होंने कहा कि फिर से कलाम जैसे एक विद्वान और सरल व्यक्ति के व्यक्तित्व से राष्ट्रपति भवन शोभायमान होगा। राष्ट्रपति पद के लिए डाले गए वोटों की गणना हुई, जिसमें श्री रामनाथ कोविंद भारी बहुमत से विजयी रहे। उनकी विजय से जहां भाजपा में खुशी है वहीं उनके साथ काम कर चुके नेताओं में भी खुशी है। उन्होंने कहा कि वे कटुता से परे, वचिंतो के उत्थान के लिए कटिबद्ध हैं और इससे देश को फायदा मिलेगा। उन्होंने कहा कि अध्ययन उनका स्वभाव है और मुस्कान उनका गहना रहा  है। उन्होंने कहा कि उनका साहचर्य किसी के लिए भी आनन्ददायक उपयोगी सहयोगी हो सकता है। वे  किसी भी तरह से कठिनाई पैदा करने  वाले नहीं हैं। वे हर समस्या का समाधान करने वाले हैं। उन्होंने कहा कि आजीवन उन्होंने गरीबो, किसानो, वंचितो,दलितों, पिछड़ों की प्रबल आवाज उठाई है। परंतु यह

सुपर इण्डिया हिन्दी साप्ताहिक समाचार पत्र

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       सम्पादक : राजनारायण पुष्पजीवी          परियावा, प्रतापगढ़ - 230403                                    उत्तर प्रदेश     1982 से प्रकाशित हो रहे " सुपर इण्डिया हिन्दी साप्ताहिक " वर्तमान में आठ पेज में प्रकाशित हो रहा है। जिस में राष्ट्रीय तथा अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के समाचार के साथ साथ फिल्म समाचार भी होते हैं।        कविता, लघुकथा तथा अन्य साहित्य भी समय समय पर प्रकाशित होते रहते हैं। प्रमुख समाचार को विश्लेषण को लेख के रूप में प्रकाशित किया जाता है।        इस लघु समाचार के संस्थापक श्री वृन्दावन त्रिपाठी ' रत्नेश ' जी है। जिन को साहित्यकार के रूप में सभी जानते हैं। साहित्यिक सांस्कृतिक कला - संगम अकादमी के माध्यम से पत्रकारों, कलाकारों तथा साहित्यकारों को सम्मानित करते रहते हैं। ये वार्षिक समारोह भी करते हैं।

21 जुलाई

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पानीपत

20 जुलाई

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पानीपत

हिन्दुस्तानी भाषा भारती पत्रिका

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                सम्पादक : सुधाकर पाठक                 हिन्दुस्तानी भाषा अकादमी                    3675, राजा पार्क , रानी बाग                     दिल्ली - 110034     हिन्दुस्तानी भाषा भारती त्रैमासिक पत्रिका भारतीय भाषा और संस्कृति के प्रचार-प्रसार को समर्पित है। पत्रिका में साहित्यकार आदि के साक्षात्कार हर अंक में होता है। हिन्दी सेवी संस्था के भी परिचय प्रकाशित होते हैं। राजभाषा से संबंधित लेख भी होते हैं। समकालीन साहित्य पर भी विवेचना होती रहती है। पुस्तक समीक्षा भी प्रकाशित होती हैं। कविताएं , अनुवाद भी देख जा सकतें हैं। यह हिन्दुस्तानी भाषा अकादमी की मुख्य पत्रिका है इसलिए पत्रिका में अकादमी के प्रकाशन तथा अन्य गतिविधियों को प्रमुखता से प्रकाशित किया जाता है।

19 जुलाई

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पानीपत

पंचायतन पत्रिका

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         सम्पादक : डां जगदीश प्रसाद लवानिया                            प्रभुशरण                           म. न. 232 , फेस -2                      आशीष रोयल पार्क                            बरेली - उत्तर प्रदेश     पंचायतन त्रैमासिक पत्रिका  साहित्य, कला , संस्कृति, मानदिकी, समाज विज्ञान संदर्भ की अन्तश्चेतनात्मक  विषय वस्तु लेकर पाठकों के सामने आने के उद्देश्य की पूर्ति करती है।  पत्रिका के संपादक डा जगदीश प्रसाद लवानिया प्रख्यात कवि एवं लेखक हैं। इन का परिचय  हर अंक में होता है। सम्पादक महोदय की अनेक पुस्तकें प्रकाशित हैं अनेक पुरस्कार मिल चुके हैं। अनेंक पुस्तकों का सम्पादन भी किया है।        पत्रिका में अधिकतर शोधपूर्ण लेख प्रकाशित होते हैं। जो साहित्य तथा समाज के विभिन्न क्षेत्रों की विवेचना प्रस्तुत करते है। यह लेख परिवार के हर सदस्य के लिए कहीं ना कहीं उपयोगी साबित होते  हैं। पत्रिका में कविताएं तथा लघुकथा भी अपना स्थान बना लेती है। पत्रिका के सदस्यों के समाचार प्रकाशित होते हैं। यह पत्रिका की विशेष उपलब्धि है। पत्रिका पिछले दस साल से प्रकाशित हो रही है।  

परिवार में बेटी

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         "पापा ! दीदी की मृत्यु को  एक साल से भी अधिक हो गया है। परन्तु आप ने दीदी की कापीयां - क़िताबें अब तक क्यों संभाल कर रखीं हैं ? दीदी अब जिन्दा होकर आने वाली नहीं है जो आगे पढ़ने के लिए ......! " कहते हुए कालिया रों पड़ता है।          अन्दर से मां आती है। कालिया को चुप करवातीं है और अपने साथ अन्दर ले जाती है।          पापा , बेटी की कापियां-किताबें को देख कर ,अब भी गुम सुम से है। बेटी को स्कूल जाते कुछ लड़कों ने अपहरण कर के बलात्कार के बाद हत्या कर दी थी। पापा अब भी सोच रहा है । अगर बेटी को स्कूल ना भेजता तो बेटी  भी जिन्दा होती .....! पापा ने ही बेटी को स्कूल भेजने के लिए परिवार पर दबाव बनाया था। पहले परिवार में बेटी स्कूल नहीं जाती थी ।

18 जुलाई

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पानीपत

17 जुलाई

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पानीपत

गोहाना मोड़ पर गौशाला मन्दिर

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लगभग 50 वर्ष पूर्व जी टी रोड पर मन्दिर का निर्माण किया था । शुरू में शिवालय की स्थापना हुई है। उसके बाद गौशाला भी बन गर्इ है। मन्दिर में अब विभिन्न देवी-देवताओं की मूति स्थापना हो चुकी है। मन्दिर में धर्मशाला भी बन गर्इ है। जिसे गौशाला मन्दिर के नाम से जाना जाता है।      मन्दिर का संचालन हेतु गौशाला कमेटी बन गई है। यह जी टी रोड पर गोहाना रोड के नजदीक है। आस पास की कालोनी सहित पास के गांवों से भी श्रद्धालु पूजा पाठ करते है। आने जाने की कोई  परेशानी नहीं है। रिक्शा , आटों व अपने वाहन आदि मन्दिर आ जा सकतें हैं  । रेलर्व स्टेशन तथा बस स्टैंड से  लगभग एक किलोमीटर का रास्ता है। वर्तनमान में मन्दिर को आधुनिक रूप दिया जा रहा है। जन्म अष्टमी तथा शिव रात्रि पर कांवड़ियों का मेला देखने लायक होता है। मन्दिर का पूजारी लगभग 22 वर्ष से प्यारेलाल जी है। गौशाला में गाय की पूजा प्रतिदिन होती है। गऊओं की सेवा गौशाला का मुख्य कार्य है।     

16 जुलाई

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पानीपत

15 जुलाई

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पानीपत

14 जुलाई

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पानीपत

13 जुलाई

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पानीपत

गीता कालोनी में गीता मन्दिर

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03 जुलाई 1964 को स्वामी गीतानन्द जी की प्रेरणा से गीता मन्दिर की स्थापना हुई है। मन्दिर में शिवालय की स्थापना की गई है। साथ में ही शिव भगवान की बड़ी प्रतिमा  भी है। अन्य देवी-देवताओं की भी प्रतिभा स्थापना हुई।              मन्दिर में ही गरीब बच्चों के लिए  प्राइमरी स्कूल चलता है। वहीं डिस्पेंसरी भी मन्दिर परिसर में चल रही है। 13 से 15 मार्च तक मन्दिर में सालाना कार्यक्रम होता है। वृन्दावन के स्वामी अवशेषानंद जी की देखरेख में मन्दिर की कमेटी मन्दिर का संचालन करती है।              आंटो या रिक्शा से गीता कालोनी पहूंच कर मन्दिर पहूंच सकते हैं । रेलवे रोड के साथ ही गीता कालोनी में स्थित गीता मन्दिर है। यह शहर के बीचों बीच जी टी रोड के साथ ही है । इस लिए चारों ओर से गीता मन्दिर पहुंचना बहुत ही आसान है।  हिन्दुओ  के किसी भी त्योहारों पर मन्दिर की रोनकं देखने लायक होती है।

12 जुलाई

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पानीपत

मंगल कलश स्थापना हेतु शोभा यात्रा

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पानीपत - श्री दिगंबर जैन मंदिर, जैन महोल्ला, पानीपत के प्रांगन में वात्सल्य रत्नाकर आचार्य श्री 108 विमल सागर जी महाराज की सुशिष्या आर्यिका रत्न 105 नंगमति माताजी एवं आर्यिका श्री 105 विजित मति माताजी के मंगल चतुर्मास हेेतु मंगल कलश स्थापना महोत्सव का आयोजन धूमधाम से आयोजित किया गया ।          सर्वप्रथम प्रातः की बेला में श्री जी का अभिषेक एवं पूजन किया गया है साथ ही हरियाणा सरकार के पूर्व मंत्री श्री ओमप्रकाश जैन द्वारा ध्वजारोहण किया गया है।         तत्पश्चात् धूमधाम से शोभायात्रा का आयोजन किया गया । जिसमें सौभाग्यवती महिलाओं द्वारा  कलश शोभायात्रा में प्रभु का गुणगान किया गया । नगर भ्रमण के बाद शोभायात्रा कार्यक्रम स्थल पर पहुंची । कार्यक्रम की शुरुआत सौरव जैन द्वारा मंगलाचरण के साथ की गई । तत्पश्चात् श्री राजेन्द्र जैन, श्री दीपक जैन, श्री विजेन्दर जैन, पंडित श्री सुरेश चंद जैन, श्री रविंद्र जैन,  श्री सुनील जैन, श्री रामभज जैन आचार्य श्री विमल सागर जी महाराज के चित्र अनावरण व दीप प्रजवलन का  सौभाग्य प्राप्त किया एंव श्री दिनेश जैन, श्री सुशील जैन, श्री प्रेम चंद जैन को गुरू चर