मतदान ( काव्य संकलन ) - सम्पादक : बीजेन्द्र जैमिनी
सम्पादकीय
लोकतंत्र की पहचान : मतदान
भारत एक लोकतंत्र देश है । जिसमें विभिन्न राज्य है ।
विभिन्न क्षेत्रीय व राष्ट्रीय दल भाग लेते हैं । इसके अतिरिक्त कोई भी भारत का नागरिक आजाद उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ सकता है । अठारह साल की उम्र में वोट डालने का अधिकार मिल जाता है । भारत एक ऐसा देश है । जिसमें विभिन्न धर्म के , विभिन्न जातियों के नागरिक एक साथ रहतें है । ऐसे में सरपंच से लेकर प्रधानमंत्री का चुनाव मतदान द्वारा होता है । मतदान बहुत ही महत्वपूर्ण हैं लोकतंत्र में । अतः मतदान की भूमिका पर कविताओं की कविताएं पेश है :-
क्रमांक - 01
भूल न जाना
- डा० भारती वर्मा बौड़ाई
देहरादून - उत्तराखण्ड
आया
चुनाव भैया
करना है मतदान
सोचना
समझना
मन में गुनना
किसी के
कहे में न आना...!
व्यक्ति के
काम को
भली-भाँति देख कर
मतपत्र में
मोहर लगाना
मतदान करना
कर्तव्य अपना
अधिकार प्रयोग में लाना...!!
अठारह वर्ष के
अपने बच्चों, पत्नी
माता-पिता और
पड़ोसियों को संग ले
मतदान करने जाना
सरकार अच्छी
बने अपने देश की
मत देकर कर्तव्य निभाना...!!!
दिन और तारीख
याद रखना भाइयों-बहनों
मतदान करना
भूल न जाना....!!!
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क्रमांक - 02
सब मतदान करो
- अनन्तराम चौबे अनन्त
जबलपुर - मध्यप्रदेश
एक अच्छी सरकार बनाने
सब मिलकर मतदान करो ।
अपने हक का वोट डालकर
मिलकर सब योगदान करो ।
प्रजातंत्र का देश हमारा
वोट डालना हक है हमारा ।
अमीर गरीब में भेद नही
सबका ये अधिकार है ।
लोकतंत्र का देश हमारा
वोट का अधिकार हमारा है ।
मतदान केन्द्र में मिलकर जाओ
खुशी खुशी मतदान करो ।
अच्छे और सच्चे नेता का
वोट डालकर चयन करो ।
भ्रष्टाचारी नेताओं को
सत्ता से बस दूर रखो ।
मतदान हमारा हक है
जाकर सब मतदान करो ।
सत्ता सच्चे हाथों में देना
अपना मत देकर संकल्प करो ।
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क्रमांक - 03
नेता
- अलका पाण्डेय
मुम्बई - महाराष्ट्र
आया चुनाव
झूठे आश्वासन दे
नेता वोट ले
अपना वोट
सोच समझ के दो
बहको मत
मतों का जोड
महा गंठबंधन
जीत का प्रश्न
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क्रमांक - 04
मतदान
- भुवनेश्वर चौरसिया "भुनेश"
गुड़गांव - हरियाणा
किसी गांव में
चुनावी हिंसा में
मतदान के दौरान
पांच साल पहले
बूढ़ी दादी मर गई
दादी कि याद में
सांत्वना स्वरूप
एक नेता जी ने
उनके झोपड़ी की
जगह पर महल बना दिया
एक तख्ती टांग दी गई
जिस पर लिखा था
वोट मांग कर शर्मिंदा
न करें पांच साल पहले
मरी दादी को फिर से
जिंदा न करें!
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क्रमांक - 05
जागो मतदाता
- डाॅ.रेखा सक्सेना
मुरादाबाद - उत्तर प्रदेश
लोकतंत्र के महापर्व पर
आज लगा है मेला ।
लम्बी- लम्बी लगी कतारें
दृश्य बड़ा अलबेला ।।
सन् बावन से बैलेट माध्यम
सफर बड़ा ही रोचक ।
अब ई.बी.एम.मे पहुंचा
पारदश॔ का मापक ।।
पार्टियों के झूठे वादे
गिरगिट जैसे रंग ।
पर हम हैं सच्चे मतदाता
पूर्ण विकास के संग ।।
भारत-मां की चरण- वंदना
से सबका उत्थान है ।
मायावी महाजाल की
ठीक करो पहचान है ।।
गद्दारों की पार्टियों को
देना कभी न वोट है ।
भारत मां को लहु पिलाए
जो करता ऐसी चोट है ।।
लोकतंत्र के पहरेदारो
शपथ तुम्हे मां-भारती
कदम तुम्हारे कभी न भटकें
संतति उतारें आरती ।।
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क्रमांक - 06
मतदान
- इन्दु भूषण बाली
जम्मू - जम्मू कश्मीर
मैं
चुनाव नहीं हूँं।
मैं
सुनहरा सपना भी नहीं हूँं।
मैं
तेरा पूर्व, वर्तमान या भविष्य भी तो नहीं हूँं।
मैं
शासन व प्रशासन भी तो नहीं हूँं।
मैं
विधि या विधान भी नहीं हूँं।
मगर
मैं
वह हूँं।
जो तेरा सपना,
वर्तमान व भविष्य
साकार कर सकता हूँं।
शासन व प्रशासन का स्वामी
और
विधि व विधान
का रचैयता
बना कर
संविधानिक
सम्माननीय की उपाधि
दिला सकता हूँं।
चूंकि
मैं
भारतीय
लोकतंत्र महान हूँं।
और
मतदाता का मतदान हूँं।
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क्रमांक - 07
मतदान
- डा.वर्षा चौबे
भोपाल - मध्यप्रदेश
सरकारों के निर्माणों में ये
मतदान जरूरी है।
यह भी देशभक्ति है
यह काम जरा जरूरी है।
देश मांगता है तुमसे
न्याय नहीं अपने लिए।
जो भी हम कर जाएंगे
वह सब कुछ है अपने लिए।
तुमको भी देश की खातिर
वोट देना जरूरी है।
अधिकारों की बात करो
तो कर्तव्यों का ध्यान रखो।
निज स्वार्थ को छोड़ो
देशहित का ध्यान रखो।
अपने देश की रक्षा खातिर
फर्ज ये जरूरी है।
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क्रमांक - 08
चुनावी दोहे
- सोलंकी अनिल बेधड़क
फिरोजाबाद - उत्तर प्रदेश
नेताजी पइयां पड़े विनती करें हज़ार
वोट हमीं को दीजिए बहुत बहुत आभार ।
घड़ियाली आंसू बहा उल्लू देंय बनाय
मिन्नत करके बेधड़क वोट झटक ले जाय ।
बने फिरें बगुला भगत मन ही मन मुस्काय
मीन पास में देखकर तुरत गटक कर जाय ।
अवसर वादी ऊंट की चाल समझ न आय
आड़ा तिरछा कब चले कब सीधा अड़ जाय ।
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क्रमांक - 09
मत का क़ीमत
- सविता गुप्ता
रांची - झारखण्ड
महापर्व का दिन है आया।
सोच समझ कर।
देख परख कर।
बहुमूल्य अधिकार।
हमें दिलाया।
व्यर्थ न गँवाओ ।
उपयोग मे लाओ।
अपने मतों का दान कर आओ।
बेशक़ीमती हरेक का मत।
घर बैठे यूँ न गँवाओ ।
परिवार संग बटन दबावों ।
अपना हक़ ज़रूर जताओ।
अच्छा सरकार बनाओ।
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क्रमांक - 10
मतदाता
- शेख़ शहज़ाद उस्मानी
शिवपुरी - मध्यप्रदेश
प्यारो दाता हे मतदाता, लोकतंत्र पनपाता,
चुन-चुन कर न्यारो जननेता, जनहित में जितवाता।
भोलो-भालो जो मतदाता, पैसन सें बिक जाता,
दारू, गुण्डन सें दब जाता, ऐंठन से घबराता।
सोवे वारो हो मतदाता, खोवे पे पछताता,
अधिकारन खों ही छिनवाता, मूरख ही कहलाता।
रोवे वारो जो मतदाता, हर द्वार गिड़गिड़ाता,
मतलब काजें रंग बदलता, गिरगिट सा बन जाता।
जगवे वारो हो मतदाता, बालिगन खों जगाता,
डरवावे खों मत उन सबके, भले संग ले जाता।
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क्रमांक - 11
भारत
- नन्दनी प्रनय
रांची - झारखण्ड
करें लोकतंत्र का सम्मान
होगा भारत को अभिमान
सब चलो चलें अविराम
सब मिल कर करें मतदान
भारत हमको
जान से प्यारा है,
वोट देना
फ़र्ज़ हमारा है!
लोकतंत्र का पावन
यह पर्व मनाएंगे,
हम वोट देने
सब मिल कर जाएंगे!
जीवन करना है
सफल अगर तो
ख़ुद को मजबूत बनाओ!
अगर चाहिए
भारत न्यारा
वोट देने जाओ!
पांच साल पर आता है
यह पावन त्योहार,
एक वोट देने तुम जाओ
छोड़ के अब घर बार!
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क्रमांक - 12
वोट की चोट
- संजय कुमार 'संज'
पटना - बिहार
सोंच में मोच
या मोच से सोंच
पर तू ज़रूर सोंच
देते समय अपना वोट
सोंच में लोच
या लोच से सोंच
पर तू ज़रूर सोंच
देते समय अपना वोट
सबमें है थोड़ी खोट
हॉ॑, तू जरूर सोंच
देते समय अपना वोट
बिना लिए कोई भी नोट
क्योंकि लगती है जोर से
वोट की चोट
वोट की चोट
हॉ॑, भाई वोट की चोट
इसलिए तू जरूर सोंच
देते समय अपना कीमती वोट
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क्रमांक - 13
मतदान तो जरूरी है
- गीता चौबे
रांची - झारखण्ड
चुनाव और मतदान
एक दूसरे का पूरक जान
चुनाव राजनेताओं का हक
मतदान मतदाताओं का हक
लोकतंत्र में जनता बेगम
जनता की शक्ति नहीं है कम
मत का हथियार उठायें हम
समझ बुझ उसे चलायें हम
जो भी सच्चा औ मेहनती होगा
हमारे मत का अधिकारी होगा
लोभ मोह से ऊपर उठकर
करें मतदान सोच समझकर
मत के मूल्य की पहचान करें
अपने हिस्से का हम काम करें
मतदान केंद्र की चाहे कितनी भी दूरी है
देश की खातिर तो ये मतदान जरूरी है
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क्रमांक - 14
मतदान करेंगे
- विश्वम्भर पाण्डेय 'व्यग्र'
गंगापुर सिटी - राजस्थान
यद्यपि दान करना हमारी सनातन परंपरा रही है
शिवि, कर्ण, बलि,भामाशाह जैसी श्रृंखला रही है ।
देह दान कर कभी दधीचि ने स्वर्ग बचाया
चंदन का बलिदान याद हम सबको आया ।
चुनावी महायज्ञ में लीक का निर्वाह करेंगे
रहे प्रजातंत्र सुदृढ़ हम सब मतदान करेंगे ।
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क्रमांक - 15
मतदान
- डॉ सरला सिंह
दिल्ली
मतदान करना है,
सही पात्र चुनना है,
सोच समझ लेना तू,
वोट अनमोल है ।।
नेता के हैं बड़े बोल,
जैसे ढोल में हो पोल,
सोचना दिमाग से तू,
नेता डांवाडोल है ।
कहते हैं कभी कुछ ,
करते नहीं जो कुछ,
जनता के लिए बोलें,
नेता बड़े बोल हैं ।
वोट करो सोच कर,
जाना मत नोट पर,
चुनना उसे ही तुम,
जिसमें ना झोल है।
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क्रमांक - 16
चुनाव
- बेगराज कलवांसिया 'ढूकड़ा'
सिरसा - हरियाणा
आया समय चुनाव का, लेकर नव आसार ।
दुआ करो अच्छी बनें, सभी जगह सरकार ।।
राजनीति गरमा रही, फिर आ गए चुनाव ।
मतदाता मुखरित हुए, बढ़े चार दिन भाव ।।
जब चुनाव नजदीक हों, नेता सब हलकान ।
कृषक और मजदूर का, फिर आता है ध्यान ।।
सुंदर सफल चुनाव है, लोकतंत्र की शान ।
सोच समझ सब कीजिये, निर्भय हो मतदान ।।
जब से सजी चुनाव की, बड़ी-बड़ी चौपाल ।
बागी-दागी दोगले, करने लगे धमाल ।।
लाठी पड़े गरीब पर, उनको ही हर चोट ।
फिर भी नेता माँगते, उनसे उनके वोट ।।
महापर्व मतदान का, फिर आया है द्वार ।
निर्भय होकर वोट दें, मतदाता इस बार ।।
चर्चा सिर्फ चुनाव की, साँठ-गाँठ की बात ।
दिल दिमाग में वोट हैं, जोड़-घटा दिन रात ।।
कीमत समझें वोट की, मन में लें सब ठान ।
नर-नारी मिलकर करें, सौ प्रतिशत मतदान ।।
अद्भुत चरण चुनाव का,अजब-गजब सुरसाज।
मतदाता गम्भीर हैं, बदलेंगे सर ताज ।।
कीमत समझें वोट की, मन में लें सब ठान ।
नर-नारी मिलकर करें, सौ प्रतिशत मतदान ।।
मतदाता नाराज हैं, गुस्से में इस बार ।
हवा विरोधी कह रही, बदलेंगे सरकार ।।
झांसा देकर ले लिए, बेशकीमती वोट ।
जनता को धोखा दिया,दिल पर मारी चोट ।।
सबको चिंता वोट की, साधे अपने काज ।
कौन सुने इस देश में, जनता की आवाज ।।
हिंसा हत्या के बिना, होते नहीं चुनाव ।
लोकतंत्र को हो गए, कितने गहरे घाव ।।
गुंडे चोर चुनाव में, ठोक रहे हैं ताल ।
क्या होगा इस देश का, उठते कई सवाल ।।
किसमें कितनी खूबियाँ, किसमें कितना खोट ।
सोच समझकर दीजिये, सारे अपना वोट ।।
लाठी पड़े गरीब पर, उनको ही हर चोट ।
फिर भी नेता माँगते, उनसे उनके वोट ।।
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क्रमांक - 17
पहले करो मतदान
- अंजली खेर
भोपाल - मध्यप्रदेश
छोड़ो भाई ...छोड़ो अब तो
हाँथ के सारे काम
सारे काम छोड़कर
करने चलो मतदान
यदि करोगे आनाकानी
तो बात ये रखना ध्यान
यदि जनता हीं हो निष्क्रिय
तो देश का कैसे हो कल्याण
चल पड़ी हैं अब तो .लोकतंत्र की बयार
बदलाव के लिए खुद को कर लो तुम तैयार
अपने वोट की कीमत को खुद तुम हीं जानो
पहले कर्मठ प्रतिनिधि को तुम ज़रा पहचानो
गांव-गांव शहर-शहर चलेगा यह अभियान
दादी काकी चाचा मामू
सबसे पहले करेंगे अब मतदान
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क्रमांक - 18
गुप्त दान
राम कुमार पटेल
रायगढ़ - छत्तीसगढ़
क्या है सबसे अच्छा दान
वो कहलाता है मतदान ।
मन का होता है यह दान
जो कहलाता गुप्त दान ।
सोच समझकर करते दान
सबसे अच्छा है मतदान ।
विद्या दान जन कल्यान
भूमिदान जीवन दान ।
कन्या दान पुण्य समान
सबसे अच्छा अक्षर ग्यान ।
गौ दान तीरथ दान
सबसे महान है मतदान ।
सभी करो मत का दान
यही कहलाता है मतदान ।।
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क्रमांक - 19
मतदान
- पम्मी सिंह 'तृप्ति'
दिल्ली
दीजिए ज़ोर से सदायें हर शहर में
लोकतंत्र का त्योहार आया हर दहर में,
अब न उलझो मंदिर-मस्जिद के तकरीर से
बातें सियासी है मुल्क संवारो वोट के जोर से,
जम्हूरियत के दौर में लफ्फाज़ी की तारी है
मत भूलों अपना हक अब तुम्हारी बारी है,
ये चुनावी मौसम है यूँ ही गुज़र जाएगा
पर तुम्हारा हक पाँच साल बाद आएगा,
है बहुत चर्चे, जम्हूरियत के, शहर - शहर
जनता का, जनता द्वारा है इसका सफर।
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क्रमांक - 20
मतदान करो !
- प्रो सी बी श्रीवास्तव विदग्ध
जबलपुर - मध्यप्रदेश
जो कुछ जनहित कर सके , उसकी कर पहचान
मतदाता को चाहिये , निश्चित हो मतदान
अगर है देश प्यारा तो , सुनो मत डालने वालों
सही प्रतिनिधि को चुनने के लिये ही अपना मत डालो
सही व्यक्ति के गुण समझ , कर पूरी पहचान
मतदाताओ तुम करो , सार्थक निज मतदान
सोच समझ कर , सही का करके इत्मिनान
भले आदमी के लिये , करो सदा मतदान
जो अपने कर्तव्य का , रखता पूरा ध्यान
मतदाता को चाहिये , करे उसे मतदान
लोकतंत्र की व्यवस्था में , है मतदान प्रधान
चुनें उसे जो योग्य हो , समझदार इंसान
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क्रमांक - 21
करेंगे मतदान
- रीतु देवी
दरभंगा - बिहार
सबसे पहले मतदान करेंगे,
तत्पश्चात हम जलपान करेंगे,
लोकतंत्र के महापर्व का भागीदार बनेंगे,
कर्मठ नेता चुनकर विकास धार बहाऐंगे।
प्रजातंत्र है वतन हमारा,
अधिकार है देना मतदान हमारा।
बूढे ,व्यस्क सब करेंगें मतदान,
हमें मिला है यह अमूल्य वरदान।
लाकर ओठों पर नयी मुस्कान,
देंगे मतदान बनाऐंगे भारतवर्ष महान।
सबसे पहले मतदान करेंगे,
तत्पश्चात हम जलपान करेंगे।
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क्रमांक - 22
मत दान
- आचार्य मदन हिमाँचली
सोलन - हिमाचल प्रदेश
मतदान है अधिकार हमारा
मतदान करना न भूलें।
श्रेष्ठ नेता को चूनकरके हम
न ई बुलँदियाँ छू ले।
अनेकों बलिदानों से हमनें
आजादी की सौगात है पाई।
विदेशियों को धूल चटा करके
विकास की लौ है जलाई।
आज भी देश से जलते हैं
पडौस मे रहने वाले गद्दार
पीठ मे खँजर चुभते हैँ ये
करते रहते पीछे से वार।
मिल.करके दुत्कारो इनको
आपसी एकता से करो प्रहार
पर यह भी तभी सँभव है
जब देश मे होगी मजबूत सरकार।।
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क्रमांक - 23
चुनाव
- अपर्णा गुप्ता
लखनऊ - उत्तर प्रदेश
चुनाव के दिन है
देना है हमे वोट
भ्रष्टाचार मिटे
ऐसी करे चोट
कोई नही बुरा है
कोई नही भला है
जनता की जो सोचें
बस उसको देना वोट
क्या अमीर क्या गरीब
सबका है अधिकार वोट
लोकतंत्र का देश हमारा
बनाये अच्छी सरकार वोट
देश हमारा हमको प्यारा
सब देशो में है ये न्यारा
मिलकर इसको धन्य बनाये
आंचल में इसके चांद तारे सजाये
सूरज इसकी करता अगवानी
फूलो से सब राहे सजाये
भारत मां की करें आरती
पूजा का अब थाल सजायें ।
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क्रमांक - 24
काठ की हांडी
-विनोद सिल्ला
फतेहाबाद - हरियाणा
तेरे वोटों से
जीतकर चुनाव
वो पहुँच गया
संसद में
अब वो पूरी तरह
भूल गया तुझे
वोटार्थ फिर आएगा
कहना उसे
काठ की हांडी
बार-बार नहीं चढ़ती
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क्रमांक - 25
नेता गण
- सारिका भूषण
रांची - झारखण्ड
चुनावी वादें
और नेताओं के इरादें
समानता यही कि
एक हमेशा दिखते सही
पर दूसरे का पता नहीं
उनके हाथ
हमेशा
जुड़े
रहते हैं
जनता के सामने
पर
जुटे
रहते हैं
जनता के पीछे ।
हमारे नेता गण
पापी पेट की भूख
इस तरह मिटाया करते हैं
बंदूक की नोंक पर
जनता की छौंक लगा
घोटालों के तड़के लगाया करते हैं ।
देश की आर्थिक नीतियां
जब ये नेता गण
समझाया करते हैं
तो ऐसा लगता है
वे नैतिकता भूल
सिर्फ़ अपने नातियों की
सोचा करते हैं ।
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क्रमांक - 26
तूफान
- कमलकिशोर ताम्रकार "काश"
गरियाबंद - छत्तीसगढ़
बम्फर वोटो का तूफान।
बना मतदाता भगवान।।
नेता हो जाओ सावधान।
देखो पानी फिरे अरमान।।
है जबरदस्त ये इन्तेहान ।
करे वोटर को हलाकान।।
चुनाव मे पूरा खानदान।
कहीं नेता का अपमान।।
कहीं धर्म का फरमान।
मत बेचे अपना इमान।।
वोटर शक्ति से अनजान।
अपनी क्षमता पहचान।।
लोकतंत्र का पर्व महान।
तत्पर जो होने कुर्बान ।।
बढाये जो देश की मान।
करे ऐसा नेतृत्व पहचान।।
सब काम छोड करे मतदान।
लाये बम्पर वोटों का तूफान।।
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क्रमांक - 27
मतदान
- डॉ. मीनाकुमारी सोलंकी बहादुरगढ़- हरियाणा
वयस्क सब यह ध्यान करें,
अधिकार का सम्मान करें।
बचकर स्वार्थी नेताओं से,
विवेक से मतदान करें।
वयस्क सब यह ध्यान करें,
अधिकार का सम्मान करें।
मिलना सबकी की सुनना,
ठानी जो मन में ना कहना।
वो हाथ पसारे वोट मांगते,
तुम भावनाओं में ना बहना।
मिलकर सब ये काम करें, एक वोट देश के नाम करें।
वयस्क सब ये ध्यान करें, अधिकार का.............
घर-बाहर का दाब ना माने, लोकतंत्र की शान को जाने।
नोट आदि का लालच देकर, . कोई तुम्हें आएगा बहकाने।
सही पात्र का मान करें, बहुमूल्य यह दान करें।
वयस्क सब ये ध्यान करें, अधिकार का सम्मान करें।
बचें स्वार्थी नेताओं से, विवेक से मतदान करें।
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क्रमांक - 28
मतदान
- देवदत्त शर्मा
अजमेर - राजस्थान
आजादी का हमें मिला उपहार
हमें अपनी सरकार बनाना है ।
है मतदान हमारा अधिकार
इसे उपयोग में लाना है,
हमें अपना कर्त्तव्य निभाना है ।
लालच में किसी के न आना
धोखेबाजों को सबक सिखाना
जन हित में करने को मतदान
निष्पक्ष चुनाव कराना है,
अपना कर्त्तव्य निभाना है ।
मतदाता का तरीका सिखाना है
योग्य प्रत्याशी को देना है वोट
ई. वी. एम का बटन दबाना है
जिसे दिया है उसने अपना वोट
वी. वी. पेट . से मिलाना है ।
देश हित में तुम करो मतदान
राष्ट्र यज्ञ में हो तुम्हारा अवदान
मतदान से प्रजातंत्र चलाना है
अपना कर्त्तव्य निभाना है ।
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क्रमांक - 29
वोट देने जरूर जाना
- विनीता राहुरिकर
भोपाल - मध्यप्रदेश
सीमाओं पर
डटे रहते हैं प्रहरी
प्राणपण से करते हैं
बाहरी दुश्मन से
देश की सुरक्षा
नहीं करते परवाह
अपने प्राणों की भी...
सीमा के भीतर
एक दायित्व बनता है
हमारा भी की हम
सुरक्षा करें देश की
दूषित राजनीति से
खत्म करें कुर्सी के लालची को
और चुने ऐसा प्रतिनिधि
जो बहाल करे
एक स्वस्थ व्यवस्था को
ताकि मजबूत रहे देश
सुरक्षित रहे सीमा प्रहरी
और खुशहाल रह सकें
हम सभी
अपने इस कर्तव्य से
कभी भी पीछे नहीं हटना
जैसे पीछे नहीं हटता सैनिक
कभी भी देश की सुरक्षा करने में
हर बार वोट देने जरूर जाना
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क्रमांक - 30
मतदान
- लज्जा राम राघव 'तरुण'
फरीदाबाद - हरियाणा
सरकारी सुन घोषणा, चला
चुनावी दौर।
हर इक आतुर दिख रहा, बनने को सिरमौर।
बनने को सिरमौर, फिरें हैं मारे मारे।
जा हर घर के द्वार, टिकाते माथा सारे ।
कहे 'तरुण' कविराय, वक्त है सब पर भारी।
सारे देखें राह, मिले गाड़ी सरकारी।
डालो मिलकर वोट ये, सब का है अधिकार।। चुननी है सरकार अब, करके सोच विचार।
करके सोच विचार, वोट लायक को देना।
जनहित जिसकी सोच, नाम उसका ही लेना।
कहे 'तरुण' कविराय, वहम ना मन में पालो।
प्रत्याशी हो नेक, वोट उसको ही डालो।
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क्रमांक - 31
मतदान
- संगीता सहाय
रांची - झारखण्ड
जागो देश वालों जागो
आया है ये पर्व महान
लोकतंत्र बचाना है तो
करो जाकर अपना मतदान
मत भूलो ये हक़ है तुम्हारा
और है फ़र्ज़ भी बहुत बड़ा
बचाना है गर देश को
अपने होने से बर्बाद
फ़र्ज़ तो निभाना होगा
करना होगा काम महान
दादा दादी काका काकी
करो इतना सा योगदान
चलो सब मिल कर अब
करने चलें अपना मतदान
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क्रमांक - 32
मतदान
- रवि श्रीवास्तव
पटना - बिहार
मत है मतदान है,
जनता का अभिमान है ।
लोकतंत्र का महापर्व ये,
देश की पहचान है ।
जनता ने जिसे चाहा, गद्दी पर बिठाया,
गद्दारों को भी समय पर, खूब सबक सिखाया ।
सूनो देश के मतदाताओं, बहकावे में आना मत,
लोक लुभावन वादों में फंस, भ्रष्टाचारी को जिताना मत ।
बाहुबली, घोटालेबाज अगर, जीत सत्ता में आएंगे,
आमजन को पूछेगा कौन, अपनी जेबें भरते जाएंगे ।
देख-सुन, सोच-समझ, ईमानदार को देना अपना मत,
राष्ट्रहित में काम करे जो, ले जाए देश को प्रगति-पथ ।
जागो ऐ मतदाता अब, गर्व से मतदान करो,
देश की उन्नति में तुम, अपना भी योगदान करो ।
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क्रमांक - 33
मतदाता जागरूकता
-मुन्नी शर्मा
अजमेर - राजस्थान
गोरी ऊभी गोखड़े, सुणलीज्यो भरतार!
दोन्यू चालां बूथ पर,
चुणबा ने सरकार!!
लाज रखो सिंदूर की,
चुड़ला को सम्मान!
बेगा चालो सायबा,
करबा ने मतदान!!
चालो करसां बूथ पर,
बांध कसूमल पाग!
थांका वोट जगावसी,
लोकतंत्र को भाग!!
मिरगानेणी की सुणो,
विनती देकर ध्यान!
सजन लोभ लालच बिना,
करणो है मतदान!!
बेनड़ की राखी कहे,
सुणज्यो म्हारा बीर!
थांका वोटां सूं बणे,
भारत की तकदीर!!
प्रजातंत्र का सारथी,
कितरो करां बखाण!
रथ हांको जनतंत्र को,
यां पूंचां के पाण!!
उंगळी की स्याही लिखे,
एक नयो इतिहास!
सौ प्रतिशत मतदान सूं,
सबको करां विकास!!
अजयमेरु की शान है,
आड़ावल की आण!
मतदाता इण देस का,
अब तो बगत पिछाण!!
मारू थारा देस में,
वोटां री मनुहार!
मरुधर की जनता चुणे,
मनचाही सरकार!!
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क्रमांक - 34
मतदाता
- विजयी भरत दीक्षित
सुजानपुर टिहरा - हिमाचल प्रदेश
जागो रे जागो जागो जागो रे जागो जागो
समझो महत्व मतदान का
कर्तव्य करो अधिकार भी पाओ समझो महत्व मतदान का।
अठरह बरस आयु पूरी हो तो यह मिलता अधिकार
अपने नेता को चुनने का कर सकते हैं विचार
जाति धर्म का नहीं इसमें है कोई भी मतभेद
वोट न डाला नेता चुना गया व्यक्त करो मत खेद ।
जागो रे जागो .....
मत देकर सम्मान भी पाओ नेता चुनो सरकार बनाओ
भरत दबाव प्रभाव लालच में मत अपना मत यूंही गंवाओ
संविधानिक अधिकार हमारा संविधान का करो सम्मान
कर्तव्यअधिकार दोनों को समझो लोकतन्त्र का करो सम्मान।।
जागो रे जागो ........
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क्रमांक - 35- डॉ मंजु गुप्ता
मुंबई - महाराष्ट्र
सुनलो जी,सुनलो जी,सुन लो
चुनाव फिर से है आया ।
संविधान से,अधिकार मिला
ताकत यह मत की लाया ।
सब मतदाता हों जागरूक
नाटक, जश्न मनाते है ।
बोर्ड , पम्पलेट, होडिंग से ,
सजा बाजार जाते है।
मत अपना हर कोई देने ,
मतदान केंद्र में जाना ।
जाति धर्म औ' पंथ नाम पर ,
तुम्हें नहीं बिकने जाना ।
बड़ा कीमती ,इक इक मत है
योग्य व्यक्ति को है देना ।
नव विकास तब देश करेगा ,
मान विश्वगुरु का लेना ।
मिले सभी को ,रोजी रोटी
वोट जरूरी है, डालें
करें मतदान , शतप्रतिशत सब
चिड़िया - सोन बना डालें ।
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क्रमांक - 36
मतदान
मतदान करें
- डॉ लता अग्रवाल
भोपाल - मध्यप्रदेश
लोकतंत्र गणराज्य
हमारा
अधिकारों की रेलमपेल में
चलो कुछ प्रतिदान करें
दीन दुखियों की
हो सुरक्षा
समृध्दि का ध्यान धरें
ऐसे नेता को चुनने
चलो हम मतदान करें
झूठे वादे
स्वार्थी इरादे रखने वालों का
साथियों !
हम बहिष्कार करें
कभी जाति, कभी धर्म के नाम
मांगते वोट
उनका हम अवमान करें
अपने अमूल्य मत का
हे देशप्रेमियों !
मत यूँ ही दान करो
माँ भारती के हित
निष्ठा से मतदान करें।
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क्रमांक - 37
चलो कुछ नए प्रयोग करते हैं
- श्रुत कीर्ति अग्रवाल
पटना -बिहार
बँटवारे के सारे खाँचों को तोड़कर
इन्सान बनने को मुक्त कर दें उसे
जीने के उद्यम के अलावा
सोंच की ताकत से युक्त कर दें उसे
चलो, कुछ नए प्रयोग करते हैं
चुनाव की समझ हो
मताधिकार पर गर्व हो
निर्णय लेने को उन्मुक्त कर दें उसे
आदर्शों का महिमामंडन करें
मूल्यों को स्थापित करें
नेता चुनें, जनता से संयुक्त कर दें उसे
चलो कुछ नए प्रयोग करते हैं
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क्रमांक - 38
मतदान
- सुशीला शर्मा
जयपुर - राजस्थान
आओ भैया तुम्हें दिखाएँ
लोकतंत्र का खेल
पाँच साल में होती है
मतदान की रेलमपेल
दो हजार उन्नीस का फेरा
फिर चुनाव बन आया
महीने भर से रैली कर
नेताओं ने भर्माया ।
बड़े बड़े भाषण दें नेता
मुद्दे गिना रहे हैं
अपने मुँह मियाँ मिट्ठू बनकर
सबको सुना रहे हैं ।
एक गरज कर शेर सा
दुनिया हिला रहा है
चौकीदार चोर कह दूजा
डंका बजा रहा है ।
जनता अब सब जानती
किस किस में है खोट
लालच देकर नहीं मिलेंगे
अब सियासी वोट ।
जिसने काम किया देश में
वही चुना जाएगा
वंशवाद से अब ना कोई
नेता बन पाएगा ।
लहर चल पड़ी है विकास की
युवा भी जान गए हैं
नए नए अभियान चल रहे
सब ही मान रहे हैं।
सही चिह्न का बटन दबाकर
नेता सही चुनेंगे
तभी सही सरकार बनेगी
सुरक्षित सभी रहेंगे ।
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क्रमांक - 39
चुनाव
- डॉ. विभा रजंन ' कनक '
दिल्ली
आया चुनाव
कर अब प्रचार
नेता है खडा
बता उसको बडा़
लेकर के झांसे
हजार झूठे वादे
हो चाहे घटिया
बोल सबमें बढ़िया
हो चाहे अपराधी
बता उसे राष्ट्रवादी
झूठी कर बड़ाई
देकर के दुहाई
लेगा झूठी कसम
नहीं है कोई धरम
सब मिल एक हैं
बस दल है अलग
आया है यह अब
मतलब पडा़ जब
पुछेगा नहीं तब
जीतेगा वह जब
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क्रमांक - 40
- बीजेन्द्र जैमिनी
पानीपत - हरियाणा
लोकतन्त्र का विश्वास है मतदान ।
लोकतन्त्र की सेवा है मतदान ।
मतदान हर स्थिति में करें -
हार जीत की पहचान है मतदान ।
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क्रमांक -41
नया सवेरा
- मीरा जैन
उज्जैन - मध्यप्रदेश
मतदान पर नहीं किसी का पहरा,
देने जाये वोट ई वी एम पर
नजर आता है चेहरा
सोच समझ कर दबाएं बटन
हमारे वोट ही लाते है
देश मे नया सवेरा.
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क्रमांक - 42
मत - अधिकार
- अंकिता कुलश्रेष्ठ
आगरा - उत्तर प्रदेश
लोकतंत्र के महापर्व का
हम त्यौहार मनाने को
भारत हित को सर्वोपरि रख
निज कर्तव्य निभाने को
स्वाभिमान से उल्लासित हो
मत-अधिकार दिलाने को
निकल चले हैं हो कर ऊर्जित
हम मतदान कराने को
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क्रमांक - 43
पहली बार
- काजल खत्री
अजमेर - राजस्थान
यह लोकतंत्र का उत्सव है
इससे विकास संभव है
राम, इंदर, पीटर, अजहर
सबको मिलकर करना है
पहली बार पहली बार
पहली बार वोट यार
जाति धर्म लोभ के ज्वर से दूर
देश हित घर से निकलो यार
पहली बार पहली बार
पहली बार वोट यार
काम नहीं सरकारी ये
हम सबकी जिम्मेदारी ये
यही कर्तव्य अभी हमारा
इसका दिल से सम्मान कर
पहली बार पहली बार
पहली बार वोट यार
प्राणों से भी प्यारा है
ये हिन्दुस्तान हमारा
आगत नस्लों के स्वागत को
मिल हिन्द उत्थान कर
पहली बार पहली बार
पहली बार वोट यार
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क्रमांक -44
मतदान करे
- अनीता मिश्रा सिद्धि
हजारीबाग - झारखण्ड
मतदान का मतलब
हम सभी समझे ।
स्वच्छ चरित्र हो
नेक नियत हो
देश हित कार्य करे
उसे हम मतदान करे ।
कुर्सी की लालच
पैसे की हवस
तोड़ कर मर्यादा
भूल जाते है सभी को
ऐसे को प्यार कौन करे
जब ये चुनाव जीत जाते है ?
कब अपना वादा निभाते है ।
काम के नाम पर ठगी
हर जगह रिश्वत -खोरी
बैठ कर पैसा खाते सरकारी
अपनों से गद्दारी
ये सब कर जाते है
ऐसे को मतदान कौन करे
जब ये चुनाव जीत जाते है
कब अपना वादा निभाते हैं।
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क्रमांक - 45
मतदान का त्योहार
- संगीता गोविल
पटना - बिहार
मतदान भारत का महान पर्व है ।
जन-जन को देता मानसिक दर्प है ।
आओ सब मिल कर मत का दान करें ।
अच्छी सरकार दे देश का मान करें।
अनपढ़ या विद्वान सभी एक समान ।
लोकतंत्र में मिलता सभी को कमान।
हमारे अनुसार हमारी सरकार है ।
यह जन्म के साथ मिला अधिकार है ।
मतदान देगा देश को मजबूती
सही नायक देगा सही अनुभूति।
फिर देरी क्यों है , आलस क्यों करें।
हम भी अपनी समझ को देखें परखें ।
गरीब-अमीर सभी हैं महत्वपूर्ण ।
सौ प्रतिशत करके करें इसे पूर्ण ।
पांच साल में आता है यह अवसर
हम नेता चुन सकते हैं सुधार कर।
बिकने मत दो अपने हक की मान्यता।
वजूद बेच लोकतंत्र को मत करो शर्मिंदा ।
नव मतदाता का है ज्यादा योगदान।
यह भी है देश के प्रति भक्ति का दान।
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क्रमांक - 46
लोकतंत्र का महापर्व
- प्रदीप गुप्ता
अजमेर - राजस्थान
लोकतंत्र का महापर्व हैं पूरी सब तैयारी है
वोट डालना अधिकार नहीं बल्कि जिम्मेदारी है
सोच समझ कर वोट डालना व्यर्थ इसे ना जाने दो ।
जांचों परखो समझो जानो तभी जीत कर आने दो ।
मौका रोज नहीं आता है हरगिज़ चूक ना जाना तुम ।
अवकाश जानकर वोट डालना बिल्कुल भूल ना जाना तुम ।
भय प्रलोभन जात पांत का प्रभाव नहीं होने पाये ।
चुनो सही पर सुनो सभी को दुर्भाव नहीं होने पाये ।
लोकतंत्र के महायज्ञ मेंं अपने मत की आहूति दो ।
योग्य हाथ मेंं देश को सौंपे
मन को ये अनुभूति दो ।
गर आलस मेंं पड़कर तुम ये कर्तव्य नहीं निभाओगे ।
गया देश गर गलत हाथ मेंं
खुद दोषी कहलाओगे ।
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क्रमांक - 47
मतदान जन का शान
- विभा रानी श्रीवास्तव
पटना - बिहार
तन कहीं मन कहीं आत्मा कहीं कर्मा कहीं
जीवन उन्नयन का लक्ष्य जन्मा वहीं
जनतांत्रिक परंपराओं का बना मसाला
नैतिकताओं का ढ़कोसला जनसेवा में घोटाला
रीत पुरानी जुबान फिसले मैं-मैं की शैली
हित निराली जनता की थाती बंट जाती रैली
छाती पर मूंग दला बरगद के खोखर पीपल अनमेल
कैसे , क्या, कब के फेर में पड़े जनता चुने अकाशबेल
तानाशाही प्रवृतियां पल्लिवत बने विष बेल
लोकतंत्र का महापर्व अधिकार भी कर्तव्य भी मतदान
घनघोर निराशा के भंवर में फंसे जन की शान
किसी दल में नाव जो बिना पतवार के बह रही हो
किसी दल में जातिवादी ,
पल में तोला पल में माशा सह रही हो
हर घपला जनादेश का 'मति भ्रम' सत्ता के नशे में चूर
जन सदमे की सूरत में नहीं चाहिए नेता क्रूर
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क्रमांक - 48
नारे
- सरिता गुप्ता
दिल्ली
वोट उसी के नाम करेंगे।
जो देश का काम करेंगे।।
महादान नहीं कन्यादान।
महादान तो है मतदान।।
नहीं किसी से नोट लो।
सच्चे मन से वोट दो।।
बच्चे, बूढ़े और नर-नारी ।
वोट है सबकी जिम्मेदारी।।
अपने हक का मान रखेंगे।
साहस से मतदान करेंगे।।
धर्म जाति पर कभी न जाएं।
सही जगह पर बटन दबाएं।।
घर घर अलख जगाना है।
वोट तो करने जाना है ।।
जनता देश की भाग्यविधाता।
अब तो जागो हे मतदाता।।
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क्रमांक - 49
देश का कल्याण
- मीनाक्षी सिंह
पटना - बिहार
करके मतदान अपने देश का कल्याण करें,
सभी भारतवासी मिलकर मतदान करें मतदान करें |
विश्व पटल पर देश की शाख न गिरने पाए,
ना करके मतदान यह अपराध हमसे हो ना जाए |
गए कोसने के दिन अब सरकार के,
उपयोग करेंगे अब तो हम अपने मताधिकार के |
नेताओ देश को नहीं समझो अपनी जागीर,
जनता के एक वोट से बदल जाएगी तुम्हारी तकदीर |
नहीं आएंगे प्रलोभनो और झूठे वादों के चक्कर में,
खुद को करेंगे मजबूत भटकेगे ना धर्म के नाम पे |
लोकतंत्र को अब सम्मान दिलाना है,
तोड़ मजहब जाति की दीवार देश खुशहाल बनाना है |
अब पहले कर्तव्य अपने निभाएगे,
उसके बाद अधिकार अपने जताएगे |
तभी बनेगी सुदृढ़ प्रजातांत्रिकद देश,
जब हर व्यक्ति करेगा मतदान कोई भी रहे ना शेष |
इस दिन की छुट्टी का सभी करो उपयोग,
वर्णा पाँच साल तक देश फिर से इन को भोग |
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क्रमांक - 50
मतदान
- राजेन्द्र पुरोहित
जोधपुर - राजस्थान
स्वार्थ की दुकानों पर
हक़ का मत दान करना
स्वस्थ लोकतंत्र स्थापनार्थ
निष्पक्ष मतदान करना
आकर्षण कई लुभाएंगे
वो जात पांत उलझायेंगे
वो बातें कर के बड़ी बड़ी
तुम्हें नेक राह भटकाएँगे
फिर भी नहीं विचलित तुम
अपना ध्यान करना
स्वस्थ लोकतंत्र स्थापनार्थ
निष्पक्ष मतदान करना
विश्वास को काटा जाएगा
रंगों में छांटा जाएगा
मंदिर मस्जिद की बातों से
इन्सां को बाँटा जाएगा
तुम फिर भी सदा हृदय में
मानवता का भान करना
स्वस्थ लोकतंत्र स्थापनार्थ
निष्पक्ष मतदान करना
उघड़े तन को ज्यों ओट बहुत
बदकारी पर एक चोट बहुत
इस देश का भाग्य बदलने को
एक वोट बहुत, एक वोट बहुत
संकल्प सहित जुट जाओ
आस्था का सम्मान करना
स्वस्थ लोकतंत्र स्थापनार्थ
निष्पक्ष मतदान करना
==========================
क्रमांक - 51
मतदान करो
- कमला अग्रवाल
गाजियाबाद - उत्तर प्रदेश
शस्य श्यामला करे पुकार ,
उठो -उठो मतदान करो ,
ये लोकतंत्र का है त्योहार ।
है रवि का प्रचंड प्रहार ,
लम्बी है लगी कतार ,
एक दिन का है तप
चलो -चलें कर्तव्य निभायें ,
पाँच बर्ष में आता है दिन एक बार ।
देश को हम सौंपे ,
एक सशक्त हाथों में ,
प्रधान हमारा एेसा हो ,
बसे जन -जन की सांसों में ,
नहीं पार्टी से हमें सरोकार ।
मत के बीच न आये ,
कोई सौदे बाजी ,
नायक हो जो जीते बाजी,
मुकुट धरें ,सिर उसके ,
विश्व में भारत का करे जो जयकार ।
भूलें ना हम सभी ,
एक मत भी है कीमती ,
एक-एक मिल होते ग्यारह ,
सोच -विचार करो मतदान,
चुननी है हमको सरकार ।
उम्र तुम्हारी अठरह की है ,
लो तुम अँगुली पर निशान ,
मतदन करो तुम पहली बार
ये है लोकतंत्र का त्योहार ॥
=======================
क्रमांक - 52
जागृति
- मधुरेश नारायण
पटना - बिहार
जागो ऐ भारत के लोगों!वादे पे अब जीया नहीं जाता।
चुनो ऐसा प्रतिनिधि जिसे,दूसरों के लिये जीना हो आता।
सादगी भरा जीवन हो जिसका,चमक-दमक से रहता दूर।
जनता से न भय हो जिसे,"सुरक्षा घेरे न हो मंजूर"।
जो अपनी सुरक्षा कर न सके,औरों का रक्षण सौंपा नहीं जाता।
जागो.............
गाड़ियों का काफिला चले न सङ्ग,लोगों को हो न जिससे कष्ट।
सब के बीच हो उतना-बैठना,ईमानदार हो न हो भ्रष्ट।
भरने को तिजोरी देखे जो सपना,औरों का सपना सौंपा न ही जाता।
जागो..........
सदा रहे क्षेत्र में अपने,जरूरत पर रहे राजधानी।
जीत ले दिल सभी का,जो आचरण में बरते सावधानी।
राजधानी की चकाचौंध में रहे,ऐसा प्रतिनिधि चुना नहीं जाता।
जागो...............
अपने वोट की कीमत जानी,परखो नेता और पहचानो।
हर हाल में मतदान करना, स्वविवेक से वोट डालो।
व्यर्थ न जाये वोट तुम्हारा,किसी के कहने पे जो न आता।
जागो...............
बीत गये यहाँ वर्ष कई, देते हुए प्रजातंत्र की दुहाई।
बोगस वोट पहले पर जाता,कहीं नहीं इसकी सुनवाई।
बदलनी होगी व्यवस्था ऐसी,जिस तंत्र पर विश्वास सहज हो जाता।
जागो................
==========================
क्रमांक - 53
मतदान
- अनिता रश्मि
रांची - झारखण्ड
सब कहते रहते
दानों में सबसे बड़ा दान
कन्यादान
उधर मृत्यु शैया पर लेटे
व्यक्ति से करवाए गए
बछिया दान को भी
कम नहीं मानते
स्वर्ग की लालसा में डूबे लोग
मेरी निगाह में
सबसे बड़ा दान
मतदान !
पूरे देश का भाग्य बदलने
लोकतंत्र पर्व की ज़मीं पर
अपने सपनों की फसल
उगाने हेतु
मतदानरूपी खाद के द्वारा
उसकी उर्वरा शक्ति बढ़ानी है
अपनी ताकत पहचान
गलत हाथों में जाने से देश को
रोकने के लिए यही तो
इक सहारा है
सपनों से भरे सतत
सुचारु रूप से चलनेवाले
जीवन की हँसी के लिए
अपने इस अधिकार की
जरूरी रस्म निभाकर
हर हाल में कर्तव्य निभाना है
सबसे मतदान कराना है
अपने देश को ही स्वर्ग बनाना है।
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क्रमांक - 54
चुनाव
- ब्रह्मानन्द झा
शिकोहाबाद - उत्तर प्रदेश
चलो सखी हम तुम चलें, संग डारिबे वोट।
तासों कोउ न करि सके, लोकतंत्र पे चोट।।
अपने भारत देश पे, हमकों तो है गर्व।
सिब परवनि ते है बड़ो, लोकतन्त्र को पर्व।।
उमरि अठारह की भई, मन में लीनी ठान।
अबकी बार चुनाव में, हमहुँ करें मतदान।।
मतदाता अब ना डरे, निडर करे मतदान।
शासन का मंतव्य ये, सब पावें सम्मान।।
एक वोट से जीत है एक वोट से हार।
तभी माँगबे वोट सब नेता आते द्वार।।
नेता आते द्वार द्वार अरु गली गली में।
देखें ना दिन रात रहें वे चला चली में।।
कहते ब्रह्मानन्द है बात हमारी नेक।
अच्छो नेता चुनबे को हो जाओ सब एक।।
==============================
क्रमांक - 55
क्रमांक - 55
चुनाव
- रंजना वर्मा
राँची - झारखंड
आई चुनाव की पावन बेला
नेतागण पहुँच गये करने जनता की सेवा
चुनाव की घड़ी में खुद को
जनता का बड़ा भक्त बताते
जीतने के बाद अपना चेहरा नहीं दिखाते
नौकरी,उन्नति,पिछड़ापन,गरीबी
मुद्दे होते ढ़ेर सारे
धर्म,मंदिर के नाम पर भी
वोट मांगने से ये नहीं शर्माते
जनता के दुख में आँसू बहाते
उन्नति और कामयाबी के
झूठे सपने दिखाते
उनकी ही सोच है सबसे निराली
उनके जीतने से छा जायेगी
देश में हरियाली
दोस्तों तुम्हारा एक एक वोट है कीमती
देखो,समझो हर नेता की नियति
सुनो सबकी
मानो सिर्फ अपने दिल की
नेता होंगे ईमानदार और सशक्त
तभी हमारा देश होगा
प्रगति के मार्ग पर प्रशस्त
चुनाव को सफल बनाओ
अपना वोट जरूर डालो.....
==========================
क्रमांक -56
क्रमांक -56
बजा बिगुल
- ओम प्रकाश फुलारा "प्रफुल्ल"
बागेश्वर - उत्तराखण्ड
बजा है बिगुल आज
शंखनाद हुआ आज
वादों का पिटारा लिए
महापर्व आ गया।
नेताजी के भाषणों के
बोल बहुत मीठे हैं
मधुर स्वरों का राग
जन मन भा गया।
निकट चुनाव अब
बजने लगा है डंका
भाषणों का जोर देखो
सब ओर छा गया।
खो न जाना तुम इस
रण के चक्रव्यूह में
बचना जो सीख गया
वही पार पा गया।
चारों ओर मचा शोर
सब लगा रहे जोर
चुनाव की तैयारी में
सब झन व्यस्त हैं।
न आना तुम झांसे में
किसी के बहकावे में
वादों का पिटारा लिए
लोग यहाँ मस्त हैं।
लोगो को रिझाने को
दमखम दिखाते हुए
लोग गली कूचे में भी
लग रहे गस्त हैं।
पूरे मनोयोग से ही
नेता का चुनाव करो
भाग्य उदय होगा या
और यहीं अस्त है।
हाथ में कमान तेरी
मत कर अब देरी
महाकुम्भ आज आया
मतदान कर ले।
छोड़ निज स्वार्थ को
भविष्य सुधार कर
मत का प्रयोग कर
जीवन सुधार ले।
सही व्यक्ति चुनकर
शासन में भेज अब
जीवन में सबके तू
खुशियों को भर दे।
मतदाता है विधाता
भारत के निर्माण का
मतदान करके तू
खुशहाली कर दे।
=============================
क्रमांक - 57
मतदान
- प्रेमलता सिंह
पटना - बिहार
महापर्व आया है,
अपार खुशियाँ लाया है,
दोस्तो चलो हम सब इस पर्व को मिलकर मनाये
मतदान करेंगे,
नही हम पीछे हटेंगे,
अपने अधिकार का हम सम्मान करेंगे ।
मत को नही हम दान करेंगे ।
चलो हम मतदान करेंगे,
अपने लोकतंत्र का हम मान रखेंगे ।
चलो हम मतदान करेंगे
अपने हिन्दुस्तान को हम सलाम करेंगे ।
चलो हम मतदान करेंगे ।
सच्चे देश भक्त को हम अपना प्रतिनिधि चुनेंगे ।
महापर्व के दिन न हम विश्राम करेंगे ।
चलो हम सब मिलकर मतदान करेंगे ।
सच्चे और इमानदार को हम अपना प्रतिनिधि चुनेंगे ।चलो हम मतदान करेंगे ।
पाँच साल न हम अपना बर्बाद करेंगे ।
अपने देश का हम का मान करेंगे।
यह लोकतंत्र हमारा है,
अपने मत से हम इसका सम्मान करेंगे
चलो हम देशवासीयो हम मतदान करेंगे ।
=================================
क्रमांक - 58
मतदान
- नीतेश उपाध्याय
दमोह - मध्यप्रदेश
न बेचना पैसों पे अपना तुम ईमान
चाहे सोने रहने को न मिले
तुम्हे दो गज ये जमीं-ओ-आसमान
पर न बेचना पैसों पे अपना ईमान
जब करने जाना तुम मतदान
जो देश हित पर सब न्यौछाबर कर दे
गाँव शहर अपना विकसित कर दे
फूलों की महक से न सही
विकासशील कर सके हिंदुस्तान
चुनना ऐसा तुम नेता मिलकर ए इंसान
जब करने जाना तुम मतदान
परे रखे जो जाति धर्म
श्रेष्ठ कहे जो स्वकर्म को
ऊपर से भले कठोर हो
मगर अंदर से दयालु मर्म हो
जो करे इन बातों का सम्मान
रखना तुम उसका ध्यान
जब करने जाना तुम मतदान
आलीशान न जीना चाहे,मदिरा धूम्रपान न पीना चाहे
मिट्टी का घर हो जिसका खप्पर से ढँका हो मकान
होता है सहज सुगम वार्तालाप उनसे आसान
जब करने जाना तुम मतदान
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क्रमांक - 59
मतदान
- मनोरमा चन्द्रा
रायपुर - छत्तीसगढ़
देश हित में बढ़ - चढ़कर,
आओ मिल मतदान करें।
अपने वोट से नेता चुन,
देश का गौरव गान करें।।
बहुमूल्य होता मतदान,
व्यर्थ में न उसको गंवाएँ।
ऐसे नेता को जीतायें,
जो विकास नीतियां अपनाएँ।
नोट लेकर वोट न दें,
अपनी मत का सम्मान करें।
नाप - तोल की वस्तु नहीं,
मिलकर सब मतदान करें।।
है अधिकार जन - जन का,
राष्ट्र भक्ति में डूब जाएँ।
देश के लिए समर्पण भाव,
अंतर्मन में सभी जगाएँ।।
देश हित के आड़ में,
जेब जो अपनी भर जाएँ।
बहिष्कृत कर ऐसे नेता को,
खूब हम सबक सिखाएँ।।
मत का दान महादान है,
इसमें सब डुबकी लगाएँ।
राष्ट्र के सर्वांगीण विकास में,
अपना हम योगदान निभाएँ।।
==============================
क्रमांक - 60
चल रे! मतदान करें
- डॉ. अवधेश कुमार 'अवध'
गुवाहाटी - असम
देशप्रेम को आगे रख-
सबका आह्वान करें,
चल रे! मतदान करें।
लोकतन्त्र में हाथ बँटा-
मत का सम्मान करें,
चल रे! मतदान करें।
महापर्व के अवसर पर-
मन से गुणगान करें,
चल रे! मतदान करें।
मनचाहे प्रत्याशी चुन-
इतना अवदान करें,
चल रे! मतदान करें।
सही बटन पर जाए मत-
इसका भी ध्यान करें,
चल रे! मतदान करें।
=======================
क्रमांक - 61
मतदान
- अर्चना राय
जबलपुर - मध्य प्रदेश
जनता का, जनता के लिए
जनता के ही द्वारा है।
प्रजातंत्र का मुखर मंत्र
जो सब देशों से न्यारा है।
चुनने अच्छी सरकार को
संविधान ने दिया
हमें अधिकार है।
औरों को प्रेरित करें और
खुद भी अपने मत का दान करें।
लोकतंत्र के महापर्व का
मिलकर सब सम्मान करें।
प्रजातंत्र की गरिमा को
सच्चे अर्थों में साकार करें।
आओ हम सब संकल्प करें
सबसे पहले मतदान हो
बाकी सारे काम बाद में करें ।
=======================
क्रमांक - 62
देश की माँग -मतदान
- अजय जयहरि कीर्तिप्रद
कोटा - राजस्थान
देश को आज, मतदाता के, मत की; जरूरत आन पड़ी
शायद इसी लिए,जनता भूखी प्यासी कतारों में है,खड़ी
हाथों में है; पहचान पत्र और महीना है वैशाख का
भीषण तपती गरमी में, यह चुनौती है; सबसे बड़ी
देश को आज.................................................
ऐसी किसने कौनसी घुमाई यारों जादू की छड़ी
की, देश की जनता आज मतदान करने पर है अड़ी
ख्वाबों में है देश; और देश के हर नागरिक का विकास
सबको मालूम है; सम्पूर्ण विश्व में, देश की साख है बड़ी
देश को आज.................................................
धीरे धीरे निकल रहा दिन,समीप आ रही मतदान घड़ी
आहिस्ता-आहिस्ता, मतदान कर जनता आगे है बढ़ी
दिल मेंं है अरमान; छुयेगे एक बार फिर आसमान
मतदान कर गाँव शहर की जनता खुश हो रही बड़ी
देश को आज.................................................
==================================
क्रमांक - 63
मतदान
- रश्मि लता मिश्रा
बिलासपुर - छत्तीसगढ़
मतदान से देना है मत
कैसे चलेगा समाज का पथ
माना देश का विकासोन्मुख
द्वार होना चाहिए
पर थोड़े तो प्रतिनधित्व में
संस्कार होने चाहिए
मतदाता का रुख ये बरकरार
होना चाहिए
अभद्रता पर अंकुश हर बार होना चाहिए
==============================
क्रमांक - 64
मतदान
- गिरधारी लाल़ चौहान
जांजगीर - छत्तीसगढ़
चलो चलो मतदान करो ।
देश का नव निर्माण करो ।
आया है मतदान का पर्व ।
सबका इससे कल्याण करो ।
सबको इसका अधिकार है ।
इससे बनता सरकार है ।
मिला कानूनी उपहार है ।
अपने मत का दान करो ।
ना जाति की बात इसमें ।
ना भाषा का भेद है ।
ना धर्म रीति रिवाज ।
सुन्दर हिन्दुस्तान गढ़ो ।
शिक्षित अशिक्षित सब देते ।
ना कोई किसी का धन लेते ।
अच्छे लोगों पर दृष्टि रखकर ।
यह कार्य महान करो ।
देश हमारा लोकतंत्र ।
इस पर हमको नाज है।
कभी न यह मिटने पाये ।
अपने सर अपना ताज रखो ।
=============================
क्रमांक - 65
मत
- सुशीला जोशी
मुजफ्फरनगर - उत्तर प्रदेश
जिस मत को सम्मान ही न मिले ,
जिसके विषय मे कभी सोचा तक भी न जाये ,
मतदान करने वाले कि कभी सुध भी न ली जाए
ऐसे मत को अपने तक ही सीमित करके
रख लेना चाहिए ।
===============================
क्रमांक - 66
चुनाव
- इन्द्र देव गुप्ता
गुरुग्राम - हरियाणा
दिल से दिल, दल से दल के अलगाव का
लो आ गया मौसम फिर से चुनाव का
बैनर और टोपियाँ बिक रही धड़ाधड़
इंतज़ार भोले ले वोटर्स के मोल भाव का
नेता सभी दिखा रहे सब्ज़ बाग़ बड़े-बड़े
मतदान है या सौदा हसींन ख़्वाब का
योजनाएं कागज़ी रही रोटी नहीं नसीब
इंतज़ाम आज पूरा शराब औ कबाब का
जाते नहीं मतदान करने जो भी नासमझ
साया रहेगा पाँच वर्ष नसीब खराब का
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क्रमांक - 67
मतदान
- डॉ सुरिन्दर कौर नीलम
रांची - झारखंड
आया चुनाव अब सही प्रत्याशी
की कर लो पहचान,
है अधिकार वोट का सबको
करना है मतदान।
लोकतंत्र में सोच -समझ कर
सही प्रतिनिधि को लाना,
जो करे विकास देश का
उसका बटन दबाना।
बेईमान को चुना अगर तो
खा़क होंगे अरमान।
न देखना दल विशेष
न धर्म -जाति का बंधन ,
न बहकावे में आना
बेशक धन का प्रलोभन,
राष्ट्र हित के काम करे जो
उसका हो सम्मान।
है अधिकार वोट का सबको
करना है मतदान।।
===============================
क्रमांक - 68
लोकसभा
- डाँ. अशोक कुमार खतौलवी
मुजफ्फरनगर - उत्तर प्रदेश
लोकसभा के चुनाव का हो गया इन्टरवल। 23 मई को निकलेगा इसका परीक्षा फल। इसका परीक्षा फल दोनो दल डटे सामने। दोनों हैं बेचैन, सत्ता की चाबी थामने।
कह ए के कविराय, जानते हैं सब कोय। बोया पेड़ बबूल का तो आम कहां से होय।
============================== क्रमांक - 69
मतदान
- रेणु झा
रांची - झारखण्ड
आओ लोकतंत्र का
महापर्व मनाए,
हम सभी देश के वासी
इस उत्सव में शामिल हो जाए
ये चुनाव का महापर्व
पांच साल में आता एक बार
मतदान हमारा अधिकार
चुनाव में मतदान कर
जागरूकता का कर्तव्य निभाए ।
छूटे नहीं, कोई मतदाता
राष्ट्र हित में अपनी
हिस्सेदारी निभाए
देश के सम्मान में
अपना भी मान बढ़ाए
चलो मतदान कर आए ।
घर से निकलकर
कुछ दूर चलकर
मतदान केंद्र जाकर
बटन दबाकर,
देश के उन्नत, समृद्ध
भविष्य के लिए, एक कर्मठ
प्रतिनिधि चुनकर लाए
लोकतंत्र के उत्सव में ,
अपनी भागीदारी निभाए ।
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क्रमांक - 70
मतदान सबका अधिकार
- मंजुला ठाकुर
भोपाल - मध्यप्रदेश
न बोल कड़वे बोल।
जब तू न समझे मतदान का मोल।
न कर राजनीति का दुरुपयोग।
जब नही करते आप मतदान का प्रयोग।
हर तरफ है, दुष्प्रचार।
मतदान देकर जताए अपना अधिकार।
जो हो गए बरस अठारह।
उम्मीदवार चुनो अच्छा
भ्रष्टाचार को टिकने न दो दुबारा।
हम सबका एक हो मकसद।
मतदान का उपयोग हो
न इसका दुरुपयोग हो
लोकतंत्र के प्रखर हो
अपना एक एक मत है कीमती।
जनतंत्र, लोकतंत्र की छवि मे
सुधार हो ये है, जन जन से विनती।
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क्रमांक -71
हमारी जिम्मेदारी
- दर्शना जैन
खंडवा - मध्यप्रदेश
मतदान करना अधिकार ही नहीं
है हमारी जवाबदारी
सही सोच वाले चेहरे को जिताना
है हमारी जिम्मेदारी
हर चुनाव में मत प्रयोग करने की
पूरी हो हमारी तैयारी
बस जाति को मतदान पर कभी
नहीं पड़ने दें हम भारी
नहीं बनने दें हम प्रलोभनों को
अपने मतों का शिकारी
मत उसी को दान करें जिसने
बरती हो पूरी इमानदारी
भारी मतदान करके लोकतंत्र में
हम सभी दें भागीदारी
ताकि एक को बहुमत मिले,
न रहे गठबंधन की लाचारी
======================
क्रमांक -72
तर्जनी की दान
- ईशानी सरकार
पटना - बिहार
बोल तर्जनी बोल
निर्देश दे तू मुझे
बंद पोल तू खोल
इस वर्ष जो न दिशा दिखापाएगी
पांच वर्ष पछताएगी
तेरे शीर्ष पर लगा काला टीका
तूझे ही कलंकित कर जाएगी
उठ अब जात - पात से
डर से अभिशाप से
भेद धर्म और लिंग को
बचा स्वयं को कलंक और अभिशाप से
उठी है तो सही दिशा पकड़
मुड़ न किसी के बात से
मुड़ी तो मात खाएगी
अकड़ से रह समझ के कह
तू मार्गदर्शिका बन अपनी
सुन सबकी पर अपनी कह
राजनीति के मंच पर
चल रहा जो खेल है
तू उसी की पोल खोल
बोल तर्जनी बोल
इस बार तू जो चूक गई
फिर पांच वर्ष पछताएगी
दान ऐसा मत तू कर
जो व्यर्थ चला जाएना
इस वर्ष जो दान व्यर्थ गया
अगले पांच वर्ष पछताएगी
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क्रमांक - 73
लोकतंत्र का पर्व
- मनोज कर्ण
फरीदाबाद - हरियाणा
दान धनी जन देते हैं,
दाता होना सीख
हर माँग होता नही,
नाम से भीख
व्यक्ति नही,
देश को दे कर कर लो गर्व
पाँच वर्ष में आता है
लोकतंत्र का पर्व
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क्रमांक - 74
चुनाव
- अंकिता सिन्हा
जमशेदपुर - झारखण्ड
घड़ी -घड़ी की बात है
दिन खत्म तो रात है
यह भी एक पड़ाव है
फिर खड़ा चुनाव है।
पैंतरा जो आखरी
आज़मा ले आज ही
तेरे घर के सामने
हैं बड़े मकां कई
उनमें जो भी लोग हैं
अपने आप में उद्योग हैं
देश की जो आत्मा
गुमशुदा भटक रही
लाशें किसानों की
पेड़ों से लटक रहीं।
माँ भारती के वक्ष पे
देख कितने घाव हैं
यह भी एक पड़ाव है
फिर खड़ा चुनाव है।
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क्रमांक - 75
क्रमांक - 75
चुनाव
शशांक मिश्र भारती
शाहजहांपुर - उत्तर प्रदेश
रंग आतंक
वोट नीति करती
अधिक गाढ़ा ।
अंग्रेज गए
काम अपना कर
सुधरा कौनॽ
रंग चुनावी
असमय न चढ़े
पावस ज्यों।
स्वार्थ दमके
वायदे ही वायदे
है राजनीति ।
पिसते रोज
गरीब ही गरीब
इनके राज।
वादों में मिले
झूठ के आश्वासन
तो नींद कहां ॽ
बयान बाज
बोल रहे कुछ भी
दिन उनका।
इस चुनाव
आदमी तो आदमी
गधे भी खुश।
अपने साथ
अपनों को गिराया
इस चुनाव ।
स्वार्थ उनका
हम सब पिसते
हर चुनाव ।
कुर्सी का खेल
नीति नीयत फेल
वादे ही वादे ।
अपने गिरे
अपनों को गिराया
कुर्सी की खातिर ।
शब्दकोश भी
फल फूल है जाता
हर चुनाव ।
मतदान भी
जागरूकता से हो
सफल तभी ।
जाति की नीति
असफल करती
राज औ नीति ।
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क्रमांक - 76
द्वार - द्वार
- हरिनारायण सिंह 'हरि'
समस्तीपुर - बिहार
लो चुनाव अब आ गया,करना है मतदान ।
द्वार -द्वार अब घूमते, नेता जी परिशान।
मतदान
- गोविंद भारद्वाज
अजमेर - राजस्थान
लोकतंत्र के मंदिर में
ऊंचा निज संविधान करें।
इसकी शुचिता की खातिर
आओं सभी मतदान करें।
नारा बन कर रहे नहीं
खुद मतों की पहचान करें।
इस पावन यज्ञ में आहुति
दे मुकम्मल अरमान करें।
===============================
क्रमांक - 86
क्रमांक - 76
चुनाव और मतदान
- डा.अंजु लता सिंह
दिल्ली
आए लो अब ऐसे दिन-
मन में उठें ढेर प्रश्नचिह्न,
यत्र तत्र और सर्वत्र-
दीख रहे हैं चुनाव चिह्न.
प्रचार-वार का बना माहौल-
उड़ाओ ना कोई मखौल,
कौन है रे यहां सुयोग्य ?
मन में सब लो तोल.
मतदान है जरूरी-
न हो कोई मजबूरी,
चुनो सतर्क नेता-
जन-मन का जो प्रणेता .
चुनना नहीं दुःशासन-
डोलेगा फिर सिंहासन,
हित हों ना छिन्न भिन्न-
चुनिये चुनाव- चिह्न.
राष्ट्र का भावी निर्माता-
है सच्चा मतदाता,
नेता और मतदाता में रे
बने मधुर सा नाता.
सक्षम कर्णधार ही बैठें
देश के राजसिंहासन पर
पूरे हों जनता के सपने
हर्षित होवें जी भरकर
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क्रमांक - 77
सबसे महान मतदान
-प्रो.शरद नारायण खरे
मंडला - मध्यप्रदेश
वह पांच साल
चैन से सोता है
जो मतदान के व्दारा
अच्छी सरकार बोता है
और जो मतदान के समय
सोता है वह बंदा फिर
पूरे पांच साल रोता है।
मतदान महान फर्ज़ है
इस फर्ज़ को
पूर्ण जवाबदारी से निभाएं
अपना भविष्य उज्ज्वल बनाएं
यह कार्य पुनीत है महान है
यह तो श्रेष्ठ नागरिकता
की पहचान है।
लोकतंत्र के आंगन में तो
आई हुई बहार है
महक रहा सारा घर-आंगन
सुखकर यह संसार है
मत देने का हक़ हम सबका
यह तो इक हथियार है
आओ,हम खुशियां रच डालें
चहूंओर जयकार है।
वतनपरस्ती है यदि तुम में
तो निश्चित मतदान करो
पाया है अधिकार जो हमने
उसका सब सम्मान करो
घर से बाहर निकलो सारे
वोट करो, सब वोट करो
आलस और शिथिलता पर अब
सारे मिलकर चोट करो।
बिना डरे, साहस से सारे
बिना लोभ-लालच के मारे
सोच-समझ मतदान करो
पुण्यकार्य औ' दान करो
जाति,धर्म की बात न सोचो
बिरथा ही तुम बाल न नोचो
प्रत्याशी जो योग्य है सबसे
उसके हित मतदान करो
अपने हक़ का मान करो।
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क्रमांक - 78
भारत की जरूरत
- ममता बब्बर
कुरुक्षेत्र - हरियाणा
मत कर दान यूँ ही मतदान का
कुछ कर ले ध्यान अपनी पहचान का
एक परख सही विचार भारत की जरुरत है
छोड़ दे मोल भाव स्याही के नाम का
मेरे देश के मालिक तुझसे आहवान है
तेरे बिना ना सत्ता ना कोई शान है
ये हक़ नहीं मिला यूँ ही गंवाने को
अर्द्ध दशक कम नहीं राजा आजमाने को
जाग तो आँखें बंद सही
पैगाम दे मालिक की शान का
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क्रमांक - 79 - हरिनारायण सिंह 'हरि'
समस्तीपुर - बिहार
लो चुनाव अब आ गया,करना है मतदान ।
द्वार -द्वार अब घूमते, नेता जी परिशान।
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क्रमांक - 80
मतदान
- बबिता चौबे शक्ति
दमोह - मध्यप्रदेश
चल री सखी मतदान केन्द्र
वोट डालकर आयेगें
लोकतंत्र के इस यज्ञ में
आहूति हम चढ़ायेगें
लालच से, या डर से
हम नहीं भरमायेंगें
चल री सखी मतदान केन्द्र
वोट डालकर आयेंगें।।
सच्चे का बोलबाला
झूठे का मूँह काला
सबको ये समझायेगे
चल री सखी मतदान केन्द्र
वोट डालकर आयेगें
लोकतंत्र के इस यज्ञ में
आहूति हम चढ़ायेगें ।।
==========================
क्रमांक - 81
मतदान
- लज्जा राम राघव 'तरुण'
बल्लबगढ- हरियाणा
चलो करें मतदान सखी री,
चलो करें मतदान।....
सारे जावें लोग लुगाई,
जेठ जिठानी चाची ताई,
जोश भरा सबके दिल अंदर,
गावें गीत बजे शहनाई।
उमड़ रहे अरमान सखी री,
चलो करें मतदान।......
मन हर्षाये नहीं अघाता,
बने देश के भाग्य विधाता,
दृढ़ हाथों में चलो सौंप दें,
बनकर जागरूक मतदाता।
भारत देश कमान सखी री,
चलो करें मतदान।.....
जाति धर्म से ऊपर उठ लो,
स्वच्छ छवि हो हाथ पकड़ लो,
बहकावे में मत आ जाना,
सत्य न्याय की राह पकड़ लो।
जिसमें सब की शान सखी री,
चलो करें मतदान।......
भार आज कंधों पर भारी,
आज निभा दो भागीदारी,
स्वच्छ छवि का नेता चुनना,
है हम सब की जिम्मेवारी।
पूरे हो अरमान सखी री,
चलो करें मतदान।....
भेदभाव सब दूर भगा दो,
सोये जो नर नार जगा दो,
द्वेष फूट का बीज बिखेरे,
चोट वोट कि उसे लगा दो।
पहुंचा दो श्मशान सखी री,
चलो करें मतदान।.......
===========================
क्रमांक - 82
मतदान
- शाईस्ता अंजुम
पटना - बिहार
सारे कामों को छोड़ दो
सब से पहले वोट दो
मेरा था ये मतदान
लोकतंत्र का करें सम्मान
चुनो उसी को जो काबिल हो
देखो परखो फिर वोट करो
साथ मिल कर बूथ पर चलो
धर्म जाति को छोड़ दो
देश की जनता को जगाओ
मतदान की बातें बताओ
अपना वोट अपना अधिकार
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क्रमांक - 83
वोट करो
- महेश गुप्ता जौनपुरी
गनापुर - उत्तर प्रदेश
सत्ताधारी सॉपो को कब तक तुम पालोगे
जाति धर्म पर तुम कब तक वोट डालोगे
कदम बढ़ाओ ईमानदार नेता चुन कर लाओ
वोट करो वोट करो जनहित में वोट करो
लालची भष्टाचारी को सत्ता से बेदखल करो
अक्ल लगाओ बटन दबाओ देश को खुशहाल बनाओ
गुलामी के जंजीरो से देश को आजाद कराओ
वोट करो वोट करो जनहित में वोट करो
सॉप के सपोलो को कब तक दुध पिलोओगे
भारत माँ से गद्दारी करके कब रह पाओगे
जाति धर्म पर कब तक तुम बटते रहोगे
वोट करो वोट करो जनहित में वोट करो
झूठे वादे करके ना भागे पंचवर्षीय कार्यकालो से
जनता का दुःख दर्द समझे जनता के बीच रहकर
ऐसा नेता चुनना साथी जो देश के प्रति समर्पित रहें
वोट करो वोट करो जनहित में वोट करो
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क्रमांक - 84
मतदान
. - उर्मिला सिदार
रायगढ़ - छत्तीसगढ़
मतदान वह मुफ्त दान है।
किसी व्यक्ति के लिए वरदान है।
समझदार व्यक्ति समझ कर मतदान करता ।
ना समझ व्यक्ति लालच में पड़ता।
मतदान का सार्थक उपयोग करो।
अपना अधिकार का सदुपयोग करो।
आओ समझ कर मतदान करें ।
अपने देश का भविष्य गढे।
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क्रमांक - 85
- गोविंद भारद्वाज
अजमेर - राजस्थान
लोकतंत्र के मंदिर में
ऊंचा निज संविधान करें।
इसकी शुचिता की खातिर
आओं सभी मतदान करें।
नारा बन कर रहे नहीं
खुद मतों की पहचान करें।
इस पावन यज्ञ में आहुति
दे मुकम्मल अरमान करें।
===============================
क्रमांक - 86
मतदान
- सुषमा ठाकुर
राँची - झारखंड
लोकतंत्र के महापर्व का
फिर हुआ आगाज।
जागो हे जनता!
मतदान कर अपना भविष्य
सुनिश्चित कर लो तुम आज।
जाँचो, परखो जनप्रतिनिधियों को
है कौन सच्चा
पालक, रक्षक, संरक्षक
पाँच वर्षों के लिए
सुनिश्चित कर लो तुम आज।
झूठे प्रलोभनों में
कहीं मत अनमोल व्यर्थ न जाए
तर्क की कसौटी पे कस कर
प्रतिनिधि कोई समर्थ ही आए
सुनिश्चित कर लो तुम आज।
संविधान ने मताधिकार से
तुम्हें समर्थ बनाया है।
गर चाहो तो पलट सकती
देश की काया है।
कैसा हो भारतवर्ष अपना
सुनिश्चित कर लो तुम आज।
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क्रमांक - 87
मतदान
- ज्ञानप्रकाश 'पीयूष'
सिरसा - हरियाणा
मिला हमें अधिकार है,'मत' का करें प्रयोग।
सबसे पहले जान लें,हम इसका उपयोग।।
बहुत शक्ति है वोट में,इसका हमको ज्ञान।
सोच समझ कर इसलिए,करते हैं मतदान।।
महापर्व मतदान है ,लोकतंत्र की जान।
सफल समझना तब इसे ,जीते सच इंसान।।
स्वार्थपरायण भाई को,मत देना तुम वोट।
देना जनप्रिय व्यक्ति को, तुम डंके की चोट।।
लोक धर्म कहता हमें, लालच करना पाप।
लेकर रिश्वत वोट दें,बहुत बड़ा अभिशाप।।
वोट बड़ा अनमोल है मत कर वाद-विवाद।
चुका मौका फिर मिले, पाँच साल के बाद।।
=====================
क्रमांक - 88
मतदान
- चंद्रिका व्यास
मुंबई - महाराष्ट्र
लोकतंत्र मतदान
है प्रजा का अधिकार
मतदान बन बहता है उसमे
जनता का विश्वास
किन्तु
कुरूक्षेत्र है यह
या मतदान का अखाड़ा
उम्मीदवार के रथ पर बैठ बन ,
दुर्योधन रैली करते !
धृतराष्ट्र संग गांधारी भी
अंधकूप में है बैठी
पुत्र की अराजकता में
दिखता उनका शौर्य है !
(सौ पुत्र) ले अधर्म की गठरी संग
गये कृष्ण के पास
धर्म परायण अर्जुन को
दो सभा से निकाल !
बने कृष्ण मतदान की पेटी
धर्म अधर्म सभा
कृष्ण बने सहाय धर्म के
अधर्म हुआ असहाय !
तब ,
मतदान की पेटी में धर्म की
विजय की गणना होने लगी
धर्म बना नरेन्द्र प्रजा का
प्रजा में आनंद छाने लगा
देख अधर्म की क्षीणशक्ति
कमल भी मंद मंद मुस्कुराने लगा !
====================
क्रमांक - 89
क्रमांक - 96
क्रमांक - 89
मतदान एक पर्व
- जगदीश प्रसाद रघुवंशी
रायसेन - मध्यप्रदेश
पाँच वर्ष में आता है जो, देश का पर्व महान है।
आओ भैया मिलकर करना, हम सब को मतदान है।।
मिला है जो अधिकार हमें, उसका उपयोग जरूरी है।
महत्वपूर्ण हर एक वोट है, सो मतदान जरूरी है।।
सबसे बड़ा लोकतंत्र होने का, हम सब को अभिमान है।
आओ भैया मिल..................।
करना है जो विकास देश का, अच्छी सरकार जरूरी है।
सबसे योग्य उम्मीदवार को, चुनना बहुत जरूरी है।।
एक नए भारत का मिलकर, करना अब निर्माण है।
आओ भैया मिल................।
सभी लोग प्रलोभन से, बचना बहुत जरूरी है।
डण्डे गुण्डे हत्कण्डों से ,बचना बहुत जरूरी है।
निष्पक्ष चुनाव पूरा होने पर ही ,भारत का सम्मान है।
आओ भैया मिल.................।
भोले -भाले अनपढ़ बूढो़ को,समझाना बहुत जरूरी है।
एक -एक वोट की कीमत ,बतलाना बहुत जरूरी है।
घर -घर जाकर समझाना जो,मतदाता अनजान है।
आओ भैया मिल..............।
ले जाना सब प्रपत्र कि, पहचान मिलान जरूरी है।
वोटिंग में अपनी उंगली पर,श्याही निशान जरूरी है।
चुनाव प्रक्रिया होती जिससे,बेहद ही आसान है।
आओ भैया मिल..................।
चुनाव दल के सब लोगो का, करना सहयोग जरूरी है।
शासन के इस बड़े काम में ,सबका सहयोग जरूरी है।
सरकार गठन में जिससे होता, अपना भी योगदान है।
आओ भैया मिलकर ..................।
=============================
क्रमांक - 90
वोट
- अंजु गुप्ता
हिसार - हरियाणा
मत 'दे' दान
अपना मतदान
पैसे के लिए !
झूठे हैं बोल
वोट कटवा पार्टी
सच तो बोल !
इलेक्शन है
बंटे रुपया - दारू
कनेक्शन है !
=======================
क्रमांक 91
करें सभी मतदान
- बाबा बैद्यनाथ झा
पूर्णिया - बिहार
आया वक्त चुनाव का, करें सभी मतदान।
नेता मगर सुयोग्य हो, रखकर इतना ध्यान।।
रखकर इतना ध्यान,मूल्य "मत" का पहचानें।
रहे सुरक्षित देश, हाथ किसके यह जानें।।
जाति धर्म में बाँट, वोट ग़र दल ने पाया।
बँट जाएग देश , समझ लें दुर्दिन आया।।
========================
क्रमांक - 92
मतदान
- प्रतिभा सिंह
राँची - झारखंड
हाथ जोड़कर खड़े हैं
मंत्रीजी सबके द्वार
कैसे-कैसे वायदों से
रिझाकर करते बात
पाँच साल पर चेहरे दिखाते
देते कृत्रिम मुस्कान
कुर्सी पर बिराजने को
सुनहरे रखते अरमान
शराफत का चोंगा पहनकर
मंगरी दादी के पैर छू-छू
खूब लेते आशीर्वाद
यह सब उनकी चाल
जनता अब समझ गयी है
एक-एक को परख रही है
नेता अब नहीं दे सकते झांसा
नहीं तो पड़ेगा उलटा पासा
चुनाव सही उम्मीदवार का
करेगा लोकतंत्र का कल्याण
बदलेगी तस्वीर देश की
सार्थक होगा तब मतदान
========================
क्रमांक - 93
वंदे मातरम
- डा० कमल भाटिया
उधमसिंह नगर - उत्तराखण्ड
तैयारी हमारी पूरी ।
मतदान है जरूरी।।
जरूरत होगी मेरी पूरी।
मतदान है जरूरी।।
सरकार तभी बनेगी मेरी ।
मतदान है जरूरी।।
जरूरते तभी होंगी पूरी ।
मतदान है जरूरी।।
लोकतंत्र है जरूरी।
इसलिए मतदान है जरूरी।।
ताकत मिली है पूरी ।
मतदान है जरूरी ।।
सरकार बने ना आधी अधूरी।
मतदान है जरूरी।।
============================
क्रमांक - 94
मतदान
- आभा दवे
मुम्बई - महाराष्ट्र
जनता पर क्या बीत रही
कुछ बहकी -बहकी हवा चली
दिशा भ्रमित सब लग रहा
न जाने किस ओर पवन बहे
समस्याएं तो विकराल खड़ी
उसका हल न निकल रहा
वोटों की गिनती कौन करें
सब पढ़े- लिखे भी बेचैन खड़े
मतदान क्या न्याय पर हो रहा
या अपनी ही गरिमा खो रहा
कुर्सी की ही बस बात चले
देश तो परेशान -हैरान हो रहा ।
===========================
क्रमांक - 95
मतदान
- मदन मोहन ' मोहन '
पानीपत - हरियाणा
देश के महान लोकतंत्र में
जन - जन को इस पर्व में भाग ले
अपने मत का उपयोग करें
मतदान के पर्व नये जोश में मनाये
मत से सरकार को नई दिशा मिलें ।
==========================क्रमांक - 96
चुनावी जंग
- राजकान्ता राज
पटना - बिहार
आया चुनावी जंग
बाजे चौक चौराहे मृदंग
कुर्ता टोपी पायजामा टाईट
विरोधी दल से होगा फाईट
गिरगिट की तरह रंग बदलते
जनता को वेवकुफ समझते
भाषण देते ताल ठोक के बोलते
बेरोजगारी को हटाएगें
रोजगार मंत्री जी दिलाएगें
मारा-मारा फिरता है बच्चा
कब आएगा दिन अच्छा
भाग्य की कुर्सी जिसको मिलता
अपना झोली भर भर लेता
किसानों का बुरा हाल
नेता जी होते माला-माल
चौक चौराहों पर खड़े है गुर्गे
चाट रहे हैं लिट्टी मुर्गे
महिलाओं की हो सुरक्षा
तब ही होगी देश की रक्षा
जनता की बस यही है आस
जो भी आए करे विकास
=======================
क्रमांक -97
गरीब मतदाता
- डॉ चंद्रा सायता
इंदौर - मध्यप्रदेश
तुम गरीब हो ।
यह कब से कह रहे हो
आजादी के बाद से
और आज तक ,
क्यों?
कोई हिसाब नहीं लगाया कि
पैसठ साल तक। कितनी गरीबी कम हुई
और पांच साल के अंदर कितनी?
गर आज भी तुम वहीं के वहीं हो
तो देश का ही कुछ ध्यान कर लो भाई ।
,जो देश संभाल सके
उसी को अपनी
गरीबी का साथ दे दो।
अपना कीमती वोट
उसे दे दो।
सुकून तो मिलेगा।
देश की भलाई में
कुछ न कुछ
तुम्हें भी हिस्सा मिलेगा।
क्रमांक -97
मतदान .
- मनोज कुमार झा
राँची - झारखंड
लोकतंत्र का महापर्व मतदान-दिवस फिर आया है,
आमजनों के हाथों में सत्ता की कुंजी लाया है।
सच्चा प्रतिनिधि कौन हमारा, पुनरीक्षण की बेला है,
सोच-समझ मतदान करें, इत बहुरुपियों का मेला है।
भ्रष्टाचारी, पाखंडी, दंभी मानस का त्याग करें,
वतनपरस्ती हो जिनमें चुनकर आएँ, यह ध्यान करें।
राग-द्वेष से ऊपर उठकर, स्वार्थरहित मतदान करें,
भारतमाता के आँचल की गरिमा में यह अवदान करें।
ऊँच-नीच का भेद न हो, ना जाति-धर्म का हो बंधन,
निष्फिक्र, निडर मतदान करें, अवसर बीते न करें क्रंदन।
‘सारा जग परिवार हमारा’, संस्कृति ऐसी जिसकी हो,
मतदान करें, कि सोचें हम, सरकार हमारी कैसी हो?
जड़ को हम मजबूत करें, कि फुनगी तक तरु बिहँस पड़े,
अद्भुत शक्ति निहित ‘मत’ में, मतदान करें, विभ्रम छोड़ें।
शोभे ललाट कुमकुम कश्मीरी, सागर की लहरें चरण पड़ें,
ऐसी प्यारी भारतमाता, मतदान करें, मतदान करें।
=================================
क्रमांक -98
हम भी चले करने मतदान
- डा.चेतना उपाध्याय
अजमेर - राजस्थान
मतदाता जागरूकता अभियान
से प्रेरित होकर हम भी चले करने मतदान
हाथ में मतदाता पर्ची, आइडी और अनूठी शान
जोश ऐसा कि लगे,करने चले कोई अनुष्ठान
हमारा कर्तव्य, हमारा अधिकार,मतदान मतदान मतदान
होठों को भींचे, दिमागी घोडे दौडाते, चले करने मतदान
समाचार पत्र हों,आकाशवाणी या दूरदर्शन
खूब घौंटा,निचोडा,और चाहा मार्गदर्शन
सबकी अपनी बंसी, अपना राग,अपना बखान
फिर बढचढ इक दूजे का निरंतर घोर अपमान
इसने यह ना जाना,उसने वह ना जाना
इसने यह ना माना उसने वह ना माना
ये नेता हैं या भ्रष्टाचारियों का खजाना
रिश्वतखोरी, जमाखोरी, निकृष्ट आचरण को जाना
क्या नहीं सीखा इन्होंने घर का सात्विक खाना खाना
जुगाडू, दलबदलू, नेताओं को अभिनेताओं सा जाना
फिर भी बुलाकर अभिनेताओं को दल में भीड जुटाना
कैसे चुनूं,?कहां से चुनूं?किसको चुनूं ?
कुछ समझ नहीं आता, लगता यह आडंम्बरखाना
कितना है मुश्किल यह खेल,जाना-अन्जाना
कर्तव्य निभाना, अधिकार जताना, मत देने जाना
बेलेट बाक्स तक पहुचते पहुचते दिमाग फट गया
ना जाने क्या नाटो,फाटो,काटो कौनसा बटन दब गया
=====================================
क्रमांक - 99
मतदान
- मनोरमा जैन पाखी
भिण्ड - मध्यप्रदेश
आज करो सब मतदान
ये हमारा है अधिकार ।
फर्ज तभी पूरे होते हैं
जब कर्तव्य पर हो ध्यान ।
मत दान और मतदान का
,अंतर समझो भाई ।
दान मत दो और करो मतदान
विपरीत विचार हैं भाई।
धर्म जाति पांति पर जो बाँटे
उसको तुम जड़ से काट दो
आपस में बैर कराये जो
उनको मत तुम वोट दो ।
निडर हो करो मतदान
ये सबका है अधिकार।
कीमत समझो अपने मत की
धन से इसको मत तोलो।
देश को बाँट दे टुकड़ों में
मत ऐसे वचन बोलो।
जो खरीद करे मत की
अपना हक जता दो ।
यारों तुम मतदान करो ।
=================================
क्रमांक - 100
वोट
- रूणा रश्मि
राँची - झारखंड
प्रजातंत्र और लोकतंत्र है
मिलकर इसे बचा लेंगे
भला कौन है, बुरा कौन है
समझ से अपनी चुन लेंगे।
हैं जो सारे नेता अपने
वादों से लुभाएंगे,
पर हम भी हैं ज्ञानी उनके
झांसे में ना आएंगे।
आने वाला दिन है वो जब
उनको सबक सिखाएंगे,
झूठे वादे हुए अगर तो
उनको नहीं जिताएंगे।
मौका एक मिला है हमको
इसको नहीं गँवाएँगे,
वोट की क्या कीमत है अपनी
सबको ये समझाएंगे।
डरें नहीं हम थमें नहीं वो
कितना भी धमकाएंगे,
वोट मिलेगा उन्हें ही जो
सच्चे सेवक बन पाएंगे।
==========================
क्रमांक - 101
हम टीका लगाकर आये हैं
- शिप्रा जैन
जयपुर - राजस्थान
देश की भक्त्ति का हम टीका लगाकर आये हैं ,
मात्रभूमि के चरणो में श्रीफल चढ़ा कर आये हैं !
शुरवीरो की ये भूमि ना डरेगी अब कभी ,
"सिंह " को भारत के " सिंहासन " बिठा कर आये हैं !
हैं ये ज़जबा हर हंदय में होने ना देंगे गलत ,
खून को अपने वहां स्याही बनाकर आये हैं !
सोच बदली, वक़्त बदला बदलेगा हर फैसला
माँ को अपनी " इण्डिया " से " भारत " बना कर आये हैं
मात्रभूमि के चरणो में श्रीफल चढ़ा कर आये हैं !
================================
क्रमांक - 102
मताधिकार
- अमृता सिन्हा
पटना - बिहार
सन् सत्तावन प्रारंभ हुआ जो,
सैंतालिस में विश्राम हुआ।
स्वाधीनता, स्वराज्य की खातिर,
सौ वर्षों तक संग्राम हुआ।
जनता को, जनता के द्वारा,
देश का तब संविधान मिला।
गाँधी, सुभाष, भगतसिंह के
बलिदानो को सम्मान मिला।
खत्म हुए राजे-राजशाही,
सत्ता में जन-जन भागीदार हुआ।
ऊँच-नीच, भेदभाव मिटा,
लागू जब मताधिकार हुआ।
मगर मत की शक्ति को,
भोली जनता ना समझी शायद।
बाहुबल ने पाँव पसारा,
बुरी हो गई फिर देश की हालत।
जाति-धर्म, क्षेत्रवाद ने देखो,
किस तरह सबको गुलाम किया।
भ्रष्ट-बेईमान गद्दी पे जा बैठे,
लोकतंत्र को बदनाम किया।
जागो ऐ मतदाता अब तो,
गद्दारों पर वोट का वार करो।
देशहित को धर्म मानकर,
तुम अपना मत-व्यवहार करो।
मिली विरासत में जो थाती,
फिर यूँ उसे ना बर्बाद करो।
भ्रष्टाचार की बेड़ियों से तुम,
भारत माँ को आज़ाद करो।
=====================
क्रमांक - 103
मतदान
- रजनी शर्मा
रायपुर - छत्तीसगढ़
यज्ञ प्रारंभ है राष्टृ निर्माण की,
अवसर है हवन कुंड आहुती की
बात न हो अब अवदान की ,
बात मतदान अब मतदान की,
चर्चा चले सिर्फ वर्तमान की ।
बने शिल्पी भविष्य की ।
=======================
क्रमांक - 104
ये क्या बाँटते हैं
- अर्विना गहलोत
प्रयागराज - उत्तर प्रदेश
तहज़ीब के शहर में ये क्या बाँटते हैं।
कुछ रहनुमा गरीब के दामन का मोल बाँटते है।
चुनावी मौसम सुहाना सफर तय कर रहा है
अलग अलग पर्चों को वोटर हल कर रहा है।
तराजू में तुल रहे हैं वादों का मजमून पढ़ रहा है साहब ये वोटर इस का दिल मोमबत्ती सा जल रहा है कौन कहता है कि हम नादान है पढ़ नहीं सकते
हमने तुम्हारे किए वादों को पूरा-पूरा पढ़ लिया है।
मन की दृढ़ता से नाता जोड़ दीजिए
भरम मत पालिए जो उचित लगे वहीं कीजिए
तहज़ीब के शहर में ये क्या बाँटते हैं
कुछ रहनुमा गरीब के दामन का मोल बाँटते हैं
===============================
क्रमांक - 105
मतदान
- आचार्य डाॅ.वीरेन्द्र सिंह गहरवार"वीर"
बालाघाट -मध्यप्रदेश
हैं मतदान,
महादान कर्मो का,
प्रतिफल हैं!
=====================
क्रमांक - 106
जागो भारत वासियों
- सुशीला शर्मा
जयपुर - राजस्थान
पाँच साल के बाद आ गया
लोकसभा का चुनाव
नेता सारे कर रहे
गली-गली में प्रचार ।
कोई सत्तर साल के
दे रहा है उपदेश
कोई गिनाता फिर रहा
पाँच साल की खेप ।
एक भुनाता फिर रहा
चला रखे अभियान
दूजा चोर बताकर उसको
बाँट रहा है ज्ञान ।
एक उत्तराधिकारी है
तो दूजा चौकीदार
नामदार है एक तो
दूजा है कामदार ।
सब मतदाता जानते
किसको देना है वोट
गलत दबाया बटन तो
गहरी लगेगी चोट ।
जागो भारत वासियों
करो सभी मतदान
तभी मिलेगा सच्चा नेता
देश बनेगा महान।
=============================
क्रमांक - 107
क्रमांक - 107
- डॉ चंद्रा सायता
इंदौर - मध्यप्रदेश
तुम गरीब हो ।
यह कब से कह रहे हो
आजादी के बाद से
और आज तक ,
क्यों?
कोई हिसाब नहीं लगाया कि
पैसठ साल तक। कितनी गरीबी कम हुई
और पांच साल के अंदर कितनी?
गर आज भी तुम वहीं के वहीं हो
तो देश का ही कुछ ध्यान कर लो भाई ।
,जो देश संभाल सके
उसी को अपनी
गरीबी का साथ दे दो।
अपना कीमती वोट
उसे दे दो।
सुकून तो मिलेगा।
देश की भलाई में
कुछ न कुछ
तुम्हें भी हिस्सा मिलेगा।
=======================
क्रमांक - 108
मतदान
- वन्दना पुणतांबेकर
इन्दौर - मध्यप्रदेश
सही राष्ट्र निर्माण में।
करना तुम एक काम।
आओ सब संकल्प करो।
सबसे पहला काम करो।
मतदान करो,मतदान करो।
जाग उठो ओ देशवासियों।
सही राष्ट्र निर्माण में।
योगदान करो,योगदान करो।
अपना भारत महान करो।
क्या सही गलत,क्या गलत।
इसका तुम अब भान करो।
लोभ,लालच की भावना का।
त्याग करो तुम त्याग करो।
उज्वल भविष्य की डोर।
अब तुम्हारे हाथl
अपने हक का मान करो।
मतदान करो,मतदान करो।
क्रमांक - 108
- वन्दना पुणतांबेकर
इन्दौर - मध्यप्रदेश
सही राष्ट्र निर्माण में।
करना तुम एक काम।
आओ सब संकल्प करो।
सबसे पहला काम करो।
मतदान करो,मतदान करो।
जाग उठो ओ देशवासियों।
सही राष्ट्र निर्माण में।
योगदान करो,योगदान करो।
अपना भारत महान करो।
क्या सही गलत,क्या गलत।
इसका तुम अब भान करो।
लोभ,लालच की भावना का।
त्याग करो तुम त्याग करो।
उज्वल भविष्य की डोर।
अब तुम्हारे हाथl
अपने हक का मान करो।
मतदान करो,मतदान करो।
====================
क्रमांक - 109
मतदान
- ज्योति वधवा "रंजना"
बीकानेर - राजस्थान
लोकतंत्र का नारा है
मतदान हक हमारा है
वोट करनें जायेंगे
हर विपदा से भिड़ जायेंगे
मतदान तिरंगे की आन है
इस आन में भारत की शान है
चयन उसी नेता का हो
जिसमें हित सभी का हो
अखबार पढ़ पढ़ जोश जागा है
हर उम्र का व्यक्ति भागा है
वोट का जादू सरचढ़ बोला
निशान अंगुली पे लेकर लौटा
अतीत के अनुभव के प्रकाश से
वर्तमान चमकायेंगे
मतदान कर नवीन भारत बनायेंगे
सोचो ,समझो और पहचानो
उचित मतदान कर उचित नेता पालो
========================
क्रमांक - 110
चलें सब मिल मतदान करें।
- अणिमा श्रीवास्तव "सुशील"
पटना - बिहार
मतदान करें।
चलें सब मिल मतदान करें।
प्रजातंत्र का मान करें।
हम सबका ये महापर्व है।
लोकतंत्र पर हमें गर्व है।
देश हित का ध्यान करें ।
चलें सब मिल मतदान करें।
धर्म - जाति और भेद-भाव से मत इस मत का दान करें।
द्वेष लोभ को तजकर वन्दे!
सर्वजन हित सम्मान करें।
चलें सब मिल मतदान करें।
देश की बगिया हरी रहेगी तभी तिरंगा लहराएगा।
पंचवर्ष के लिए देश में फिर से हम नव प्राण भरें।
चलें सब मिल मतदान करें।.
==========================
क्रमांक - 111
मतदान
- अलका जैन
इन्दौर - मध्यप्रदेश
मतदान करों भाई मतदान करों
सबसे पहले नागरिक होने का कर्त्तव्य
निभाना होगा तुम्हें भाई
सारे काम छोड़ कर मतदान
करना होगा हर नागरिक को
सरकार बनाने में आलस्य कैसा
वोट सोच समझ कर देना सभी
कोई अपराधी न जीते चुनाव
ईमानदार को मतदान करना साथियो
कभी इस पार्टी को वोट दिया
कभी उस पार्टी को तुमने वोट
इस चक्कर में कोई अपराधी
भी चुनाव जीत गया हाय हाय
कभी किसी ने मय पिला दिया
कभी किसी ने लालच दे दिया
उसी को हमने वोट दे दिया
अब यह नादानियां ना करना
उम्मीदवारों का अतीत देखो
ईमानदार कितना है वो देखो
वादे सुनहरे कर रहा मगर यारों
हकीकत में संभव हो सकते हैं
या यूं ही चुनावी जुमले उछाल रहा
जाती धर्म के नाम से वोट न देना
जो लड़वाये आपस में उसे वोट नहीं
जो एकता का हो रखवाला उसे देना
वोट दो भाई वोट दो सब वोट दो
अपराधी को कभी वोट न देना
लालच में कभी वोट न देना यारों
दूसरे का कभी वोट न देना अपराध है
डर कर कभी वोट न देना
कानून तुम्हारे साथ है साथी थे
सब को कहना वोट डालो ये
मतदान करों भाई मतदान करों
===================
लोकसभा चुनाव - 2019
क्रमांक - 109
- ज्योति वधवा "रंजना"
बीकानेर - राजस्थान
लोकतंत्र का नारा है
मतदान हक हमारा है
वोट करनें जायेंगे
हर विपदा से भिड़ जायेंगे
मतदान तिरंगे की आन है
इस आन में भारत की शान है
चयन उसी नेता का हो
जिसमें हित सभी का हो
अखबार पढ़ पढ़ जोश जागा है
हर उम्र का व्यक्ति भागा है
वोट का जादू सरचढ़ बोला
निशान अंगुली पे लेकर लौटा
अतीत के अनुभव के प्रकाश से
वर्तमान चमकायेंगे
मतदान कर नवीन भारत बनायेंगे
सोचो ,समझो और पहचानो
उचित मतदान कर उचित नेता पालो
========================
क्रमांक - 110
चलें सब मिल मतदान करें।
- अणिमा श्रीवास्तव "सुशील"
पटना - बिहार
मतदान करें।
चलें सब मिल मतदान करें।
प्रजातंत्र का मान करें।
हम सबका ये महापर्व है।
लोकतंत्र पर हमें गर्व है।
देश हित का ध्यान करें ।
चलें सब मिल मतदान करें।
धर्म - जाति और भेद-भाव से मत इस मत का दान करें।
द्वेष लोभ को तजकर वन्दे!
सर्वजन हित सम्मान करें।
चलें सब मिल मतदान करें।
देश की बगिया हरी रहेगी तभी तिरंगा लहराएगा।
पंचवर्ष के लिए देश में फिर से हम नव प्राण भरें।
चलें सब मिल मतदान करें।.
==========================
क्रमांक - 111
मतदान
- अलका जैन
इन्दौर - मध्यप्रदेश
मतदान करों भाई मतदान करों
सबसे पहले नागरिक होने का कर्त्तव्य
निभाना होगा तुम्हें भाई
सारे काम छोड़ कर मतदान
करना होगा हर नागरिक को
सरकार बनाने में आलस्य कैसा
वोट सोच समझ कर देना सभी
कोई अपराधी न जीते चुनाव
ईमानदार को मतदान करना साथियो
कभी इस पार्टी को वोट दिया
कभी उस पार्टी को तुमने वोट
इस चक्कर में कोई अपराधी
भी चुनाव जीत गया हाय हाय
कभी किसी ने मय पिला दिया
कभी किसी ने लालच दे दिया
उसी को हमने वोट दे दिया
अब यह नादानियां ना करना
उम्मीदवारों का अतीत देखो
ईमानदार कितना है वो देखो
वादे सुनहरे कर रहा मगर यारों
हकीकत में संभव हो सकते हैं
या यूं ही चुनावी जुमले उछाल रहा
जाती धर्म के नाम से वोट न देना
जो लड़वाये आपस में उसे वोट नहीं
जो एकता का हो रखवाला उसे देना
वोट दो भाई वोट दो सब वोट दो
अपराधी को कभी वोट न देना
लालच में कभी वोट न देना यारों
दूसरे का कभी वोट न देना अपराध है
डर कर कभी वोट न देना
कानून तुम्हारे साथ है साथी थे
सब को कहना वोट डालो ये
मतदान करों भाई मतदान करों
===================
लोकसभा चुनाव - 2019
जय हिन्दी जय भारत
ReplyDelete" मतदान " पर आधारित मौलिक छोटी - छोटी कविताएं आमन्त्रित है
कविताओं के साथ अपना पता व अपना एक फोटों शीध्र ही नीचें दिये गये WhatsApp पर भेजने का कष्ट करें । कविताओं को ब्लॉग bijendergemini.blogspot.com पर प्रसारित किया जाऐगा ।
निवेदन
बीजेन्द्र जैमिनी
जैमिनी अकादमी
पानीपत
WhatsApp Mobile No.
9355003609
वर्तमान के सबसे महत्वपूर्ण व ज्वलन्त विषय पर काव्य का भागीरथ प्रयास सार्थकता की ओर सभी को बहुत बहुत बधाई व संपादक का आभार
Deleteजैमिनी अकादमी ,पानीपत ( हरियाणा) ने मतदान जागरुकता अभियान के संदर्भ में लेखक के चित्र सहित कविताओं का चयन किया है जिसमें मेरी भी कविता शामिल की गई है ।
ReplyDelete- देवदत्त शर्मा
अजेमर - राजस्थान
( WhatsApp से साभार )
मुझे बहुत खुशी है कि बीजेन्दर जी ने एक अच्छा ब्लॉग निर्माण किया है... और मेरी रचना को भी इसमें स्थान दिया है... बहुत बहुत धन्यवाद🙏
ReplyDelete
ReplyDeleteविपुल और विविधा से परिपूर्ण संकलन। प्रजातांत्रिक व्यवस्था का सशक्त माध्यम 'मतदान' पर काव्य संकलन सराहनीय प्रयास है, जो अभिव्यक्ति का सबसे सशक्त माध्यम साहित्यिक अभिव्यक्ति के रूप में सफल हुआ ।
अनूठे शिल्प वैविध्य के कारण सबकी रचनाएँ विशेष है।
समसामयिक विषय पर आधारित होने के कारण इसकी प्रासंगिकता अधिक बन रही है।
धन्यवाद एवम् आभार।
पढ़ा , लोकतंत्र के अधिकार व त्योहार पर सभी ने सार्थक अभिव्यक्ति की है , आपके संयोजन , सम्बन्ध और रचनात्मक समर्पण के परिणाम स्वरूप ही यह गुलदस्ता मुखरित हो सका है बधाई ।
ReplyDelete- विवेक रंजन श्रीवास्तव
जबलपुर - मध्यप्रदेश
( WhatsApp से साभार )
लोकतंत्र की मजबूती जनता के हाथों में है। जनता की मजबूती जनतांत्रिक मूल्यों पर आधारित मतदान में है। इसलिए जैमिनी साहब का यह प्रयास लाजबाव है। यह सिर्फ रचना मात्र नहीं बल्कि मतदान प्रक्रिया में रचनात्मक सहयोग है। बहुत बहुत धन्यवाद आपका और शुभकामनाएं आपको।
ReplyDeleteविजेन्द्र सर की ये पहल प्रशंसनीय हैं ..हम सभी लेखको को नित नयी विषय वस्तु पर मनन करके लिखने को प्रेरित करती हैं साथ हीं आम जनता को भी मंथन करने को प्रोत्साहित करती हैं ...मेरी रचनाओं को सम्मिलित करने हेतु सर को धन्यवाद
ReplyDeleteआदरणीय जेमिनी जी बेहतरीन कार्य के लिए आपकी जितनी सराहना की जाये वो कम है , सभी रचनाकारों की उत्कृष्ट एवम उम्दा रचनाएं .
ReplyDeleteआपके कारण अन्य सभी रचनाकारों से रूबरू होने व रचनाएं पढ़ने का सौभाग्य मिला
आपका पुनः शुक्रिया आभार अभिनंदन ।
हस्यव्यंग्य कवि - सोलंकी अनिल बेधड़क
शिकोहाबाद , जनपद - फिरोजाबाद - उत्तर प्रदेश
( WhatsApp से साभार )
चुनावी मौसम में मतदान पे आधारित कविताओं का संकलन कर साहित्य के माध्यम से जनचेतना फैलाने का यह कार्य प्रशंसनीय है ।
ReplyDeleteमेरी रचना क्रमांक 32 पर प्रकाशित करने के लिए बहुत बहुत आभार ।
- रवि श्रीवास्तव
पटना - बिहार
( WhatsApp से साभार )
चुनावी मौसम में मतदान पे आधारित कविताओं का संकलन कर साहित्य के माध्यम से जनचेतना फैलाने का यह कार्य प्रशंसनीय है ।
ReplyDeleteमेरी रचना क्रमांक 32 पर प्रकाशित करने के लिए बहुत बहुत आभार । 🙏
क्रमांक 43पर मतदान से सम्बन्धित मेरी कविता को स्थान दिया उसके लिए आपका हृदय से आभार करती हूं।
ReplyDeleteअजमेर लेखिका मंच से जुड़ी हुई हूं।
उम्मीद है आगे भी आपके साथ जुड़े रहने के अवाअ मिलते रहेंगे।धन्यवाद
जय भारत
आपका ब्लॉग प्रशंसनीय एवं सराहनीय है।अनेक कवियों के विचार जानने का तथा विचार करने का अवसर प्राप्त होता है।ब्लॉग में स्थान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।
ReplyDelete- ब्रह्मा नन्द झा
फिरोजाबाद - उत्तर प्रदेश
( WhatsApp से साभार )
मान्यवर , मतदान का कार्य पूर्ण रुप से सफल हो ,इस पर सब के विचार ,कदम बहुत ही सराहनीय ।
ReplyDeleteधन्यवाद ।
- कमला अग्रवाल
गाजियाबाद - उत्तर प्रदेश
( WhatsApp से साभार )
जेमनी जी एवम् अन्य रचनाकारों ने
ReplyDeleteइस लोकतंत्र में उपयुक्त समय पर
अच्छी जन चेतना का संचार किया है।
आप सबों को आभार।
रचनाओं में चुनावी माहौल का सुन्दर चित्रण किया गया है, विशेष कर रंजना जी की (क्रमांक ५५) में अभी के चुनावी माहौल का वास्तविक चित्रण दिखता है।
बहुत. बहुत धन्यवाद ।
Deleteजी दीपेंद्र जी आपने बिल्कुल सही कहा . . रंजना जी ने मतदान पर उत्कृष्ट अभिव्यक्ति दी है ..
Deleteजैमिनी जी एवं समस्त रचनाकारों द्वारा लोकतंत्र को मजबूत बनाने के लिए चेतना का संचार करने का उत्तम कार्य किया गया है।
ReplyDeleteBijender Gemini
ReplyDeleteमान्यवर,
संकलन को आद्योपांत पढ़ा।मतदान महापर्व के उचित समय इसकी उपयोगिता, उपादेयता को दृष्टिगत करती सभी रचनाकारो की कविताएं यथार्थिक, प्रासांगिक एवं संदेशपरख हैं। इस संकलन में आपकी तत्परता, कर्मठता, तन्मयता भूरि-भूरि प्रशंसनीय है। निस्वार्थ साहित्य एवं देश सेवा से जुड़े युवा रचनाकार को मेरी ओर से उनके उज्जवल भविष्य के लिए अनन्त शुभकामनाएं एवं हार्दिक बधाई।
रेखा-उमेश
मुरादाबाद उत्तर प्रदेश
29-04-2019
( WhatsApp से साभार )
बेहतरीन तरके से मतदान पर कविताओं का संग्रह किया है।सभी कविताएं अपने आप में बेमिसाल है। सबको एक मंच पर लाने के लिए आपको धन्यवाद देती हूँ।
ReplyDelete- रीतु देवी
दरभंगा - बिहार
( WhatsApp से साभार )
बहुत बहुत आभार आपका की आपने "मतदान" से सम्बंधित विषय के अन्तर्गत मेरी रचना को स्थान दिया।
ReplyDeleteगिरधारीलाल़चौहान
Deleteमतदान विषय पर आपके द्वारा काव्य संकलन प्रकाशित किया गया है ।बहुत ही प्रशंसनीय कार्य है । विषय का चयन भी महत्व पू्र्ण है ।
भारत के लिये मतदान अश्व मेघ की तरह है ।बहुत बहुत आभार आपका अपनी रचना को भी स्थान प्रदान किये ।
देश हित पर यह कार्य अविस्मरणीय है ।
मतदान पर रचनाकारों की अच्छी उपस्थिति वोटरों को जगाने, राह दिखाने का कार्य कर रही है।
ReplyDelete- अनिता रश्मि
राची - झारखण्ड
( WhatsApp से साभार )
धन्यवाद एवं आभार
ReplyDeleteबिजेंद्र जी देश के कोने कोने के साहित्यकारों को ब्लाग में स्थान दें, विभिन्न विषयों पर उनके विचारों से सभी को न केवल अवगत करवाया अपितु सभी को फोटो के साथ माला में पिरोकर उनका एक दूसरे से आत्मिय परिचय भी करवाया !
बहुत खूब --- आपका यह भागीरथी प्रयास सराहनीय है !
ब्लाग में स्थान मिला
धन्यवाद !
चंद्रिका व्यास
खारघर नवी मुंबई
( WhatsApp से साभार )
लोकतांत्रिक व्यवस्था में मतदान के महत्व को प्रदर्शित करती तथा मतदाताओं को मतदान के प्रति जागरूक करती बेहतरीन रचनाओं के संकलन का यह कार्य बहुत प्रशंसनीय है। इस श्रृंखला में मेरी रचना भी शामिल करने के लिए सादर आभार 🙏
ReplyDelete