सत्य और अहिंसा

सत्य का रास्ता बहुत ही संघर्षपूर्ण है यानि काटों पर चलने के बराबर है । परन्तु जीत की उम्मीद अधिक होतीं है । अहिंसा के मार्ग पर चलने से अपराधी होने से बचा जा सकता है । चाहे न्याय ना मिलें । मैने अपने जीवन में सत्य तथा अहिंसा को प्रमुख स्थान दिया है ।

" मेरी दृष्टि में " सत्य और अहिंसा पर सभी को विश्वास करना चाहिए । यह मानवता के लिए बहुत जरूरी है ।
- बीजेन्द्र जैमिनी
Twitter@bijender65

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