धर्म की परिभाषा


               धर्म की परिभाषा

मैं जानता हूं -
बिना धर्म के व्यक्ति नहीं है।
परन्तु धर्म
व्यक्ति की जाति भी नहीं है।
क्योंकि​-
चरित्र ही व्यक्ति काम धर्म है।
अब -
शायद समझ गये होंगे ?
धर्म की परिभाषा ।


        उपरोक्त कविता मूल रूप से हिन्दी भाषा की है। जिस के कवि बीजेन्द्र जैमिनी है। इस कविता का 38 भाषाओं में अनुवाद हुआ है। अनुवाद को देवनागरी लिपि में पुस्तक रूप में प्रकाशित किया जा चुका है। माण्डवी प्रकाशन, गाजियाबाद ने अप्रैल-2001 में प्रथम संस्करण प्रकाशित किया है। जिस का ISBN-81-88062-00-6 है। इस पुस्तक के सम्पादक आचार्य मदन हिमाचली है। 

                       प्रकाशकीय

     " धर्म की परिभाषा " हमें आप के समक्ष रखने में अपार हर्ष इसलिए हो रहा है क्योंकि यह संकलन अपने आप में सम्भवत: पद्म- साहित्य का ऐसा प्रथम संकलन है जिसमें एक ही कविता का अनेक भाषाओं में अनुवाद किया गया है। ऐसा अदभुत संग्रह हमारे पाठकों को देने के लिए कवि डा. बीजेन्द्र कुमार जैमिनी व संपादक आचार्य मदन हिमाचली बधाई के पात्र हैं।
     इस संग्रह में उन्होंने " धर्म की परिभाषा " के माध्यम से जहां साम्प्रदायिक एकता का अहसास कराया है वहीं पाठकों को अनेकानेक भाषाओं के लिपि - शिल्प का आनन्द हिन्दी में दिलाने की एक सार्थक पहल की है।
     हमेशा की तरह हमें विश्वास है कि आप इस बार भी अपनी प्रतिक्रिया से हमें अवश्य अवगत करायेगे ।
                            - मनु भारद्वाज ' मनु '
                                      संपादक
                             माण्डवी प्रकाशन 

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                            भूमिका

   यह जानकर अत्यंत प्रसन्नता हुई कि " धर्म की परिभाषा " पर आप का कविता संग्रह प्रकाशित हो रहा है। परमार्थ के लिए किया गया सत्कर्म ही धर्म है। इसी भावना को भारत में समय समय पर परिभाषित किया गया है :- 
   परोपकार : पुण्याय पापाय पड पीरनम 
                                       - वेद व्यास 

      परहित सरिस धर्म नहीं भाई ।
      परपीड़ा सम नहीं अधमाई । ।
                            - तुलसीदास 

      ' वैष्णव जन तो ' ते ने कहिये
      जे  पीर     पराई   जाणे  ये ।
      पर दुखे  उपकार  करे  तोये 
      मन अभिमान न आणे रे । ।
                       - संत तुकाराम 

  व्यक्ति या समूह विशेष द्वारा चलाये गये तथाकथित ' धर्म ' में निहित स्वार्थ और उस के नाम पर शोषण, उत्पीड़न, और हिंसा की गंध को नहीं नकारा जा सकता है।
  आशा है इस कृति के माध्यम से धर्म के बहुआयामी गुणों पर चर्चा का सुअवसर मिलेगा । शुभ संकल्प के लिए हार्दिक साधुवाद।
                       डा. जय नारायण कौशिक
                                         पूर्व निदेशक
                      हरियाणा साहित्य अकादमी      


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                      कवि के दो शब्द      

    ' धर्म की परिभाषा ' रचना की प्ररेणा मुझे नागरी प्रचारिणी सभा ( दिल्ली ) से प्राप्त हुई । जो देश विदेश की भाषाओं को देवनागरी लिपि में लिखने पढ़ने की प्ररेणा दें रहे हैं। इसी उद्देश्य से मैंने अपनी कविता ' धर्म की परिभाषा ' काम विभिन्न भाषाओं में अनुवाद करवा कर देवनागरी लिपि के रूप में पेश किया है। 
    मुझे इस कविता पर अनेंक भाषाविदों के अनुवाद प्राप्त हुएं। जिन का संपादन कार्य किया है आचार्य मदन हिमाचली ने । मुझे उम्मीद है कि आपको यह संग्रह अवश्य पसंद आयेगा ।
                   डा. बीजेन्द्र कुमार जैमिनी
                         ( लेखक-पत्रकार- समीक्षक)
                हिन्दी भवन, 554-सी, सैक्टर-6
                  पानीपत-132103 भारत
                    मो. 9355003609      

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सम्पादकीय
             अदभुत संग्रह काम प्रयास

  डा. बीजेन्द्र कुमार जैमिनी की कविता ' धर्म की परिभाषा ' काम विभिन्न भाषाओं में अनुवाद करवाने के लिए जैमिनी अकादमी की अध्यक्षता संगीता रानी के डेढ साल का प्रयास कोई कम नहीं होता है। काफी अधिक कठिनाईयों​ का सामना करने के उपरांत 38 भाषाओं के 186 अनुवाद प्राप्त हुए हैं। प्रत्येक भाषा काम एक अनुवाद कार्य मैंने किया है। सभी अनुवाद अपने आप में पूर्ण थे। परन्तु नियमानुसार प्रत्येक भाषा का एक अनुवाद ही चुनना था। सबसे अधिक अनुवाद मराठी भाषा के प्राप्त हुएं। इससे सिद्ध होता है कि भारत में हिन्दी के बाद मराठी भाषा काम अस्तित्व सबसे अधिक है। इसी के साथ आप सब का धन्यवाद करता हूं। जिन्होंने इस संग्रह में अपना सहयोग प्रदान किया और उम्मीद करता हूं कि इस संग्रह को आप सब पसंद करेंगे। यहां माण्डवी प्रकाशन के निदेशक - संपादक मनु भारद्वाज ' मनु ' जी का भी आभारी हूं जिनके प्रयासों से इस संग्रह की रूप-सज्जा व प्रकाशन की शोभा बढी।
                 - आचार्य मदन हिमाचली
               राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय
                ओच्छधार ( सोलन ) - 173223

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     विभिन्न भाषाओं के अनुवाद कर्त्ता : - 

01. राजस्थानी - डा. उदयवीर शर्मा
02. मलयालम - आचार्य ( डा.) स्वामी देवानंद 
03. ब्रजभाषा - गोपाल प्रसाद मुदूगल
04. सिंधी - राम नासिंगानी 
05. भोजपुरी - सुरेश चन्द्र पाठक ' अकेला '
06. बारेली - डा. जगदीश चन्द्र चौरे 
07. गुजराती - डा. कमल पुंजाणी 
08. फारसी - डा. रामदास ' नादार '
09. असमीया - परेश चन्द्र देव शर्मा 
10. मराठी - रघुवीर दिनकर सोहोनी
11. पंजाबी - सुरेन्द्र अज्ञात
12. हाड़ौती - शकुंतला रेणु
13. हरियाणवी - डा. जय नारायण कौशिक
14. कच्छी - डा. भावना महेता
15. गढ़वाली - डा. जीवन पोथरी ' ज्योत्स्ना '
16. बज्जिका - डा. अजित शुकदेव
17. बघारी - आचार्य मदन हिमाचली
18. डोगरी - श्याम लाल डोगरा
19. मगही - प्रो. जयराम प्र. सिंह
20. आड़िया - डा. बंशीधर दास
21. बंगला - रामसिंह तोमर
22. गोंडी - अषुकिरण अस्ताय
23. संस्कृत - मालती खलतकर
24. तमिल - डा. एन . सुंदरम
25. प्राकृत - डा. श्रीरंजन सूरिदवे
26. कन्नड़ - प्रभाकर शेष वाडकर
27. रूपौली - छेदी पंडित विदयासागर
28. तेलुगू - डा. श्रीमती आर. सुमनलता
29. छत्तीसगढ़ी - करमचन्द्र कौशिक
30. अंगिका - डा. अमरेन्द्र
31. निमाड़ी - आचार्य ( डा.) जगदीश चन्द्र चौरे
32. मालवी - सौ. मालती खलतकर
33. उर्दू - करमचन्द्र कौशिक
34. कोंकणी - प्रभाकर शेजवाडकर
35. मालवाही  - डा. तरूण राय कागा
36. सम्बलपुरी - बी. के. नाग
37. अंग्रेजी - बीजेन्द्र जैमिनी

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