हिन्दी पत्रकारिता दिवस - 2024 के अवसर पर डिजिटल सम्मान

           लगभग दो शताब्दी पूर्व ब्रिटिश कालीन भारत में जब तत्कालीन हिन्दुस्तान में दूर दूर तक मात्र अंग्रेजी, फ़ारसी, उर्दू एवं बांग्ला भाषा में अखबार छपते थे, तब देश की राजधानी “कलकत्ता” में “कानपुर” के रहने वाले वकील पण्डित जुगल किशोर शुक्ल जी ने अंग्रेजों की नाक के नीचे हिन्दी पत्रकारिता के इतिहास की आधारशिला रखी।  उस आधारशिला का नाम था “उदन्त मार्तण्ड” ।  इस तरह से साप्ताहिक के प्रकाशक एवं सम्पादक आदरणीय शुक्ल जी ने 30 मई 1826 को “उदन्त मार्तण्ड” का पहला अंक प्रकाशित किया था |  प्रत्येक मंगलवार को प्रकाशित होने वाले इस साप्ताहिक अखबार में “उदन्त मार्तण्ड” में हिन्दी भाषा के “बृज” और “अवधी” भाषा का मिश्रण होता था। पत्र वितरण में अंग्रेजों द्वारा लगातार डाक शुल्क में छूट न दिये जाने के कारण इसका 79वाँ और आखिरी अंक दिसम्बर 1827 में प्रकाशित हुआ। इस समाचार पत्र के पहले अंक से  500 प्रतियाँ प्रकाशित हुयी थी। इस तरह से 30 मई का दिन हिन्दी पत्रकारिता का उद्भव कहलाया, और हम हिन्दी पत्रकारिता दिवस मनाने लगें ।

      जैमिनी अकादमी की स्थापना 1995 को हुई थी । समाचार पत्र के साथ - साथ विभिन्न प्रतियोगिता का आयोजन भी होने लगा । 1998 में हिन्दी दिवस के अवसर पर प्रथम समारोह का आयोजन किया गया । यह ऐसा अनुभव हुआ है । जो आजतक चला आ रहा है । लघुकथा प्रतियोगिता का वार्षिक आयोजन ने एक नया रिकॉर्ड बन गया । पच्चीस से अधिक वार्षिक प्रतियोगिता का रहा है । 

   कोरोना से विशेष प्रकार के अनुभव हुआ है । जो ऑनलाइन कार्यक्रम का सिलसिला चल पड़ा । इस से विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम का रास्ता मिला है । इसी कड़ी में हिन्दी पत्रकारिता दिवस - 2024 का ऑनलाइन  कार्यक्रम रखा है । इससे पहले 2022 में पत्र - पत्रिकाओं के सम्पादकों को " डिजिटल सम्मान " से सम्मानित करने का कार्यक्रम रखा गया था । जिसमें एक सौ एक डिजिटल सम्मान में 17 राज्यों सहित अमेरिका व सिंगापुर की पत्र - पत्रिकाओं के सम्पादक शामिल हथे । जो पत्रकारिता के साथ - साथ साहित्य को बढवा दे रहे हैं ।

     इसी कड़ी में हिन्दी पत्रकारिता दिवस - 2024 का ऑनलाइन  कार्यक्रम रखा है । फिलहाल सभी के डिजिटल सम्मान पेश हैं : -

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