मां ( लघुकथा संकलन ) - सम्पादक : बीजेन्द्र जैमिनी
सम्पादकीय मां के बिना जन्म सम्भव नहीं है । प्रथम गुरु भी मां है । मां जीवन का सत्य है । जिसकी मां नहीं होती है यानि बचपन में बिछडे जाती है कारण कुछ भी हो सकता है । उसका जीवन संधर्ष से भर होता है । ऐसे ही जीवन के संधर्ष की लघुकथाओं को पेश किया जा रहा है । अनुभव व संधर्ष सभी के अपने अपने है । इसलिए लघुकथा की विषय वस्तु अलग - अलग होना निश्चित है । भाषा शैली भी अलग अलग होगी । यही स्थिति ही लघुकथा की पहचान होती है । जो लेखक की मौलिक पहचान होती है । ==================================== क्रमांक -01 ...