हिन्दी की श्रेष्ठ कविताएं ( काव्य संकलन )
पुस्तक में बीजेन्द्र जैमिनी की कविता " हिन्दी पढ़ो " पेज़ न. 50 पर दी गई है :-
हिन्दी पढ़ो
हिन्दी अपनाओ गौरव को बढ़ाओ
हिन्दी पढ़ो राष्ट्रीयता को बढ़ाओ !
देश में जन-जन की पुकार एक हुई
सभी बन्धनों को भुला कर एक हुई!
देखते ही देखते सभी एक हो गये
एक झण्डे तले सभी आगे बढ़ो !
हिन्दी पढ़ो राष्ट्रीयता को बढ़ाओ
क्षेत्रीय भाषा को लेकर आगे बढ़ो !
विदेशी भाषा का बहिष्कार करो
हिन्दी के साथ क्षेत्रीय भाषा आगे करो!
जन-जन की अभिलाषा आगे बढ़ाओ
हिन्दी पढ़ो राष्ट्रीयता को बढ़ाओं !
विदेशी भाषा के भ्रम को तोड़ डालो
देशी भाषा में उन्नति कर डालो !
विदेशी चाहने वालों को दिखा डालो
देशी भाषा में अपनी उन्नति दिखाओ !
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पुस्तक का संपादन : विजयानन्द
प्रकाशक
ए० टू० जेड० पब्लिकेशन
22, चक जीरो रोड़,
इलाहाबाद- 211003
संस्करण : 2000
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