हमारे पता का गलत उपयोग के खिलाफ डाक विभाग ने कोई भी सबूत देने से किया इंकार
पानीपत ( प्रैस विज्ञप्ति) - ये अपने आप को डाकिया बताया है तथा अपना नाम गुरुमैद बताया है। यह वाक्य 16 जनवरी 2025 के दोपहर लगभग दो बजें का है। जो हमारे पता की गलत नाम से डाक लेकर आया।
आई डाक का फोटो ले रहा था। परन्तु डाकिया ने मेरे हाथ से खींच लिया है। जिसके कारण से फोटो साफ़ नहीं आई है। डाकिया ने डाक की फोटो लेने से स्पष्ट रूप से मना कर दिया। परन्तु डाक से नाम व मोबाइल नंबर लिख कर दे गया। यह डाकिया की लिखावट है । मैंने डाकिया से कहा कि मैं कल आप के पोस्टर मास्टर से मिलता हूँ।
थोड़ी देर में पोस्ट मास्टर आ जाता है। उनसे बात हुई और वह डाकिया आ जाता है उस के साथ अन्य डाकियें भी आ जाते हैं। उन सब एक ही जबाब था कि डाक की फोटो खीचने नहीं देगें यानि गलत पता का उपयोग के खिलाफ कोई सबूत नहीं देगें। अतः स्पष्ट हो रहा है कि पानीपत का डाक विभाग ऑनलाइन फर्जीवाड़ा को बढ़ावा दे रहा है।
एक बात और बताता हूँ कि पहले जहाँ से डाक चलती थी वहाँ के मोहर लगीं होतीं थी तथा जिसे पोस्ट ओफिस से डाक डिलिवर होती थी वहाँ की भी मोहर होती थी। परन्तु अब दोनों में से कोई मोहर नहीं होती है। इस से कानूनी रूप से कोई सबूत नहीं मिलता है। जिससे फर्जीवाड़ा को बढ़ावा मिलता है। अतः सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए। नहीं तो फर्जीवाड़ा को पकड़ना बहुत ही मुश्किल कार्य बनता जा रहा है। वरन् फर्जीवाड़ा के खिलाफ सबूत नष्ट करना भी अपराध है।
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