राज्य स्तरीय लघुकथा उत्सव -2018 में सम्मान
'हरियाणा प्रादेशिक लघुकथा-मंच' कैथल के तत्वाधान में पन्द्रह अप्रैल 2018 को स्थानीय 'आर्यन इंटरनेशनल स्कूल' में "लघुकथा-उत्सव" का आयोजन डॉ प्रधुम्न भल्ला के संयोजन में सम्पन्न हुआ। इसमें हरियाणा के अतिरिक्त निकटवर्ती राज्यों दिल्ली, पंजाब, उत्तरप्रदेश, तथा हिमाचल से नए पुराने लघुकथाकारों की सक्रिय प्रतिभागिता रही है।
'पंजाबी साहित्य अकादमी' के सहायतानुदान से आयोजित, तथा उदयीमान नृत्यांगना सुश्री नेहा के कलात्मक नृत्य से आरंभ हुए इस सुंदर कार्यक्रम में..दृष्टि पत्रिका के महिला लघुकथाकार अंक सहित, लाल चुटकी, लघुकथा हरियाणा , दिव्यांगजगत की एक सौ एक लघुकथाएं, बानो बेगम, कीचड़ और कमल, मैं गंगा नदी बोलती आदि पुस्तकों के विमोचनापरांत लघुकथाकारों द्वारा 'लघुकथा-पाठ' एवं इसके उपरांत महिपाल पठानियां के निर्देशन में कुछ लघुकथाओं का प्रभावी 'मंचन' हुआ।
इस अवसर पर डॉ अमृतलाल मदान, प्रो रूप देवगुण, डॉ मधुकांत, अशोक जैन, डॉ राजकुमार निजात, कमलेश भारतीय, हरनाम शर्मा, अशोक भाटिया, योगराज प्रभाकर, अनिल शूर आज़ाद, भगवान प्रियभाषी, सत्यप्रकाश भारद्वाज, डॉ रीता सिंह, डॉ शील कौशिक, आरती बंसल, मधु गोयल, सुरेखा मेहरा, डॉ बीजेन्द्र जैमिनी, रवि प्रभाकर, डॉ श्यामलाल कौशल, ज्ञान प्रकाश पीयूष, पंकज शर्मा, मेजर शक्तिसिंह, रणजीत टाडा, डॉ दर्शन सिंह, सुरेंद्र गुप्ता, सतविंदर सिंह, राधेश्याम भारतीय, सतीश अरोड़ा, जगवीर सिंह, रविन्द्र रवि, नवल सिंह, नरेश चौधरी, आलोक भारती, हरिकृष्ण द्विवेदी आदि लघुकथाकारों की गरिमामयी उपस्थिति ने कार्यक्रम को विशेष सार्थकता प्रदान की गई। कार्यक्रम के अंत में 'प्रशस्ति-पत्र' प्रदान कर के सभी का अभिनन्दन भी किया गया।
बीजेन्द्र जैमिनी को प्रशिस्त पत्र प्रदान
बीजेन्द्र जैमिनी को प्रशिस्त पत्र से सम्मानित करते हुए
बीजेन्द्र जैमिनी अपनी लघुकथा " जिन्दगी का पहला वेतन " का पाठ करते हुए
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