गोहाना मोड़ पर गौशाला मन्दिर
लगभग 50 वर्ष पूर्व जी टी रोड पर मन्दिर का निर्माण किया था । शुरू में शिवालय की स्थापना हुई है। उसके बाद गौशाला भी बन गर्इ है। मन्दिर में अब विभिन्न देवी-देवताओं की मूति स्थापना हो चुकी है। मन्दिर में धर्मशाला भी बन गर्इ है। जिसे गौशाला मन्दिर के नाम से जाना जाता है।
मन्दिर का संचालन हेतु गौशाला कमेटी बन गई है। यह जी टी रोड पर गोहाना रोड के नजदीक है। आस पास की कालोनी सहित पास के गांवों से भी श्रद्धालु पूजा पाठ करते है। आने जाने की कोई परेशानी नहीं है। रिक्शा , आटों व अपने वाहन आदि मन्दिर आ जा सकतें हैं । रेलर्व स्टेशन तथा बस स्टैंड से लगभग एक किलोमीटर का रास्ता है। वर्तनमान में मन्दिर को आधुनिक रूप दिया जा रहा है। जन्म अष्टमी तथा शिव रात्रि पर कांवड़ियों का मेला देखने लायक होता है। मन्दिर का पूजारी लगभग 22 वर्ष से प्यारेलाल जी है। गौशाला में गाय की पूजा प्रतिदिन होती है। गऊओं की सेवा गौशाला का मुख्य कार्य है।
मन्दिर का संचालन हेतु गौशाला कमेटी बन गई है। यह जी टी रोड पर गोहाना रोड के नजदीक है। आस पास की कालोनी सहित पास के गांवों से भी श्रद्धालु पूजा पाठ करते है। आने जाने की कोई परेशानी नहीं है। रिक्शा , आटों व अपने वाहन आदि मन्दिर आ जा सकतें हैं । रेलर्व स्टेशन तथा बस स्टैंड से लगभग एक किलोमीटर का रास्ता है। वर्तनमान में मन्दिर को आधुनिक रूप दिया जा रहा है। जन्म अष्टमी तथा शिव रात्रि पर कांवड़ियों का मेला देखने लायक होता है। मन्दिर का पूजारी लगभग 22 वर्ष से प्यारेलाल जी है। गौशाला में गाय की पूजा प्रतिदिन होती है। गऊओं की सेवा गौशाला का मुख्य कार्य है।
Comments
Post a Comment