महर्षि वाल्मीकि जी ब्राह्मण थे

कितने दुख का विषय है सनातन धर्म के रक्षक समझे जाने वाले लोगों द्वारा जानबूझकर अपने स्वार्थों की पूर्ति के लिए सच्चाई पर काफी समय से पर्दा डाला गया है एक भृगुवंशी ब्राह्मण को सनातन समाज, धर्म के ठेकेदार और पढ़े लिखे लोग लगभग 500 सालों से रत्नाकर के रूप में प्रचारित करके उनकी छवि को धूमिल कर रहे हैं

"स्कंद पुराण के अनुसार महर्षि वाल्मीकि जी के पिता का नाम सुमति था जो एक भृगुवंशी ब्राह्मण थे और उनकी माता कौशिकवंश से संबंध रखती थी और महर्षि वाल्मीकि का बचपन का नाम अग्नि शर्मा था और इनके गुरु का नाम ऋषि अत्रि जी था"

पेज नंबर 920 महर्षि वाल्मीकि जी की तपस्या

कुछ स्वार्थी लोगों ने अपने द्वारा लिखी गई रामायण को प्रसिद्ध दिलवाने के लिए महर्षि वाल्मीकि जिनका नाम स्कंद पुराण के अनुसार अग्नि शर्मा था बदलकर रत्नाकर कर दिया 18 पुराणों में किसी भी पुराण में महर्षि वाल्मीकि का नाम रत्नाकर नहीं है

Comments

Popular posts from this blog

वृद्धाश्रमों की आवश्यकता क्यों हो रही हैं ?

लघुकथा - 2024 (लघुकथा संकलन) - सम्पादक ; बीजेन्द्र जैमिनी

इंसान अपनी परछाईं से क्यों डरता है ?