आधुनिक हिन्दी लघुकथा : आधार एवं विश्लेषण

पुस्तक में पेज़ न. 72 पर बीजेन्द्र जैमिनी से लिया गया  " पत्र - साक्षात्कार " प्रकाशित हुआ है। जिस में 11 प्रश्नों के उत्तर प्रकाशित किए गए हैं।
    प्रथम लघुकथा का प्रश्न पर विश्लेषण करते हुए नौवें दशक के लघुकथा कार के रूप में पेज़ न. 171 पर प्रकाशित किया है।
    लघुकथा संग्रह प्रकाशन पर विश्लेषण करते हुए दो से अधिक संग्रह के रूप में पेज़ न. 174 पर प्रकाशित किया है।
     संपादित संकलन प्रकाशन पर विश्लेषण करते हुए 2000 से पहले संकलन प्रकाशित के रूप में तथा 2000 के बाद संकलन प्रकाशित के रूप में पेज़ न 176 पर प्रकाशित किया है।
       लघुकथा प्रतियोगिता आयोजन पर विश्लेषण करते हुए लघुकथा साहित्य में सबसे ऊपर बीजेन्द्र जैमिनी का नाम लिया है । जिन्होंने जैमिनी अकादमी के माध्यम से 1995 से प्रति वर्ष लघुकथा प्रतियोगिता का आयोजन कर रहे हैं। पेज़ न. 189 पर प्रकाशित किया है।
       लघुकथा संग्रह पुरस्कृत होने का विश्लेषण करते हुए बीजेन्द्र जैमिनी का लघुकथा संग्रह " प्रातः काल " पर महाराष्ट्र की संस्था " महानुभाव विश्वभारती " ने 13 दिसम्बर 1999 को " महानुभाव ग्रंथोत्तेजक पुरस्कार दिया गया है। पेज़ न. 197 पर प्रकाशित किया है।
       अनुवाद क्षेत्र का विश्लेषण करते हुए बीजेन्द्र जैमिनी की लघुकथाओं का अनुवाद गुजराती , पंजाबी, उर्दू, भोजपुरी, तामिल , कन्नड़, तेलूगू, मैथिली, आदि का विवरण पेज़ न 206 पर दिया है।
        पुस्तक में 61 लघुकथाकारों से 20 प्रश्नों के उत्तर लिए गए हैं।
                  पुस्तक का प्रकाशन
                   सुकीर्ति  प्रकाशन
          कैनाल रेस्ट हाऊस के सामने
           कैथल - 136027 हरियाणा
ईमेल : sukirti.prakashan@gmail.com
               प्रथम संस्करण : 2017
        

Comments

Popular posts from this blog

वृद्धाश्रमों की आवश्यकता क्यों हो रही हैं ?

लघुकथा - 2024 (लघुकथा संकलन) - सम्पादक ; बीजेन्द्र जैमिनी

इंसान अपनी परछाईं से क्यों डरता है ?