एक अच्छा मित्र
एक अच्छा मित्र
आज सुबह देवी लाल पार्क में घुमते हुएं कालेज के समय का मित्र राकेश मिल गया । मैं तो उसे पहचान नहीं पाया । परन्तु उसने मुझे पहचान लिया । खूब बातें हुई । पुरानी यादें ताजा हो गई ।
" मेरी दृष्टि में " एक अच्छा मित्र जीवन में मिल जाऐं तो फिर किसी भी आवश्यकता नहीं रहती है । यहाँ तक भी , भगवान की आवश्यकता नहीं होती है । क्यों कि भगवान को आज तक किसी ने देखा नहीं है ।
आज सुबह देवी लाल पार्क में घुमते हुएं कालेज के समय का मित्र राकेश मिल गया । मैं तो उसे पहचान नहीं पाया । परन्तु उसने मुझे पहचान लिया । खूब बातें हुई । पुरानी यादें ताजा हो गई ।
" मेरी दृष्टि में " एक अच्छा मित्र जीवन में मिल जाऐं तो फिर किसी भी आवश्यकता नहीं रहती है । यहाँ तक भी , भगवान की आवश्यकता नहीं होती है । क्यों कि भगवान को आज तक किसी ने देखा नहीं है ।
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