मां मंदिर बसई : जिला महेन्द्रगढ़ ( हरियाणा )
मां मंदिर बसई
***********
जिला महेंद्रगढ़ में बसई गांव की पहाड़ी पर 10 वर्ष पूर्व भव्य मंदिर का निर्माण किया गया था जो आज दूरदराज भक्तों के लिए आस्था श्रद्धा का केंद्र बना हुआ है। प्रतिवर्ष हजारों भक्तों ने आकर मन्नत मांगते हैं। जब जब नवरात्रे आते हैं यहां पर मेले लगते हैं और मेलों में अपार भीड़ जुटती है। ऊंची पहाड़ी पर रमणीक स्थान पर मां का मंदिर है। पहाड़ों को काटकर वहां तक पहुंचने का मार्ग बना रखा है जहां से गुजरते वक्त शकुन का अहसास होता है।
स्थापना इस मंदिर की स्थापना 10 वर्ष पूर्व माता मंदिर की भोलाराम जोशी, महाबीर जोशी एवं उनके परिजनों ने की करवाई थी। परिवार ने मां चिंतपूर्णी हिमाचल की देवी से प्रेरणा लेकर मंदिर का निर्माण करवाया है। इस मंदिर का निर्माण विशेष प्रकार के पत्थर को काटकर बनवाया गया है। करोड़ों रुपए की लागत से इस मंदिर का निर्माण किया गया है। यही कारण है कि इस मंदिर को देखने के लिए दूरदराज से भक्तजन आते हैं। इस मंदिर के निर्माण में प्रयोग की गई सामग्री एवं निर्माण कला विशिष्ट है।
मंदिर की विशेषता-
माता मंदिर में प्रतिदिन भक्तों का ताता लगा रहता है किंतु वर्ष में दो बार नवरात्रों पर जहां भीड़ जुटती है वहीं मेले लगते हैं। भक्त मां दुर्गा का लेकर के तथा विभिन्न प्रकार का प्रसाद विशेष रूप से हलवा, चना, बूंदी आदि लेकर के पहुंचते हैं और माता के चरणों में अर्पित करके मन्नत मांगते हैं। माना जाता है कि उनकी मन्नत पूर्ण होती है। समय समय पर यहां भंडारे एवं हवन आयोजित होते हैं।
मंदिर पहुंचना---
माता मंदिर में पहुंचने के लिए दादरी-महेंद्रगढ़ रोड पर आकोदा उतरकर दो किलोमीटर दूर जाना पड़ता है। बसई की पहाड़ी पर मंदिर बना हुआ है जो आकर्षण का केंद्र है। कनीना से 17 किलोमीटर दूर पड़ता है। यहां पहाड़ी की चोटी पर रमणीक स्थान है। वही भव्य मंदिर देखकर सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। भक्तों के ठहरने का विशेष प्रबंध किया गया है।
चंद्र प्रकाश वसई भक्त-
चंद्र प्रकाश बसई जो फिल्मी हीरों भी हैं, का कहना है कि जब से मंदिर बना है तब से वे इस मंदिर जा रहे हैं। प्रतिदिन माता के चरणों में धोक लगाते और मन्नत मांगते हैं जिसके चलते फिल्म इंडस्ट्रिी में भी उनका नाम है। माता ने उनकी सभी मन्नत पूर्ण की है। उनका कहना है कि माता आने वाले सभी भक्तों पर दया बरसाती रहती है।
गोविंदराम जोशी पुजारी-
गोविंदराम जोशी का कहना है कि वे सुबह शाम माता की पूजा करते हैं। सुबह जब भी समय लगता हवन करते हैं तथा मंदिर में ही रहते हैं साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखते हैं। यात्रियों के मान सम्मान को देने में कोई कसर नहीं हो छोड़ते। यहां भक्त यहां आकर सारे कष्ट भुला देते हैं। मां के दर्शन कर प्रसन्न हो जाते और मन्नत मांग कर अपने अपने घरों में चले जाते हैं। उनका मानना है कि यहां पर मांगी गई मन्नत पूर्ण होती है।
Comments
Post a Comment