डॉ. राकेश 'चक्र'

        डॉ. राकेश 'चक्र'

1. रचनाकार का नाम- डॉ राकेश 'चक्र' ( अभिलेखों में नाम डॉ राकेश कुमार गुप्त )

2. जन्मतिथि - 14/11/1954 (20 जुलाई 1954 अभिलेखों में )।

3. पिता का नाम - स्व.धीरज लाल जी।

4. माता का नाम - स्व.द्रोपदी देवी जी।

5 . पत्नी का नाम - श्रीमती रेनू गुप्ता जी।

6. जन्म स्थान- ग्राम - शाहजहांपुर, पोस्ट - जलाली, जिला अलीगढ़ ,उत्तर प्रदेश।

7. शिक्षा- एम.ए ,एलएलबी, एमडी( एक्यूप्रेशर) , डीएटी , योग विशेषज्ञ।

8. कार्यक्षेत्र ( क ).- सेवानिवृत्त अभिसूचना अधिकारी उत्तर प्रदेश पुलिस 2014।

( ख ). वर्तमान में एक्यूप्रेशर  आहार - विहार और योगादि द्वारा निःशुल्क चिकित्सा सेवा निजी आवास पर।

( ग ). वृद्धाश्रमों और विद्यालयों आदि में निःशुल्क चिकित्सा सेवा एवं पुस्तक एवं पत्रिका आदि वितरण

( घ) विद्यालयों में मोटिवेशनल आख्यान। निःशुल्क योग प्रशिक्षण देना आदि।

9. सृजित विधाएँ - प्रौढ़ साहित्य - गद्य  में - ( कहानी , लघुकथा , आलेख , प्रेरणाप्रद मोटिवेशनल साहित्य, स्वास्थ्य , योग और एक्यूप्रेशर आदि में स्वतंत्र लेखन) , पद्य में- ( कविता , गीत , दोहे , कुंडलियाँ , मुक्तक , गजल , सजल आदि)। 

(ब) बाल साहित्य - गद्य में - ( कहानी , नाटक , आलेख , मोटिवेशनल साहित्य , लघुकथा , जीवनियाँ , उपन्यास,  प्रेरणादायक आत्मकथाएं आदि) । पद्य में- ( कविता ,बालगीत , दोहे आदि )।

कुल प्रकाशित मौलिक कृतियाँ -- 

1. लगभग चौदह दर्जन

2. साझा - संग्रह लगभग पाँच दर्जन।

प्रकाशित प्रौढ़ पद्य और गद्य मौलिक कृतियाँ पांच दर्जन लगभग

          गीत कृतियाँ

  1. चरवाहों का चक्रव्यूह प्रकाशन वर्ष 1998 शिल्पायन प्रकाशन दिल्ली।

2. एकता के साथ हम प्रकाशन वर्ष 2012 यतीन्द्र साहित्य प्रकाशन भीलवाड़ा राजस्थान।

3.धार अपनी खुद बनाना प्रकाशन 2016 साधना पब्लिकेशन दिल्ली पेपरबैक तथा वर्ष 2018 लवकुश सिंह मऊ उत्तर प्रदेश।

4 .उजाले के लिए ( गीत - नवगीत संग्रह )प्रकाशन वर्ष 2019 देशराज एंड सन्स दिल्ली।

5. मुक्त - निर्झर ( नवगीत - गीत - मुक्तक संग्रह ) प्रकाशन वर्ष 2020 ,ओम पब्लिशिंग कंपनी दिल्ली।

6.यशस्विनी वसुंधरा

(मेरे प्रिय गीतों की अनुपम कृति)( प्रकाशन दिल्ली025)

7.हवा भी अब चुप खड़ी है(ज्ञानगीता प्रकाशन दिल्ली025)

8.मैंने देखा है ईश्वर को (ज्ञानगीता प्रकाशन दिल्ली025)

         गजल - संग्रह

1. प्रेम की भाषा ही हिंदुस्तान है प्रकाशन वर्ष 2004 नवचेतन प्रकाशन दिल्ली।

2.मेरी गजलें मेरा प्यार प्रकाशन वर्ष 2015, इंडिया डिजिटल पब्लिशर्स दिल्ली।

3 . मेरी प्रिय गजलें प्रकाशन वर्ष 2020 ओम पब्लिशिंग कंपनी दिल्ली (पुरस्कार प्राप्त कृति)

        मुक्तछंद कविता-संग्रह

 1.मेरे देश की थाती- प्रकाशन वर्ष 2003 , निर्मल पब्लिकेशन दिल्ली।

2.बुद्ध की तरह - प्रकाशन वर्ष 2020  , केशव बुक्स दिल्ली।

3 . क्योंकि तुम ईश्वर हो ? उपरोक्तानुसार।

       लघुकथा - संग्रह

1.अमावस का अँधेरा - प्रकाशन वर्ष 2004 , शब्द सेतु दिल्ली।

2.फर्ज- प्रकाशन वर्ष 2006 प्रियंका प्रकाशन दिल्ली।

3.राकेश चक्र की लघुकथाएँ - प्रकाशन वर्ष 2012 आरके पब्लिशर दिल्ली।

4. वृक्ष और बीज - प्रकाशन वर्ष 2013 सूर्यप्रभा प्रकाशन दिल्ली।

5 . मेरी समकालीन 121 लघुकथाएँ -  प्रकाशन वर्ष 2019 विनोद बुक सेंटर दिल्ली। 

        कहानी - संग्रह

1.सफर -  प्रकाशन वर्ष 2019, साधना एंड संस दिल्ली।

2.अमेरिकन लड़की(कहानी-संग्रह ज्ञानगीता प्रकाशन दिल्ली025)

3. सत्तरवें पड़ाव का सच (कहानी-संग्रह ज्ञानगीता प्रकाशन दिल्ली025)

   कुण्डलिया- संग्रह, दोहा - संग्रह

1.चाचा चक्र के सचगुल्ले- प्रकाशन वर्ष 2013 साधना पब्लिकेशन दिल्ली।

*2.श्रीमद्भागवत गीता दोहाभिव्यक्ति (  गीता का दोहों में अनुवाद) प्रकाशन वर्ष 2020 जीएस पब्लिशर, डिस्ट्रीब्यूटर दिल्ली।*

3. मेरी प्रिय कुण्डलियां प्रकाशन भाग - 1 वर्ष 2021, पुष्पांजलि प्रकाशन दिल्ली।

4. मेरी प्रिय कुंडलियाँ भाग - उपरोक्तानुसार।

5. मेरे प्रिय दोहे ( भाग -1) उपरोक्तानुसार

6. मेरे प्रिय दोहे ( भाग -2) उपरोक्तानुसार

7.बृज के दोहे(लवकुश सिंह मऊ 025)।

  निबंध -  संग्रह , यात्रा वृत्तांत , संस्मरण

 1.मेरे समकालीन निबंध - प्रकाशन वर्ष 2019 प्रियंका प्रकाशन दिल्ली।

2. पुलिस अपने आईने में- प्रकाशन वर्ष 2019 गोपाल प्रकाशन दिल्ली।

3. भारत के गौरव स्वामी विवेकानंद ( प्रकाशन वर्ष 2022 चैन्नई नोशन प्रेस )

4.पहाड़ों की रानी मसूरी मेरी स्मृतियों में , ज्ञानमुद्रा प्रकाशन भोपाल, वर्ष 2024

मेरी यादों में 5.कन्याकुमारी(यात्रा संस्मरण)(ज्ञानगीता प्रकाशन दिल्ली 025)

6.प्रेरणा पुंज कलाम साहब(यात्रा संस्मरण)(ज्ञानगीता प्रकाशन दिल्ली 025)

7.महान साहित्यकार शेरा यात्री(संस्मरण)(ज्ञानगीता प्रकाशन दिल्ली 025)

8.किताबें बोलती हैं(संस्मरण) (लवकुश सिंह मऊ025)

   मोटिवेशनल साहित्य और सूक्तियाँ आदि

1. योग शिक्षा और यौन शिक्षा - प्रकाशन वर्ष 2009 ,आर के पब्लिशर दिल्ली।

2.आपका जीवन - आपके हाथ - ( पुरुस्कृत) प्रकाशन वर्ष 2012 आत्माराम एंड सन्स दिल्ली।

3. सफलता ही सफलता कैसे -  प्रकाशन वर्ष 2012 आत्माराम एंड सन्स दिल्ली।

4.जीत आपके हाथ में - प्रकाशन वर्ष 2014 निर्मल पब्लिकेशन दिल्ली।

5. सफलता के 17 सूत्र - प्रकाशन वर्ष 2015 पी एम पब्लिकेशन दिल्ली।

6.  सफलता अपनी मुट्ठी में -  प्रकाशन वर्ष 2016 सूर्यप्रभा प्रकाशन दिल्ली और ज्योति प्रकाशन सोनीपत।

7. सफलता आपके हाथ में - प्रकाशन वर्ष 2018 समाज शिक्षा संस्थान दिल्ली।

8. सूक्तियाँ , विचार एवं जीवन जीने के अमूल्य टिप्स प्रकाशन वर्ष 2023 , ड्रीम बुक सर्विस , दिल्ली।

9. मनुष्य जीवन सर्वश्रेष्ठ (  योग , अध्यात्म , स्वास्थ्य आदि पर प्रेरणाप्रद आलेख )

प्रकाशन वर्ष 2023 , पुष्पांजलि प्रकाशन दिल्ली।

10. खुशियों का खजाना(प्रेरणाप्रद आलेख)(ज्ञानगीता प्रकाशन दिल्ली 025)

स्वास्थ्य ,योग और एक्युप्रेशर, पुस्तकें

1. स्वास्थ्य का रहस्य, पर्यावरण और हम - प्रकाशन वर्ष 2009 , आर के पब्लिशर्स दिल्ली।

2. आपका स्वास्थ्य आपके हाथ - 2015 स्वास्तिक प्रकाशन दिल्ली।

3. मस्त रहिए स्वस्थ रहिए- प्रकाशन वर्ष 2016 साधना पब्लिकेशन दिल्ली।

4. मस्त रहें , स्वस्थ रहें - प्रकाशन वर्ष 2015 आरती प्रकाशन लालकुआं उत्तराखंड।

5. मस्त रहें, स्वस्थ रहें- 2018 पंकज सिंह मऊ ,उत्तर प्रदेश।

6.योग द्वारा कैसे स्वस्थ रहें(योग एवं एक्युप्रेशर चिकित्सा की अनूठी कृति)(ज्ञानगीता प्रकाशन दिल्ली 025)आदि, आदि।

प्रकाशित किशोर साहित्य (दो दर्जन से अधिक गद्य और पद्य )

    किशोर कथा साहित्य 

1. राकेश चक्र की श्रेष्ठ कहानियाँ - प्रकाशन वर्ष 2003 अंगूर प्रकाशन दिल्ली।

2.आजादी के दीवाने -  प्रकाशन वर्ष 2004 पीयूष प्रकाशन दिल्ली।

3. तीसरी माँ - प्रकाशन वर्ष 2012, आर्यन प्रकाशन दिल्ली।

4. दी एग्जामिनेशन ( अंग्रेजी अनुवाद ) 2012 अजय पब्लिकेशन दिल्ली।

5. उत्तरांचल की लोककथाएं, प्रकाशन वर्ष 2014 , प्रियंका प्रकाशन दिल्ली।

6. राकेश चक्र की चुनिंदा किशोर कहानियाँ - प्रकाशन वर्ष 2018 पंकज सिंह मऊ उत्तर प्रदेश।

7. लजीज पुलाव (प्रकाशन विभाग भारत सरकार से प्रकाशित दिल्ली) प्रकाशन वर्ष 2018 आदि।

     किशोर पद्य साहित्य

1.तुम भारत के वीर हो - प्रकाशन वर्ष   2012, साहित्य चेतना प्रकाशन दिल्ली।

2. मातृभूमि है वीरों की - प्रकाशन वर्ष 2013 दृष्टि प्रकाशन ,दिल्ली।

3. देश के नौजवान - प्रकाशन वर्ष 2015 हरे कृष्ण प्रकाशन मुरादाबाद उत्तर प्रदेश।

4. मनभावन किशोर कविताएँ - प्रकाशन वर्ष 2022 लवकुश सिंह ,मऊ , उत्तर प्रदेश आदि। 

अन्य विधा में प्रकाशित किशोर गद्य साहित्य ( विश्व की महान विभूतियाँ , मनोविज्ञान , आत्मकथाएं आदि

1 सपनों को साकार करेंगे ( आलेख- संग्रह ) प्रकाशन वर्ष 2009 ,आर के पब्लिकेशन दिल्ली।

2. बाल सपने और हम ( आलेख और महापुरुषों की जीवनियाँ ) - प्रकाशन वर्ष 2019 , आविष्कार प्रकाशन दिल्ली आदि।

3. विश्व एवं भारत की महान विभूतियाँ , प्रकाशन वर्ष 2023 , ड्रीम बुक सर्विस दिल्ली। 

4. बाल मनोविज्ञान , परिवार और पर्यावरण ( बच्चों , किशोरों के सर्वांगीण विकास का महत्वपूर्ण बाल साहित्य का दस्तावेज ) प्रकाशन वर्ष 2023 , ड्रीम बुक सर्विस दिल्ली।

5 .प्रेरणाप्रद उपयोगी आत्मकथाएं , प्रकाशन वर्ष 2023 , ज्ञान गीता प्रकाशन दिल्ली।

6.भारत के महान स्वतंत्रता सेनानी उपरोक्तानुसार प्रकाशन वर्ष 2023।

बाल साहित्य की प्रकाशित मौलिक पुस्तकें पाँच दर्जन से अधिक


    बाल कहानियों की प्रमुख पुस्तकें 


1. साक्षरता अनमोल रे - प्रकाशन वर्ष  2002 समीक्षा प्रकाशन दिल्ली।

2. अन्यायी को दंड - प्रकाशन वर्ष 2002 शब्द सृष्टि दिल्ली।

3. अहिंसावादी शेर - प्रकाशन वर्ष 2002 शब्द सृष्टि दिल्ली।

4. बिच्छूवाला दीवान - प्रकाशन वर्ष 2003 ,उपासना प्रकाशन दिल्ली।

5. बच्चों की मनोरंजक कहानियां - प्रकाशन वर्ष 2010, अग्नि प्रकाशन दिल्ली।

6 .चतुराई का पुरस्कार प्रकाशन वर्ष 2011 ( नेशनल बुक ट्रस्ट से प्रकाशित हिंदी, उड़िया,तेलगु,पंजाबी आदि में भाषाओं में अनुवाद भारत सरकार , दिल्ली )।

7. गाँव का बेटा प्रकाशन वर्ष 2013 नेशनल बुक ट्रस्ट भारत सरकार दिल्ली।( हिंदी, कश्मीरी आदि भाषाओं में अनुवाद ) ।

8. रोबोट का आविष्कार - प्रकाशन वर्ष 2014 , बैनियन ट्री प्रकाशन दिल्ली।

9. राकेश चक्र की चुनिंदा बाल - कहानियां -  प्रकाशन वर्ष 2018, लवकुश सिंह मऊ उत्तर प्रदेश।

10 . प्रेरक बाल कहानियाँ - प्रकाशन वर्ष 2019, जनचेतना शिक्षण संस्थान दिल्ली।

11. बच्चों की प्रिय कहानियाँ ( नई बाल कहानियाँ ) प्रकाशन वर्ष 2023 , ज्ञान गीता प्रकाशन दिल्ली।

   बालविज्ञान की पुस्तकें

1.पुच्छल तारे - प्रकाशन वर्ष 2006 , कुणाल प्रकाशन दिल्ली।

2.क्यों गिरती है बिजली - प्रकाशन वर्ष 2006 ,आविष्कार प्रकाशन दिल्ली।

3. पैराशूट - उपरोक्त अनुसार।

4. विद्युत तरंगें - प्रकाशन वर्ष 2006, गुरुकुल प्रकाशन , दिल्ली। 

 बाल उपन्यास की पुस्तकें एवं अन्य उपयोगी पुस्तकें 

1.पोस्टकार्ड लिफाफा और दादा जी- उपन्यास, प्रकाशन वर्ष 2020 , केशव बुक्स दिल्ली। 

2. चिट्ठी वाले दिन, उपन्यास प्रकाशन वर्ष 2021पुष्पांजलि प्रकाशन दिल्ली।

3 .स्वामी विवेकानंद के प्रेरणाप्रद प्रसंग ( 2022 नोशन प्रकाशन, चैन्नई )।

4. भारत के महान स्वतंत्रता सेनानी , प्रकाशन वर्ष 2023 ज्ञान गीता प्रकाशन , दिल्ली। 

5.कंजूस गोंतालू - प्रकाशन वर्ष 2005, अमर प्रकाशन गाज़ियाबाद। तथा

प्रकाशन वर्ष 2023 (राष्ट्रीय पुरस्कृत कृति ) पुष्पांजलि प्रकाशन दिल्ली। 

6. मिस टी और डी टू - उपरोक्तानुसार। प्रकाशन वर्ष 2023

     बालगीत ,कविता एवं पहेलियों की प्रमुख पुस्तकें

1.एक सौ इक्यावन बाल कविताएं - प्रकाशन वर्ष 2006, कुणाल प्रकाशन दिल्ली।

2.लट्टू-सी ये धरती घूमे - प्रकाशन वर्ष 2010 आत्माराम एंड संन्स, दिल्ली।

3. मातृभूमि है वीरों की -  प्रकाशन वर्ष 2011 आत्माराम एंड संन्स दिल्ली।

4. माटी हिंदुस्तान की- प्रकाशन वर्ष 2011 , बुक क्राफ्ट पब्लिशर दिल्ली।

5. सूरज, बालक और संसार -  प्रकाशन वर्ष 2012 एवरेस्ट पब्लिशिंग कम्पनी दिल्ली।

6. पशु- पक्षियों के मनोरंजक बाल गीत - प्रकाशन वर्ष 2012 ,ग्लोबल ऐक्सचेंज पब्लिशर, दिल्ली।

7. मीठी कर लें अपनी बोली- प्रकाशन वर्ष 2014 , एक्सप्रेस बुक्स दिल्ली।

8. साफ हवा कर देते पेड़- प्रकाशन वर्ष 2015 , हरे कृष्ण प्रकाशन मुरादाबाद।

9. ऊँचा देश उठाएंगे-  उपरोक्तानुसार।

10. ता - ता थैया गाएँगे उपरोक्तानुसार।

11. वीर शिवाजी -  उपरोक्तानुसार।

12. देश बने सोने की चिड़िया-  उपरोक्तानुसार।

13. रिमोट का खेल - प्रकाशन वर्ष 2016, हरे कृष्ण प्रकाशन, मुरादाबाद।

14.कम्प्यूटर ने खेल दिखाया - उपरोक्तानुसार।

15. बंदर, बिल्ली और कौवा -  उपरोक्तानुसार।

16. धीरे - धीरे गाना बादल- उपरोक्तानुसार।

17. प्राणों से है प्यारा झण्डा -  आरती प्रकाशन लालकुआं , उत्तराखंड।

18. दयानंद ऋषिवर अति प्यारे - प्रकाशन वर्ष 2016 उपरोक्तानुसार।

19. प्रेम के दीप जलाओ रे -  उपरोक्तानुसार।

20. प्राणों से है प्यारा झंडा - उपरोक्तानुसार।

21. पूरे हिंदुस्तान से- उपरोक्तानुसार।

22. बाल गुलदस्ता, प्रकाशन वर्ष 2016, हरे कृष्ण प्रकाशन , मुरादाबाद।

23.हम विश्वास जगाएंगे - प्रकाशन वर्ष 2018, समाज शिक्षा संस्थान, दिल्ली।

24 .हम आजादी के बच्चे हैं - प्रकाशन वर्ष 2018, लवकुश सिंह मऊ, उत्तर प्रदेश।

25. राकेश चक्र की मनोरंजक शिशु कविताएँ - प्रकाशन वर्ष 2019, पंकज सिंह मऊ,उत्तर प्रदेश।

26. मेरे प्रिय शिशु गीत - प्रकाशन वर्ष 2019 , लवकुश सिंह मऊ , उत्तर प्रदेश।

27. गाते अक्षर खुशियों के स्वर - प्रकाशन वर्ष 2020 ज्ञान गीता प्रकाशन, दिल्ली।

28.मेरी प्रिय बाल कविताएं -  प्रकाशन वर्ष 2022, लवकुश सिंह मऊ उत्तर प्रदेश।

29. रोचक बाल कविताएं - प्रकाशन वर्ष 2022, उपरोक्तानुसार। 

30. मेरी चुनिंदा बाल कविताएं - प्रकाशन वर्ष (2022) उपरोक्तानुसार।

31.ज्ञानवर्धक मनोरंजक बाल कविताएं - प्रकाशन वर्ष ( 2021) उपरोक्तानुसार। 

32. मनभावन बाल-बूझ पहेलियाँ (2022) ज्ञान गीता प्रकाशन दिल्ली।

33. प्रिय बाल लोरियाँ उपरोक्तानुसार (2022)

34 . मेरी प्रिय प्रभातियाँ, ( 2022 ) ज्ञान गीता प्रकाशन

 दिल्ली।

35. नटखट गिलहरी - प्रकाशन वर्ष (2023) प्रकाशन विभाग , भारत सरकार , दिल्ली।

36. हँसते - हँसते पढ़ें किताब ( बाल गीत ) प्रकाशन वर्ष 2023 पुष्पांजलि प्रकाशन दिल्ली। 2023

37. उड़ने वाला घोड़ा (  बाल कविताएँ ) उपरोक्तानुसार। 2023

38. खेलें - कूदें स्वास्थ्य बनाएँ ( बाल गीत) उपरोक्तानुसार 2023

40. चलो चलें हम सब स्कूल ( बाल कविताएँ)उपरोक्तानुसार2023( पुरस्कृत कृति )

41. बच्चों की प्रिय पहेलियाँ ( ज्ञानगीता प्रकाशन

 दिल्ली ,2024)

42. बच्चों की ज्ञानवर्धक , मनोरंजक पहेलियाँ ( ज्ञान गीता प्रकाशन ,दिल्ली 2024)

43.मेरी प्रिय पहेलियाँ(रचनाकार प्रकाशन दिल्ली 025)

    रूम टू इंडिया से प्रकाशित पोस्टर गीत

1. सप्ताह के दिन।

2 . कोयल।

      विशेष उपलब्धियां

1.दूरदर्शन व आकाशवाणी से निरंतर प्रसारण, भारत की विभिन्न पत्र - पत्रिकाओं में हजारों से अधिक आलेख, कविताएं, गीत, गजल, कहानियां तथा बाल साहित्य की सभी विधाओं में निरंतर प्रकाशन। कई रचनाएँ पुरस्कृत।

2. कई संदर्भ ग्रंथों एवं शोध पत्रों में उल्लेख।

            शोध कार्य

1. लखनऊ विश्वविद्यालय से समग्र साहित्य पर शोध कार्य।  

2. महात्मा ज्योतिबा फूले रुहेलखंड विश्वविद्यालय द्वारा बाल काव्य पर तीन बार शोध कार्य ।

3. कुमाऊँ विश्वविद्यालय से बाल कविताओं पर मानवीय मूल्यपरक शोध

    सम्मान और पुरस्कार

     भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय द्वारा बाल साहित्य के लिए दिए जाने वाले सर्वोच्च सम्मान 'बाल साहित्य श्री सम्मान' और उत्तर प्रदेश सरकार के हिंदी संस्थान द्वारा बाल साहित्य की दीर्घकालीन सेवाओं के लिए दिए जाने वाले सर्वोच्च सम्मान 'बाल साहित्य भारती' सम्मान सहित सैकड़ों राजकीय प्रतिष्ठित साहित्यिक एवं गैर राजकीय साहित्यिक संस्थाओं से सम्मानित एवं पुरुस्कृत।

     प्रमुख पुरुस्कार एवं सम्मान:-

1.राज्य कर्मचारी साहित्य संस्थान उत्तर प्रदेश द्वारा 'सुमित्रानंदन पंत पुरस्कार' 2007।

2 .उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान द्वारा 'बाबू श्याम सुन्दरदास सर्जना पुरुस्कार' 2012।

3.दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी   सरकार द्वारा 'बाल साहित्य श्री सम्मान' 2017 (डेढ़ लाख की धनराशि सहित) ।

 4.साहित्य मण्डल श्रीनाथ द्वारा 'श्रीमती कंचनबाई राठी सम्मान' 2018।

4.'बाल साहित्य श्री सम्मान ' उड़ीसा, 2018।

5.उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान द्वारा 'अमृत लाल नागर बाल कथा सम्मान' 2018।

7. मैं भारत हूँ मुम्बई द्वारा दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान , ' उत्तर प्रदेश रत्न सम्मान '  2021।

8.उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर बाल साहित्य की दीर्घकालीन सेवाओं के लिए दिया जाना सर्वोच्च सम्मान ' बाल साहित्य भारती '  ( धनराशि ढाई लाख सहित) 2020 आदि।

9.सजलश्री अलंकरण सम्मान - 2021 राष्ट्रीय स्तरीय प्रज्ञा सम्मान समारोह फिरोजाबाद, उत्तर प्रदेश।

10. पर्यावरण प्रहरी सम्मान - 2023 अंतरराष्ट्रीय हिंदी परिषद कर्नाटक प्रांत।

11. जल संरक्षक सेवी सम्मान- 2023 अंतरराष्ट्रीय हिंदी परिषद कर्नाटक प्रांत।

12. डॉ. सुरेन्द्र वर्मा बाल साहित्य शिखर सम्मान - 2023

13.राज्य कर्मचारी साहित्य संस्थान उत्तर प्रदेश द्वारा प्रताप नारायण मिश्र सम्मान 2024 ( एक लाख की धनराशि सहित ) ।

14 . देवपुत्र इंदौर बाल साहित्य राष्ट्रीय पुरस्कार 2024।

15. बाल कविता के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार बाल प्रहरी अल्मोड़ा बाल साहित्य शोध संस्थान द्वारा 2024।

16. अंतर्राष्ट्रीय साहित्य सुरभि सम्मान,केबी हिंदी न्यास,बिसौली, पीलीभीत द्वारा 2024।

17.राष्ट्रीय आशुतोष तिवारी सम्मान,कादंबरी अंतरराष्ट्रीय संस्था, जबलपुर द्वारा 2024।

18. राष्ट्रीय बाल साहित्य विभूषण एवं 'श्याम सुंदर नागला स्मृति सम्मान ,साहित्य मंडल श्रीनाथ द्वारा 2024।

19. राष्ट्रीय " प्रेम नारायण स्मृति सम्मान" ,भीलवाड़ा राजस्थान 2024।

20.  राष्ट्रीय गौरव सम्मान, अंतराष्ट्रीय सम्मेलन ,उपाधि महाविद्यालय पीलीभीत द्वारा 2024।

21.अनुव्रत विश्व भारती द्वारा सम्मान 2024।

22. राष्ट्रीय 'महाराणा हम्मीर एवं बप्पा रावल बाल साहित्य सम्मान',साहित्य संगीति जयपुर द्वारा 2024-25।

23. श्रीमती शकुंतला प्रकाश गुप्ता साहित्य एवं कला विभूति सम्मान-025।

24. श्री राम महोत्सव सारस्वत सम्मान अयोध्या -024

25. श्री चित्रकूट साहित्य सम्मान-025

26. वैद्य श्री कल्याण सिंह विष्ट बाल साहित्य सम्मान-2025

27. राष्ट्र रत्न सम्मान2025।

               सम्प्रति 

उत्तर प्रदेश पुलिस के ( इंटेलीजेंस विभाग ) से सेवानिवृत्त अधिकारी, वर्ष 2014

           स्थायी संपर्क

  90 बी, शिवपुरी, मुरादाबाद- 244001, उत्तर प्रदेश। दूरभाष :-9456201857, 8920283791

Email :-rakeshchakra00@gmail.com,

bloger:-http://rakeshchakra. blogspot.com


प्रश्न न.1 - आपने किस उम्र से लिखना आरंभ किया और प्रेरणा का स्रोत क्या है ? 
उत्तर - बचपन से ही कुछ गुनगुनाने की आदत थी। मेरे पिताजी भजन आदि सुनाया करते थे। किशोरावस्था में आते आते कविता अंकुरित हुई। कुछ गोष्ठियों में आना जाना शुरू हुआ। जब मैं बारहवीं कक्षा का छात्र था ,तब मेरी एक गीतनुमा कविता वर्ष 1973 में लखनऊ के स्वतंत्र भारत समाचार पत्र में प्रकाशित हुई। फिर तो सिलसिला जारी रहा। 1998 में गीतों का प्रथम संग्रह आया। बाद में फिर कई संग्रह निकलते रहे। मैं यह स्पष्ट कर दूँ कि मैं गीत - नवगीत के अतिरिक्त अन्य विधाओं में भी कलम चलाता रहा या कहूँ कि माँ सरस्वती सब कराती रहीं। इस तरह अब तक 14 दर्जन मौलिक पुस्तकें एवं पांच दर्जन साझा-संग्रह विभिन्न विधाओं में आ चुके हैं।

प्रश्न न. 2 - आप की पहली रचना कब और कैसे प्रकाशित या प्रसारित हुई है ? 
उत्तर - जब मैं बारहवीं कक्षा का छात्र था तब मेरी एक गीतनुमा कविता लखनऊ के स्वतंत्र भारत समाचार पत्र में 1973 में प्रकाशित हुई।

प्रश्न न. 3 - आप किन-किन विधाओं में लिखते हैं और सहज रूप से सबसे अधिक किस विधा में लिखना पंसद करते हैं 
उत्तर - मैं स्पष्ट कर दूँ कि मेरी गीत - नवगीत के साथ - साथ अन्य विधाओं में भी गहन रूचि है। बाल साहित्य , कहानी, लघुकथा, मुक्तछंद काव्य, दोहा और कुण्डलिया छंद, प्रेरणादायक साहित्य, योग एवं एक्यूप्रेशर आदि भी मेरी विधाएँ हैं। जिनपर निरंतर कलम जारी है। बाल साहित्य की गद्य एवं पद्य विधाओं में सबसे अधिक पुस्तकें प्रकाशित हुई हैं लगभग दस दर्जन।

प्रश्न न. 4 - आप साहित्य के माध्यम से समाज को क्या संदेश देना चाहते हैं ? 
उत्तर- मैं साहित्य के माध्यम से समाज को संदेश देना चाहता हूँ कि हम सभी सुख से जीएं और दूसरों को भी जीने दें। हो सके समाज का उपकार करें, लेकिन किसी का अहित न करें। हाँ अन्याय के विरुद्ध आवाज कलम के माध्यम से अवश्य उठाएं। मनुष्य जीवन को सार्थक बनाएं। विषमताओं में भी समता खोजें। खुश रहें और दूसरों को भी खुशियाँ बाँटें। आत्ममुग्धता से बचें, जैसा कि साहित्यकारों तक में देखने को मिल रहा है।

प्रश्न न. 5 - वर्तमान साहित्य में आप के पसंदीदा लेखक या लेखिका की कौन-सी पुस्तक है ?
उत्तर-मुझे बाल साहित्य लेखन अधिक पसंद है। वर्तमान मेरे प्रिय बाल साहित्यिकार हैं डॉ आर पी सारस्वत जी उनकी पुस्तकें- खेलें घोड़ा-घोड़ी और चिपकू चूहा ,दादू जी का डब्बा गोल। डॉ अजय जनमेजय जी उनकी पुस्तकें -पहेली गीत। डॉमहेश मधुकर जी का खंड काव्य-धरासुता का त्याग। विमला रस्तोगी जी उनकी पुस्तक-गो-गो की वापसी। गौरीशंकर वैश्य जी की-बाल विज्ञान कविताऍं। इस तरह अनेक प्रिय साहित्यकार हैं, सबका नाम देना संभव नहीं है।

प्रश्न न. 6 - क्या आपको आकाशवाणी एवं दूरदर्शन पर प्रसारित होने का अवसर मिला है ? ये अनुभव कैसा रहा है ?
उत्तर- अनेक बार आकाशवाणी पर जाने का अवसर मिलता रहता है। बच्चों के कार्यक्रम में बच्चों से मुलाकात होती है। अच्छा लगता है। लखनऊ दूरदर्शन पर कई बार कार्यक्रम प्रसारित हुए हैं। अच्छा अनुभव रहा।

प्रश्न न. 7 - आप वर्तमान में कवि सम्मेलनों को कितना प्रासंगिक मानते हैं और क्यों?
उत्तर-वर्तमान में अधिकांश कवि सम्मेलन गुटबाजी का शिकार हो रहे हैं। मुझे यह गुटबाजी आहत करती है कि मैं तुम्हें बुलाऊँ,और तुम मुझे बुलाओ। चार कविताएं लिखीं कि महान कवि बन गए।

प्रश्न न. 8 - आपकी नज़र में साहित्य क्या है तथा फेसबुक के साहित्य को किस दृष्टि से देखते हैं ?
उत्तर- मेरी दृष्टि में साहित्य वही है जो युगबोध कराए। क्योंकि साहित्य ही समाज का दर्पण होता है। साहित्य की सभी विधाएं अच्छी होती हैं, लेकिन सबसे उल्लेखनीय होती है मेरी दृष्टि में बाल साहित्य विधा। क्योंकि अच्छा बाल साहित्य ही समाज और देश के लिए बच्चों को अच्छा मनुष्य बनाता है। आज अच्छे मनुष्य कम दिखते हैं, यत्र-सर्वत्र स्वार्थ सिद्धि का बोलबाला है। साहित्य भी इससे अछूता नहीं रहा है। 
       रही सोशल मीडिया के साहित्य की ,उसमें कुछ लोग बहुत अच्छी पोस्ट डालते हैं, जो जनमानस को प्रभावित करती हैं। उसका राष्ट्र और समाज पर अच्छा प्रभाव पड़ता है।

प्रश्न न.9 - वर्तमान साहित्य के क्षेत्र में मिलने वाले सरकारी व गैर सरकारी पुरस्कारों की क्या स्थिति है ?
उत्तर- वर्तमान में अधिकांश पुरस्कार और सम्मान भी भाईचारे में बंदरबांट हो रहे हैं। कुछ ही साहित्यकारों का उचित मूल्यांकन करके सम्मानित किया जाता है। क्योंकि मुझे जो बाल साहित्य में सर्वोच्च सम्मान भारत सरकार से मिला ,वह मेरे साहित्य पर ईमानदारी से समय पर मिला और लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार से जो सम्मान मिले ,उनमें कुछ तो यथासमय मिले और एक-दो में काफी बिलम्ब हुआ । जब हमने पत्र लिखा कि इतना लिखने के बाद भी न्याय क्यों नहीं ,तब न्याय मिला। गैर सरकारी संस्थाओं द्वारा भी पक्षपात किया जा रहा है बड़े पुरुस्कारों में। सब कुछ लाभ-हानि को देखते हुए चल रहा है। क्योंकि आज बहुत कुछ व्यवसायीकरण में बदलता जा रहा है।

प्रश्न न. 10 - क्या आप अपने जीवन की महत्वपूर्ण घटना या संस्मरण का उल्लेख करेगें ? 
उत्तर- मेरा बचपन गाँव की मिट्टी, प्रकृति के सानिध्य में प्रारंभ हुआ । कई विद्यालयों में शिक्षा होती रही। गाँव, कस्बा, अलीगढ़ और लखनऊ तक। अंग्रेजी के वर्णाक्षर छठवीं से सीखे। किशोरावस्था उथल-पुथल भरे पड़ावों से गुजरती गयी । मेरा शैक्षिक प्रमाणपत्रों में राकेश कुमार गुप्ता नाम अंकित है। उपयुक्त वातावरण का अभाव कहूँ या कुछ और कि कक्षा आठवीं तक तो बुद्धि और विवेक का अच्छी तरह विकास नहीं हो पाया। बाद में मेरे बड़े भाई श्री हरीश चन्द्र जी और परमात्मा की कृपा तथा मेहनत से विज्ञान विषय लेकर हाईस्कूल में द्वितीय श्रेणी में अच्छे अंक प्राप्त कर 1969 में उत्तीर्ण किया। वर्ष 1973 में फ़ौज में चयन हो गया, लेकिन दुर्भाग्य ने यहाँ भी पीछा नहीं छोड़ा , हाईस्कूल के प्रमाण –पत्र पर बचकाने में ओवरराइटिंग कर दी, चयन करने वाले अधिकारी ने दूसरा प्रमाण –पत्र लाने के लिए तीन दिन का समय दिया, तीन दिन में दूसरा प्रमाण –पत्र लाना असंभव था, इसलिए ट्रेनिंग में जाना निरस्त हो गया। विज्ञान विषय इंटरमीडिएट में रहे भी, लेकिन कुसंग ने सब अरमानों पर पानी फेर दिया । बाद में वर्ष 1973 में कला विषय लेकर व्यक्तिगत छात्र के रूप में इंटरमीडिएट द्वितीय श्रेणी में उत्तीर्ण किया। यहीं से कविता और दर्शन की शुरुआत हो गयी । स्नातक करते हुए थोड़ा आगे बढ़ी | समाजशास्त्र विषय से व्यक्तिगत परास्नातक कर ,विधि स्नातक किया। विगत वर्षो में रोजगार पाने के लिए काफी छट–पटाहट रही । बीएसएफ एवं उत्तर प्रदेश पुलिस के कई साक्षात्कार दिए। उस समय भी रिश्वत का बाजार गर्म था,रिश्वत नहीं दी। पिताजी की बहुत इच्छा थी कि बेटा थानेदार बने। वैसे मेरी इच्छा थी कि मैं फौज में जाऊँ या शिक्षक बनूँ, लेकिन होता वही है जो ईश्वर चाहते हैं। जीवन में तमाम उतार-चड़ावों के बीच कुछ समय वकालत भी की। तभी थानेदारी में बिना रिश्वत दिए चयन हो गया। ट्रेनिंग और विवाह मुरादाबाद में ही हुआ।प्रथम नियुक्ति झाँसी में हुई। सेवा के दौरान बहुत उतार-चढ़ाव आते रहे। दर्जनों जिलों में नियुक्ति रही। वर्दी वाली सेवा में जब भ्रष्टाचार देखा तो उससे मुक्ति पाने के लिए हमने इंटेलीजेंस विभाग में स्थानांतरण करा लिया। कई जिलों में खुफिया विभाग के प्रभारी रहे। कविता और लेखन की यात्रा छात्र जीवन से प्रारंभ होकर निरन्तर माँ सरस्वती की अनुकंपा से चलती रही। योग हमारा जीवन साथी बन गया । प्रथम कविता वर्ष 1973 में लखनऊ के स्वतंत्र भारत में “जन्म सिद्ध अधिकार है” शीर्षक से प्रकाशित हुई, बाद में ‘अमर उजाला’,पवनवाणी [अलीगढ] तथा अन्य पत्र-पत्रिकाओं में अनेक रचनायें प्रकाशित होती रहीं कई शोध कार्य भी हुए हैं।प्रथम कविता-संग्रह वर्ष 1998 में ‘ चरवाहों का चक्रवयूह’ शिल्पायन,दिल्ली से प्रकाशित हुआ।

प्रश्न न. 11 - आपके लेखन में , आपके परिवार की क्या भूमिका है ? 
उत्तर- जैसा कि अधिकांश लेखकों के साथ होता रहा है कि उनके परिवार ने असहयोग ही किया। वही मेरे साथ भी हुआ है और अब भी असहयोग जारी है। भगवान कृष्ण का संबल है। विषमताओं में भी वह पथ प्रदर्शक बना हुआ है। सच कहूँ कि इतनी पीड़ाएँ न मिलीं होती तो इतना विपुल साहित्य नहीं रच पाता। सब कुछ योग,ध्यान के सहारे पीड़ाओं को हरा दिया। निरंतर साहित्य, समाज और प्रकृति के लिए समर्पित हो गया। मुरादाबाद जैसे महानगर में सैकड़ों पक्षी रोज मेरे अतिथि बनते हैं। यह सब चमत्कार से कम नहीं।              

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