स्व निर्मला देशपांडे जी का 87 वा जन्म दिवस

पानीपत - प्रसिद्ध गांधीवादी  संत विनोबा भावे की मानस पुत्री  एवं पूर्व सांसद स्व0 निर्मला देशपांडे जी के 87 वे जन्म दिवस के अवसर पर  उनकी स्मृति में बने निर्मला देशपांडे संस्थान ,पानीपत में वैदिक यज्ञ तथा सर्व धर्म प्रार्थना का आयोजन किया गया ।इस अवसर पर स्व0 निर्मला देशपांडे जी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए विभिन्न वक्ताओं ने उन्हें विश्व शांति ,राष्ट्रीय एकता ,सर्वधर्म समभाव तथा महिला सशक्तिकरण का अग्रणी पक्षधर बताया । उन्होंने संत विनोबा भावे के साथ भूदान आंदोलन में लगभग 40 हजार किलोमीटर पदयात्रा की । इतना ही नहीं इस दौरान के विनोबा जी के सभी प्रवचनों को लिपिबद्ध कर 40 खंडो में "भूदान गंगा" की रचना।की । पड़ोसी देशों विशेष कर पाकिस्तान के लोगो के साथ मैत्री स्थापित करने के अद्भुत प्रयास किए । अपने जीवन काल में वे दो बार राज्यसभा की सदस्य मनोनीत हुई । वे पहली भारतीय महिला थी । जिन्हें न केवल भारत सरकार ने पद्म विभूषण से अलंकृत किया वहीं पाकिस्तान ,चीन ,रूस आदि देशों ने भी अपने सर्वोच्च शांति पुरस्कारों से सम्मानित किया । उनकी मृत्यु के पश्चात पानीपत में उनकी स्मृति में एक संग्रहालय तथा पुस्तकालय की स्थापना की गई है जहां उनके सामान तथा दुर्लभ पुस्तकों को दर्शनार्थ रखा गया है । वे एक उच्च कोटी की साहित्यकार तथा पत्रकार भी थी । उनकी अनेक पुस्तकों को राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार भी मिले । कार्यक्रम में निर्मला देशपांडे संस्थान के निदेशक राम मोहन राय, सामाजिक कार्यकर्ता नरेंद्र नाथ आर्य ,नीरज ग्रोवर, हाली अपना स्कूल की मुख्याध्यापिका प्रिया लूथरा ,माता सीता रानी सेवा संस्था की अध्यक्ष कृष्णा कांता तथा सचिव सुनीता आनंद, स्कूल की उपाचार्य दिव्या सिंह ,अमनदीप कौर ,दीनक्षी , सोनिया, रोज़ी चावला , सीमा रानी ,आरती गर्ग ,प्रीति ,सरफराज ,जावेद , मनीषा आदि सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे हैं।

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