नीरज कुमार मनचंदा से साक्षात्कार
पिता जी : श्री आई.डी. मनचंदा
माता जी : श्रीमती चाँद रानी मनचंदा
शिक्षा : एम.एस.सी. (गणित), बी.एड.
व्यवसाय-
भारतीय जीवन बीमा निगम हिसार (हरियाणा) में विकास अधिकारी
विधा : -
गीत,ग़ज़ल,दोहे और कविताएँ
पुस्तक : -
प्यार का पहला क़दम (कविता संग्रह)
सम्मान :-
1 चंदन साहित्य मंच,हिसार
2 प्रज्ञा साहित्यिक मंच,रोहतक
3 आनंद कला मंच एवं शोध संस्थान,भिवानी
4 निर्मला स्मृति साहित्यिक समिति,चरखी दादरी
5 रंगमंच प्रकाशन,गंगापुर सिटी सवाईमाधोपुर राजस्थान
6 साहित्य सभा कैथल
7 हिन्दी प्रेरक संस्था,जीन्द
8 शब्दाक्षर सम्मान , नई दिल्ली
विशेष -
- देश विदेश की विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में नियमित प्रकाशन
- कवि गोष्ठियों में नियमित भागीदारी
- विभिन्न साझा संकलनों में रचनाओं का प्रकाशन
पता :
506,पुलिस लाइन एरिया, नज़दीक जिमखाना क्लब, हिसार - 125001 हरियाणा
प्रश्न न.1 - आपने किस उम्र से लिखना आरंभ किया और प्रेरणा का स्रोत क्या है ?
उत्तर - मैंने 20 वर्ष की आयु में लिखना शुरू किया। जब मैं गणित में एम एस सी कर रहा था।समाज और व्यवस्था में व्याप्त विद्रुपताएँ बहुत व्यथित करती थीं।जो कविता बन फूट पड़ीं।
प्रश्न न. 2 - आप की पहली रचना कब और कैसे प्रकाशित या प्रसारित हुई है ?
उत्तर - मुझे पहला अवसर आकाशवाणी बीकानेर में युववाणी कार्यक्रम में कवि गोष्ठी में 2 फरवरी 1987 बसंत पंचमी के दिन प्राप्त हुआ।
प्रश्न न. 3 - आप किन-किन विधाओं में लिखते हैं और सहज रूप से सबसे अधिक किस विधा में लिखना पंसद करते हैं ?
उत्तर - मेरी छंद मुक्त रचनाओं की एक पुस्तक 'प्यार का पहला क़दम' प्रकाशित हो चुकी है। छंद मुक्त रचनाओं के अतिरिक्त गीत ग़ज़ल और दोहे लिखना अच्छा लगता है।मुझे वो रचना अच्छी लगती है जो दिल से निकल कर दिल तक पहुंचे विधा चाहे कोई भी हो।
प्रश्न न. 4 - आप साहित्य के माध्यम से समाज को क्या संदेश देना चाहते हैं ?
उत्तर - साहित्य समाज का दर्पण होता है।लेखक आज के समय में चल रहे मुद्दों को उठाते हुए समाज को दिशा देने का प्रयास करता है।मानव मूल्यों को अपनाकर ही हम एक बेहतर और सभ्य समाज की कल्पना कर सकते हैं।
प्रश्न न. 5 - वर्तमान साहित्य में आप के पसंदीदा लेखक या लेखिका की कौन सी पुस्तक है ?
उत्तर - जो भी अच्छा साहित्य मिल जाये उसी को पढ लेते हैं।
प्रश्न न. 6 - क्या आपको आकाशवाणी एवं दूरदर्शन पर प्रसारित होने का अवसर मिला है ? ये अनुभव कैसा रहा है ?
उत्तर - आकाशवाणी पर तीन बार अवसर प्राप्त हुआ है और अच्छा अनुभव रहा।
प्रश्न न. 7 - आप वर्तमान में कवि सम्मेलनों को कितना प्रासंगिक मानते हैं और क्यों?
उत्तर - कवि सम्मेलन होने चाहिए जिससे नवोदितों को सीखने,आगे बढ़ने का हौसला और माहौल मिलता है।विद्यालयों और महाविद्यालयों में इनका आयोजन होना चाहिए ताकि युवा वर्ग में साहित्य के प्रति रुचि उत्पन्न हो।
प्रश्न न. 8 - आपकी नज़र में साहित्य क्या है तथा फेसबुक के साहित्य को किस दृष्टि से देखते हैं ?
उत्तर - अच्छा साहित्य अपना मार्ग स्वयं प्रशस्त कर लेता है। साहित्य वह है जो समाज में सकारात्मक योगदान कर दिशा प्रदान करे। फेसबुक एक ऐसा माध्यम बन चुका है जो पूरे विश्व को एक दूसरे के पास लाकर खड़ा कर देता है। फेसबुक के माध्यम से आप सीख सकते हैं। अपने से उन्नत व्यक्तियों से जुड़कर मार्गदर्शन प्राप्त कर सकते हैं। उन साहित्यकारों से परिचय हो जाता है जिन्हें कभी हमने जीवन में देखा भी नहीं।यह प्रचार का भी एक माध्यम बन चुका है।
प्रश्न न.9 - वर्तमान साहित्य के क्षेत्र में मिलने वाले सरकारी व गैरसरकारी पुरस्कारों की क्या स्थिति है ?
उत्तर - आज भी बहुत सी अच्छी संस्थाएं पुरुस्कारों के माध्यम से प्रोत्साहित कर साहित्य की अलख जगा रही हैं।
प्रश्न न. 10 - क्या आप अपने जीवन की महत्वपूर्ण घटना या संस्मरण का उल्लेख करेगें ?
उत्तर - हालांकि मैंने 1986 में लिखना शुरू किया था लेकिन उसके बाद साहित्यिक माहौल न मिलने से कई वर्षों तक साहित्यिक यात्रा शिथिल सी रही।अभी पिछले 4/5 वर्षों से कुछ माहौल मिला तो उत्साह में वृद्धि हुई है।
प्रश्न न. 11 - आपके लेखन में , आपके परिवार की क्या भूमिका है ?
उत्तर - मेरी पत्नी श्रीमती पूनम मनचंदा जी भी लिखती हैं और गायिका भी हैं।इस प्रकार हम दोनों साहित्य क्षेत्र में एक दूसरे के सहायक भी हैं।
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