दीपिका महेश्वरी सुमन (अहंकारा) से साक्षात्कार
जन्म : 07 सितम्बर 1978
शिक्षा :12 वीं
व्यवसाय : गृहिणी
रुचियाँ : साहित्यिक प्रोग्राम ऑर्गेनाइज करना और गद्य तथा पद्य में लेखन।
संस्थापिका : सुमन साहित्यिक परी नजीबाबाद बिजनौर
प्रकाशित पुस्तकें : -
स्त्री तंत्र की व्याख्या
स्त्री तंत्र की व्याख्या भाग 2
सुमन साहित्यिक परी प्रकाशन केंद्र पर ऑनलाइन प्रकाशित
संपादित पुस्तकें : -
सुमन साहित्य परी साझा काव्य संकलन अंक 1 और 2
सुमन साहित्यिक परी कविता संग्रह, चौपाई संग्रह, स्त्री तंत्र की व्याख्या और स्त्री तंत्र की व्याख्या भाग 2
प्रमुख सम्मान : ~
ऑनलाइन कार्यक्रमों में ही हिस्सा लेती हूं विभिन्न पटलों पर विभिन्न सम्मान प्राप्त हुए हैं
अब तक सबसे ज्यादा सम्मान मुझे ई- अभिव्यक्ति पटल पर प्राप्त हुए हैं नए-नए आयोजनों से सुसज्जित अनिल ई अभिव्यक्ति पटल और प्रकाशन केंद्र हम जैसे लेखक को की रीढ़ की हड्डी है।
पता ~
श्रीमती दीपिका महेश्वरी सुमन (अहंकारा)
W/o श्री विशाल महेश्वरी
महेश्वरी धर्मशाला के सामने, बालकराम स्ट्रीट नजीबाबाद बिजनौर - 246763 उत्तर प्रदेश
उत्तर - लेखन का नवी कक्षा से शौक हुआ जो कुदरती था इस चरण में मैंने अनगढ़ कविताएं और नारी सशक्तिकरण के लिए काफी लेख लिखे थे लेकिन लेखन के प्रति सही प्रेरणा फेसबुक से मिली सन 2014 में फेसबुक पर ही मुझे साहित्यिक गुरु प्राप्त हुए और मैंने साहित्यिक विधाओं में लिखना शुरू किया
प्रश्न न. 2 - आप की पहली रचना कब और कैसे प्रकाशित या प्रसारित हुई है ?
उत्तर - ऑनलाइन मई दो हजार अट्ठारह सर्व भाषा ट्रस्ट पर कविता का शीर्षक करूं शुक्रिया ! ऑफलाइन जून दो हजार अट्ठारह मानस गंगा पत्रिका देहरादून कविता सोचती हूं जिंदगी
प्रश्न न. 3 - आप किन-किन विधाओं में लिखते हैं और सहज रूप से सबसे अधिक किस विधा में लिखना पंसद करते हैं ?
उत्तर - पद्य में कविता, गीत, ग़ज़ल, सजल, द्विपदी, दोहा, दीपिका दोहा छंद, दीपिका सोरठा छंद।
गद्य में लेख, आलेख, कहानियां, लघुकथा। मैं सभी विधाओं में सहजता के साथ लिख लेती हूं
प्रश्न न. 4 - आप साहित्य के माध्यम से समाज को क्या संदेश देना चाहते हैं ?
उत्तर - नारी में स्थित वैदिक ज्ञान सभी पहलुओं को समाज के सामने रखकर पुरुष द्वारा शिक्षा से नारी का नवीनीकरण रोकना चाहती हूं
प्रश्न न. 5 - वर्तमान साहित्य में आप के पसंदीदा लेखक या लेखिका की कौन सी पुस्तक है ?
उत्तर - पुस्तके नहीं पढ़ती मैं नई विचारधारा को जन्म देने के लिए अध्ययन करती हूं मेरे अध्ययन क्षेत्र का जो हिस्सा मुझे पसंद आता है अपने अध्ययन में समाहित करती जाती हूं लिखने वाली हर स्त्री की कलम में मुझे अपनी झलक दिखाई देती है विभिन्न पड़ाव पर विभिन्न साहित्यकारों से शिक्षा ली है इसलिए सभी का प्रभाव मुझ में सम्मिलित है
प्रश्न न. 6 - क्या आपको आकाशवाणी एवं दूरदर्शन पर प्रसारित होने का अवसर मिला है ? ये अनुभव कैसा रहा है ?
उत्तर - जी हां मैंने नजीबाबाद आकाशवाणी केंद्र पर कई बार प्रस्तुति की है इस सुअवसर का खजाना मुझे कई बार मिल चुका है
प्रश्न न. 7 - आप वर्तमान में कवि सम्मेलनों को कितना प्रासंगिक मानते हैं और क्यों?
उत्तर - मैं केवल ऑनलाइन प्रोग्राम में पार्टिसिपेट करती हूं कवि सम्मेलन नहीं काव्य गोष्ठी में प्रतिभाग किया है और जहां तक ऑनलाइन कवि सम्मेलनों और काव्य गोष्ठियों की बात है, यह प्रासंगिक इसलिए हैं क्योंकि देश, काल और समाज को इस तरह के आयोजनों की जरूरत है
प्रश्न न. 8 - आपकी नज़र में साहित्य क्या है तथा फेसबुक के साहित्य को किस दृष्टि से देखते हैं ?
उत्तर - साहित्य काव्य के रूप में साधना है और गद्य में विचारक के रूप में समाज सुधार का साधन बन जाता है
गृहिणी होने के नाते मेरे लिए घर से बाहर जाकर प्रोग्राम करने संभव नहीं घर की जिम्मेदारियों के चलते मेरे लिए फेसबुक एनीव्हेयर डोर है जिसे खोलकर मैं आसानी से कहीं भी प्रस्तुति देने जा सकती हूं मेरी पहचान फेसबुक से ही बनी है और साहित्य में सबका अपना-अपना अध्ययन होता है सिर्फ का खा गा जानकर कलम चलाना साहित्य नहीं होता यह बात हर कलम चलाने वाले को समझनी चाहिए
प्रश्न न.9 - वर्तमान साहित्य के क्षेत्र में मिलने वाले सरकारी व गैरसरकारी पुरस्कारों की क्या स्थिति है ?
उत्तर - जी सरकारी सम्मान तो अभी तक कोई प्राप्त नहीं हुआ इसलिए उसके अनुभव के बारे में कुछ नहीं कह सकती परंतु विभिन्न पटलो पर प्रस्तुति अनुसार सम्मान मिलने से मनोबल भरता है और लिखने का जज्बा निकल कर बाहर आता है
प्रश्न न. 10 - क्या आप अपने जीवन की महत्वपूर्ण घटना या संस्मरण का उल्लेख करेगें ?
उत्तर - मेरे जीवन में घटने वाली सबसे महत्वपूर्ण घटना मेरा अध्ययन है जब से मैंने क्षेत्र में कदम रखा है तब से अपने अध्ययन द्वारा अपने दृष्टिकोण अपने विचार स्तर में बहुत बड़ा फर्क पाया है मैं वर्तमान काल की शिक्षा नीति की अपेक्षा अपने अध्ययन में लिप्त रहने की सलाह समाज को दूंगी
प्रश्न न. 11 - आपके लेखन में , आपके परिवार की क्या भूमिका है ?
उत्तर - परिवार नियम बंधनों से चलता है और परिवार के क्या नियम बंधन होते हैं एक स्त्री से ज्यादा कोई नहीं जानता मेरी परवरिश ऐसे वातावरण में हुई है जहां शुरू से ही मुझे अपने निर्णय लेने की आजादी है मैं अपने सारे डिसीजन खुद लेती हूं पारिवारिक नियम बंधनों के अकॉर्डिंग एडजस्ट करते हुए ताकि परिवार और मेरे साहित्य साधना में मैं आसानी से तालमेल बिठा सकूं
Comments
Post a Comment