एक याद तूफ़ान जी के नाम
मर्यादा सिर्फ सोच नहीं बल्कि जीवन जीने की कला है
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कवि कृष्ण दत्त तुफान पानीपती जी की यह पुस्तक भगवान राम के जीवन पर आधारित है। पुस्तक में राम सिर्फ एक नाम नहीं है । बल्कि जीवन यापन करने का माध्यम है । तुफान जी ने जीवन भर पानीपत में रह कर लेखन के क्षेत्र में नाम कमाया है। यह पानीपत के लिए सौभाग्य की बात है ।
पौराणिक कथा (किंवदंती) के अनुसार, पानीपत महाभारत काल के दौरान पांडवों द्वारा स्थापित पांच शहरों (प्रस्थों) में से एक है । इसका ऐतिहासिक नाम पांडुप्रस्थ है। यह संयोग है कि मराठी के अग्रणी उपन्यासकार विश्वास पाटील ने कलात्मक समग्रता और प्रतीकात्मकता के साथ पानीपत की सर्जना की है। यह पानीपत ऐतिहासिक उपन्यास है, जिसका लेखन-प्रकाशन भारतीय साहित्य की एक ऐतिहासिक महत्त्व की घटना है।
तुफान जी को मैंने, सबसे पहले वर्मा पान वाला (सुभाष बाजार पानीपत) के पास पान खाते हुए देखा है। लोग तुफान जी को चलता फिरता कवि सम्मेलन कहते थे । अक्सर पान वाले के पास दो चार कविताएं सुना ही देते थे । और उनमें से कुछ लाइनें " मर्यादा " की अवश्य होती थी । इस मंडलीय में अधिकतर "रंगमंच नाटक क्लब" से जुड़े कलाकार होते थे। वो समय भी याद आता है कि तुफान जी के बिना कवि सम्मेलन अधूरा माना जाता था । एक बार मेरा अपना मित्र राम मोहन शर्मा ( भाजपा नेता) के भाई की शादी में जाना हुआ । जिसमें मेरे साथ सरदार परमजीत सिंह सचदेवा ( एम सी अजीत सिंह सचदेवा का भाई ) भी था । इस शादी में तुफान जी कविताएं सुनने का मौका मिला था । यह सीन किसी फिल्म से कम नहीं था । पूरा गांव ने कविताओं का आनंद लिया । ये अधिकतर कविताएं हरियाणवी भाषा में थी । जो गांव के लोगों को बहुत पसंद आई । इस प्रकार से अखिल भारतीय स्वतंत्र लेखक मंच ( हरियाणा प्रदेश ईकाई) द्वारा २० मार्च १९९४ को आर्य हाई स्कूल के बाहर जीटी रोड पर कवि सम्मेलन का आयोजन हुआ । जिसके मुख्य अतिथि विधायक व मंत्री श्री बलबीर पाल शाह जी थे । इस कवि सम्मेलन में तुफान जी के साथ , मैंने मंच साझा किया । मेरे लिए गौरव की बात थी । यह पहली व अंतिम बार तुफान जी साथ मंच साझा किया था। इस कवि सम्मेलन का संचालन तुफान जी ने किया था । यह आवाज का ही जादू था कि जीटी रोड रुक गया था । जनता चारों ओर खड़ी थी । यह सब कुछ तुफान पानीपती जी की महिमा का गुणगान नज़र आता था । तुफान जी मेरे पिताजी श्री ओमप्रकाश जैमिनी ( टेलर मास्टर) के परम मित्र थे । जो कविताएं तुफान जी सुनते थे । मेरे पिताजी को मुंहजबानी याद थी । जब कभी तुफान जी का कार्यक्रम रेडियो पर आता था । मेरे पिताजी आगे की लाइनें पहले ही बता देते थे। तुफान जी के साथ जनकवि टेकचंद गुलाटी जी की मित्रता, मेरे लिए सौभाग्य की बात थी। अक्सर तुफान जी के साथ श्री दीपचंद निर्मोही , व सुदर्शन पानीपती कवि सम्मेलनों में जाते रहते थे । श्री दीपचंद निर्मोही को " पानीपत का महात्मा " कहां जाता है । निर्मोही जी मेरे निवास स्थान पर अक्सर आते रहते हैं। यह मेरे लिए बहुत बड़ी बात है । निर्मोही जी एडवोकेट राम मोहन राय के गुरु है। जिन की की पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी है। राय साहब के बड़े भाई श्री मदन मोहन " मोहन " जी पानीपत साहित्य अकादमी के अध्यक्ष उम्रभर रहे हैं । इन्हीं की सलाह पर "तुफान पानीपती " जी की स्मृति में " कृष्ण दत्त तुफान मैमोरियल साहित्यिक सेवा समिति " का रजिस्ट्रेशन करवा गया । जिसके अध्यक्ष श्री मदन मोहन "मोहन" , महासचिव बीजेन्द्र जैमिनी , कैशियर देवेन्द्र तुफान आदि बनायें गये थे । जिस का प्रशासनिक कार्यालय का उद्घाटन २२ मार्च २०१५ को श्री राजकुमार शर्मा ( वरिष्ठ पत्रकार व संपादक: हरियाणा मुद्रिका साप्ताहिक, पानीपत) के करकमलों द्वारा हुआ। एक बात स्पष्ट करना चाहता हूं कि कवि हरगोबिन्द झाम्ब कमल व योगेन्द्र मुद्रगिल के गुरु तूफ़ान जी हैं।
इसी बीच तुफान जी पुस्तक " हरियाणवी कुंडलियां " हरियाणा साहित्य अकादमी के आर्थिक सहयोग से प्रकाशित हुई। इस कार्य में विशेष भूमिका तुफान जी की छोटी बेटी की रही है । जिस का विमोचन 16 मार्च 2008 को पानीपत साहित्य अकादमी के कार्यक्रम में हुआ । इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री संदीप शर्मा जी थे। तुफान जी की स्मृति प्रथम बार कवि सम्मेलन का आयोजन गौड़ ब्राह्मण धर्मशाला में 13 सितंबर 2009 को हुआ । जिसके मुख्य अतिथि श्री गौतमराज सिंगला जी रहे । कवि सम्मेलन में जम्मू-कश्मीर से लेकर महाराष्ट्र तक के कवियों ने भाग लिया । यह कवि सम्मेलन आज भी याद किया जाता है। मीडिया क्लब पानीपत द्वारा कवि कृष्णदत्त तुफान पानीपती की स्मृति में होली के अवसर पर 11 मार्च 2017 को कवि सम्मेलन का आयोजन हुआ। जिसके मुख्य अतिथि श्री संजय भाटिया (भाजपा नेता) रहें हैं । इस कवि सम्मेलन के सूत्रधार श्री विजय शर्मा ( महासचिव: रामलीला कमेटी , देवी मन्दिर, पानीपत) के सहयोग से सम्भव हुआ था। फिलहाल यह पुस्तक की भूमिका तैयार कर रहा हूं कि देवेन्द्र तुफान जी का फोन आया कि" सागर में जल "पुस्तक की भूमिका तुफान जी की बड़ी बेटी कविता शर्मा तैयार कर रही हैं । बड़ी खुशी की बात है कि परिवार के सदस्य आगे आए हैं। इस पुस्तक को प्रकाशित करने के लिए अनेक प्रयास हुए हैं। परन्तु सफलता नहीं मिली है। इस बार भी कुछ ऐसा ही नज़र आ रहा है। देखना यह है कि देवेन्द्र तुफान का संघर्ष कहां तक साथ देता है। पुस्तक की पच्चीस कापी प्रकाशित होने की बात चल रही है। इस से कुछ होने वाला नहीं है। यह सिर्फ खानापूर्ति का कार्य हो सकता है। फिलहाल यही पर अपनी कलम को विराम दे रहा हूं।
- बीजेन्द्र जैमिनी ( वरिष्ठ साहित्यकार व पत्रकार)
पानीपत - हरियाणा
बहुत बढ़िया जैमिनी जी
ReplyDeleteधन्यवाद
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