प्रो.(डॉ.)शरद नारायण खरे से साक्षात्कार
शिक्षा : एम.ए(इतिहास)(मेरिट होल्डर),एल-एल.बी,पी-एच.डी.
पद : प्राचार्य ,शासकीय जे.एम.सी.महिला महाविद्यालय,मंडला(म.प्र.) (मूल पद--प्रोफेसर इतिहास)
प्रकाशन : -
गद्य-पद्य में
- चुभन,
- हक़ीक़त,
- विवेचना के स्वर
- निर्झिरणी,
- संवेदना,
- टीस,
- कसक,
- अनुभूतियाँ,
- महक,
- सुवासित,
- स्मृतियों के दंश
संपादन :-
9 कृतियों
सम्मान/अलंकरण/ प्रशस्ति पत्र : -
- देश के लगभग सभी राज्यों में 1000 से अधिक सारस्वत सम्मान/ अवार्ड/ अभिनंदन
- 400 से अधिक डिजिटल सम्मान पत्र।
- सर्वप्रमुख अवार्ड : म.प्र.साहित्य अकादमी का अखिल भारतीय माखनलाल चतुर्वेदी अवार्ड(निबंध )/ राशि-51000/
विशेष: -
- सुपरिचित मंचीय कवि, संयोजक, संचालक, मोटीवेटर,शोध- निदेशक,विषय विशेषज्ञ,रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर के इतिहास विभाग के अध्ययन मंडल के तीसरी बार व शासकीय पी.जी.ओटोनॉमस कॉलेज अध्ययन मंडल(इतिहास) के सदस्य,
- एम.ए.इतिहास की पुस्तकों का लेखन
- 100 से अधिक कृतियों में प्राक्कथन/ भूमिका का लेखन
- 200 से अधिक कृतियों की समीक्षा का लेखन
- राष्ट्रीय शोध संगोष्ठियों में100 से अधिक शोध पत्रों की प्रस्तुति
- सम्मेलनों/ समारोहों में 300 से अधिक व्याख्यान
- 200 से अधिक कवि सम्मेलन
- 400से अधिक कार्यक्रमों का संचालन
- सम्बध्दता व पदाधिकारी : आगमन,अ.भा.भाषा साहित्य सम्मेलन, म.प्र.लेखक संघ,जनवादी लेखक संघ,श्री चित्रगुप्त कायस्थ सभा
- विगत चार दशकों नें देश के 1000 से अधिक प्रकाशनों व विशेषांकों में बारह हज़ार से अधिक रचनाएं प्रकाशित
- रेडियो,भोपाल दूरदर्शन,ज़ी-स्माइल,ज़ी टी.वी.,स्टार टी.वी., ई.टी.वी., सब-टी.वी.,साधना चैनल से प्रसारण
- चार पत्रिकाओं का सम्पादन
संपर्क पता :
आज़ाद वार्ड-चौक,मंडला, मध्यप्रदेश - 481661
प्रश्न न.1 - आपने किस उम्र से लिखना आरंभ किया और प्रेरणा का स्रोत क्या है ?
उत्तर--13 वर्ष की उम्र से। आंतरिक अभिरुचि ही मेरी प्रेरणा है।
प्रश्न न. 2 - आप की पहली रचना कब और कैसे प्रकाशित या प्रसारित हुई है ?
उत्तर -जब मैं 17 वर्ष का था,तब ग्वालियर से प्रकाशित दैनिक 'स्वदेश' में संपादक नाम के अंतर्गत एक व्यंग्य क्षणिका के रूप में -1977 में ।
प्रश्न न. 3 - आप किन-किन विधाओं में लिखते हैं और सहज रूप से सबसे अधिक किस विधा में लिखना पंसद करते हैं ?
उत्तर - साहित्य की प्राय: समस्त विधाओं में ।उपन्यास छोड़कर समस्त विधाओं में लिख चुका हूं।वैसे दोहा लिखना सर्वाधिक पसंद है।
प्रश्न न. 4 - आप साहित्य के माध्यम से समाज को क्या संदेश देना चाहते हैं ?
उत्तर - एक चेतना देना चाहता हूं।मानवीय मूल्यों व रिश्ते-नातों के प्रति लोग आस्थावान् बनें--यही चाहत है।
प्रश्न न. 5 - वर्तमान साहित्य में आप के पसंदीदा लेखक या लेखिका की कौन सी पुस्तक है ?
उत्तर - मैं तो मुंशी प्रेमचंद को ही अधिक पसंद करता हूं,वे कालजयी रचनाकार हैं।उनकी गोदान कृति से बेहद
प्रभावित हूं।
प्रश्न न. 6 - क्या आपको आकाशवाणी एवं दूरदर्शन पर प्रसारित होने का अवसर मिला है ? ये अनुभव कैसा रहा है ?
उत्तर - आकाशवाणी पर 38 बार ।भोपाल दूरदर्शन पर 5 बार व ज़ी-स्माइल,ईटीवी,ज़ी-टीवी,स्टार प्लस पर भी।बहुत ही रोमांचक व ऊर्जा देने वाला।
प्रश्न न. 7 - आप वर्तमान में कवि सम्मेलनों को कितना प्रासंगिक मानते हैं और क्यों?
उत्तर - बस मनोरंजन की दृष्टि से प्रासंगिकता है,साहित्य की दृष्टि से कदापि नहीं।
प्रश्न न. 8 - आपकी नज़र में साहित्य क्या है तथा फेसबुक के साहित्य को किस दृष्टि से देखते हैं ?
उत्तर - साहित्य एक ऊर्जा है,एक चेतना है,एक नज़रिया है।फेसबुकिया साहित्य लेखन के नाम पर बस एक खानापूर्ति भर है।
प्रश्न न.9 - वर्तमान साहित्य के क्षेत्र में मिलने वाले सरकारी व गैरसरकारी पुरस्कारों की क्या स्थिति है ?
उत्तर - पुरस्कार/सम्मान संदेह के घेरे में हैं।प्रतिष्ठा पर भी प्रश्नचिंह है।फिर भी सब जगह स्थिति एक जैसी नहीं है।आज भी अच्छी संस्थाएं व आयोजक हैं।
प्रश्न न. 10 - क्या आप अपने जीवन की महत्वपूर्ण घटना या संस्मरण का उल्लेख करेगें ?
उत्तर - जब पहली बार संभाग के श्रेष्ठ साहित्यकार के रूप में रांझी जबलपुर की संस्था 'जनमेजय कल्याण समिति,सर्रापीपल' ने,नवभारत (जबलपुर)में प्रकाशित मेरी लघुकथा के आधार पर, चयन कर बड़े-बड़े/प्रतिष्ठित साहित्यकारों की उपस्थिति में मुझे भव्यता व गरिमा के साथ सम्मान किया था।जबकि मैं आयोजक व संस्था को उसके पहले तक जानता ही नहीं था।
प्रश्न न. 11 - आपके लेखन में , आपके परिवार की क्या भूमिका है ?
उत्तर - पत्नी से सतत् सहयोग व प्रोत्साहन प्राप्त होता रहा है।
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