विजय भट्ट स्मृति सम्मान - 2025



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  1. आज सवेरे सवेरे मुझे उस बीजेन्द्र जैमिनी जी ने याद किया, जिसके नाम की पर्ची बना कर मै बचपन में अपनी सहेलियों के साथ खेला करती थी। मेरा वो खेल आज पूरा हुआ। शायद वो ईश्वर का संकेत था।
    मै आपके प्रति आभारी हूँ। न केवल सम्मान के लिये वल्कि उस कल्पना के लिये जिसे मैं‌ने जेमिनी नाम दिया।
    आज का सबेरा जेमिनी मय बनकर आया पुनः पुनः आभार। इसलिए भी आपने मेरे लेखन को पहचान दी। न केवल पहचान दी वल्कि डा स्नेह लता पाठक को जेमिनी से जोडा। 🙏🙏🙏😃
    आपका प्रेम से भींगा हुआ सम्मान मैने उसी प्रेम से स्वीकार कर लिया है।
    - डॉ. स्नेहलता पाठक
    रायपुर - छत्तीसगढ़
    ( फ़ेसबुक से साभार)

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