क्या सफलता के बहुत से रिशतेदार बन जाते हैं ?
सफलता के समय हर कोई आपके साथ खड़ा नज़र आता है । जो अपने आपको रिश्तेदार भी साबित कर देता है । परन्तु संकट के समय बड़े से बड़ा रिश्तेदार भी साथ छोड़ जाता है । यहीं कुछ जैमिनी अकादमी द्वारा " आज की चर्चा " का प्रमुख विषय है ।अब आये विचारों को देखते हैं : - आवत ही हर्षे नहीं नैनन नहीं सनेह तुलसी तहाँ ना जाईये कंचन बरसे मेह।। सफलता के साथ ही यह परिभाषा बदल जाती है और अनेक रिश्ते आपकी देहरी पर अपनेपन की बारिश करने लगते हैं। निःसंदेह सफलता अपने साथ अनेक रिश्तों को लाती है। वे लोग जिन्होंने कभी आपके नाम को अपने साथ जोड़ना नहीं चाहा वेभी आपको अपना सगा बताने में नहीं हिचकिचाते और इंतेहा यह कि आपकी सफलता में अपने तथाकथित योगदान की गाथाएं सुनाने लगते हैं। अगर आप समाज में कहीं कुछ गिनती में आ रहे हैं या किसी ऊँचे पद पर आपकी नियुक्ति हो गई हो। रिसते रिश्ते भी...