क्या गलतियां ही हमारी कोशिशों का सबूत हैं ?

जो काम करता है । वहीं गलतियां करता है । जो काम नहीं करता है वह गलतियां क्या करेगा ? रही बात इंसान की , वह तो गलतियां का पुतला है । फिर गलतियां तो हमें कुछ ना कुछ सिखाती है । यहीं जैमिनी अकादमी द्वारा " आज की चर्चा " का प्रमुख विषय है । अब आये विचारों को देखते हैं : - 
कुछ ना कर के हारने से अच्छा है कुछ करके हारा जाए
यही नियम जीवन को सार्थक बनाता है
असफलता में ही सफलता छिपी रहती है उसे अपनी हिम्मत से पहचान करने
 वाला मनुष्य ही सफल होता है।
अपनी गलतियों से सीख कर आगे बढ़ना ही उन्नति है और गलतियां निकलना ही कोशिश की निशानी है।
- ज्योति वधवा "रंजना "
बीकानेर - राजस्थान
जो मनुष्य कोशिश करेगा वही गलती करेगा। गलतियां होंगी तो सुधार भी होगा। सुधार की प्रक्रिया सफलता का मार्ग प्रशस्त करेगी। सफलता हमारी कोशिशों की सार्थकता सिद्ध करेंगी। किसी भी सफलता की प्राप्ति तक के मार्ग में हुई गलतियां निश्चित रूप से हमारी कोशिशों का सबूत बनेंगी। यह यथार्थ है। 
किसी भी कार्य को प्रारम्भ करने से पहले लाख विचार करने और सावधानी बरतने के बावजूद कुछ न कुछ गलती हो ही जाती है। ऐसा तो बहुत कम ही होता है कि कोशिशें पहली बार में ही बिना किसी गलती के सफलता को प्राप्त कर लें। 
इसलिए यह सत्य है कि हमारी गलतियां ही हमारी कोशिशों का सबूत होती हैं। 
- सतेन्द्र शर्मा 'तरंग' 
देहरादून - उत्तराखण्ड 
यह सही है, कि गलतियां ही हमारी कोशिशों का सबूत हैं. जब भी हम अपना करियर बनाने के लिए प्रयास करेंगे या कोई नया काम करेंगे, तो हम कई गलतियाँ करेंगे. इस गलतियों से हमें डरना या पीछे हटना नहीं है, बल्कि अपनी गलतियों से सीखकर सफलता प्राप्त करनी है. जितने भी आविष्कारक हुए हैं, वे अपनी गलतियों से सीख लेकर ही सफलता पा सके हैं. बल्ब के आविष्कारक थॉमस ऐल्वा एडिसन को विश्व का पहला बिजली का बल्ब बनाने में डेढ़ साल का वक्त लग गया था. हर बार हुई अपनी गलती से वे सीख लेते रहे, फिर उन्होंने न केवल बल्ब का आविष्कार किया, लगभग 100 आविष्कार किए. एडिसन दुनिया के एक मात्र ऐसे वैज्ञानिक है, जिन्होंने लगातार 65 वर्षों तक (1868-1933) प्रत्येक वर्ष किसी न किसी नये आविष्कार के लिए पेटेंट प्राप्त किया था. एक और गलती करने के डर के बिना कड़ी मेहनत करते रहें, तो सफलता हमारे चरण चूमेगी. समय-समय पर हामरे हितैषी हमारी गलतियों को इंगित करते रहते हैं. सिर्फ अपनी गलतियों का पता लगने से ही बात नहीं बनेगी, इन गलतियों से सीख लेकर हमें अपनी सफलता का मार्ग प्रशस्त करना होगा.
- लीला तिवानी 
दिल्ली
जी हाँ, कोशिश करने वालों से ही गलतियाँ होती हैं। कहा जाता है कि क्राउन(ब्रिटेन का राजा)कभी कोई गलती नहीं करता।कारण वह कोई काम करता ही नहीं है। क्राउन के नाम से दूसरे लोग काम करते हैं। 
   कोई भी मनुष्य जब कामातुर होता है, तो उसे उस कार्य का अनुभव नहीं होता है।कार्यानुभव न होने से उसे ,उस कार्य में आशातीत सफलता नहीं मिलती है। 
  वह असफल होने के बाद विचार करता है कि उससे गलती कहाँ हुई है। पश्चात वह की गई गलती से सबक लेकर पुनःउस कार्य करने के लिए जुट जाता हैऔर सफल भी हो जाता है।
  तो कह सकते हैं कि जो काम करेगा, उससे गलती होना लाजमी है। यह भी कि गलती होने पर भी सबक न लेना सबसे बड़ी गलती है।
   सर्वज्ञात है कि कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती है। 
- डाॅ•मधुकर राव लारोकर 
  नागपुर - महाराष्ट्र
अवश्य ! कोई भी नया काम हम शुरु करते हैं तो हमसे थोडी़ बहुत गलती अवश्य होती है ! प्रथम तो यदि कोई हमारी गलती बताता है तो हमे नाराज न होकर उसका आभार करना चाहिए ! अपनी गलतीयों को स्वीकार करने पर किसी प्रकार की शर्म या अपमान महसूस नहीं होना चाहिए !उसे सुधारने की कोशिश करनी चाहिए  ! हमे अपने से बडे़ अनुभवी से सलाह लेनी चाहिए ! हां.. एक बात का अवश्य ध्यान रखना चाहिए कि जिससे हम सलाह ले रहे हैं उसकी सोच सकारात्मक होनी चाहिए !नकारात्मक सोच वाले हमे कभी फिर से उठने नहीं देंगे ! वयक्तिगत जीवन में गलतीयां सभी से होती है किंतु अपनी गलती को स्वीकार करता है वह वही गलती पुनः नहीं दोहराता और पुनः कोशिश करता है ! माना गलती स्वीकार करना कठिन है किंतु मुश्किल भी नहीं !
गलती स्वीकारने में अहं का भाव आता है ,आदमी में हीन भावना आती है किंतु यदि सही मार्गदर्शक मिलता है तो सुधार आता है ! गलती स्वीकार वह पहले से बेहतर  कोशिश करता है ! यदि बार बार गलती होती है तो भी उसे हताश न होकर कोशिश करते रहना चाहिए ! जितनी ज्यादा गलती उतना ज्यादा अनुभव होता है !  कोशिश  ही हमारा अनुभव है ! अनुभव से मिली जीत ही हमारे कोशिश का सबूत है ! गलतीयां ही हमारी कमयाबी की सीढी है ! बस सकरात्मक सोच लिए कोशिश करते रहना है !अंत में हमारी विजय ही हमारी कोशिशों का सबूत है !
            -  चंद्रिका व्यास
              मुंबई - महाराष्ट्र
     मानव संसार में विचारों को वृहद स्तर पर सफल बनाने में महत्वपूर्ण योगदान विचार तंत्रों पर निर्भर करता हैं। जहां पग-पग पर गलतियाँ होती हैं,  उस से कैसे बचा जायें, अपने ऊपर निर्भर करता हैं। जब गलतियाँ होती हैं, हमारी कौशिशों का सबूत हैं। हमारी गलतफहमी और गलतियाँ ही स्वालंबन एवं समृद्धि की दिशा में अग्रसर बनाती हैं। कभी-कभी अकारण ही टकराव की स्थिति निर्मित हो जाती हैं, जिसके कारण जनजीवन के साथ ही साथ जीवन प्रभावित होता जाता हैं और अंत में बुरी तरह से सामना करना पड़ता हैं?
- आचार्य डाॅ.वीरेन्द्र सिंह गहरवार 'वीर' 
  बालाघाट - मध्यप्रदेश
मेरे पिता अपने बचपन में पहली बार साइकिल चलाना शुरू किए और गिर गए। वे दोबारा प्रयास नहीं कर सके और पूरी जिन्दगी साइकिल नहीं चला सके और जिसके कारण वे कोई वाहन नहीं चला सकें जिसका उन्हें अफसोस भी रहा।
मेरा बेटा अभी हवाई जहाज उड़ाने हेतु अभ्यासरत है।
यह सत्य है कि गलतियाँ हमारी कोशिशों का सबूत हैं।
 जब भी हम कुछ भी नया प्रयास करते हैं, तो हमसे कई गलतियाँ हो जाती हैं।
 लेकिन हम ना डरते हैं और ना पीछे  हटते हैं, बल्कि अपनी गलतियों से सीखकर नए जोश और हौसले से प्रयास करते हैं।
 एक और गलती करने के डर के बिना कड़ी मेहनत करते रहते हैं।
- विभा रानी श्रीवास्तव
पटना - बिहार
हाँ ! हमारी गलतियाँ ही हमारी कोशिशों के सबूत है। क्योंकि जो आगे बढ़ता है, ठोकर उसे ही लगती है। जो चलेगा मंजिल उसी को मिलेगी। जो पानी के अंदर जाएगा वही भीगेगा। जो कुछ करेगा ही नहीं तो उसके लिए अच्छा बुरा का क्या परिणाम निकलेगा। जो परीक्षा देगा वही तो फेल या पास होगा। जो परीक्षा देगा ही नहीं तो कैसे पता चलेगा कि वह सही लिखा है या गलत। किसान फसल बोयेगा ही नहीं तो कैसा पता चलेगा कि फसल सूख गया या बाढ़ में बह गया। या फसल अच्छा नहीं हुआ तो गलती कहाँ पर थी, ये कैसे पता चलेगा। खाना बनाने वाला भी जब खाना बनाता है तो उसकी  गलतियाँ ही बताती हैं कि वह अच्छा करने की कोशिश कर रहा था।
गलतियाँ उसी से होती हैं जो कुछ करने की कोशिश करता है।
इससे साफ पता चलता है कि गलतियाँ ही हमारी कोशिशों का सबूत है।
- दिनेश चंद्र प्रसाद "दीनेश" 
कलकत्ता - पं. बंगाल
गलतियां ही सबूत है कि आप कोशिश कर रहे हो। जब आप कोशिश ही नहीं करोगे तो गलतियां होंगी कहां से इसलिए कोशिश लगातार करते रहना चाहिए सफलता अवश्य मिलेगी। कहते हैं कि इंसान गलतियों का पुतला है, लेकिन एक सफल व्यक्ति वही है जो समय समय पर अपनी गलतियों से सीख लेता रहे और उन्हें सुधार कर आगे बढ़ता रहे। गलतियां सुधारने के लिए सबसे पहले उन गलतियों के बारे में जानकारी होना जरूरी है। हम खुद अपनी सारी गलतियों का पता नहीं लगा सकते हैं इसलिए जब भी हम कोई गलती करें तो उसे ध्यान पूर्वक सोचे कि हमसे क्या गलती हुई है। कोई भी हमारे जीवन का पालन हाल नहीं होता है। हमें स्वयं ही अपने मंजिल को तलाशना पड़ता है। हमारे माता-पिता गुरुजन और शुभचिंतक हमें इस कार्य को पूरा करने में हमारी सहयोग करते हैं इसलिए जीवन में कई मित्र और कई ऐसे लोग भी मिलते हैं जो हमें सही कार्य करने के लिए प्रेरित करते हैं और हमारी गलतियों को बता कर उसे दूर करने में सहायता करते हैं। लेकिन महत्वपूर्ण यह नहीं है कि वह हमें बताते हैं। और महत्वपूर्ण यह है कि उनकी बातों पर ध्यान देकर अपनी  गलतियों से सीख लेते हैं कि नहीं। गलतियों से सीखने का अभिप्राय होता है कि दूसरे किसी ने अगर कोई गलती जीवन में की है तो उसको देख कर हम आगे हम खुद गलती ना करें। गलतियों से मतलब यह नहीं है कि हम गलती करने से डरते क्यों है। क्योंकि गलतियां करने से ही जीवन की शुरुआत होती है।हम गलतियों से डरते हैं इसलिए डरते हैं क्योंकि गलतियां जब करते हैं तो हम लोग अपने आप को अनसेफ महसूस करते हैं हमें लगता है कि लोग हम पर हसाएंगे और हमारा मजाक उड़ाएंगे। हमारी इज्जत चली जाएगी। लेकिन हमें अपनी गलतियों को छुपाना नहीं चाहिए बल्कि उस से सीख लेनी चाहिए ताकि हम आगे का रास्ता को हम तय कर सके। जीवन में आगे बढ़ने के लिए हमें हर कदम प्रयास करना चाहिए। कभी या नहीं सोचना चाहिए कि हम जो काम शुरू करने जा रहे हैं वह सफल होगा या नहीं कुछ गलती तो नहीं हो जाएगी। लेकिन इस बात से निश्चिंत होकर हमें आगे बढ़ते रहना चाहिए और अपनी गलतियों से सीख लेते रहना चाहिए।
- अंकिता सिन्हा कवयित्री
जमशेदपुर - झारखंड
मेरा मानना है कि गलतियां ही हमारी कोशिशों का सबूत हैं पर कोशिश न करना भी तो एक गलती है। जीवन में प्रगति करने और कुछ हासिल करने के लिए कोशिश करनी ही पड़ती है।
- सुदर्शन खन्ना
 दिल्ली 
मनुष्य गल्तियों का पुतला है। जिंदगी में जो कभी गलती नहीं करता,उसे देवता कहते हैं। गलतियाँ करना मानव स्वभाव है।  जिंदगी में आगे बढ़ने के लिए  पग पग पर गलतियाँ होती रहती हैं। अगर हम आगे बढ़ेगें ही नहीं तो गलतियाँ कैसे? मनुष्य की प्रवृति है कि वह हर पल नया सीखना चाहता है। सीखने की चाहत में गलतियाँ भी होती हैं। अगर मनुष्य गलती ना करे तो कुछ नया नहीं सीख सकता। 
        एक प्रसिद्ध विद्वान ने कहा है कि "जिस मनुष्य ने कभी कोई  गलती नहीं की ,तो उसने कभी कुछ नया करने की कोशिश नहीं की।इस तरह हम कह सकते हैं कि गलतियाँ ही हमारी कोशिशों का सबूत हैं। 
       यह बात भी ध्यान देने योग्य है कि  मनुष्य अपनी जिंदगी में सब से  ज्यादा गलतियाँ, अपनी गलतियों से ना सीखने के कारण करता है। गलतियों से सबक सीखते हुए आगे बढ़ना चाहिए। सफल मनुष्य वही है जो अपनी गलतियों से सीख लेकर आगे बढ़े और जीवन में उन गलतियों को न दुहराने की कोशिश करे।
- कैलाश ठाकुर 
नंगल टाउनशिप - पंजाब
आज की चर्चा में जहां तक यह प्रश्न है की क्या गलती है हमारी कोशिशों का सबूत है तो इस पर मैं कहना चाहूंगा यह बात किसी हद तक बहुत सही है कि प्रयास करने वाला व्यक्ति ही गलतियां करता है और प्रयास करने में ही असफलता भी कभी-कभी प्राप्त होती है जो व्यक्ति किसी कार्य को करने का प्रयास ही नहीं करता तो उसे गलती होने की भी संभावनाएं नहीं रहती और ना ही वह उन्नति के मार्ग की ओर अग्रसर हो पाता आदमी गलतियां करके ही सीखता भी है और अपनी कमियों का आकलन भी कर पाता है और यदि वह उन कमियों का आंकलन करके उन्हें दूर करने का प्रयास करता है तो उन्नति के मार्ग की ओर अग्रसर भी हो पाता है और जो व्यक्ति प्रयास ही नहीं करता या गलतियां होने से डरता है तो वह बहुत अधिक उन्नति भी नहीं कर पाता और जीवन में ऊंचाइयों को प्राप्त नहीं कर पाता इसलिए किसी भी व्यक्ति को प्रयास करने के बावजूद उससे होने वाली गलतियां उसकी कोशिशों का सबूत होती है ।
 - प्रमोद कुमार प्रेम
 नजीबाबाद - उत्तर प्रदेश
जी हां! किसी गलती को देख कर ही हम कह सकते हैं कि कार्य हुआ है। कोई कार्य हुआ तभी तो गलती निकली। 
अगर गलती दिखी तो इसका अर्थ किसी ने कार्य करने की कोशिश की। शेष तो ऐसे लोग भी हैं जो गलती के भय से कार्य ही नहीं करते। गलती उसकी कोशिश का सुबूत है। जो कोशिश ही नहीं करेगा वह गलती क्या खाक करेगा।
प्रत्येक व्यक्ति का धर्म है कर्म करना। फल की इच्छा नहीं करना क्योंकि गीता के सिद्धांत के अनुसार फल तो स्वत: ही मिलता है। इसलिए जो काम करने की कोशिश करेगा वह या तो ठीक करेगा या गलत करेगा। गलती के भय से हम कार्य करने की कोशिश को तो नहीं न छोड़ सकते। कोशिशें ही कामयाबी के स्तर पर ले जाती हैं।  कोशिशें ही मंजिलों को छूने की ताकत  रखती हैं। जो व्यक्ति यह कहे कि मैं जीवन में कभी कोई गलती नहीं करता तो वह व्यक्ति सही नहीं है। 
जो हिम्मत से काम करने की कोशिश करता है वही गलतियाँ करता है फिर गलतियों से सीखता भी है। 
सबसे बड़ी बात गलतियां अहम् से बचाए रखती हैं और अच्छा करने के लिए हमें प्रेरित करती हैं। गलतियां ही हमें धरा से जोड़े रखती हैं। हमारे सामने अनेक उदाहरण हैं जिन्होंने अपनी गलतियों से सीख ले कर बार-बार अभ्यास करते हुए मंजिलों को छुआ है।
- संतोष गर्ग
मोहाली - चंडीगढ़
मनुष्य जब तक जीता है कर्म करता है ।कर्म करने से परिणाम निकलता है । परिणाम कर्म करने के तरीके और गंभीरता के आधार पर अच्छा या बुरा हो सकता है।अगर परिणाम हमारे इच्छानुसार अच्छा आता है तो हम खुश होते हैैं और नही आता तो निराश होते हैं। निराशा के  गर्त में खुद को धकेलने से अच्छा है कि हम अपने कार्यशैली पर ध्यान दें और अपनी गलतियों को सुधारने की कोशिश कर एक बार नए सिरे से काम को करने की कोशिश करें और अगली बार हो सकता है सफलता हमारे कदम चूमे।हर काम को करने में कोई गलती हो यह कतई आवश्यक नही है परंतु ये भी सही नही कि हम ये पूर्वाग्रह कर बैठे कि हम से कभी कोई गलती होगी ही नही और गलती होने पर अपने को लाचार समझना शुरू कर दें।ये बड़ी बात है कि हमने कोई काम करने में कोई कसर नहीं छोड़ी होगी परन्तु अगर असफलता हाथ लगे तो अपना और अपने काम करने के तरीके को बदलें इरादे को नहीं।सच्चे मन से कोशिश करने पर सफलता अवश्य मिलेगी।
- संगीता राय
पंचकुला - हरियाणा
गलतियों से सीखना और गलतियों को स्वीकारना,  जीवन को सफल मार्ग की ओर अग्रसर करने का प्रथम कदम है । 
मानव को गलतियों का पुतला माना गया है  तो गलतियां  होगीं ही। लेकिन जब हम उन गलतियों को  मानकर सुधारने का प्रयास करते हैं तो हमारी वह कोशिश  निखारयुक्त परिणाम देती है ।गलती हृदय पर बोझ बनी रहती है, जब तक हम उसका पश्चाताप नहीं करते, उसको सुधार नहीं लेते । सुधार कर उसकी पुनरावृत्ति नहीं होनी चाहिए।  बल्कि उससे सीख अवश्य मिलनी चाहिए। 
गलती में सुधार करना जीवन में प्रेरणा बन जाती है ।  सफल जीवन जीने की कोशिश बन जाती है । गलतियों का सबूत भी यही है कि हम कुछ सीख लेकर  कुछ अच्छा करने की कोशिश कर रहे हैं। अतः हम अपनी गलतियों से तभी सीख पाएंगे जब पहले उन्हें स्वीकार ना सीखेंगे। कोई भी अपने आप में पूर्ण नहीं है लेकिन सफलता की ओर बढ़ने के लिए यह बहुत जरूरी है कि अपनी गलतियां स्वीकार करें और सुधारने की कोशिश करें । गलतियां ही हमारी कोशिशों का परिणाम बनती है।
- शीला सिंह
 बिलासपुर -हिमाचल प्रदेश
अपनी हर गलती को संजोके रखना, यही तुम्हें बतायेंगी की अगली बार कमजोर नहीं  पड़ना है। 
बात सच है कि गलतियां ही इन्सान को  सफल बनाताी हैं वशर्ते इन्सान अपनी गलतियां स्वीकार करे, 
कहते हैं इन्सान गलतियों का  पुतला है लेकिन एक सफल इन्सान वही है जो समय समय  पर अपनी गलतियों से सीख लेता है। 
आईये आज की चर्चा इसी बात से शूरू करते हैं कि क्या गलतियां ही हमारी कोशिशों का सबूत हैं। 
मेरा मानना है कि यह सौ प्रतिशत सच है  कि अगर हम अपने जीवन की छोटी गलतियों को नजरअंदाज करते  रहें तो हम कभी भी कामजाबी  हासिल नहीं कर सकते, यह गलतियां ही जीवन मैं बहुत बदलाव कर सकती हैं, 
पढ़ाई हो या करिअर गलतियों से सीखकर ही मिलता है सफलता का रास्ता। 
हमने यह भी सुना है कि अच्छे निर्णय अनुभव से ही मिलते हैं, अनुभव अच्छा हो या बुरा सीखने में ंमदद करता है। 
इसलिए गलतियों से सीख लेते रहें और उन्हें सुधारते रहें याद रहे गलतियों  को सुधारते समय सबसे पहले उन गलतियों के बारे मे ज्ञान जरूरी है तभी सु़धार होना संभव  होगा, 
इसलिए जब भी कोई हमारी गलती निकाले उसे ध्यानपूर्वक सुनना चाहिए, यदि हम ऐसा नही करेंगे ते हम जिंदगी में कभी आगे नहीं वढ़ सकते। 
यही नहीं हमारे माता पिता और गुरूजन हमें इस कार्य को पुरा करने में हमारी सहायता करते हैं, इसलिए जब भी वो हमें गलतियों केलिए डांटें तो हमें उनकी फटकार सुन लेनी चाहिए ताकी हम  जिंदगी में कामयाव इन्सान बन सकें, 
कई वार हमारे मित्र या ऐसे लोग भी मिलते हैं जो हमारी गलतियों को बता कर  उन्हें दूर करने की सहायता करते हैं, 
उस समय हमारा कर्त्वय बन जाता है उनकी बातों पर ध्यान दें। 
अन्त में यही कहुंगा की गलतियां ही हमारी कोशिशों का सबुत हैं तभी तो कहा है, 
"वो कहते हैं मुझसे समझदार होते हुए भी, तुम गलतियां करते हो, 
मैं भी जबाब में कह देती हुं इन गलतियों की वदौलत ही तुम हमें समझदार कहते हो" । 
कहने का मतलब की गलतियों को सुधारने से ही इन्सान कामयाव बनता है, 
यह भी सच है, 
"जांच परख कर सोच समझ कर, काम करने की कोशिश कर। 
गलतियों से डर कर हिम्मत न हार, अगली बार के लिए हो जा तैयार कभी न कभी  होंगे सफल, मुश्किलों को कर देंगे विफल"। 
- सुदर्शन कुमार शर्मा
जम्मू - जम्मू कश्मीर
गलतियों से इंसान  सदैव और भी संबल और सफल होता है। अपनी गलतियों  से व्यक्ति और भी ज्यादा  सीखता और प्रेरित होकर दुगने उत्साह से  पुन: वही काम करता है, और सफलता  का परचम लहराता है।  कहा भी गया है कि कोशिश  करने वाले की कभी हार नहीं होती। हम गलतियां लगातार  कर सकते हैं और यही हमारे कोशिश  का सबूत और सबब होती हैं। इसलिए गलतियों  को हम अपने कोशिशों का सबूत निसंदेह मान सकते हैं।
- डॉ पूनम देवा
पटना - बिहार
        अपनी गलतियों से सबक लेना और उन्हें पुनः न दोहराना बुद्धिमत्ता की निशानी है। परंतु जीवन में दूसरों की गलतियों का दण्ड भी भोगना पड़ता है। जो अत्याधिक कष्टदायक होता है।
         इसके अलावा गलतियां कई प्रकार की होती हैं। जैसे देशभक्ति के नशे के साथ-साथ लोकसेवा का रोग होना भी बहुत बड़ी गलती है। दहेजप्रथा का प्रचारक होना और शादी में दहेज के नाम पे तिनका भी न लेना भी क्षमा योग्य गलती नहीं है।
      अपने खून पसीने से कमाई करने एवं जमीन को किसी भी कीमत पर न बेचने की खाई सौगंध कितनी विनाशकारी गलती है? हर कोई इसका भुगतान तो क्या मूल्यांकन तक नहीं कर सकता।
      अतः गलतियां अपने सबूत ताबूतों के माध्यम से भी छोड़ती हैं और वह गलतियां स्वर्ण अक्षरों में कब परिवर्तित हो जाएं? कोई नहीं जानता?
- इन्दु भूषण बाली
जम्मू - जम्मू कश्मीर
निस्संदेह गलतियां हमारी कोशिशों का सबसे उत्तम सुबूत होती हैं .जब हम गलती करते हैं तो उस कारण हमें सफलता प्राप्त नहीं होती और हम आत्मविश्लेषण कर अपने को सुधारने की कोशिश करते हैं .दूसरी स्थिति यह भी होती है की कुछ लोग गलती के कारन प्राप्त असफलता के कारन निराश होकर हिम्मत हार जाते हैं और कोशिश करना समाप्त कर देते हैं
गलतियां ही कोशिशों का आधार औरप्रमाण हैं और जीवन मैं गतिशील रहने के लिए ......सफल होने केलिए हमें निरंतर प्रयास और कोशिशें जारी रखनी चाहिए
गलतियों को यदि हम कमी न मानकर सफलता का आधारस्तम्भ मानें तो यह जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण होगा !!
- नंदिता बाली
सोलन - हिमाचल प्रदेश
सच तो है हमारे हिम्मत ना करने की वजह से काम मुश्किल हो जाता है। पहले खुद से कहो कि तुम क्या बनना चाहते हो, और फिर वही करो जो तुम्हें करना है। गलतियां तुम्हारे कोशिश का सबूत है।मंजिल कितनी भी ऊंची क्यों ना हो मार्ग हमेशा पैरों के नीचे रहता है।जब भी तुम अपना कैरियर बनाने के लिए प्रयास करोगे तो तुम से कई गलतियां होगा। लेकिन डरे या पीछे ना हटे बल्कि तुम अपने गलतियां से सीखें। एक और गलती करने के डर के कारण ना छोड़े। कड़ी मेहनत करते रहें। और जिंदगी में एक दिन कामयाबी मिलेगी।
लेखक का विचार:-ऐसी बात नहीं है कि काम के मुश्किल होने की वजह से हम हिम्मत नहीं करते हैं सच तो यह है कि हमारी हिम्मत ना करने की वजह से मुश्किल हो जाता है। अतः अपने जीवन में हिम्मत ना हारे।
- विजयेन्द्र मोहन
बोकारो - झारखंड

" मेरी दृष्टि में "  जो कर्म में विश्वास करते हैं । उन्हीं से ही गलतियां होती है । जो कर्म की कोशिशों का सबूत है । बाकी तो निठल्ले तो कर्म करते नहीं है । वह गलतियां क्या करेंगे ।
- बीजेन्द्र जैमिनी 

Comments

Popular posts from this blog

वृद्धाश्रमों की आवश्यकता क्यों हो रही हैं ?

लघुकथा - 2024 (लघुकथा संकलन) - सम्पादक ; बीजेन्द्र जैमिनी

इंसान अपनी परछाईं से क्यों डरता है ?