राजेन्द्र यादव स्मृति सम्मान - 2025
- दिनेश चंद्र प्रसाद " दीनेश "
कलकत्ता - प.बंगाल
कहते हैं कि उम्मीद पर दुनियां कायम है !! दो प्रकार की सोच होती है , सकारात्मक और नकारात्मक !!जिंदगी जीनी है , संघर्ष करना है ,बाधाओं को पार कर आगे बढ़ना है , तो क्यों न सकारात्मक सोच मन में रखकर आगे बढ़ें वो सोचें कि आज जो है , कल उससे बेहतर होगा !! भविष्य के गर्भ में क्या , न कोई जानता है व जान सकता है , तो क्यों न उस अदृश्य भविष्य की ओर हम एक सकारात्मक सोच लेकर आगे बढ़ें !! सार्थक प्रयास व उम्मीद से कम से कम हमारा वर्तमान , और दिन प्रतिदिन की दिनचर्या को तो सुधार सकते हैं !!
- नंदिता बाली
सोलन - हिमाचल प्रदेश
कहते हैं " आशा से आकाश बंधा है।" ऐसे कथन हिम्मत और हौसला बढ़ाने वाले होते हैं। सकारात्मकता लिए होते हैं। समझाइश देने वाले होते हैं, जो असफलता या दुख में कभी किसी को टूटने नहीं देते। निराश नहीं होने देते। उम्मीद जगाने वाले होते हैं। आने वाला कल आज से बेहतर होगा, इसमें उम्मीद तो है ही, फिर भी ऐसा इसलिए भी क्योंकि इसमें अनुभव और जुड़ जाता है। जो हमारी कमियों, कमजोरियों और खामियों को पहचान कर उन्हें दुरुस्त करने का अवसर भी प्रदान करता है। यही हमारे आने वाले कल को आज से बेहतर बनाने वाला होता है। अनुभव की निरन्तरता से हमारी आवश्यकताओं के साधनों में यथोचित सुधार,मरम्मत और अविष्कार होते चलते हैं। यानी कि हमारा हर दिन - प्रतिदिन क्रमश: बेहतर ... बेहतर ... और बेहतर होता चलता है। यही तो बदलाव भी होता है। जो पहले से और खूबसूरत लगता है। जब कभी हम अपने अतीत को यादों के माध्यम से पलट कर देखते हैं तब यह बेहतर रूपी बदलाव स्पष्ट नजर आता है। यही हमारा विकास है,समृद्धि है और सुख-सुकून भी।
- नरेन्द्र श्रीवास्तव
गाडरवारा - मध्यप्रदेश
यह एक शक्तिशाली और सकारात्मक विचार है। यदि हम आज को बेहतर बनाने का प्रयास करें तो आने वाला कल निश्चित रूप से बेहतर होगा। प्रतिदिन एक नई शुरुआत होती है। हम अपनी गल्तियों में सुधार लाते हैं। हम अपने जीवन को अपनी सच्चाई के अनुसार जी सकते हैं ।जिसमें हमारी खूबियों के साथ कमजोरियां भी होती है। अपनी कमजोरी अथवा अपनी हार को आगे लाते हुए उसमें सुधार लाते हैं इसी उम्मीद के साथ कि आने वाला कल दिन- प्रतिदिन बेहतर होगा। भविष्य के बारे में आशावादी होना और सकारात्मक दृष्टिकोण बनाएं रखना महत्वपूर्ण है चूंकि हर दिन में नई उम्मीद और नई शुरुआत का अवसर होता है। छोटे छोटे कदम उठाकर हम बड़े बदलाव की नींव रख सकते हैं। प्रतिदिन हम सच्ची निष्ठा और लगन से अपने कार्य को सफलता दे अपने दिन को बेहतर बना सकते हैं। हमारे बेहतर काम के बाद भी जो हार मिलती है तो हमें ठान लेना चाहिए कि मैं सफल होकर रहूंँगा और अपने आने वाले कल को बेहतर करके रहूंँगा। इसी उम्मीद, कोशिश, विश्वास एवं सुधार के साथ हमारा दिन प्रतिदिन पहले से बेहतर होते जाता है। सकारात्मक सोच, कोशिश, एवं उम्मीद रखने वाला कभी नहीं हारता यदि हारता भी है तो वह अपने अनुभव को लेकर पुनः नई उर्जा के साथ खडा़ हो सफलता की सीढ़ी चूमता है। इसी विश्वास एवं उम्मीद के साथ वह जान जाता है कि आने वाला कल दिन-प्रतिदिन आज से बेहतर होगा। सकारात्मक सोच, मेहनत, लगन, कोशिश,हिम्मत और आत्म विश्वास हो तो दिन तो क्या जिंदगी (दुनिया) बदली जा सकती है।"उम्मीद पर दुनिया कायम है"
- चंद्रिका व्यास
मुंबई - महाराष्ट्र
प्राचीन काल से 21 वीं शं. और 25 वर्ष तक में देश प्रगतिशील तो हुआ है। सबके कार्यकलाप करने का अलग-अलग नजरिया होता जरुर है, परन्तु उतार-चढ़ाव का भी स्वाद चखना भी पढ़ता है। प्रकृति परिवर्तन शील जरुर है, भविष्य का आभास करवा देती है, आने वाला कल भी आज से बेहतर होगा, हम कल्पना कर सकते है, योजना तैयार कर सकते है, भविष्य बताकर नहीं आता, घटनाचक्र पल-पल में घटित होता, हम ऐसी उम्मीद से दिन प्रतिदिन बेहतर बनाने की कोशिश कर रसास्वादन, आसमान के तारे गिनने के समान चल सकते है।
- आचार्य डाॅ.वीरेन्द्र सिंह गहरवार "वीर"
बालाघाट - मध्यप्रदेश
इंसान ख़ुद्दारी से जज़्बाती हो संघर्षों से जीवन जी बोझ उठा कर जीने की फ़ितरत उम्मीदों से रख इंसान सोचता है आने वाला कल आज से बेहतर होगा !चाहे दिलों चले हज़ारों ख़ंजर लबों से मुस्कान लिए अभिवादन से अभिनंदन कर ईदी दिवाली मनाता है जनता का जनसेवक बन जीने का दम रखता हूँ ! दिया खुदा ने छपड़ फाड़ दौलत लुटाने का दम रखता है ! नसीब पर हैं पूरा भरोसा ,खोटे सिक्के को चलाने का दम रखता है ।माँ बाप का प्यार इंसानियत का ग़ुरूर रखता हूँ , मुस्कानो से सिर उठाकर जीने की फ़ितरत रख अपने मुकाम हासिल कर बड़ी उम्मीद के साथ कहता । मेरे अपने मुझे ग़ैर ना समझे भाई चारे का हुनर सीखा हर हर माहोल में जी कर हैं ज़मीं से आसमा पर हैं पूरा भरोसा ऐसी उम्मीद से दिन प्रतिदिन बेहतर होगा ज़मीं से आसमा पर हैं पूरा भरोसा ,अपने घर परिवार वतन को फ़तह कराने का दम रखता ।कामयाबियों से दुनिया को हिलाने ,का दम रखता ,बिछड़े चमन वीराने को ख़ुशबुओं से ,चहकाने महकाने का दम रखता कामयाबियों से दुनिया को हिलाने ,का दम रखता बिछड़े चमन वीराने में दीप जला अँधियारे को दूर कर दिवाली मनाने का दम रखता । खुदा की रहमत दुआओ से ,ईदी मना भाई चारे का दम रखता हूँ । ऐसी उम्मीद से दिन प्रतिदिन बेहतर होगा
- अनिता शरद झा
रायपुर - छत्तीसगढ़
जिन खोजा तिन पाइया, गहरे पानी पैठ, मैं बपुरा बूडन डरा रहा किनारे बैठ, इस दोहे से यही शिक्षा मिलती है कि जो खोजता है वो पा कर ही रहता है जैसे गोताखोर गहरे पानी से कुछ न कुछ लेकर ही आता है, और डरपोक किनारे पर बैठ बेकार बैठा रहता है, कहने का मतलब जो वर्तमान में प्रयास करते हैं उनका आने वाला कल हमेशा उज्जवल होता है और यही उम्मीद दिन प्रतिदिन उज्जवल जीवन बना देती है, आज इसी पर विचार करते हैं कि क्या आने वाला कल आज के दिन पर निर्भर करता है, मेरा मानना है कि जब तक हम आज को नहीं संभालेंगे तो आने वाला कल कभी बेहतर नहीं हो सकता, इसलिए अपने वर्तमान को बेहतर बनाने के लिए साकारात्मक सोच, समय का सदुपयोग, गलतियों में सुधार तथा लक्ष्य को ध्यान में ऱखते हुए आगे बढ़ना होगा ताकि हमारा आने वाला समय बेहतर से बेहतर हो सके जिसके लिए क्रोध, लोभ और आलस्य को त्यागना होगा तभी भविष्य उज्जवल बन सकता है, नहीं तो हमारा आने वाला पल अन्धकारमय लगेगा, कई लोग वर्तमान को टहलने में रात को सोने में और रहा सहा समय अबारागर्दी में नष्ट कर देते हैं और फिर भगवान को कोसते हैं कि उपर वाले ने कुछ नहीं दिया तभी तो कहा है, रात गवाई सो करी दिन गवाया खाय, हीरा जन्म अनमोल था कोडी बदले जाए, कहने का भाव समय का दुरूपयोग हमें कहीं का नहीं छोडता इसलिए हमें वर्तमान से सीखना होगा बीते हुए कल को तो हम ला नहीं सकते लेकिन वर्तमान का सही उपयोग करके आने वाले कल को सुधार सकते हैं जिसके लिए हमें आज के दिन की शुरुआत अच्छी करनी होगी यानि समय का सदुपयोग, अनुशासन, साकारात्मक सोच, स्वास्थ्य जीवन की तरफ ध्यान देते हुए अपने लक्ष्य को पार करना होगा जिससे जीवन में उत्साह बना रहे और आने वाला कल बेहतर लगने लगे, तभी तो कहा है कल करी सो आज कर आज करि सो अब पल में प्रलय होयेगी बहुरी करेगा कब, अन्त में यही कहुँगा कि आने वाला कल तभी बेहतर हो सकता है जब हम आज की उम्मीद को जिन्दा रखें कहने का भाव पल पल को सही सोच समझ कर खर्च करें और सभी नियमों को ताक में ऱखकर आपने आने वाले कल को संभारने का प्रयास जारी रखें।
- डॉ सुदर्शन कुमार शर्मा
जम्मू - जम्मू व कश्मीर
" मेरी दृष्टि में " कल पर बहुत कुछ उम्मीदें कायम होती है। जिसमें कर्म की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। कर्म का स्तर बढ़ता जाता है। वैसे ही जीवन में तरक्की आतीं जाती हैं। यही जीवन का शायद नियम है। समय अपना कार्य अवश्य करता है। जीवन में बहुत बार कर्म का फल उम्मीद से ज्यादा मिलता है। जो जीवन को एक दम बदल देता है। इसी को भाग्य कहते हैं।
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