मंगलाथ केशवन सानू स्मृति सम्मान - 2025

      कोशिश हर इंसान को करनी चाहिए। आखिरी सांस तक करनी चाहिए। कोशिश ही हर समस्या का समाधान है। समस्या छोटी बड़ी हो सकती है। परन्तु कोशिश तों कोशिश होती है ।‌ कोशिश से ही कुछ हो सकता है। यही कुछ जैमिनी अकादमी की चर्चा परिचर्चा का प्रमुख विषय है। अब आयें विचारों में से कुछ विचार पेश है :-
     कोशिश में हार कदापि नहीं होनी चाहिए, बल्कि इससे प्रेरणा लेकर मानव जीवन को सारगर्भित करना चाहिए। यही गीता का सार और सजीव संदेश भी है। जब मनुष्य अपने लक्ष्य के प्रति अडिग रहता है और निरन्तर प्रयत्न करता है, तब समय स्वयं उसकी दिशा बदल देता है और भाग्य उसके परिश्रम के आगे नतमस्तक हो जाता है। पराजय मात्र वहीं होती है, जहाँ कोशिशें थम जाती हैं जो व्यक्ति संघर्ष को अपनी साधना और परिश्रम को अपना धर्म बना लेता है, वह असफलता को भी सफलता की सीढ़ी में बदल देता है। जीवन के रणक्षेत्र में वही विजेता होता है, जो परिस्थितियों से नहीं डरता बल्कि उन्हें अपने चरित्र की परीक्षा मानकर आगे बढ़ता है। समय और भाग्य दोनों निष्क्रिय शक्तियाँ हैं, उन्हें सक्रिय करने वाली शक्ति है “निरन्तर प्रयास अर्थात कोशिश।” यही निरन्तरता व्यक्ति को साधारण से असाधारण, और सीमित से असीम बना देती है। गीता का सार यही है कि मनुष्य को अपने कर्म में तत्पर रहना चाहिए, क्योंकि “कर्म ही पूजा है और प्रयास ही प्रार्थना।” अतः अंतिम सांस तक विजय के लिए प्रयास करते रहना ही सच्चा कर्मयोग है। हार की सोच भी मनुष्य की सबसे बड़ी हार है। ध्यान रहे कि विजयश्री उन्हीं को प्राप्त होती है जो कभी हार नहीं मानते हैं। क्योंकि निरन्तर प्रयास करने वाला व्यक्ति स्वयं “भाग्य निर्माता” बन जाता है। जय हिन्द 

- डॉ. इंदु भूषण बाली

ज्यौड़ियॉं (जम्मू) - जम्मू और कश्मीर

       काफी प्रेरक विषय है। कहते हैं ना "बिन संघर्ष के(कश्ती के) नैया पार नहीं होती, कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती"  किसी भी लक्ष्य को प्राप्त करने में कितना भी संघर्ष करना पड़े हमें हार नहीं माननी चाहिए चाहे हमें कितनी बार भी नाकामियाबि मिली हो। अंतिम क्षण तक प्रयत्न करना चाहिए अवश्य सफलता मिलेगी। हमारे संघर्ष के फल से ही हम अपना खराब और बुरा समय एवं भाग्य बदल सकते हैं चूंकि समय और भाग्य तो बदलते रहते हैं। पक्षी को ही देखें... चिड़िया अपना घोंसला बनाने के लिए तिनका उठाती है और तिनका चोंच से गिर जाता है पुनः उठाती है फिर गिरता है वह यह प्रक्रिया चलाती रहती है जब तक घोंसला नहीं बन जाता। अंतिम क्षण तक वह हार नहीं मानती । परिश्रम और संघर्ष से हम अपने भाग्य और समय को बदल सकते हैं।

 - चंद्रिका व्यास 

 मुंबई - महाराष्ट्र 

      मनुष्य के समय और भाग्य सभी बदल जाते हैं,जब कोशिश की जाती है।इंसान को निरंतर कोशिश करनी चाहिए।कभी हार नहीं मानना चाहिए।कोशिश करने वालों की हमेशा जीत होती है।जो व्यक्ति कोशिश करता है,उसकी कभी भी हार नहीं हो सकती।कवि हरिवंश राय बच्चन की कविता कोशिश करने वाले की कभी हार नहीं होती मनुष्य के मनोबल को बढ़ाता है। हमें सदैव प्रयत्नशील रहना चाहिए।जिससे सफलता अवश्य मिलेगी।जिस क्षेत्र में हम कोशिश करेंगे,वहां हम जरूर जीतेंगे। हमें समय और भाग्य भी मुसीबत में नहीं डाल सकते यदि हम कोशिश करेंगे।स्पष्ट है कि इंसान अगर कोशिश करेगा,तब उसकी हार नहीं होगी। 

 - दुर्गेश मोहन

पटना - बिहार

      मनुष्य का जीवन संघर्षों से भरा होता है। हर व्यक्ति अपने जीवन में कुछ न कुछ पाने की आकांक्षा रखता है, परंतु मंज़िल उन्हीं को मिलती है जो कठिनाइयों से घबराकर पीछे नहीं हटते। "कोशिश में हार नहीं होनी चाहिए" – यह वाक्य केवल प्रेरक नहीं, बल्कि जीवन का शाश्वत सत्य है। भाग्य वही बदलता है जो प्रयासों की अग्नि में तपता है। जो व्यक्ति कठिनाइयों के बावजूद निरंतर प्रयत्नशील रहता है, वही अपने समय और परिस्थितियों को अनुकूल बना लेता है। इतिहास साक्षी है—थॉमस एडिसन ने हजारों बार प्रयोग असफल होने के बाद बल्ब बनाया, अरुणिमा सिन्हा ने अपंगता के बावजूद एवरेस्ट फतह किया, और अब्दुल कलाम ने सीमित संसाधनों में रहकर राष्ट्र को मिसाइल शक्ति प्रदान की। इन सबका एक ही सूत्र था—"हार को अंत नहीं, एक नया आरंभ समझना"। कभी-कभी परिस्थितियाँ मनुष्य की इच्छाशक्ति को चुनौती देती हैं, पर जो व्यक्ति अपने आत्मविश्वास को नहीं खोता, वही अपने भाग्य को स्वयं लिखता है। प्रयत्नशील व्यक्ति का हर असफल प्रयास एक नया अनुभव, एक नई दिशा बन जाता है। समय भी उसी का साथ देता है जो थककर बैठने की बजाय उठकर आगे बढ़ता है। सफलता का मूलमंत्र यही है कि कोशिश कभी व्यर्थ नहीं जाती। हार केवल तभी होती है जब हम प्रयास करना छोड़ देते हैं। अतः मनुष्य को सदैव कर्म करते रहना चाहिए, क्योंकि प्रयास ही वह दीपक है जो समय और भाग्य दोनों को आलोकित करता है।

"जो गिरकर भी संभल जाए वही सच्चा विजेता है।

कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।"

 - डाॅ.छाया शर्मा

अजमेर - राजस्थान

          जीवन चक्रव्यूह है जहाँ विभिन्न कार्यों को सम्पादित करने कोशिश करनी पड़ती है, बिना कोशिश किए कोई भी काम हो ही नहीं सकता है। जिससे समय और भाग्य दोनों बदलते रहते हैं। हम भाग्य के बदौलत रह भी नहीं सकते है। मन चंचलित है, जैसा मन चलता है, वैसा हम आगे बढ़ते जाते है, जहाँ मन शांत वहाँ पूरा शरीर शांत। मन को भी एक रुपता की जरूरत पड़ती है। मन ही सब कुछ बदल कर रख देता है। फिर हम भाग्य को दोष देते रहते है, हमनें किसी भी काम को करने के किसी भी तरह की कोशिश ही नहीं किए थे.....

- आचार्य डाॅ.वीरेन्द्र सिंह गहरवार "वीर"

 बालाघाट - मध्यप्रदेश

     कोशिश सच्चे मन से , सार्थक प्रयास के रूप मैं होनी चाहिए , तो परिणामस्वरूप भाग्य बदल सकता है !! हमें सत्कर्म , सतत परिश्रम सहित करते रहना चाहिए जिससे समय को बदला जा सकता है !! जब भाग्य बदलेगा , समय भी साथ साथ बदलेगा !! जीत की सच्चे मन से की गई कामना , हार को हराकर , कामयाबी का द्योतक होती है !! इसके फलस्वरूप समय व भाग्य , दोनों बदलते हैं!! 

‌- नंदिता बाली 

सोलन - हिमाचल प्रदेश

       जीवन में किसी उचित और आवश्यक उद्देश्य को लेकर सुनियोजित ढंग से आगे बढ़ना ही सार्थक होता है। इसके बाद उद्देश्य की सफलता ही सुख और सुकून तय करता है। यह ऐसा पथ होता है जिसमें भटकाव नहीं होता। होता है तो बस परिश्रम, लगन और प्रयास।  हार हो सकती है, परंतु फिर प्रयास...फिर प्रयास करते... करते सफलता मिलती ही है। इसलिए कहा भी गया है " कोशिशें कामयाब होती हैं।वायदे अक्सर टूट जाया करते हैं। " कहा यह भी जाता है,"हम होंगे कामयाब...एक दिन। " "मन के हारे, हार है।मन के जीते जीत। " अत: सार यही कि निराशा और हताशा से परे, दृढ़तापूर्वक अपने उद्देश्य की पूर्ति में समर्पित रह निरंतर प्रयास करेंगे तो मंजिल भी मिलेगी और समय एवं भाग्य दोनों भी बदल देगी। 

  - नरेन्द्र श्रीवास्तव

 गाडरवारा - मध्यप्रदेश 

     कोशिश में हार नहीं होनी चाहिए । जिससे समय और भाग्य बदलते हैं । काम में हार हो सकती हौ लेकिन, कोशिश में हार नहीं होनी चाहिए. कोशिश में हार या खेलने से पहले ही हार मानना सबसे बड़े हार होती है. कोशिश से समय और भाग्य बदले जा सकते हैं. कोशिश करने से ही आगे बढ़ सकते हैं, सफलता पा सकते हैं. कोशिश करने से बुरा समय भी अच्छा समय बन सकता है, दुर्भाग्य ही सौभाग्य भी बन सकता है. इसलिए कोशिश में हार नहीं होनी चाहिए, कोशिश से समय और भाग्य बदले जा सकते हैं.

 - लीला तिवानी 

सम्प्रति - ऑस्ट्रेलिया

      अक्सर देखा गया है कि कुछ लोग जब किसी कार्य में सफल नहीं हो पाते तो हार मान कर उसे अधूरा छोड़ देते हैं और मन ही मन में  यही सोचते हैं कि यह हमारे भाग्य में ही नहीं था वो यह नहीं सोचते की कोशिश ‌करने वालों की‌ कभी हार नहीं होती बशर्ते हम कोशिश जारी रखें तो आईये आज इसी  बात पर चर्चा करते हैं की कोशिश में हार नहीं होनी चाहिए जिस में समय और भाग्य दोनों बदलते हैं  मेरा मानना है कि कोई भी व्यक्ति अगर पूरी लगन ‌से किसी‌ कार्य में जुट जाता है तो  वो अपने लक्ष्य को जरूर हासिल कर लेता है क्योंकि कोशिश एक ऐसी चीज है जो भाग्य को बदल कर रख देती है इसके साथ साथ वक्त गुजरते देर नहीं लगती  कोशिश करने से बुरा वक्त भी टल जाता है क्योंकि इंसान प्रयास में में जुटा रहता है और समय कब बीत गया पता भी नहीं चलता और हमारा प्रयास समय और भाग्य दोनों को बदल कर रख देता है यह तभी संभव हो सकता है जब हम अपनी कोशिश जारी रखें,मेहनत से पीछे नहीं  हटें, सच कहा है करत करत अभ्यास के जड़ मत होत सुजान इतिहास गवाह है कि जिस किसी ने भी कोशिश जारी रखी उसने  समय और भाग्य को बदल डाला चाहे कोई विद्यार्थी हो,वैज्ञानिक हो या शासक हो,थामस अल्वा एडीसन  ने बहुत बार असफल रहने के बावजूद भी प्रयास नहीं छोड़ा लेकिन अन्त में,बल्ब का अविष्कार कर ही डाला जिससे जाहिर होता है कि कोशिश में हार नहीं होनी चाहिए क्योंकि कोशिश ही समय और भाग्य को बदल सकती है।

- डॉ सुदर्शन कुमार शर्मा

जम्मू - जम्मू व कश्मीर 

      जैसा मनुष्य सोचता है, इच्छाशक्ति भी वैसी ही होती जाती है।यदि इंसान पहले ही सोच लेता है कि मैं हार जाऊंगा तो उसके  जीत की संभावना भी बहुत कम हो जाती है और अंदर की ऊर्जा भी बहुत रह नहीं जाती और इसके विपरीत यदि मनुष्य उत्साहित है तो उसकी आंतरिक ऊर्जा भी उसका साथ देती है और जीत हासिल करने में पूरा सहयोग करती है। हमारे प्रयास हमारा भाग्य और समय दोनों बदल देते हैं और भविष्य स्वत: सुंदर हो जाता है।

- वर्तिका अग्रवाल 'वरदा'

वाराणसी - उत्तर प्रदेश 

" मेरी दृष्टि में "  कोशिश से ही समय और भाग्य बदलते हैं। यही कोशिश का परिणाम है। जो जीवन की नींव  मजबूत करता है। कोशिश और जीवन एक दूसरे के पूरक होते हैं। फिर भी कोशिश जीवन का अभिन्न अंग के रूप में स्वीकार करना चाहिए। यह जीवन को समर्पित मूल मंत्र है।

             - बीजेन्द्र जैमिनी 

           (संचालन व संपादन)

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