मानस - मंत्र ( जीवन की प्रत्येक समस्या का समाधान )


                                लेखक 
                   आचार्य लाल मणि पाण्डेय
                     श्री देवी मंदिर , पानीपत
                        हरियाणा - 132103
                प्रथम संस्करण : जनवरी 2009
    
      कथा वाचक आचार्य लाल मणि पाण्डेय ने देश में कथा - प्रवचनों , सत्संग आदि में श्लोक, चौपाई, दोहे, तथा छंद पढ़ने और गाने की सुरली आवाज से श्रोताओं को अपनी ओर आकर्षित करने में सफल होते हैं
                 पुस्तक में आचार्य श्री का संक्षिप्त परिचय दिया गया है। जिस में जन्म 11 जुलाई 1971 तथा पानीपत में आगमन 02 अगस्त 1994 को हुआ है। पुस्तक में ही श्री राम-स्तुति , श्री देव-स्तुति, श्री अहिल्या-स्तुति, श्री भवानी-स्तुति, श्री अत्रि-स्तुति, श्री ब्रह्मा-स्तुति, श्री वेद-स्तुति, श्री शिव-स्तुति, श्री नारद-स्तुति, आदि स्तुति के अन्त में दोहें भी दियें गयें हैं।
        ‎बालकाण्ड से विभिन्न मंत्रों का विवरण दिया गया है। जो पुस्तक का प्रमुख विषय है। जीवन की प्रत्येक समस्या का समाधान इन मंत्रों द्वारा सम्भव बताया गया है। यही पुस्तक की उपलब्धि भी है। 
        ‎वशीकरण मंत्र
        ‎पितरों को प्रसन्न करने का मंत्र
        ‎वाणी को पवित्र करने का मंत्र
        ‎नवग्रहों को प्रसन्न करने का मंत्र
        ‎विपत्ति नष्ट मंत्र
        ‎शरीर को स्वस्थ रखने का मंत्र
        ‎सुन्दर मकान बनाने का मंत्र
        ‎प्रति दिन घर में उत्सव मनाने का मंत्र
        ‎सदैव शांत रहने का मंत्र
        ‎पति पत्नी में प्रेम बढ़ाने का मंत्र
        ‎उत्तम पुत्र प्राप्ति का मंत्र
        ‎भाग्योदय का मंत्र
        ‎शत्रु नाशक मंत्र
        ‎सुन्दर पति प्राप्ति का मंत्र
        ‎समाज में सम्मान पाने का मंत्र
        ‎बीमारी दूर करने का मंत्र
        ‎खोये हुए व्यक्ति को बुलाने का मंत्र
        ‎धैर्य धारण करने का मंत्र
        ‎मुकदमा जीतने का मंत्र
        ‎कर्ज से छुटकारा पाने का मंत्र
        ‎चुनाव में विजय प्राप्ति का मंत्र
        ‎शत्रु को मित्र बनाने का मंत्र
        ‎मनोकामना पूर्ण मंत्र
        ‎पूर्ण आयु पाने का मंत्र
        ‎                        आदि अनेक मंत्रों का विवरण दिया गया है। पुस्तक में श्रीराम जी के 14 निवास स्थान का विवरण दिया है। जो अन्य पुस्तकों में देखने को नहीं मिलता है। पुस्तक के अन्त में श्री रामायण जी की आरती दी गई है। जो प्रत्येक घर को स्वर्ग बनाने के लिए उपयोगी है।

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