श्रम के साथ विश्राम
जीवन में श्रम का सबसे अधिक महत्व है। श्रम के बिना जीवन असंभव है। श्रम का भी लगातार बने रहने भी उचित नहीं है। इसलिए जीवन में मनोरंजन आवश्यक है। मनोरंजन के बिना जीवन नीरस बन जाता है और बिमार पड़ जाता है जो चलतीं फिरती लाश के समान होता है।
" मेरी दृष्टि में " जीवन में श्रम के साथ विश्राम आवश्यक है और विश्राम में मनोरंजन से ब़ड़ा कुछ नहीं है। मनोरंजन भी अनेक प्रकार के होते हैं। जो प्रत्येक व्यक्ति के लिए अलग अलग होते हैं। परन्तु स्वस्थ मनोरंजन सभी के लिए उत्तम माना गया है। अतः जीवन में श्रम के साथ साथ विश्राम, विश्राम में स्वस्थ मनोरंजन होना चाहिए। नहीं तो लगातार श्रम करने वाला थकं जाता है और मर भी जाता है। जिसे हम आत्म हत्या भी कह सकते है
- बीजेन्द्र जैमिनी
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