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Showing posts from April, 2017

हिंदी प्रचारक पत्रिका

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       संस्थापक सम्पादक : स्व कृष्णचन्द्र बेरी            हिन्दी प्रचारक पब्लिकेशन्स प्रा.लि .                 सी. 21/30 पिशाचमोचन ,                  वाराणसी - 221010 उ . प्र.      वर्तमान में विजय प्रकाश बेरी तथा अनिल बेरी के सम्पादन में प्रकाशित हो रही पत्रिका में लेखन प्रकाशन का लेखा जोखा होता हे। यह मासिक पत्रिका पिछले 44 वर्ष से प्रकाशित हो रही है। संपादक के नाम पत्र भी प्रकाशित होते हैं । प्रकाशित अंक माह में पड़ने वाले साहित्यकार - पत्रकार के जन्म दिन पर परिचय विवरण प्रकाशित होते हैं। प्रचारक बुक क्लब योजना के अन्तर्गत प्रकाशित पुस्तकें दी होती हैं। अतीत के झरोखे से में पत्रिका के पुराने अंक के विवरण होते हैं। समाचार में समारोह के विवरण प्रकाशित होते है। पत्र पत्रिका तथा पुस्तकें की समीक्षा आदि भी प्रकाशित होती है। साहित्यकार पत्रकार के शोकं समाचार दिये जाते हैं। अपने कार्य में अखिल भारतीय स्तर की भूमिका निभाती है।

यादों की यात्रा

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      लेखक का नामः डा. ए. पी. जैन       प्रकाशकः कैलाश-ज्योति प्रकाशन     10, सुखदेव नगर, पानीपत-132103                मूल्यः तीन सौ रुपये                प्रथम संस्करणः 2016       आर्य पी.जी. कालेज, पानीपत के भू.पू. प्रधानचार्य डा. ए. पी जैन ने अपनी आत्मकथा पुस्तक रूप में " यादों की यात्रा " पेश की है। ये पुस्तक पढ़ने में डायरी जैसी लगती है परन्तु लेखक ने कलम के साथ न्याय किया है। पुस्तक में लेखक मुख्य रूप से अपने दो चेहरें में नज़र आया है प्रथम शिक्षक के रूप में द्वितीय साहित्य सेवा के रूप में । परन्तु लेखक ने अपनी आत्मकथा में आरंभिक जीवन से लेकर विघार्थी , शिशक, प्राचार्य एवं साहित्य सेवा के क्षेत्रों को सामने लाने का प्रयास किया है। इस पुस्तक के कुछ भाग श्री एन. डी. निर्मल ने अपने " खिलते कमल " समाचार पत्र में प्रकाशित कर चुके है। इन का हौसला बढाने में डा. कुमार पानीपती, श्री दीप चन्द्र निर्मोही, डा. राणा गन्नौरी , डा. दर्शन लाल आज़ाद, श्री बी. एन. गोयल, श्री कमलेश शर्मा, के अतिरिक्त विधिश्री पवन मनमौजी , डा. राजेन्द्र रंजन चतुर्वेदी, डा. निरंजन सिहं योगम

अध्यात्म अमृत द्विमासिक पत्रिका

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प्रधान सम्पादकः श्री कृष्णचन्द्र टवाणी प्रकाशकः ज्ञानमंन्दिर , सिटी रोड़,              मदनगंज-किशनगढ़ (राज.) 305801     द्विवार्षिक सदस्यः तीन सौ रुपये         21 वर्ष से प्रकाशित हो रही पत्रिका में विशेष रूप से अध्यात्मिक संस्कार देने वाली पत्रिका है। जिस में काव्य के विभिन्न रूप, लघुकथा, लेख, प्रश्नोत्तर, पुस्तक समीक्षा, सवाल जबाव, पाठकों की प्रतिक्रिया, विविध समाचार, श्रद्वाजंलि, नये सदस्य आदि की जानकारी होती है। सम्पादकीय विशेष रूप से हर बार नये विषय के साथ आता है। साम्रगी अखिल भारतीय स्तर की होती है। मुद्रण तथा कागज उच्च स्तर का होता है। प्ररेणा स्त्रोत, संपादक मंडल, ज्ञान मंदिर परिवार अखिल भारतीय स्तर का होता है। लेखकों के लिए विशेष समाचार होते है। पुस्तक से लेकर सम्मान आदि की जानकारी होती है।

भगवान परशुराम जयंती पर हवन यज्ञ

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पानीपत - भगवान परशुराम जयंती के अवसर​ पर श्री भगवान परशुराम मन्दिर आदर्श कलौनी सनौली रोड  पर  श्री देवपूजन हवन यज्ञ के साथ उत्सव प्रारम्भ हुआ। यज्ञोंपरांत सर्व श्री युधिष्ठिर शर्मा, डॉ महेन्द्र शर्मा, मा. राम दत्त शर्मा, मुरारी लाल शर्मा, ब्रह्मऋषिजी महाराज ने श्री भगवान परशुराम चरितं पर अपने विचार  प्रकट किये। इस बेला में हवनयज्ञ पूजा डॉ महेंद्र शर्मा ने सम्पन्न करवाया। सर्वश्रीस्वामी भजनानंद,भगवान दास ब्रह्मी, ईश्वर शर्मा, मदनलाल , पिंकल, देवेन्द्र , गौरव, रविन्द्र शर्मा, डॉ देवांशु शर्मा, कुणाल, यश शर्मा, दीपांशु, किशन लाल शर्मा, कृष्ण अग्निहोत्री,संजय शर्मा, संजय अग्निहोत्री,  सतनारायण शर्मा, ओम दत्त, हिमांशु, धनराज, भूषण जेटली, जगदीश जेटली, गौरव शर्मा, राधे श्याम, सुभाष शर्मा, विजय शर्मा, वेद शर्मा, सुभाष शर्मा, जय शर्मा, कृष्ण लाल शर्मा ,विकास शर्मा, रोमी शर्मा, अश्विनी शर्मा अधिवक्ता, वेद शर्मा, हरबंस लाल ,  वीरेश चन्द्र शर्मा, अमित, हर भगवान चौधरी तथा नगर के अन्य गणमान्य महानुभाव सम्मिलित हुए।मंच संचालन सत नारायण शर्मा ने किया। कार्यक्रम के अंत में भण्डारा किया गया है । कार्यक

अप्रैल - 2017 लघुकथा विशेषांक

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जैमिनी अकादमी समाचार पत्र

पानीपत न्यूज़

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हिंदी साप्ताहिक 1993 से पानीपत से प्रकाशित हो रहा " पानीपत न्यूज़ " के सम्पादक संजय जैन है तथा समाचार सम्पादक अजय राजपूत है। समाचार पत्र आठ पेज का है। जिस में हर प्रकार के स्थानीय समाचार के अतिरिक्त राज्य तथा राष्ट्रीय समाचार भी होते है। समय अनुसार लेख भी प्रकाशित होते रहते हैं। कभी कभी रंगीन भी प्रकाशित होता है। मौसम का हाल भी प्रथम पेज पर प्रकाशित होता है। स्थानीय प्रशासन पर समाचार की पकड़ स्पष्ट रूप से नंजर आती है । यही समाचार पत्र की सफलता है।

लाल बत्ती

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शहर का दाता राम कहता है कि कोई तो मुझे बताओ कि मुझे अपनी मोटरसाइकिल के पीछे की लाल बत्ती हटानी है क्या ? एक मर्ई नजदीक आ रही है।

" बेटी बचाओ - बेटी पढ़ाओ " अभियान

बीजेन्द्र जैमिनी की दो कविताएं                          1. बेटी का है सम्मान बेटी पढा़ओ- शिक्षा है वरदान मानव जाति का है कल्याण बेटी का है सम्मान बेटी बचाओ – बेटी पढा़ओ ये हम सब का है अभियान बेटी बचाओ- परिवार की है शान बेटी से समाज का है कल्याण बेटी का है सम्मान बेटी बचाओ – बेटी पढा़ओ ये हम सब का है अभियान भारत बचाओ- बेटी है वरदान जन-जन का है कल्यान बेटी का है सम्मान बेटी बचाओ – बेटी पढा़ओ ये हम सब का है अभियान              2. मेरी बेटी – मेरा वैभव मेरी बेटी मेरी शान मेरी आनबान मेरी है पहचान मेरी बेटी – मेरा वैभव मेरी बेटी परिवार की शान परिवार की आनबान परिवार की है पहचान मेरी बेटी – मेरा वैभव मेरी बेटी देश की शान देश की आनबान देश की है पहचान मेरी बेटी – मेरा वैभव                    महत्वपूर्ण जानकारी - इंटरनेट पर 2017 में Sahityapedia द्वारा बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ प्रतियोगिता में " मेरी बेटी- मेरा वैभव " कविता को शामिल किया गया है। जिसमें 112 views मिले हैं। - Sahitya peda ने " प्यारी बेट

धर्म की परिभाषा

               धर्म की परिभाषा मैं जानता हूं - बिना धर्म के व्यक्ति नहीं है। परन्तु धर्म व्यक्ति की जाति भी नहीं है। क्योंकि​- चरित्र ही व्यक्ति काम धर्म है। अब - शायद समझ गये होंगे ? धर्म की परिभाषा ।         उपरोक्त कविता मूल रूप से हिन्दी भाषा की है। जिस के कवि बीजेन्द्र जैमिनी है। इस कविता का 38 भाषाओं में अनुवाद हुआ है। अनुवाद को देवनागरी लिपि में पुस्तक रूप में प्रकाशित किया जा चुका है। माण्डवी प्रकाशन, गाजियाबाद ने अप्रैल-2001 में प्रथम संस्करण प्रकाशित किया है। जिस का ISBN-81-88062-00-6 है। इस पुस्तक के सम्पादक आचार्य मदन हिमाचली है।                         प्रकाशकीय      " धर्म की परिभाषा " हमें आप के समक्ष रखने में अपार हर्ष इसलिए हो रहा है क्योंकि यह संकलन अपने आप में सम्भवत: पद्म- साहित्य का ऐसा प्रथम संकलन है जिसमें एक ही कविता का अनेक भाषाओं में अनुवाद किया गया है। ऐसा अदभुत संग्रह हमारे पाठकों को देने के लिए कवि डा. बीजेन्द्र कुमार जैमिनी व संपादक आचार्य मदन हिमाचली बधाई के पात्र हैं।      इस संग्रह में उन्होंने " धर