हमें किसी की खामियां पर नहीं खूबियां पर ध्यान देना चाहिए ?
किसी की खामियां पर ध्यान ना देकर खूबियों पर ध्यान देना चाहिए । यह सकारात्मक सोच मानी जाती है । जिससे विचारधारा में बदलाव आता है । यही जैमिनी अकादमी द्वारा " आज की चर्चा " का प्रमुख विषय है ।अब आये विचारों को देखते हैं : - हमारी सबसे बड़ी दुर्बलता है कि हमें अपनी खामी दिखाई नहीं पड़ती और अन्य की खूबियाँ नजर नहीं आती। ‘बुरा जो देखन मैं चला, बुरा न मिलियो कोय। जो दिल खोजो आपनो, मुझसे बुरा न कोय’। मैं अपनी खूबियों *(जो कुछ अगर है भी)* को छिपाने की कोशिश करती हूँ और खामियों को उजागर करती रहती हूँ ताकि उसे शीघ्रताशीघ्र दूर कर पाऊँ और दूसरों की खामियों को छिपाने की चेष्टा और खूबियों को खोज कर फैलाने की कोशिश करती हूँ ताकि अच्छाइयों का विस्तार हो सके। बेशर्म/बेहया का पेड़ लगाना हो तो कोई मेहनत नहीं करनी पड़ती हैं, लेकिन चन्दन का बाग लगाने के लिये पूरा जीवन खपाना पड़ता है। करैला नीम कुनैन का मनन करें तो कड़वेपन को याद कर मुँह टेढ़ा हो जाता है लेकिन उसके लाभकारी गुण से वंचित नहीं हो सकते हैं। हमें कोशिश करनी है कि अपनी खामियों को देखें और दूसरों की खूबियों को उजाकर कर एक...