मदन हिमाचली से साक्षात्कार

मूल नाम : मदन सिंह
शिक्षा : मैट्रिक , शास्त्री ( संस्कृत स्नातक )
सेवानिवृत्त : राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय , सोलन
सम्प्रति : गांव प्रधान ( राजनीति पद : हिमाचल प्रदेश सरकार ) 
रुचि : हिन्दी पहाड़ी में कविता , शोध कार्य , सामाजिक कार्य , साक्षरता पर्यावरण , परिवार नियोजन , छुआछूत निवारण हेतू ग्रामीण क्षेत्र में विशेष कार्य

प्रकाशित कृतियां : -

बुआरे ( लघुकथा संग्रह )
यादों रे आश्शु ( उपन्यास )
संतोष की किरणें ( उपन्यास )
संस्कृति के आईनें में सोलन
प्यारे री कलियां ( कविता संग्रह )
झुर्रियां ( हिन्दी कविता संग्रह )
भोर सुहानी ( हिन्दी कविता संग्रह )
सोलन के मन्दिर मेले इतिहास पर शोध कार्य
फचरालु ( पहाड़ी कविता संग्रह )

सम्पादन : -

धर्म की परिभाषा ( विभिन्न भाषाओं का अनुवाद संकलन )

सम्मान : -

सरकारी व गैर सरकारी संस्थाओं के 37 से अधिक सम्मान प्राप्त 

विशेष : -

- पूर्व सदस्य सामान्य एंव कार्यकारी परिषद : हिमाचल कला संस्कृति , भाषा अकादमी , शिमला , हिमाचल सरकार
- आकाशवाणी शिमला , दूरदर्शन केन्द्र  शिमला से मान्यता प्राप्त कवि / लेखन के रूप में
- मंचीय कार्यक्रम का संचालन
- संयोजक : हिमाचल प्रदेश पहाड़ी संस्कृति मंच
- पूर्व प्रेस सचिव : अखिल भारतीय हिमाचल सामाजिक संस्था
- पूर्व सदस्य : विश्वकर्मा कल्याण बोर्ड , हिमाचल सरकार
- अध्यक्ष : हिन्दी साहित्य भारती , सोलन
- वरिष्ठ उपाध्यक्ष : जैमिनी अकादमी , पानीपत
- मीडिया प्रभारी : मध्य हिमाचली भाषा संगठन
- सदस्य : अमेरिकन बायोग्राफीकल एडवाइजरी
- सम्मान चयन सीमित सदस्य : पानीपत साहित्य अकादमी 

पता : 
गांव : अणु , पो. नौणी , जिला : सोलन - हिमाचल प्रदेश
प्रश्न न.1 - आपने किस उम्र से लिखना आरंभ किया और  प्रेरणा का  स्रोत क्या है ? 
उत्तर -  मैंने 18 वर्ष से  सम्पादक के नाम पत्र से लिखना शुरू किया था। दैनिक हिन्दी टृब्यून में छपा था। 1969मे उसके बाद पहाड़ी बोली में तथा हिन्दी में कविता लिखना शुरू किया था।

प्रश्न न. 2 - आप की पहली रचना कब और कैसे प्रकाशित या प्रसारित हुई है ? 
उत्तर - पहली  गिरीराज में छपी थी । सऺस्कृत महाविद्यालय सोलन में  मैंने 1972 से कविताएं लिखना शुरू किया था।

प्रश्न न. 3 - आप किन-किन  विधाओं में लिखते हैं और सहज रूप से सबसे अधिक किस विधा में लिखना पंसद करते हैं ?
उत्तर - मूलतः हिन्दी तथा  बाकी हिमाचली बोली में लिखता हूं।

प्रश्न न. 4 - आप साहित्य के माध्यम से समाज को क्या संदेश देना चाहते हैं ? 
उत्तर - परिवेश में अनेक विषमताओं को उजागर करने का प्रयास किया है। विशेष कर अनपढ़ता। स्वच्छता वनीकरण योग आपसी सद्भाव जैसे विषयों पर लेखन।

प्रश्न न. 5 - वर्तमान साहित्य में आप के  पसंदीदा लेखक या लेखिका की कौन सी  पुस्तक है ?
उत्तर -  डा ओम प्रकाश   मियां गोवर्धन। रेखा  डा कुमार विश्वास इत्यादि

प्रश्न न. 6 - क्या आपको आकाशवाणी एवं दूरदर्शन पर प्रसारित होने का अवसर मिला है ? ये अनुभव कैसा रहा  है ?
उत्तर - आकाशवाणी शिमला से हिन्दी पहाड़ी में प्रसारण होता है। दूरदर्शन जालन्धर तथा शिमला से कवि सम्मेलनों में भागीदारी रही है।

प्रश्न न. 7 - आप वर्तमान में कवि सम्मेलनों को कितना प्रासंगिक मानते हैं और क्यों?
उत्तर - कवि सम्मेलनों के माध्यम से साहित्यिक अदन प्रदान होता है। लेखन में मूलभूत सुधार के लिए भी  कवि सम्मेलन सशक्त माध्यम हैं

प्रश्न न. 8 - आपकी नज़र में साहित्य क्या है  तथा  फेसबुक के साहित्य को किस दृष्टि से देखते हैं ?
उत्तर - सामाजिक परिवेश को कलम बद्ध करना साहित्य है। उसे गद्य या पद्य में सऺजोना तथा देश काल के अनुसार लेखन ही साहित्य है। फैसबुक साहित्य से  हम लेखकीय उड़ान को देश तथा विदेश स्तर पर सक्षम हुए हैं।

प्रश्न न.9 - वर्तमान  साहित्य के क्षेत्र में मिलने वाले सरकारी व गैर सरकारी पुरस्कारों की क्या स्थिति है ?
उत्तर -  साहित्यकारों को दिये जाने वाले पुरुस्कारों में राजनैतिक हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए। सही मूल्यांकन के पश्चात कसौटी पर खरे उतरने वाले साहित्यकार को ही पुरुस्कार मिलना चाहिए।
 
प्रश्न न. 10 - क्या आप अपने जीवन की महत्वपूर्ण घटना या संस्मरण का उल्लेख करेगें ? 
उत्तर - अखिल भारतीय स्तर के कार्य क्रमो में भागीदारी निभाई है हिन्दी साहित्य सम्मेलन प्रयाग व जैमिनी अकादमी पानीपत के  माध्यमों से लेखकीय उड़ान को पाया है।

प्रश्न न. 11 - आपके लेखन में , आपके परिवार की क्या भूमिका है ? 
उत्तर - परिवार के सहयोग से ही लेखन कार्य पूर्ण हो पाया है। मुझे याद है कि छोटे छोटे बच्चों को पत्नी के पास छोड़कर साहित्य सम्मेलन में जाता था।  परिवार के सहयोग से ही लेखन कार्य पूर्ण हो सका है।

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