राजनीति दल
राजनीति दल बने थे लोकतंत्र के लिए
" मेरी दृष्टि में " वर्तमान में राजनीति दल तानाशाही का रूप धारण कर चुके हैं। फिर लोकतंत्र कहां ? ऐसे में तो आम जनता का क्या हाल होगा। इस का कोई भी अहसास कर सकता है।
फिर भी लोकतंत्र के लिए सभी दलों में लोकतंत्र होना आवश्यक है। यही से लोकतंत्र बाहाल हो सकता है। यदि राजनीति दल में ही लोकतंत्र ना हो तो देश में लोकतंत्र की कल्पना करना मुश्किल तो क्या, असम्भव है।
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