भूपसिंह ' भारती ' से साक्षात्कार
जन्मतिथि : 15 मार्च 1966
जन्मस्थान : गाँव - खालेटा, जिला - रेवाड़ी - हरियाणा
माता का नाम : स्व0 श्रीमती किस्तूरी देवी।
पिता का नाम : स्व0 श्री जयनारायण ।
शिक्षा : एम. ए. (हिंदी, राजनीति शास्त्र), बी. एड., एम. फिल।
व्यवसाय : अध्यापन (शिक्षक, हरियाणा शिक्षा विभाग)
पुस्तक :-
"बाल गीतांजलि" बाल काव्य संग्रह 2021 में प्रकाशित
सम्मान :-
- दक्षिणी हरियाणा सांस्कृतिक मंच, नारनौल द्वारा सम्मानित,
- भारत स्काउट एंड गाइड प्रशिक्षण केंद्र, अम्बाला द्वारा हिंदी गौरव सम्मान से सम्मानित।
- प्रेरणा साहित्य समिति कोसली, रेवाड़ी द्वारा सन्तरादेवी पुरुस्कार के तहत महाकलमवीर सम्मान
- अखिल भारतीय साहित्य परिषद द्वारा साहित्य सारथी सम्मान।
- आंचलिक साहित्य संस्थान झज्जर, हरियाणा द्वारा अनेक बार सम्मानित
- प्रजातंत्र का स्तम्भ द्वारा प्रजातंत्र का गौरव सम्मान,
- इंद्रा स्वप्न साहित्य सारथी सम्मान और साहित्य शिल्पी सम्मान
- अग्रसर हिंदी साहित्य मंच कोटपुतली द्वारा अग्रसर भाषा सम्मान औऱ श्रेष्ठ रचनाकार सम्मान, सर्वपल्ली डॉ राधाकृष्णन साहित्य सम्मान
- उदय कमल संस्थान द्वारा महात्मा बुद्ध रत्न सम्मान
- राष्ट्रीय जनकल्याण संघ, अररिया द्वारा पर्यावरण रत्न सम्मान
- हिंदी साहित्य अंचल मंच द्वारा साहित्य सृजक सम्मान
बदलाव मंच द्वारा पर्यावरण संरक्षक सम्मान
- गांधी साहित्य सेवा मंच द्वारा नचिकेता बाल साहित्य सम्मान
- राष्ट्रीय आँचलिक साहित्य संस्थान द्वारा हिंदी सेवी सम्मान 2021
- ज्ञानोत्कर्ष अकादमी भारत द्वारा हिंदी रत्न सम्मान 2021
विशेष : -
- सन 1998 से बाल कविता, कविता, गीत, गजल, लघुकथा, बाल कहानी, हाइकू, दोहा, कुंडलिया और आलेख दैनिक ट्रिब्यून, दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, अमर उजाला, हरिभूमि, पंजाब केसरी, नन्दन, शिक्षा सारथी, हरिगन्धा और हरियाणा संवाद आदि पत्र-पत्रिकाओं में समय-समय पर लिख रहा हूं।
- आठ सांझा काव्य संग्रहों में रचनाएँ शामिल
पता :
आदर्श नगर नारनौल - हरियाणा
प्रश्न न.1 - आपने किस उम्र से लिखना आरंभ किया और प्रेरणा का स्रोत क्या है ?
उत्तर - मेरे लेखन में मेरी माँ मेरी प्रेरणा रही। और मैं कॉलिज टाइम से ही लिखने लग गया था।
प्रश्न न. 2 - आप की पहली रचना कब और कैसे प्रकाशित या प्रसारित हुई है ?
उत्तर - सन 1998 में दैनिक ट्रिब्यून में लघुकथा कड़वा सच प्रकाशित हुई और इसके बाद मेरी रचनाएं देश की प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होने लगी।
प्रश्न न. 3 - आप किन-किन विधाओं में लिखते हैं और सहज रूप से सबसे अधिक किस विधा में लिखना पंसद करते हैं ?
उत्तर - मैं बाल कविता, बाल कहानी, लघुकथा, कविता, दोहा, कुंडलिया, हाइकू, गीत, गजल, रागनी, आलेख आदि विधाओं में लिखता रहता हूँ। बाल कविता और कुंडलिया मुझे बहुत प्रिय है।
प्रश्न न. 4 - आप साहित्य के माध्यम से समाज को क्या संदेश देना चाहते हैं ?
उत्तर - ढोंग, पाखण्ड, अंधविश्वास का घोर विरोध करना और समता, स्वतंत्रता, न्याय, प्रेम और भाईचारे का सन्देश देना चाहता हूँ।
प्रश्न न. 5 - वर्तमान साहित्य में आप के पसंदीदा लेखक या लेखिका की कौन सी पुस्तक है ?
उत्तर - मुझे वो सभी कवि या लेखक अच्छे लगते हैं, जो सच्चाई को लिखने में कोई समझौता न करे और जो ढोंग, पाखण्ड और अंधविश्वास पर बेरोकटोक ढंग से लिखता हो, जैसे कबीर और गुरु रविदास, महात्मा ज्योतिबा फुले और डॉ भीमराव अंबेडकर लिखते थे।
प्रश्न न. 6 - क्या आपको आकाशवाणी एवं दूरदर्शन पर प्रसारित होने का अवसर मिला है ? ये अनुभव कैसा रहा है ?
उत्तर - हाँ, मुझे अरावली रेडियो 90.4 FM पर कई बार कविता पाठ के लिए अवसर मिला। यह अपनी बात लोगों तक पहुँचाने का एक शानदार माध्यम है।
प्रश्न न. 7 - आप वर्तमान में कवि सम्मेलनों को कितना प्रासंगिक मानते हैं और क्यों?
उत्तर - कवि सम्मेलन यदि चुटकलावाद से मुक्त हो जाये तो ये समाज की स्थिति पर गहरी चोट कर समाज का मार्ग प्रशस्त कर सकते है।
प्रश्न न. 8 - आपकी नज़र में साहित्य क्या है तथा फेसबुक के साहित्य को किस दृष्टि से देखते हैं ?
उत्तर - मेरी नजर में साहित्य, समाज का दर्पण होता है। साहित्य में समाज के अनुभवी लोगों के अनुभव होते है, जो हमें सही-गलत के बारे में बतलाते है। साहित्य हमारे जीवन को सही दिशा देने में समर्थ है। अतः हमें साहित्य को पढ़ते रहना चाहिए।
प्रश्न न.9 - वर्तमान साहित्य के क्षेत्र में मिलने वाले सरकारी व गैरसरकारी पुरस्कारों की क्या स्थिति है ?
उत्तर - पुरस्कार आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते है। पुरस्कार सदा योग्य को ही मिलने चाहिए।
प्रश्न न. 10 - क्या आप अपने जीवन की महत्वपूर्ण घटना या संस्मरण का उल्लेख करेगें ?
उत्तर - जीवन में कई अहम घटनाएं घटती हैं, जो जीवन को प्रभावित करती हैं। मैं तीसरी कक्षा में पढ़ता था और स्कूल से बंक बहुत मारता था, एक दिन माँ ने पकड़ लिया तो जो सजा माँ ने वही सजा मेरे लिए वरदान बन गई और फिर मैंने कभी स्कूल से बंक नहीं मारा और आज मैं एक शिक्षक के पद पर कार्यरत हूँ।
प्रश्न न. 11 - आपके लेखन में , आपके परिवार की क्या भूमिका है ?
उत्तर - परिवार मतलब प्यार ही प्यार। मेरी साहित्यिक यात्रा में मेरी माँ, मेरी पत्नी और मेरे बच्चों का अहम योगदान रहा है।
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