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गौरा पंत ' शिवानी ' स्मृति सम्मान - 2025
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किसी को रूप पर घमंड होता है किसी को पैसे का घमंड होता है। घमंड कब टूट जाये ? किसी को भी पता नहीं होता है। यही वास्तविकता है। क्योंकि बिमारी से कब गरीबी दस्तक दे देती है। यह भी किसी को पता नहीं होता है। फिर भी जिंदगी चलती है। यही कुछ जैमिनी अकादमी की चर्चा परिचर्चा का प्रमुख विषय है। अब आयें विचारों में से कुछ को पेश करते हैं :- रूप और पैसा दोनों चिर स्थायी नहीं होते ,पर व्यक्ति व्यक्तित्व की पहचान उसके गुणों से सीरत से सूरत को याद किया जाता है !सदियों तक रूप के साथ याद किया जाता है ! आज भी पहिरावा खाना पान ,गीत संगीत नित्य लोगों के दिलों में अपनी अचूक पहचान बनाए हुए है ! जिसमें धन अभिमान की आवश्यकता नहीं होती है! लोगों को अपनी पहचान बनाने का घमंड होना चाहिए .आप ने जनहित अब तक कौन सा ऐसा काम किया हो आपको लोग आपके कृत कर्म व्यवहार से जानेंगे ! जिसे प्रमाणित करने कीआवश्यकता नही है !ऐसे अनेकों उदाहरणों है! रावण को अपने बुद्धि बल धन वैभव का घमंड था अंततः माना मृत्यु शैया पर राम से कहा । मुझे अभिमान था और तुम...
प्रत्यर्पण प्रक्रिया सुगम बनाने के लिए राज्य सरकारें भगौड़े अपराधियों का विशेष सेल स्थापित करें
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सूबे सिंह मौर्य
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इनसे मिलिए सूबे सिंह मौर्य जन्म : 7.4.1955 जन्मस्थान :गांव धामलाका (रेवाड़ी)हरियाणा। साहित्यक्षेत्र : - हिंदी एवं हरियाणवी में पद्य और गद्य निष्णात कवि तथा लेखक; समीक्षक, आलोचक, भाषा विशेषज्ञ, मानस मर्मज्ञ , रामचरितवक्ता । प्रकाशन : - ' तोड़ भरम का(हरियाणवी गीत), महक बगिया की (हिंदी कविता), सुंदरकांड का सौंदर्य एवं मानव हित (गद्य), सार सत्सई (सात सौ दोहे), प्रेम काम्बली (हरियाणवी गीत), सहधर्मिणी (हिन्दी काव्य), परम साध्वी अंगूरीदेवी चालीसा, संत शरण चालीसा, स्वच्छता चालीसा। सैकड़ों गीत, कविताएं, लेख विभिन्न विशिष्ट एवं प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित। हिंदी एवं हरियाणवी आशुकवि :- हजारों हरियाणवी गीतों, रागनियों की रचना हो चुकी। कक्षा दूसरी से हरियाणवी भजनों, रागनियों की रचना जारी। पुरस्कार/सम्मान - 1. हरियाणा साहित्य अकादमी से पुरस्कृत। ...
सेठ गोविंद दास स्मृति सम्मान - 2025
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पीठ पीछे दुनिया में क्या - क्या होता है। जिस का कभी - कभी पता चलता है। फिर पीठ पीछे बुराई करने का प्रचलन जारी है। लगता नहीं है कि ये प्रचलन कभी बंद होगा। शायद ये जिंदगी का हिस्सा बन गया है। यही कुछ जैमिनी अकादमी की चर्चा परिचर्चा का प्रमुख विषय है। फिलहाल आयें विचारों में से कुछ विचारों को पेश किया गया है :- साझा किए गए आपके विचार बहुत स्पष्ट और जागरूकता फैलाने वाले हैं। उक्त कथन में जीवन और कार्यक्षमता के मूल्य को उजागर किया गया है। इसे सटीक, सकारात्मक और ज्वलंत दृष्टिकोण से इस तरह समझा जा सकता है। पीठ पीछे जलने वाले, यानी जो दूसरों की उपलब्धियों पर ईर्ष्या करते हैं, उनकी पहचान अक्सर एक जैसी होती है, वे स्वयं कुछ ठोस नहीं कर पाते हैं। उनका अस्तित्व और योगदान समाज या कार्य में दिखाई नहीं देता। वहीं, काम और जिम्मेदारी निभाने वाले व्यक्ति का वजूद हर कदम पर अनुभव किया जाता है। यह विचार हमें प्रेरित करता है कि अपने जीवन में सक्रिय रहें, अपनी कड़े परिश्रम और नैतिकता से दूसरों के लिए उदाहरण स्थापित करें और नकारात्मक ऊर्जा को कभी अप...