हनुमंत शास्त्र


                   पुस्तक का प्रकाशन
            ‌         सुर्या राजा प्रिंटर     
                 ‎2081, काली मरिजद,     
                    ‎दिल्ली - 110006  ‎
          प्रथम संस्करण : फरवरी -2004  
          ‎   
पुस्तक में श्री हनुमान जी ‌से सम्बधित सामग्री दी गई है। ऋग्वेद में से आठ दोहे दिये है जो श्री हनुमान जी महिमा का गुणगान करते हैं। श्री हनुमान जी के रुद्रावतार का विवरण दिया है
    एक मुखी हनुमंत कवच " ब्रह्माण्ड पुराण " से लिया है। रविवार को पीपल के वृक्ष के नीचे बैठकर इस का पाठ करने से धन में वृद्धि होती है।
    ‎पंचमुखी हनुमंत कवच " सुदर्शन संहिता " ‌से लिया गया है :-
    ‎एक पाठ करने से शत्रुओं का नाश होता है
    ‎दो पाठ करने से कुटुम्ब में वुद्धि करता है
    ‎तीन पाठ करने से धन लाभ होता है
    ‎चार पाठ करने से रोगों का नाश होता है
    ‎पांच पाठ करने से वशीकरण होता है
    ‎छह पाठ करने से महामोहन ‌ होता है
    ‎सात पाठ करने से सौभाग्य का उदय होता है
    ‎आठ पाठ करने से अभिलाषा की पूरी होती है
    ‎नौ पाठ करने से राज्य सुखोपभोग प्राप्त होता है
    ‎दस पाठ करने से ज्ञान में वृद्धि होती है
    ‎ग्यारह पाठ करने से सिद्धियां प्राप्त होती है
    ‎    सप्तमुखी हनुमंत कवच का पाठ करने से परिवार में सुख, समृद्धि, व रोग का नाश होता है। परम्परा के अनुसार इस का पाठ गोपनीयता से करना चाहिए।
    ‎
    ‎            पीलिया झाड़ने का मंत्र
        ‎
        ‎विधि : कांसे के बर्तन में तिल का तेल डालकर रोगी के सिर पर रखे और कुशा से तेल को चलाते हुए मंत्र को सात बार पढ़े। ऐसा तीन दिन तक करने से तेल पीला पड़ जाएगा और पीलिया ठीक हो जाएगा।
        ‎                  मंत्र
        ‎ॐ नमो वीर वेताल इसराल,
        ‎नारे कहे तु देव खादी तू  बादी,
        ‎पीलिया कूं भिदाती कारैं,
        ‎झारैं पीलिया रहे न एक निशान,
        ‎जो कहीं रह जाय जो हनुमंत की आन,
        ‎मेरी भक्ति गुरु की शक्ति फुरो मंत्र ईश्वरी वाचा।
इस के अतिरिक्त हनुमान साबर, कष्ट निवारक, संकट मुक्ति, भूत प्रेत बाधा निवारक आदि मंत्र पुस्तक में दिये गये हैं।

                     श्री हनुमान जी की यंत्र

       विधिः मंगलवार के दिन भोजपत्र पर अनार की कलम से लाल चंदन की स्याही से हनुमान यंत्र लिखें। लगातार 45 दिनों तक लिखने से यंत्र सिद्ध हो जाएगा । अनेक प्रकार के कष्टों से मुक्ति के लिए यह यंत्र आप किसी को भी धारण करा सकते हैं।

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